प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाएंगे येल, ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटीज को भारत में, जानिए कैसे?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाएंगे येल ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटीज को भारत में

भारत सरकार ने एक बड़ा ही क्रांतिकारी कदम उठाया है। भारत ने येल, ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड जैसी नामी विदेशी यूनिवर्सिटीज को साउथ एशियाई राष्ट्र की उच्च शिक्षा के एक ओवरहाल के हिस्से के रूप में कैंपस स्थापित करने और डिग्री प्रदान करने की अनुमति देने की दिशा में एक उम्दा फैसला लिया है।

6 जनवरी 2023 को University Grants Commission (UGC) के रेगुलेटर ने पब्लिक फीडबैक के लिए एक ड्राफ्ट लेजिस्लेशन का अनावरण किया जो पहली बार देश में विदेशी संस्थानों के प्रवेश और ऑपरेशन की सुविधा चाहता है। 

ड्राफ्ट के मुताबिक, लोकल कैंपस डोमेस्टिक और विदेशी छात्रों के लिए एडमिशन क्राइटेरिया, फीस स्ट्रक्चर और स्कॉलरशिप पर फैसला कर सकता है। संस्थानों को फैकल्टी और स्टाफ की भर्ती करने की ऑटोनोमी होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार भारतीय छात्रों को कम कीमत पर विदेशी योग्यता प्राप्त करने और भारत को एक आकर्षक ग्लोबल स्टडी डेस्टिनेशन बनाने में सक्षम बनाने के लिए देश के अत्यधिक रेगुलेटेड शिक्षा क्षेत्र में आवश्यक परिवर्तन पर जोर दे रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाएंगे येल, ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटीज को भारत में
Source – Twitter

इस अहम कदम से फॉरेन इंस्टीट्यूशंस को देश के युवाओं की खोज करने में भी मदद मिलेगी।

वहीं भारत को अधिक कॉम्पिटिटिव बनने और कॉलेज कोर्सेज और मार्केट्स की मांग के बीच ताल-मेल मजबूत करने के लिए अपने शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

यह वर्तमान में 2022 के वैश्विक प्रतिभा प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में 133 देशों में 101 वें स्थान पर है, जो किसी देश की प्रतिभा को विकसित करने, आकर्षित करने और बनाए रखने की क्षमता को मापता है।

कुछ विश्वविद्यालयों ने पहले ही भारतीय इंस्टीट्यूशंस के साथ पार्टनरशिप कर ली है, जिससे छात्रों को पूरे रूप से भारत में पढ़ाई  करने और विदेशों में मुख्य कैंपस में अपनी डिग्री पूरी करने की अनुमति मिल गई है। 

यह क्रांतिकारी कदम इन विदेशी इंस्टीट्यूशंस को भारतीय लोकल पार्टनर्स के बिना कैंपस स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और इससे भविष्य में लॉन्ग टर्म फायदे देखने की भी उम्मीद है।

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