मानस राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ी ये ख़ास बात, क्या जानते हैं आप?

1 minute read
मानस राष्ट्रीय उद्यान

भारत में कुल कितने विश्व धरोहर स्थल है इसकी बात की जाये तो, भारत में 33 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक स्थल और 1 मिश्रित विश्व विरासत स्थल हैं। UNESCO World Heritage Sites में सबसे पहले 1983 में अजंता की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं, ताजमहल और आगरा के किले को शामिल किया गया था। उसके बाद धीरे धीरे कई स्थल जुड़ते चले गए। इन्हीं में से एक मानस राष्ट्रीय उद्यान भी है जिसके बारे में आज हम बताने जा रहा हैं। इसके लिए आपको ये लेख अंत तक पढ़ना होगा।

भारत के असम राज्य में स्थित मानस राष्ट्रीय उद्यान (Manas National Park) एक ऐसा पार्क है जिसे यूनेस्को प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है। वर्ष 1985 में इस पार्क को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। भारत के सबसे अच्छे राष्ट्रीय उद्यानों में से एक मानस राष्ट्रीय उद्यान में इंडियन गैंडा, प्योगी हॉग, बंगाल फ्लोरिकन, वाइल्ड एशियन बफेलो स्लो लोरिस, सांभर, कैप्ड लंगूर जैसे कई अन्य जानवर हैं। इन सब के अलावा यहाँ वनस्पतियों की कई सुंदर और दुर्लभ प्रजाति पाई जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं यहाँ की सबसे खास बात यह है कि रूफेड टर्टल, पिग्मी हॉग और गोल्डन लंगूर जैसे जानवर पूरी दुनिया में सिर्फ यहीं पर पाए जाते हैं। इसके साथ ही यह पार्क अपने शानदार प्राकृतिक दृश्यों के लिए भी जाना जाता है।

मानस राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास

लगभग 391 वर्ग किलोमीटर की क्षेत्र में फैला हुआ मानस नेशनल पार्क का नाम मानस नदी से लिया गया है जो ब्रह्मपुत्र नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है। मानस राष्ट्रीय उद्यान 1928 से पहले एक आरक्षित वन था लेकिन 1 अक्टूबर 1928 को 360 वर्ग किमी के साथ इसे वाइल्डलाइफ सेंचुरी घोषित किया गया। 1951 और 1955 में इस क्षेत्र को 360 वर्ग किमी से बढ़ाकर 391 वर्ग किमी किया गया। और 1985 तक आते आते यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल की सूची में इस पार्क को भी शामिल कर दिया। आज मानस राष्ट्रीय उद्यान कई जानवरों विविध वनस्पतियों और यह लगभग 500 किस्मों के पक्षियों का घर है। यहाँ देश और विदेश के पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता से लेकर अन्य आकर्षक गतिविधियों का आनंद लेने आते हैं।

मानस राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा कब करें?

मानस राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा करने के लिए अक्टूबर से अप्रैल का महीना सबसे अच्छा होता है। इस दौरान यहाँ मौसम सुहावना होता है, जिससे पर्यटकों को कई वन्यजीव प्रजातियों को देखने का मौका मिलता है। पर्यटकों को यहाँ मानसून के मौसम यानी जून से सितंबर में जाने से बचना चाहिए क्योंकि उस दौरान यहाँ भारी वर्षा होती है जिससे पार्क में पानी भर जाता है।

वैश्विक धरोहर से जुड़े ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*