संधि, हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। इसका शाब्दिक अर्थ है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है।
यह भी पढ़े : संधि विच्छेद ट्रिक
Ramayan ka Sandhi Viched क्या है?
इस लेख में हम जानेंगे कि रामायण का संधि विच्छेद क्या होगा। तो आईये आपको बताते हैं कि रामायण का संधि विच्छेद होगा ‘राम + अयन‘। रामायण शब्द में दीर्घ स्वर संधि लागू होती है।
दीर्घ संधि क्या है?
दीर्घ संधि, स्वर संधि का एक प्रकार है जिसमें दो स्वर्ण या सजातीय स्वरों के बीच संधि होकर उनके दीर्घ रूप हो जाते है। अर्थात दो स्वर्ण स्वर मिलकर दीर्घ हो जाते हैं।
इस संधि के चार रूप होते है-
- जब अ,आ के साथ अ,आ हो तो “आ” बनता है
- जब इ,ई के साथ इ,ई हो तो “ई” बनता है
- जब उ,ऊ के साथ उ,ऊ हो तो “ऊ”बनता है
- ऋ के साथ ऋ/ ऋ हो तो “ऋ” बनता है
उदाहरण:
- वेद + अंत = वेदांत
- गज + आनन = गजानन
- कवि + इंद्र = कवीन्द्र
रामायण से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग
रामायण से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है:
- रामायण की रचना आचार्य वाल्मीकि ने की है।
- रामायण में श्री राम, लक्ष्मण, सीता की एक अद्भुत प्रेरणादयक कहानी है।
- सभी पवित्र पुस्तकों में से एक रामायण में 24 हजार श्लोक हैं।
संबंधित आर्टिकल्स :
आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको Ramayan ka Sandhi Viched पता चल गया होगा। संधि से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।