NEP आने के बाद एजुकेशन की फील्ड में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। केंद्र के निर्देशानुसार 21 स्टेट्स ने 6 साल की उम्र में स्टूडेंट्स को कक्षा 1 में प्रवेश देना शुरू कर दिया है। केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों ने अभी इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
NEP 2020 के अनुसार, शुरुआती चरण में सभी बच्चों (3 से 8 वर्ष के बीच) के लिए सीखने के 5 वर्ष के अवसर शामिल हैं, जिसमें तीन वर्ष की प्री-स्कूल शिक्षा के बाद कक्षा 1 और 2 शामिल हैं। कर्नाटक और हरियाणा में अगले एकेडमिक ईयर से ऐज क्राइटेरिया का पालन किया जाएगा।
एजुकेशन मिनिस्ट्री के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी शिक्षा (NEP) 2020 के साथ प्रवेश के लिए अपनी आयु को एलाइन करने और ग्रेड-I में प्रवेश प्रदान करने के निर्देश दोहराए हैं।
इन राज्यों ने किया केंद्र के निर्देशों का पालन
केंद्र के निर्देशों का पालन करने वाले राज्यों में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, गुजरात, झारखंड, लद्दाख, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, सिक्किम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
NEP से बच्चों के सीखने और डेवलपमेंट के लिए मिलेगा बढ़ावा
एनईपी के बाद से लगातार हो रहे बदलावों को लेकर मिनिस्ट्री ने कहा था कि असम, गुजरात, पुडुचेरी, तेलंगाना और लद्दाख में 5 साल के बच्चे कक्षा 1 में एडमिशन ले सकते हैं। वहीं आंध्र प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, गोवा, झारखंड, कर्नाटक और केरल में एडमिशन के लिए न्यूनतम आयु 5+ है। NEP 2020 प्री-स्कूल से ग्रेड-II तक के बच्चों के सीखने और डेवलपमेंट को बढ़ावा देता है।
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