क्या आप सोच रहे हैं Pratyang Mein Kaun Sa Samas Hai? तो आपको बता दें कि प्रत्यंग में अव्ययीभाव समास है। यह जानने से पहले कि अव्ययीभाव समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है। प्रत्यंग में कौन सा समास है तो आप जान गए हैं, आगे इस इस ब्लॉग में जानेंगे प्रत्यंग का समास विग्रह, अव्ययीभाव समास क्या होता है और साथ ही अव्ययीभाव समास के कुछ अन्य उदाहरण।
Pratyang Mein Kaun Sa Samas Hai?
प्रत्यंग में अव्ययीभाव समास होता है और इसका अर्थ प्रति अंग होता है।
अव्ययीभाव समास क्या होता है?
जहां पर प्रथम पद या पूर्व पद प्रधान हो और समस्त पद क्रिया विशेषण अव्यय हो तो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। अन्य शब्दों में समझें तो किसी सामासिक पद में प्रथम पद उपसर्ग या अव्यय हो तो उसे भी अव्ययीभाव समास ही कहा जाता है। अव्ययीभाव समास के उदाहरण इस प्रकार हैं:
- प्रतिसहस्त्र = सहस्त्र-सहस्त्र
- निरोग = रोग से रहित
- ज्ञानार्थ = ज्ञान के लिए
- लापता = पते के बिना
- यथासंख्य = संख्या के अनुसार
- यथायोग्य = योग्यता के अनुसार
- यथारुचि = रूचि के अनुसार
- आजन्म = जन्म (रहने) तक
- अकारण = बिना कारण के
- प्रत्यारोप = आरोप के बदले आरोप।
प्रत्यंग शब्द का समास विग्रह
प्रत्यंग शब्द का समास विग्रह प्रति अंग होता है।
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उम्मीद है कि Pratyang Mein Kaun Sa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बने रहें।