भारतीय सेना में शामिल होकर देश के लिए सेवा देना गर्व की बात होती है। भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट की स्पेशल फाॅर्स की यूनिट को पैरा कमांडो कहते हैं। पैरा कमांडो ने कई सफल ऑपरेशन्स कर देश का नाम रौशन किया है। आइए बताते हैं कि para commando kaise bane और कैसे देश के लिए दें योगदान।
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पैरा कमांडो कौन होते हैं?
पैरा कमांडो भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट की स्पेशल फोर्सेज यूनिट होती है। पैरा कमांडो को स्पेशल ऑपरेशन्स, डायरेक्ट एक्शन, होस्टेज प्रॉब्लम, एंटी टेररिस्ट ऑपरेशन्स, अनकन्वेंशनल अटैक्स, स्पेशल सैनिक प्रशिक्षण, आदि जैसे सबसे मुश्किल काम को अंजाम देते हैं। पैरा कमांडो की तरह नेवी के पास भी MARCOS और एयर फाॅर्स के पास गरुड़ कमांडो होते हैं। यह देश के कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन्स को सफलतापूर्वक पूरा कर चुके हैं।
पैरा कमांडो कैसे बनते हैं?
पैरा कमांडो भारत की सबसे खतरनाक सेना की यूनिट में से एक है। इस यूनिट का गठन 1 जुलाई 1966 को हुआ था। इनका मुख्य उद्देश केवल देश में आंतरिक रूप से तथा बाहर से हमले करने वाले आतंकवादियों से देश को सुरक्षा प्रदान करना है। पैरा कमांडो एक ऐसी सेना की टुकड़ी है जो पैराशूट लेकर चलती है। भारतीय सेना में पैरा कमांडो के लगभग 9 बटालियन है। वर्तमान समय में पैराशूट रेजिमेंट के वर्तमान कर्नल लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह संघा हैं।
पैरा कमांडो बनने के लिए आपको भारतीय सेना की किसी भी बटालियन में एक जवान के रूप में शामिल होना होता है। जिसके बाद आपको पैरा कमांडो के अधिकारियों द्वारा चयनित किया जाता है। पैरा कमांडो में भर्ती होने के लिए आपके पास दो विकल्प होते हैं। जिनमें पहला विकल्प सीधी भर्ती और दूसरा विकल्प भारतीय सेना द्वारा होता है।
डायरेक्ट रिक्रूटमेंट के द्वारा केवल सेना की रैलियों का आयोजन करके योग्य उम्मीदवारों को ही ट्रेनिंग के लिए चयनित किया जाता है। इसके लिए उम्मीदवारों को शारीरिक रूप से बेहद मजबूत होना आवश्यक है। जबकि भारतीय आर्मी में जवान के पद पर रहते हुए पैरा कमांडो में शामिल होने के लिए उम्मीदवार को पहले अपने रेजिमेंट के कमांडर से एक लेटर ऑफ़ रेकमेंडेशन (LOR) लिखवाना होता है। जिसके बाद आप पैरा कमांडो के लिए चयनित किए जा सकते हैं।
जब आपका एक बार पैरा कमांडो के रूप में चयन हो जाता है। तो उसके बाद आपको ट्रेनिंग के दौर से गुजरना होता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सेना की ट्रेनिंग बेहद ही कठिन होती है, किंतु जब आप एक पैरा कमांडो बनते हैं तब आपकी ट्रेनिंग और भी खतरनाक हो जाती है। इस ट्रेनिंग के दौरान केवल 10% ही उम्मीदवार पैरा कमांडो के लिए योग्य होते हैं। पैरा कमांडो को ट्रेनिंग के लिए कुल 3 महीने कमांडो सेंटर पर गुजारने होते हैं। लेकिन पैरा कमांडो स्पेशल फोर्स की ट्रेनिंग के लिए 6 महीने का समय लगता है। आइए आपको पैरा कमांडो के प्रत्येक दिन किए जाने वाले कार्यों के विषय में जानकारी देते हैं।
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पैरा कमांडो सिलेक्शन प्रोसेस
पैरा कमांडो सिलेक्शन 2022 को समझने से उम्मीदवारों को यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि पैरा कमांडो में कैसे शामिल हों। उम्मीदवारों के लिए सिलेक्शन प्रोसेस बेहद चुनौतीपूर्ण है और केवल सर्वश्रेष्ठ ही इसे पूरा कर सकते हैं। पैरा रेजिमेंट में आवेदन करने वाले प्रत्येक सैनिक को ऐसा करने का अवसर नहीं मिलता। पैरा कमांडो सिलेक्शन प्रोसेस को प्रेरित सैनिकों की भर्ती के लिए डिज़ाइन किया गया है जो स्वयंसेवा करते हैं। सिलेक्शन प्रोसेस के लिए सभी प्री-टेस्ट रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग कोर्स, या PRTC के अधिकारियों के बोर्ड द्वारा एआरओ स्थान पर आयोजित किए जाते हैं।
