Kamleshwar Ka Jivan Parichay : कमलेश्वर स्वातंत्र्योत्तर काल में हिंदी जगत के विख्यात साहित्यकारों में से एक माने जाते हैं। इसके साथ ही वह आधुनिक हिंदी साहित्य में ‘नई कहानी आंदोलन’ के प्रमुख रचनाकारों में एक थे जिनमें ‘राजेंद्र यादव’ और ‘मोहन राकेश’ जैसे प्रतिष्ठित रचनाकार शामिल थे, जिन्होंने मिलकर ‘नई कहानी आंदोलन’ को एक नया आयाम दिया। कमलेश्वर जी ने हिंदी गद्य साहित्य में कई विधाओं में साहित्य का सृजन किया हैं जिसमें कहानी, उपन्यास, नाटक, संस्मरण, स्तंभ लेखन व पटकथा लेखन शामिल हैं। बता दें कि वह दूरदर्शन के महानिदेशक के रूप में अपनी सेवाएं देने के साथ ही कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन कार्य भी कर चुके हैं जिनमें ‘दैनिक जागरण’, ‘सारिका‘ व ‘गंगा’ प्रमुख हैं।
वहीं, आधुनिक हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में ‘पद्म भूषण’ और ‘कितने पाकिस्तान‘ (उपन्यास) के लिए वर्ष 2003 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका हैं। बता दें कि उनकी कई रचनाओं को स्कूल के साथ ही बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। इसके साथ ही बहुत से साहित्य के शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की हैं।
UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी कमलेश्वर का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब इस लेख में सुप्रसिद्ध साहित्यकार कमलेश्वर का जीवन परिचय (Kamleshwar Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मूल नाम | कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना |
विख्यात | कमलेश्वर (Kamleshwar) |
जन्म | 06 जनवरी, 1932 |
जन्म स्थान | मैनपुरी जिला, उत्तर प्रदेश |
पिता का नाम | श्री जगदंबा प्रसाद |
माता का नाम | श्रीमती शांतिदेवी |
पत्नी का नाम | श्रीमती गायत्री |
शिक्षा | एम.ए (हिंदी) |
पेशा | लेखक, पत्रकार, दूरदर्शन के महानिदेशक (सेवानिवृत) |
भाषा | हिंदी |
साहित्य काल | आधुनिक काल |
विधाएँ | उपन्यास, कहानी, नाटक, संस्मरण, पटकथा लेखन आदि। |
उपन्यास | एक सड़क सत्तावन गलियाँ, डाक बंगला, समुद्र में खोया हुआ आदमी, तीसरा आदमी आदि। |
कहानी-संग्रह | जॉर्ज पंचम की नाक, इतने अच्छे दिन, मांस का दरिया आदि। |
नाटक | रेत पर लिखे नाम, अधूरी आवाज |
संस्मरण | जो मैंने जिया, जलती हुई नदी, यादों के चिराग |
विशेष | कमलेश्वर जी ने कई हिंदी फिल्मों में पटकथा, संवाद व कहानियां लिखी जिनमें राम बलराम, सौतन की बेटी, मौसम, आंधी जैसी कई फिल्में शामिल हैं। |
पुरस्कार | ‘पद्म भूषण’ (वर्ष 2005) व ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ (वर्ष 2003) |
निधन | 27 जनवरी, 2007 फरीदाबाद, हरियाणा |
This Blog Includes:
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ था जन्म – Kamleshwar Ka Jivan Parichay
हिंदी जगत के प्रसिद्ध लेखक कमलेश्वर का जन्म 6 जनवरी, 1932 को उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘श्री जगदंबा प्रसाद’ व माता का नाम ‘श्रीमती शांतिदेवी’ था। वह सात भाई थे जिनमें कमलेश्वर ही सबसे छोटे थे। बता दें कि जब कमलेश्वर मात्र 3 वर्ष के थे तभी उनके पिता का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। अल्प आयु में पिता का निधन होने से उन्हें अपने पिता का चेहरा भी ठीक से याद न रहा। वहीं इसके बाद पूरे घर की जिम्मेदारी उनके बड़े भाई ‘सिद्दार्थ’ पर आ गयी किंतु कुछ समय बाद उनकी भी मृत्यु हो गई। जिससे उनके परिवार पर समस्याओं का पहाड़ टूट पड़ा और उनका बचपन कई कठिनाइयों का सामना करते बीता।
