उड़ीसा सरकार इन दिनों अपने राज्य के शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के प्रयास में लगी हुई है। इसी क्रम में उड़ीसा के 5 जिलों के कॉलेजों का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जीर्णोद्धार (रेनोवेशन) करने का काम किया जाएगा। इस संबंध में उड़ीसा राज्य के चीफ सेक्रेटरी को सरकार की ओर से निर्देश प्रदान किए जा चुके हैं।
इन 5 जिलों के कॉलेजों का किया जाएगा रेनोवेशन
उड़ीसा के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के द्वारा कॉलेजों के रेनोवेशन करने का यह पायलट प्रोजेक्ट कोन्झर, धेनकनाल, अंगुल, सुंदरगढ़ और झासुरगुराह जिलों में शुरू की जाएगा। हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया है।
हाई स्कूल, इंटर कॉलेज और डिग्री के लिए अलग अलग बनाई जाएँगी बिल्डिंग
उड़ीसा हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट की इस जीर्णोद्धार योजना के तहत चुने गए जिलों में हाई स्कूल, इंटर कॉलेजों और डिग्री कॉलेजों के भवनों को अलग अलग बनाने का कार्य किया जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार उड़ीसा राज्य में 787 संयुक्त स्कूल और कॉलेज हैं जो कि बिल्डिंग के अलावा फैकल्टीज़ भी एक दूसरे के साथ साझा करते हैं। इन स्कूल और कॉलेजों में प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के स्कूल और कॉलेज आते हैं।
उड़ीसा सरकार द्वारा उड़ीसा के उच्च शिक्षा विभाग से ऐसे सभी कॉलेजों और स्कूलों का डाटा तैयार करने के लिए कहा गया है। इस डाटा का प्रयोग जिला स्तर की समितियों द्वारा ऐसे स्कूल और कॉलेजों के भवनों का अलग अलग निर्माण करने के लिए किया जाएगा।
स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद साबित होगी योजना
उड़ीसा सरकार द्वारा शुरू की जा रही यह योजना छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद सिद्ध होगी-
- इस योजना से स्टूडेंट्स को नई बिल्डिंग में बेहतर सुविधाओं के साथ पढ़ने का मौक़ा मिलेगा जिससे पढ़ाई के प्रति उनका रुझान बढ़ेगा और वे बड़ी संख्या में स्कूल और कॉलेजों में एडमिशन ले सकेंगे।
- अभी तक स्कूल और कॉलेज आपस में फैकल्टी भी साझा किया करते थे, जिससे स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित होती थी। स्कूल और कॉलेजों की अलग अलग बिल्डिंग्स बन जाने से स्टूडेंट्स अपने ही अध्यापकों से अच्छे से पढ़ सकेंगे।
- स्कूल और कॉलेजों की बिल्डिंग अलग अलग बनने से स्टूडेंट्स को खेल कूद करने के लिए भी पर्याप्त मैदान मिलेंगे। इससे स्टूडेंट्स का सम्पूर्ण विकास होगा।
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