पैरा कमांडो चयन प्रक्रिया 2021 का विवरण दिया गया है–
- फिजिकल फिटनेस टेस्ट में सफलतापूर्वक 100% और रिटन टेस्ट में कम से कम 50% प्राप्त करने वाले उम्मीदवार पैरा रेजिमेंट में शामिल होने के लिए पात्र हैं। इन उम्मीदवारों को रेजिमेंट में चयन के लिए आगे के परीक्षणों के अधीन किया जाएगा।
- यदि ये उम्मीदवार पैरा रेजिमेंट के लिए विशेष स्क्रीनिंग टेस्ट में उत्तीर्ण नहीं होते हैं, तो उन्हें पैरेंट रेजिमेंट में शामिल होने का आश्वासन दिया जाता है।
चयनित होने के इच्छुक स्वयंसेवकों को नीचे दिए गए विशेष शारीरिक परीक्षण को उत्तीर्ण करना होगा–
- 5 किमी दौड़- 20 मिनट
- चीन अप- 14
- पुश अप- 1 मिनट में 40 प्रतिनिधि
- बैठो- 2 मिनट में 80 प्रतिनिधि
- मीटर फेरबदल- 1 मिनट में 17 बार
इसके बाद चुने गए उम्मीदवारों को PRTC करना होगा। यदि उम्मीदवार PRTC में लक्ष्य मानकों को पूरा करने में असमर्थ हैं तो उन्हें मूल रेजिमेंट में आगे के प्रशिक्षण के लिए स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
पैरा कमांडो योग्यता
Para commando kaise bane इसके लिए पैरा रेजिमेंट में शामिल होने के संबंध में पहली आवश्यकताओं में से एक यह है कि आपको भारतीय सेना का सदस्य होना चाहिए। वहां के लिए, यदि कोई रिक्तियां उपलब्ध हैं, तो सैनिक पैरा रेजिमेंट के लिए आवेदन कर सकते हैं। पैरा कमांडो बनने के लिए योग्यता इस प्रकार है:
- राष्ट्रीयता – उम्मीदवारों को भारत का नागरिक होना चाहिए, या नेपाल या भूटान का विषय होना चाहिए, एक तिब्बती शरणार्थी जो 1 जनवरी, 1962 से पहले भारत में स्थायी रूप से बसने के इरादे से, या भारतीय मूल का व्यक्ति जो प्रवास कर गया हो। भारत में स्थायी रूप से बसने के इरादे से नीचे निर्दिष्ट देशों से।
- आयु – उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम स्वीकार्य आयु 16.5 वर्ष है जबकि अधिकतम स्वीकार्य आयु 19.5 वर्ष रखी गई है।
- वैवाहिक स्थिति – पैरा कमांडो भर्ती 2021 के लिए पात्र होने के लिए उम्मीदवारों को अविवाहित होना चाहिए। रिक्तियां केवल पुरुष उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हैं।
- शारीरिक माप – सेना, नौसेना और नौसेना अकादमी में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों की ऊंचाई कम से कम 157 सेमी और वायु सेना में शामिल होने के लिए कम से कम 162.5 सेमी होनी चाहिए।
टॉप इंस्टिट्यूट
Para commando kaise bane में देश के टॉप इंस्टीट्यूट के नाम इस प्रकार हैं:
- गार्ड कमांडो फोर्स, नई दिल्ली
- कमांडो ट्रेनिंग अकादमी, हैदराबाद
- क्वार्टर बैटल ट्रेनिंग
- एयरफोर्स एकेडमी, डुंडीगाल
- द काउंटर इंसर्जेंसी एंड जंगल वारफेयर स्कूल, मिजोरम
- अपरंपरागत कमांडो कॉम्बैट अकादमी
पैरा कमांडो ट्रेनिंग शेड्यूल
पैरा कमांडों ट्रेनिंग शेड्यूल की जानकारी नीचे दी गई है-
- किसी भी पैरा कमांडो के दिन की शुरुआत सुबह के 3:00 से 4:00 के बीच हो जाती है। प्रतिदिन उन्हें रोजाना शरीर पर 60 से 65 किलोग्राम का वजन लेकर 20 किलोमीटर तक दौड़ना होता है।
- जब आप एक पैरा कमांडो मैं पैराट्रूपर्स की ट्रेनिंग के लिए जाते हैं तो आपको आगरा के एयरफाॅर्स ट्रेनिंग स्कूल में ट्रेनिंग दी जाती है। जहां पर जवानों को 33000 फुट से 50 बार जंप लगाने होते हैं।
- इसके अतिरिक्त पैरा कमांडो को पानी में लड़ने की भी ट्रेनिंग दी जाती है। इसके लिए जवानों को नौसेना के ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल कोच्चि में ट्रेनिंग देनी होती है।
