कर्नाटक की सरकार ने अपने ताज़ा आदेश में चार साल के डिग्री कोर्स मॉडल को उच्च शिक्षा से हटा दिया है। अब सभी डिग्री कोर्सेज वापस से तीन साल वाले मॉडल पर आधारित होंगे। चार साल के डिग्री ग्रेजुएशन प्रोग्राम की शुरुआत पिछली सरकार के द्वारा न्यू एक्जुकेशन पॉलिसी के तहत की गई थी।
न्यू एजुकेशन पॉलिसी की जगह स्टेट एजुकेशन पॉलिसी लागू
पिछले वर्ष जब कर्नाटक में बीजेपी की सरकार थी तो कर्नाटक न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना था। नई शिक्षा नीति के तहत राज्य के सभी कॉलेजों में चार वर्ष के ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स की शुरुआत की गई थी। लेकिंन नई सरकार ने आते ही न्यू एजुकेशन पॉलिसी को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसकी जगह कर्नाटक में अब स्टेट एजुकेशन पॉलिसी लागू की जाएगी। इसमें पुराने तीन साल के ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स को ही फिर से लागू किए जाने की बात की गई है।
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मल्टीपल एंट्री और एग्ज़िट वाले विकल्प पर निर्णय बाकी
न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत स्टूडेंट्स को कॉलेज की पढ़ाई के दौरान मल्टीपल एंट्री और एग्ज़िट का विकल्प मिलता है। अब कर्नाटक में स्टेट एजुकेशन पॉलिसी लागू किए जाने के बाद स्टूडेंट्स को यह विकल्प मिलेगा या नहीं, इस पर सरकार की तरफ से अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। राज्य नीति आयोग स्टेट एजुकेशन पॉलिसी पर अपनी फाइनल रिपोर्ट इस साल अगस्त में प्रस्तुत करेगा, तभी इस बारे में पता चल सकेगा।
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ये स्टूडेंट्स कर सकेंगे चार साल का ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स
वे स्टूडेंट्स जिन्होंने वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के समय किसी ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स में एडमिशन लिया था, केवल वे ही चौथे वर्ष में पढ़ने का विकल्प चुन सकेंगे। यदि उनके कॉलेज में चार साल का डिग्री कोर्स उपलब्ध नहीं है तो वे यूनिवर्सिटी की कॉलेज लिस्ट से किसी ऐसे कॉलेज में पढ़ने का विकल्प का चयन कर सकते हैं जहाँ चार साल का ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स उपलब्ध हो।
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