अब NEP के तहत IIT कानपुर में स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग के साथ-साथ भारतीय प्राचीन ज्ञान की पढ़ाई भी कर सकेंगे 

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Ab nayi shiksha neeti ke tahat iit kanpur ke students engineering ke sath sath bharteey prachin gyan ki padhai bhi kar sakenge

IIT कानपुर इंजीनियरिंग के साथ साथ भारतीय प्राचीन ज्ञान पर भी कोर्स तैयार करेगा। IIT कानपुर इसे अपने बी.टेक कोर्स के अलावा दूसरे विभिन्न कोर्सेज में भी लागू करेगा। इस कोर्स को तैयार करने के पीछे IIT कानपुर का उद्देश्य नई पीढ़ी को भारतीय प्राचीन ज्ञान से अवगत कराना है।  

इसको सभी हायर एजुकेशन कोर्सेज में जोड़ा जाएगा ताकि युवा पीढ़ी देश के प्राचीन ज्ञान के बारे में जान सके। इसके अलावा जरुरत पड़ने पर शोधार्थी एवं वैज्ञानिक इस प्राचीन ज्ञान पर रिसर्च करके उसे मौजूदा स्थितियों से जोड़कर देख सकेंगे।  

IIT कानपुर को यह जिम्मेदारी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई है। इसके बारे में शिक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राचीन ग्रंथों में विज्ञान और तकनीक की जानकारी दर्ज है।

देश के 17 संस्थानों का किया गया चयन

अगर इस प्राचीन ज्ञान को भारतीय छात्र पढ़ेंगे तो उनके लिए शोध कार्य करना और नई खोजें करना आसान हो जाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति के तहत IIT कानपुर समेत देश के 17 संस्थानों का चयन किया है। इन संस्थानों को शिक्षा मंत्रालय के द्वारा अलग अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।  

News 2023 09

समुद्री परंपरा के विकास पर भी तैयार किया जाएगा कोर्स 

शिक्षा मंत्रालय ने समुद्री परंपरा के विकास पर भी कोर्स तैयार करने का फैसला किया है। क्योंकि भारत प्रारम्भ से ही समुद्री विकास के क्षेत्र में आगे रहा है। भारतीय प्राचीन ग्रंथों में भी महासागर, समुद्र और नदियों आदि से जुड़ी काफी जानकारियां पहले से मौजूद हैं। 

इंडियन आर्किटेक्चर पर भी बनेगा कोर्स 

शिक्षा मंत्रालय ने प्राचीन ज्ञान से जुड़े कुछ बिंदुओं को चुनकर संस्थानों को सौंपा है। जिस विषय पर ये इंस्टीट्यूट कोर्स बनाएंगे उसमें भारतीय आर्किटेक्चर भी शामिल है। इसके अलावा भारतीय वास्तुशास्त्र के बारे में भी एक कोर्स तैयार किया जाएगा।  

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