यह भी पढ़ें – आधुनिक हिंदी साहित्य में प्रसिद्ध साहित्यकार ‘निर्मल वर्मा’ का संपूर्ण जीवन परिचय
हिंदी साहित्य में किया एम.ए
कमलेश्वर (Kamleshwar) की प्रारंभिक शिक्षा मैनपुरी के गवर्मेंट हाईस्कूल से शुरू हुई थी, किंतु उन्हें शिक्षा के दौरान आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ा और इन तकलीफों से जूझते हुए उन्होंने अपनी बी.ए की परीक्षा पास की। इसके पश्चात् उन्होंने वर्ष 1954 में ‘इलाहाबाद विश्वविद्यालय‘ से हिंदी साहित्य में एम.ए की डिग्री हासिल की। इसी समय उनका लेखन के क्षेत्र में पर्दापण हुआ जो उनके जीवन के अंत तक जारी रहा।
यह भी पढ़ें – प्रसिद्ध आंचलिक साहित्यकार ‘फणीश्वर नाथ रेणु’ का संपूर्ण जीवन परिचय
वैवाहिक जीवन
कमलेश्वर जी की पत्नी का नाम ‘गायत्री’ है, जिनसे उनका विवाह वर्ष 1958 में उत्तर प्रदेश के फतेहगढ़ में हुआ था। बता दें कि जब उनका विवाह हुआ तब वह 27 वर्ष के थे। वह अपनी पत्नी का अपना सबसे घनिष्ट मित्र मानते थे वहीं जो स्थान उनके जीवन में उनकी माँ व उनके मित्र ‘मोहन राकेश’ व ‘दुष्यंत कुमार’ का था वही स्थान उनकी पत्नी का भी था।
विस्तृत रहा कार्यक्षेत्र
कमलेश्वर जी (Kamleshwar) ने लेखन कार्य के साथ कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन कार्य भी किया जिनमें ‘दैनिक जागरण’, ‘नई कहानी’, ‘सारिका’, ‘श्रीवर्षा’, ‘इंगित’ जैसी लोकप्रिय पत्रिकाएं शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने तकरीबन 99 फिल्मों में कहानियां, संवाद व पटकथाएं लिखी हैं। इनमें से कुछ प्रसिद्ध फिल्मों के नाम है, ‘राम बलराम’, ‘आँधी’, ‘मौसम’, ‘रंग बिरंगी’, ‘यह देश’ आदि। बता दें कि कमलेश्वर जी ने कई वर्षों तक सरकारी नौकरी की इसके साथ ही उन्होंने दूरदर्शन के महानिदेशक भी रहे।
यह भी पढ़ें – उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का संपूर्ण जीवन परिचय
कमलेश्वर की साहित्यिक रचनाएँ – Kamleshwar Ki Rachnaye
कमलेश्वर (Kamleshwar Ka Jivan Parichay) हिंदी साहित्य जगत में वह मशहूर नाम नाम है जिनकी रचनाओं को छठे दशक में सबसे अधिक पढ़ा गया। वहीं स्वातंत्र्योत्तर काल में हिंदी कथा साहित्य में उनका विशेष योगदान रहा है जहाँ उन्होंने साहित्य की कई विधाओं में साहित्य का सृजन किया है। यहाँ उनकी संपूर्ण रचनाओं को विस्तार से बताया जा रहा है, जो कि इस प्रकार हैं:-
उपन्यास
- एक सड़क सत्तावन गलियाँ- वर्ष 1957
- तीसरा आदमी- वर्ष 1976
- डाक बंगला – वर्ष 1959
- समुद्र में खोया हुआ आदमी- वर्ष 1967
- काली आँधी- वर्ष 1974
- आगामी अतीत – वर्ष 1976
- सुबह दोपहर शाम – वर्ष 1982
- रेगिस्तान- वर्ष 1988
- लौटे हुए मुसाफ़िर- वर्ष 1961
- वही बात- वर्ष 1980
- एक और चंद्रकांता
- कितने पाकिस्तान- वर्ष 2000
कहानी-संग्रह
- राजा निरबंसिया – वर्ष 1957
- कस्बे का आदमी – वर्ष 1958
- जॉर्ज पंचम की नाक
- खोई हुई दिशाएँ – वर्ष 1963
- मांस का दरिया – वर्ष 1966
- इतने अच्छे दिन
- जिंदा मुर्दे
- कोहरा
- बयान
- मेरी प्रिय कहानियाँ
- कमलेश्वर की श्रेष्ठ कहानियाँ
- कथा प्रस्थान
- दस प्रतिनिधि कहानियाँ