- लगभग 1 महीने पश्चात उम्मीदवारों को शारीरिक रूप से तैयार करने के बाद जवानों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
- समय के साथ-साथ कठिन परिस्थितियों से लड़ने एवं लोगों की मदद करने की ट्रेनिंग भी सिखाई जाती है।
- दुश्मनों से लड़ने के लिए जवानों को ताइकांडो का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
- बेसिक ट्रेनिंग पूर्ण होने के बाद इन्हें काम और ट्रेनिंग को मिलाकर लगभग साढे 3 साल तक ट्रेनिंग करनी होती है।
- पैरा कमांडो को दिए जाने वाले हथियार की ट्रेनिंग।
- जब एक जवान पैरा कमांडो की ट्रेनिंग पूर्ण कर लेता है। तो उसे पैरा कमांडो के विभाग की ओर से हथियार दिए जाते हैं। प्रत्येक पैरा कमांडो के पास निम्न प्रकार के हथियार पाए जाते हैं।
- Micro Uzi machine gun
- Beretta 2 automatic pistol
- PM med9 assault
- UK VZ 59L Light Machine Gun
- Siphon 12mm Rocket Launcher
- PKM Light Machine Gun
पैरा कमांडो के फेमस ऑपरेशन
इंडियन पैरा कमांडो की वीरता के किस्से यूं तो दुनिया में मशहूर हैं, विस्तार से डालते हैं सफल ऑपरेशन्स पर एक नज़र-
- पैरा कमांडो ने 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी, इंडियन पैरा कमांडो की ताकत के आगे पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों को सरेंडर करना पड़ा था।
- जुलाई 1999 में कश्मीर में कारगिल की पहाडिय़ों पर पाकिस्तान की फौज ने कब्जा कर लिया था। इस लड़ाई में पाकिस्तान पाकिस्तान की आर्मी और आतंकवादियों के खिलाफ पैरा कमांडो का इस्तेमाल हुआ जिसके चलते एक बार फिर पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा था।
- पैरा कमांडो ने जनवरी 2015 में म्यांमार में घुसकर आतंकवादियों को मारा था।
- मणिपुर में उग्रवादियों के एक हमले में देश के 18 जवान शहीद हुए थे। पैरा कमांडो को बदला लेने के लिए यह काम सौंपा गया। इन कमांडो ने म्यांमार सीमा में घुसकर 38 उग्रवादियों को ढेर कर दिया। इंडिपेंडेंट इंडिया के इतिहास में यह पहला अवसर था जब इंडियन सोल्जर किसी दूसरे देश की सीमा में घुसकर आतंकियों का सफाया करने में सफल रहे थे।
- 2016 में आतंकवादियों ने उरी में हमारे कुछ जवानों को मार दिया था हमारे सिपाही की शहादत का बदला लेने के लिए पैरा कमांडो ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और उन्होंने वहां जाकर आतंकवादियों को मार गिराया और आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया था।
पैरा कमांडो की सैलरी
Para Commando Kaise Bane को उनके कार्य के अकॉर्डिंग एक बेहद अच्छी सैलरी दी जाती है। पैरा कमांडो के जवानों को प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख से अधिक की सैलरी मिलती है। इसके अतिरिक्त इन्हें सेना में दिए जाने वाले सभी सुविधाएं एवं लाभ दिए जाते हैं।
FAQs
पैरा कमांडो के सैनिक को सालाना लगभग INR 10 लाख तक की सैलरी मिलती है तथा इसके अलावा और अन्य सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं।
प्रतिदिन उन्हें रोजाना शरीर पर 60 से 65 किलोग्राम का वजन लेकर 20 किलोमीटर तक दौड़ना होता है। जब आप एक पैरा कमांडो में पैराट्रूपर्स की ट्रेनिंग के लिए जाते हैं तो आपको आगरा के एयरफर्स ट्रेनिंग स्कूल में ट्रेनिंग दी जाती है। जहां पर जवानों को 33,000 फुट से 50 बार जम्प लगाने होते हैं।
पैरा कमांडो को आमतौर पर स्पेशल फाॅर्स के रूप में जाना जाता है, जो पैराशूट रेजिमेंट से जुड़ी इंडियन आर्मी की स्पेशल ऑपरेशन यूनिट है।
पैरा SF का सिंहनाद “तुम भारत के वीर हो, तुम अपने देश के रक्षक हो” है।
पैरा कमांडो को लगभग 30 दिनों की कैज़ुअल लीव और दो महीने की एनुअल लीव्स मिलती हैं।
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