गाँवों में जमीन से जुड़े कामों, जैसे माप-तौल, खतौनी अपडेट या विवाद की शुरुआती जांच में लेखपाल की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है। यह एक सम्मानित सरकारी पद है जहाँ फील्डवर्क भी है और लोगों के बीच काम करने का अनुभव भी। बहुत से युवा इस पद को इसलिए चुनते हैं क्योंकि इसमें नौकरी की सुरक्षा, अच्छा वेतन और प्रमोशन के मौके मिलते हैं। अगर आप भी सोच रहे हैं कि लेखपाल कैसे बने, तो यह ब्लॉग आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। इस ब्लॉग में हम आसान भाषा में बताएँगे कि लेखपाल बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए, परीक्षा कैसे होती है, चयन प्रक्रिया क्या है और सैलरी कितनी मिलती है, ताकि आप अपनी तैयारी सही दिशा में शुरू कर सकें।
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लेखपाल कौन होते हैं?
लेखपाल राजस्व विभाग का वह अधिकारी होता है जो किसी गाँव या क्षेत्र की जमीन से जुड़े रिकॉर्ड और प्रशासनिक कामों को संभालता है। हर गाँव में कितनी जमीन है, किसके नाम पर है, किस भूखंड का उपयोग कैसे हो रहा है- इन सभी जानकारियों को अपडेट रखना लेखपाल की जिम्मेदारी होती है। वह जमीन का हिसाब-किताब बनाए रखने के साथ-साथ सरकारी निर्देशों और योजनाओं को जमीन स्तर पर लागू कराने में भी मदद करता है।
लेखपाल का काम सिर्फ कागज़ी रिकॉर्ड तक सीमित नहीं होता। उसे मौके पर जाकर जमीन की स्थिति देखनी होती है, खेतों की सीमाएँ तय करनी होती हैं और माप-तौल का सही डेटा तैयार करना होता है। ज़मीन के लेन-देन, विरासत के मामलों या भूमि विवादों में भी लेखपाल की रिपोर्ट अहम मानी जाती है।
सरकार की कई ग्रामीण योजनाएँ जैसे मुआवज़ा, सर्वे, आपदा राहत या पेंशन सत्यापन, तभी लागू हो पाती हैं जब लेखपाल उनका वास्तविक डेटा तैयार करता है। इसलिए उसे प्रशासन और ग्रामीण जनता के बीच एक अहम कड़ी माना जाता है।
लेखपाल के कार्य और जिम्मेदारियां
लेखपाल का पद न सिर्फ ज़मीन और राजस्व से जुड़ा होता है बल्कि यह किसानों और आम नागरिकों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। उनकी मुख्य जिम्मेदारियाँ निम्नलिखित हैं:
- भूमि और संपत्ति से जुड़े विवादों में स्थानीय अधिकारियों को सूचित करना और समाधान में सहयोग करना।
- सरकारी योजनाओं, सब्सिडी और वित्तीय मदद की जानकारी लोगों तक पहुँचाना।
- नागरिकों से जमीन और संपत्ति से संबंधित शिकायतें सुनना और आवश्यक कार्रवाई करना।
लेखपाल बनने के लिए योग्यता
लेखपाल की नौकरी पाने के लिए कुछ जरूरी योग्यताएँ होती हैं। इसमें शैक्षिक योग्यता, आयु सीमा और कुछ विशेष कौशल शामिल हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:-
शैक्षिक योग्यता
लेखपाल बनने के लिए उम्मीदवार का कम से कम 12वीं पास होना अनिवार्य है, और कई राज्यों में कंप्यूटर सर्टिफिकेट (CCC) और UPSSSC PET अनिवार्य है।
आयु सीमा
इस पद के लिए उम्मीदवार की आयु सामान्यतः 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग (SC/ST/OBC) के उम्मीदवारों को नियमों के अनुसार आयु सीमा में छूट भी मिलती है।
आवश्यक कौशल
- जमीन और राजस्व से जुड़े मामलों की समझ होना।
- लोगों से बातचीत और उनकी समस्याएँ हल करने की क्षमता।
- कंप्यूटर और दस्तावेज़ी काम का बेसिक नॉलेज।
