नेशनल कॉउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों की पाठ्य पुस्तकों जैसे इतिहास की किताबों आदि से कई अध्याय और तथ्यों को हटाया है।
गौरतलब है कि हाल ही में NCERT ने देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद से जुड़े अंश को भी इतिहास की स्कूली पुस्तक से हटा दिया गया है। NCERT ने यह परिवर्तन 11वीं कक्षा की पॉलिटिकल साइंस के पाठ्यपुस्तक में किया है।
परिवर्तन की इस मुहीम में NCERT ने स्कूली पाठ्य पुस्तकों से जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद-370 को सुरक्षित रखने के अंश को भी हटाया है, जिसको देश की अखंडता के रूप में देखा जा रहा है। समय-समय पर हुए बदलावों में NCERT की 12वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकों से मुगलों के साथ-साथ, 11वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तकों से उपनिवेशवाद से संबंधित कुछ अंश को भी हटाया गया है।
परिवर्तन ही संसार का नियम है और साकारात्मक परिवर्तन को अपनाने में कोई हर्ज़ नहीं होता। कुछ समय पहले NCERT द्वारा गांधी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े कुछ तथ्यों को भी अपनी पाठ्यपुस्तकों से हटाए जाने की जानकारी सामने आई थी। NCERT की किताबों से गांधी और गोडसे से जुड़ी जानकारी भी हटाई जा चुकी है। स्कूली पाठ्यपुस्तकों में किए गए इन बदलावों पर NCERT का कहना है कि सारे बदलाव पिछले साल जून में ही कर दिए गए थे।
हाल ही में NCERT ने अपनी पाठ्य पुस्तक के प्रथम अध्याय संविधान – क्यों और कैसे में से संविधान सभा समिति की बैठकों से मौलाना आजाद का नाम हटाया है। मौलाना अबुल कलाम आजाद का नाम हटाकर लिखा गया है कि आमतौर पर जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल या बीआर अंबेडकर इन समितियों की अध्यक्षता करते थे। इससे पहले पुस्तक के इसी अध्याय में संविधान सभा की अध्यक्षता करने वालों में जवाहरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल, मौलाना आजाद या आंबेडकर आदि का नाम उल्लेखित है।
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