यह भी पढ़ें – शीर्षस्थ लेखक एवं पत्रकार रवींद्र केलेकर का जीवन परिचय
कमलेश्वर की कहानियां – Kamleshwar Ki Kahaniyan
यहाँ कमलेश्वर का जीवन परिचय (Kamleshwar Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी कुछ लोकप्रिय कहानियों के बारे में भी बताया गया हैं:-
- कस्बे का आदमी
- दिल्ली में एक मौत
- राजा निरबंसिया
- गर्मियों के दिन
- मांस का दरिया
- खोई हुई दिशाएं
नाटक
- अधूरी आवाज
- रेत पर लिखे नाम
- चारुलता
यात्रा वृतांत
- कश्मीर: रात के बाद
- देश-देशांतर
समीक्षा ग्रंथ
- नयी कहानी की भूमिका
- मेरा पन्ना
आत्मकथात्मक संस्मरण
- आधार शिलाएँ – 1
- जो मैंने किया
संपादन
- मेरा हमदम: मेरा दोस्त
- समांतर – 1
साक्षात्कार
- मेरे साक्षात्कार
संस्मरण
- अपनी निगाह में
पत्रकारिता
- दैनिक जागरण – समाचार पत्र
- इंगित – साप्ताहिक
- नई कहानी – मासिक
- सारिका – मासिक
- श्रीवर्षा – साप्ताहिक
- गंगा – मासिक
- कथामात्रा – मासिक
यह भी पढ़ें – हिंदी साहित्य के विख्यात साहित्यकार ‘धर्मवीर भारती’ का संपूर्ण जीवन परिचय
पुरस्कार एवं सम्मान
कमलेश्वर (Kamleshwar Ka Jivan Parichay) को आधुनिक हिंदी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं :-
- पद्म भूषण – 2005
- कितने पाकिस्तान, उपन्यास के लिए कमलेश्वर को वर्ष 2003 में प्रतिष्ठित ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
फरीदाबाद में हुआ था निधन
कमलेश्वर जी अपने युग के सत्य को अपनी रचनाओं के माध्यम से बखूबी व्यक्त किया है। एक लेखक के रूप में उन्हें जितनी प्रसिद्धि मिली उतनी ही ख्याति उन्हें एक संपादक के रूप में भी मिली। वहीं उनके अधिकतर उपन्यासों पर कई फिल्में भी बनी जिन्हें दर्शकों में बहुत पसंद किया। कमलेश्वर जी ने अपना संपूर्ण जीवन साहित्य की साधना में लगा दिया था जो उनके जीवन के अंतिम समय तक जारी रहा। किंतु इस महान रचनाकार ने 74 वर्ष की आयु में 27 जनवरी 2007 को फरीदाबाद में अपने निवास स्थान सदा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन हिंदी साहित्य में जगत में उन्हें और उनकी अनुपम कृतियों को हमेशा याद किया जाएगा।
FAQs
कमलेश्वर का मूल नाम ‘कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना’ था।
कमलेश्वर का जन्म 6 जनवरी, 1932 को उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था।
यह कमलेश्वर जी का बहुचर्चित उपन्यास है जिसका प्रकाशन वर्ष 2000 में हुआ था।
बता दें कि यह कमलेश्वर जी का चर्चित कहानी-संग्रह है।
प्रसिद्ध लेखक व पत्रकार कमलेश्वर का निधन 27 जनवरी 2007 को फरीदाबाद, हरियाणा में हुआ था।
राजा निरबंसिया, कमलेश्वर का पहला कहानी संग्रह है जिसका प्रकाशन वर्ष 1957 में हुआ था।
कमलेश्वर की पत्नी का नाम ‘गायत्री’ था।
दिल्ली में एक मौत, कमलेश्वर की लोकप्रिय कहानी है।
कमलेश्वर की माता का नाम ‘शांतिदेवी’ जबकि पिता का नाम ‘जगदंबा प्रसाद’ था।
कितने पाकिस्तान, एक सड़क सत्तावन गलियाँ (उपन्यास) राजा निरबंसिया, कस्बे का आदमी और जॉर्ज पंचम की नाक (कहानी-संग्रह) उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं।
आशा है कि आपको हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार कमलेश्वर का जीवन परिचय (Kamleshwar Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचयको पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।