कर्नाटक में नई सरकार के बनने के साथ ही, कर्नाटक में प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों के एसोसिएटेड मैनेजमेंट (KAMS) ने कहा है कि शिक्षा से संबंधित मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि छात्र प्रभावित न हों।
इस बैठक के बाद एसोसिएशन ने यह भी कहा कि “शिक्षकों के लिए सुरक्षा कानून, शिक्षकों का बीमा, राज्य-वार स्कूल बजट और धन की कमी सहित गैर-सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों से समर्थन के संबंध में कई मुद्दों पर चर्चा हुई है।
कर्नाटक के नवनियुक्त मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंपे गए एक ज्ञापन (MoU) में, पिछली सरकार के दौरान कई समस्याओं का समाधान करने के लिए KAMS ने एक आपातकालीन बैठक की मांग की थी। इस संगठन के राज्य भर में लगभग 4,000 से अधिक सदस्य हैं।
KAMS ने ज्ञापन में आगे कहा कि “हमने मुद्दों को ध्यान में लाया लेकिन हम पिछली सरकार के भ्रष्टाचार से तंग आ चुके थे। हमारे सदस्यों ने शिक्षा प्रणाली में कई समस्याओं का सामना किया और वर्तमान में भी कई कानूनी लड़ाइयों से गुजर रहे हैं।
एसोसिएशन ने यह भी कहा कि गैर-सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों से समर्थन के संबंध में कई मुद्दे हैं, जिनमें शिक्षकों के लिए सुरक्षा कानून, शिक्षकों का बीमा, राज्य-वार स्कूल बजट और संस्थानों के लिए धन की कमी शामिल है।
इस पर उन्होंने आगे कहा, “हम नवनिर्वाचित सरकार के संज्ञान में इन मुद्दों को लाना चाहते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पुराने शिक्षण संस्थानों को रियायतें दी जा सकती हैं अथवा नहीं।”
उन्होंने इस नई सरकार को बधाई दी और उम्मीद जताई कि जनता से किए गए वादों को पूरा किया जाएगा। इस एसोसिएशन ने आगे कहा कि शिक्षक और अन्य कर्मचारी, इस नवनिर्वाचित सरकार से अपनी समस्याओं के समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।
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