राजस्थान की सरकार अपने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए नए नए प्रयास करने में लगी है। इसी क्रम में अब राजस्थान सरकार अपने राज्य के जनजातीय समुदाय से आने वाले बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने वाली योजना शुरू करने जा रही है। राजस्थान सरकार की तरफ से यह योजना नई शिक्षा नीति 2020 के तहत चलाई जाएगी।
राजस्थान के जनजातीय समुदाय के बच्चों को स्कूलों में मिलेगा सीधे प्रवेश
राजस्थान के शिक्षा विभाग के सचिव ने बताया कि अनुसूचित जनजाति वर्ग वे बच्चे जो छह वर्ष की आयु से अधिक हो चुके हैं और आंगनवाड़ी से पास हुए हैं, उन्हें नियमित स्कूलों में सीधे प्रवेश दे दिया जाएगा। इस संबध में बच्चों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया पर काम शुरू किया जा चुका है। राजस्थान सरकार की ओर से यह योजना नई शिक्षा नीति 2020 के तहत चलाई जा रही है।
राजस्थान सरकार ने स्कूलों के साथ किया करार
राजस्थान सरकार और राजस्थान के चार स्कूलों के बीच एक करार पर हस्ताक्ष्रर किए गए हैं। इन स्कूलों की मदद से राजस्थान के अनुसूचित जनजाति समुदाय के बच्चों के भीतर विभिन्न प्रकार की कला प्रतिभाओं की खोज कर उन्हें निखारने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा इन स्कूलों की मदद से अनुसूचित जनजाति समुदाय के बच्चों में खेलकूद और रिसर्च सबंधी कौशल को भी निखारने का प्रयास किया जाएगा।
बच्चों के लिए पढ़ाई को बनाया जाएगा अधिक रुचिकर
नई शिक्षा नीति के तहत राजस्थान का शिक्षा विभाग पढ़ाई को और अधिक रुचिकर बनाने और बच्चों के ऊपर से किताबों के बोझ को कम करने की योजना में लगा हुआ है। इस योजना के तहत राजस्थान के स्कूलों में और भी कई बदलाव किए जाएंगे। अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान किया जाना भी इसी योजना का एक भाग है।
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