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लेखपाल कैसे बनें: स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस
लेखपाल बनने के लिए केवल 12वीं पास होना ही काफी नहीं है। इस पद के लिए हर स्टेट के अलग नियम और परीक्षा प्रक्रिया होती है। नीचे दिया गया UPSSSC मॉडल (उत्तर प्रदेश) उदाहरण के तौर पर स्टेपवाइज गाइड है, जिसे अन्य राज्यों के अनुसार थोड़ा modify किया जा सकता है।
स्टेप 1: शैक्षिक योग्यता पूरी करें
लेखपाल बनने के लिए सबसे पहला कदम है शैक्षिक योग्यता पूरी करना। उम्मीदवार का कम से कम 12वीं पास होना अनिवार्य है। इसके अलावा कई राज्यों में कंप्यूटर प्रमाणपत्र (CCC या समकक्ष) भी आवश्यक है, क्योंकि लेखपाल को सरकारी रिकॉर्ड और दस्तावेज़ कंप्यूटर पर संभालने होते हैं। अपनी पात्रता की पुष्टि करने के लिए हमेशा राज्य सरकार की आधिकारिक नोटिफिकेशन पढ़ें।
स्टेप 2: PET दें
कुछ राज्यों, जैसे उत्तर प्रदेश, में लेखपाल बनने के लिए PET पास करना जरूरी है। PET (प्रेलिमिनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट) एक प्रारंभिक परीक्षा है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उम्मीदवार मुख्य परीक्षा (Mains) के लिए योग्य है या नहीं। PET में सामान्यतः हिंदी, गणित, सामान्य ज्ञान और ग्रामीण समाज एवं विकास जैसे विषय शामिल होते हैं। PET का स्कोर मेंस में शोर्ट लिस्ट करने के लिए इस्तेमाल होता है। ध्यान रखें कि हर राज्य में PET का पैटर्न, विषय और क्वालीफाइंग मार्क्स अलग हो सकते हैं।
स्टेप 3: मेंस / मुख्य परीक्षा
PET पास करने के बाद उम्मीदवार मुख्य परीक्षा (मेंस) में शामिल होते हैं। मेंस भी MCQ (ऑब्जेक्टिव टाइप) परीक्षा होती है और इसमें वही विषय आते हैं जो PET में थे, लेकिन कठिनाई का स्तर अधिक होता है। Mains परीक्षा में हिंदी, गणित, सामान्य ज्ञान और ग्रामीण विकास जैसे विषय शामिल होते हैं। परीक्षा का समय आमतौर पर 2 घंटे होता है और कुल प्रश्न 100–120 होते हैं। इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए छात्रों को विषय-विशेष तैयारी, पिछले वर्षों के प्रश्न और मोक्क टेस्ट हल करना जरूरी है।
स्टेप 4: डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन
मुख्य परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को दस्तावेज़ सत्यापन (डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन) के लिए बुलाया जाता है। DV में उम्मीदवार के शैक्षिक प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र और कंप्यूटर प्रमाणपत्र की जांच होती है। यदि दस्तावेज़ सही पाए जाते हैं, तो उम्मीदवार अगले चरण के लिए एलिजिबल माना जाता है। DV में किसी भी दस्तावेज़ में कमी होने पर सिलेक्शन कैंसिल हो सकता है।
स्टेप 5: फाइनल मेरिटऔर पोस्टिंग
DV और मेंस के कंबाइंड मार्क्स के आधार पर फाइनल मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। मेरिट में नाम आने के बाद उम्मीदवार को पोस्टिंग दी जाती है, जो आमतौर पर ग्राम पंचायत या तहसील कार्यालय में होती है। पोस्टिंग मिलने के बाद उम्मीदवार अपने अधिकारिक कार्य जैसे:
- भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव
- खसरा/खतौनी तैयार करना
- फसल का आकलनसरकारी योजनाओं का सर्वे
- राजस्व वसूली
