Riti Vachak Kriya Visheshan: रीतिवाचक क्रिया विशेषण की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

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Riti Vachak Kriya Visheshan

हिंदी व्याकरण में क्रिया विशेष से परीक्षाओं में अहम सवाल पूछे जाते हैं। यह कम से लेकर बड़े अंकों के रूप में पूछे जाते हैं। क्रिया विशेषण के 4 भेद होते हैं, जिनमें रीतिवाचक क्रिया विशेषण भी होता है। रीतिवाचक क्रिया विशेषण क्या होते हैं और इसके उदाहरण क्या-क्या होते हैं, यह आपको बताया जाएगा। आइए इस ब्लॉग में जानते हैं Riti Vachak Kriya Visheshan के बारे में विस्तार से।

क्रिया विशेषण की परिभाषा क्या है?

वह शब्द जो हमें क्रिया की विशेषता के बारे में बताते हैं, वे शब्द क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
जैसे: हिरण तेज़ भागता है। इस वाक्य में भागना क्रिया है। तेज़ शब्द हमें क्रिया कि विशेषता बता रहा है कि वह कितनी तेज़ भाग रहा है। तेज़ शब्द क्रिया विशेषण है।

रीतिवाचक क्रिया विशेषण की परिभाषा

ऐसे क्रिया विशेषण शब्द जो किसी क्रिया के होने की विधि या तरीके के बारे में बताते हैं, वह शब्द रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं। ध्यान से, फटाफट, ग़लत, हमेशा, सच, अच्छी तरह, ध्यान पूर्वक, धीरे-धीरे आदि शब्द खाना, चलना, बोलना आदि क्रियाओं की विशेषता बता रहे हैं। यह शब्द रीतिवाचक क्रिया विशेषण के अंतर्गत आयेंगे।

Riti Vachak Kriya Visheshan

रीतिवाचक क्रिया विशेषण के भेद

Riti Vachak Kriya Visheshan के भेद नीचे दिए गए हैं-

  1. निश्चयवाचक क्रिया विशेषण – यह क्रियाविशेषण शब्द तब प्रयोग में आते हैं जब हमें कोई निश्चय व्यक्त करना होता है।
  2. अनिश्चयवाचक क्रिया विशेषण – यह क्रियाविशेषण शब्द तब प्रयोग में आते हैं जब हमें क्रिया के होने कि अनिश्चितता होती है।
  3. कारणात्मक क्रिया विशेषण – कारणात्मक क्रियाविशेषण तब प्रयोग में आते हैं जब हमें किसी क्रिया के होने का कारण व्यक्त करना होता है।
  4. आक्स्मिकतात्म्क क्रिया विशेषण – ये क्रियाविशेषण शब्द तब प्रयोग में आते हैं जब हमें किसी क्रिया के आकस्मिक होने का बोध कराना होता है।
  5. स्वीकारात्मक क्रिया विशेषण – किसी भी क्रिया के होने को स्वीकारने के लिए स्वीकारात्मक क्रियाविशेषण प्रयोग में आते हैं।
  6. निषेधात्मक क्रिया विशेषण – किसी क्रिया के होने को नकारने के लिए करते हैं तब इन क्रियाविशेषण शब्द का उपयोग किया जाता है।
  7. आवृत्यात्मक क्रिया विशेषण – किसी भी क्रिया में निरंतरता दिखाने के लिए क्रियाविशेषण का प्रयोग किया जाता है।
  8. अवधारक क्रिया विशेषण – वे शब्द जो दो क्रियाओं के मध्य कार्य करें वे, उन्हें अवधारक क्रिया विशेषण कहते हैं।
  9. निष्कर्ष क्रिया विशेषण – यह क्रियाविशेषण शब्द निष्कर्ष व्यक्त करते हैं।

रीतिवाचक क्रिया विशेषण के 10 मुख्य उदाहरण

Riti Vachak Kriya Visheshan के 10 मुख्य उदाहरण नीचे दिए गए हैं-

  1. मुकुल ध्यान से चलता है।
  2. वह फटाफट पीता है।
  3. प्रशांत गलत चाल चलता है।
  4. अनुज हमेशा सच बोलता है।
  5. जयंता अच्छी तरह काम करता है।
  6. सुनील ध्यान पूर्वक पढ़ाई करता है।
  7. घोंघा धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।
  8. शादाब बहुत कम झूट बोलता है।
  9. रविश कुमार हमेशा तथ्यों पर बोलते हैं।
  10. समद गाड़ी तेज़ चलाता है।

रीतिवाचक क्रिया विशेषण के 10 अन्य मुख्य उदाहरण

Riti Vachak Kriya Visheshan के 10 अन्य मुख्य उदाहरण इस प्रकार हैं:

  1. चेतन हर वर्ष अपनी कक्षा में टॉप करता है।
  2. रोहन का दिमाग बहुत तेज़ चलता है।
  3. आयुष हमेशा सच के साथ होता है।
  4. पंकज कमज़ोरों के लिए कार्य करता है।
  5. भावुक बेस गिटार बजाता है।
  6. मोहित रोज़ सुबह कसरत करता है।
  7. हिमांशु हमेशा धन के पीछे दौड़ता है।
  8. अमन अपने नाम के हिसाब से ही कार्य करता है।
  9. ऋषभ गाड़ी सावधानी से चलाता है।
  10. मोनू अपने घरवालों का ख्याल रखता है।

आशा है कि इस ब्लॉग से Riti Vachak Kriya Visheshan की जानकारी मिली होगी। हिंदी व्याकरण के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए Leverage Edu के साथ।

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