Kargil Vijay Diwas 2023 : जानिये इतिहास में क्यों खास है 26 जुलाई का दिन

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Kargil Vijay Diwas 2023

Kargil Vijay Diwas 2023: कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas ) 1999 में कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक जीत के बाद हर वर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है। भारतीय सेना ने टाइगर हिल और अन्य चौकियों पर कब्जा करने वाले पाकिस्तानी घुसपैठियों को वहां से भगा दिया था।

यह कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला था, इसलिए कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान में यह दिवस मनाया जाता है।

कारगिल युद्ध का इतिहास

1971 में भारत पाक युद्ध के बाद से ही दोनों देशों के बीच युद्ध होते रहे। भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर पर आधिपत्य को लेकर कश्मीर में शांतिपूर्ण समाधान का वादे के तहत फरवरी 1999 में हस्ताक्षर किए गए, लेकिन वादे के बाद भी नियंत्रण रेखा के पार भारतीय क्षेत्र में पाक की घुसपैठ होती रही।

इन वीर जवानों का रहा योगदान

बता दें कि कैप्टन विक्रम बत्रा, ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव, मेजर राजेश सिंह अधिकारी, राइफलमैन संजय कुमार, मेजर विवेक गुप्ता, कैप्टन एन केंगुर्सू, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, लेफ्टिनेंट बलवान सिंह, लेफ्टिनेंट कीशिंग क्लिफोर्ड नोंगेरम, नायक दिगेंद्र कुमार और कई अन्य सैनिक हैं। इनके ही योगदान से ऑपरेशन विजय सफल बना। 2023 में हम 24वां कारगिल विजय दिवस मना रहे हैं।

कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है?

3 मई 1999 को शुरू हुआ कारगिल युद्ध 2 महीने तक चला और 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना की जीत के साथ समाप्त हुआ। इसलिए भारतीय सैनिकों की याद में प्रत्येक वर्ष इस दिवस को मनाया जाता है।

कारगिल युद्ध तिथि

कारगिल युद्ध तिथि3 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक
कारगिल विजय दिवस तिथि26 जुलाई 1999
2023 में कारगिल विजय दिवस को कितने वर्ष हो जाएंगे 24वां वर्ष

26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक अपना लक्ष्य तो हासिल कर लिया, लेकिन इस युद्ध के दौरान 500 से अधिक सैनिकों की जान चली गई।

भारतीय सैनिकों के सम्मान में अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों को भेज सकते हैं यह संदेश-

“या तो मैं तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा, या फिर तिरंगे में लिपटकर वापस आऊंगा, लेकिन मैं वापस जरूर आऊंगा” कैप्टन विक्रम बत्रा
“सैनिक सिर्फ एक इंसान नहीं होता, हमारी शान होता है, सेना हमारी शान होती है, हमारा कमाया हुआ सम्मान होता हैकौशिक धकाते
“अगर मेरे खून को साबित करने से पहले मौत आ गई, तो मैं कसम खाता हूं कि मैं मौत को मार डालूंगा” लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे
ऐ मातृभूमि तेरी जय हो, सदा विजय हो प्रत्येक भक्त तेरा, सुख-शांति-कान्तिमय होराम प्रसाद बिस्मिल
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैदेखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में हैबिस्मिल अजीमाबादी 
तेरे शहीद को दूल्हा बना हुआ देखातेरे शहीद को दूल्हा बना हुआ देखारवाँ जनाज़े के पीछे बरात कितनी है
बेख़ुद देहलवी
लहू वतन के शहीदों कालहू वतन के शहीदों का रंग लाया है उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी फ़िराक़ गोरखपुरी
“स्वतंत्रता की रक्षा करना, अकेले सैनिकों का काम नहीं है। पूरे देश को मजबूत होना होगा।” लाल बहादुर शास्त्री
“एक सैनिक के लिए सबसे कठिन काम पीछे हटना है।” ड्यूक ऑफ वेलिंगटन
विजेता वो नहीं होते जो कभी फेल नहीं होते, बल्कि वो होते हैं जो कंही हार नहीं मानतेए पी जे अब्दुल कलाम

आशा करते हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Kargil Vijay Diwas के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। कारगिल दिवस के अन्य ब्लाॅग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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