इन कार्यों को संभालने लगता है और धीरे-धीरे अधिक जिम्मेदारियों के लिए प्रशिक्षित होता है।
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परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
लेखपाल परीक्षा पास करने के लिए जरूरी है कि आप तैयारी को सही दिशा और रणनीति के साथ करें। यहाँ कुछ उपयोगी टिप्स दिए गए हैं:
- हिंदी और गणित का रोज़ अभ्यास करें: ये दोनों विषय अंक लाने वाले हैं, इसलिए इन पर पकड़ मजबूत होनी चाहिए।
- अखबार, मैगज़ीन और ऑनलाइन क्विज़ के जरिए GK और करेंट अफेयर्स अपडेट रखें।
- पंचायत व्यवस्था, सरकारी योजनाएँ और ग्रामीण विकास से जुड़े विषय अच्छे से पढ़ें।
- पुराने पेपर और मॉक टेस्ट हल करें।
- रोजाना तय समय पर पढ़ाई करने की आदत डालें, ताकि सभी विषयों पर बराबर ध्यान दिया जा सके।
- रीविजन को महत्व दें।
सैलरी, भत्ते और सुविधाएँ
लेखपाल की नौकरी एक सरकारी नौकरी है, इसलिए इसमें निश्चित वेतन और नौकरी की सुरक्षा मिलती है। लेखपाल का वेतन पे लेवल–3 के अनुसार होता है, जिसमें प्रारंभिक बेसिक पे लगभग ₹21,700 होता है और भत्तों सहित कुल इन-हैंड वेतन लगभग ₹25,000–₹30,000 हो सकता है। आपको बता दें कि यह सैलरी अनुमानित है और राज्य, विभाग और अनुभव के अनुसार भिन्न हो सकती है। सैलरी के अलावा, लेखपाल को कई भत्ते (Allowances) भी मिलते हैं, जो उसके वेतन को और बढ़ा देते हैं। ये भत्ते आम तौर पर इस प्रकार हैं:
- महंगाई भत्ता (Dearness Allowance): महंगाई बढ़ने के हिसाब से वेतन में अतिरिक्त राशि।
- मकान किराया भत्ता ( House Rent Allowance): अगर सरकारी मकान नहीं मिलता तो किराया देने के लिए भत्ता।
- यात्रा भत्ता (Travel Allowance): सरकारी काम के लिए यात्रा करने पर मिलने वाला भत्ता।
- मेडिकल सुविधा: खुद और परिवार के लिए मुफ्त या सब्सिडी वाली चिकित्सा सुविधा।
- रिटायरमेंट बेनिफिट्स: पेंशन और अन्य रिटायरमेंट फायदे।
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लेखपाल बनने के बाद करियर विकल्प और प्रमोशन
लेखपाल की नौकरी सिर्फ एक शुरुआत होती है। इस नौकरी में अनुभव और मेहनत के साथ अच्छे पदों पर प्रमोशन के मौके मिलते हैं। लेखपाल से आगे आप इन पदों तक पहुँच सकते हैं: राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, उपजिलाधिकारी आदि।
FAQs
उम्मीदवार का कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है। कुछ राज्यों में कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान भी मांगा जाता है।
कुछ राज्यों में नेगेटिव मार्किंग होती है, जैसे UP में प्रत्येक गलत उत्तर पर 0.25 अंक काटे जाते हैं। यह राज्य विशेष है, इसलिए ओफ्फिशियल नोटिफिकेशन देखें।
लेखपाल के पद पर अनुभव और मेहनत के साथ राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, उपजिलाधिकारी जैसे उच्च पदों तक प्रमोशन संभव है।
अगर आप यूपी के बाहर किसी राज्य में आवेदन करना चाहते हैं, तो यह ध्यान रखें कि हर राज्य की योग्यता (Eligibility), सिलेबस (Syllabus), परीक्षा पैटर्न (PET/Mains Pattern) और कटऑफ अलग-अलग हो सकते हैं।
हमें आशा है कि इस लेख में आपको लेखपाल कैसे बनेंं की जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही अन्य करियर से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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