जब भी मुगल साम्राज्य की बात होती है, तो मशहूर मुगल शासकों के नाम जैसे बाबर, शाहजहां, हुमायूं के नाम सामने आते हैं। मध्यकालीन युग में इन सभी बादशाहों में से सबसे लोकप्रिय और शक्तिशाली बादशाह अकबर रहे हैं, जिनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है। ऐसे में आज हम अकबर और उनकी सबसे पसंदीदा पत्नी जोधा बाई के बारे में बताने जा रहे है जिसकी मिसाल आज भी दी जाती है। हममें से बहुत लोग जोधा अकबर की प्रेम कहानी से वाकिफ होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि सच्चाई क्या है? अगर नहीं, तो आईये इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको इसकी जानकारी देते हैं।
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कौन था मुगल वंश का सबसे शक्तिशाली शासक अकबर?
बादशाह अकबर जिसे ‘अबुल-फतह जलाल उद-दिन मुहम्मद अकबर’ के नाम से भी जाना जाता हैं। अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को सिंध के राजपूत किले, अमरकोट में हुआ था। अकबर मुगल वंश के सबसे शक्तिशाली शासकों में शुमार था। मात्र 13 वर्ष की उम्र में ही उन्हें शासक बना दिया गया। अपने शासनकाल के दौरान अकबर ने भारतीय उपमहाद्धीप के ज्यादातर हिस्सों पर अपना साम्राज्य स्थापित किया और मुग़ल वंश के लिए कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कार्य करवाए। अकबर एक ऐसा राजा था जो सभी धर्मों के प्रति सहिष्णु था। उसने हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों को प्यार से स्वीकार किया। अकबर की कई पत्नियां थीं जो अधिकांश दूसरे धर्मों की थीं। अकबर की इन्हीं पत्नियों में से एक थी जोधा बाई जिनके बारे में आपको इस ब्लॉग के माध्यम से जानकारी प्राप्त होगी।
कौन थी जोधा बाई?
जोधाबाई के बारे में इतिहास में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है लेकिन कुछ तथ्यों एवं रिसर्च से मिली जानकारी के मुताबिक जोधा को हीरा कुंवारी और हरका बाई के नाम से भी जाना जाता था। इनका जन्म 1 अक्टूबर, 1542 को आमेर (जयपुर) में हुआ था। वह एक हिंदू राजकुमारी थीं जो आमेर के राजा भारमल की पुत्री और अकबर की तीसरी पत्नी थी। 6 फरवरी, 1562 को 20 साल की उम्र में जोधाबाई का विवाह मुग़ल शासक अकबर से हुआ। शादी के बाद वह सम्राट अकबर की प्रमुख पत्नियों में से एक बन गईं और वर्ष 1569 में उन्होंने राजकुमार सलीम (सम्राट जहाँगीर) को जन्म दिया जिसके बाद उन्हें”मरियम-उज़-ज़मानी” की उपाधि से सम्मानित किया गया।
कैसे हुई जोधा अकबर की शादी?
जोधा बाई जो एक हिंदी राजकुमारी थी और सम्राट अकबर, जो एक मुगल बादशाह थे, इन दोनों की शादी के पीछे राजनैतिक कारण बताये जाते हैं। इतिहासकारों के मुताबिक, जोधा बाई के पिता राजा भारमल ने मुगलों के साथ अपने रिश्ते अच्छे बनाने के लिए अपनी बेटी की शादी का प्रस्ताव अकबर के पास भेजा था और अकबर ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर जोधाबाई से शादी कर ली। इस तरह सम्राट अकबर ने कई राजकुमारियों से विवाह किया लेकिन ऐसा कहा जाता है कि वह सबसे अधिक प्रेम जोधाबाई से ही करते थे। इसीलिए जोधा को अकबर के पहले और आखिरी प्यार के रूप में भी जाना जाता है।
6 फरवरी, 1962 को मुगल बादशाह अकबर के साथ जोधा का विवाह भले ही राजनैतिक समझौते के तहत हुआ था लेकिन जोधा, मुगल सम्राट अकबर की सबसे प्रिय पत्नी थी, जिन्हें वह काफी सम्मान देते थे। जोधा एक हिन्दू राजकुमारी थी, ऐसे में अकबर उनके धर्म का काफी सम्मान करते थे। उन्होंने जोधा को कभी मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए बाध्य नहीं किया, बल्कि अकबर खुद ही अपने मुगल शाही महल में हिन्दू रीति-रिवाज एवं पूजा-पाठ की गतिविधियों में शामिल होते थे। वहीं जोधाबाई भी मुगल सम्राट अकबर की भावनाओं का आदर करती थी और उन्हें भी मान-सम्मान देती थीं।
हालांकि, कई इतिहासकारों का मानना है कि जोधा का किरदार काल्पनिक है जो इतिहास में कहीं भी देखने को नहीं मिलता है जबकि कई इतिहासकार इन दोनों की कहानी को पूरी तरह सच मानते हैं। इनकी अटूट प्रेम कहानी को लेकर फिल्म एवं मशहूर सीरियल भी बन चुके हैं।
राजा भारमल और अकबर के संबंध
भारमल राजा पृथ्वीराज कछवाहा के पुत्र थे। इतिहासकार ‘टॉड’ ने लिखा है। ये आमेर के शासक थे। अकबर की अधीनता स्वीकार करने वाले तथा अकबर की शाही मनसबदारी मे प्रवेश करने वाले पहले राजपूत शासक थे। इन्होंने हाजी खाँ विद्रोही के विरुद्ध मजनूँ खाँ की सहायता की थी, इसलिये मजनूँ खाँ ने मुगल सम्राट् अकबर से इन्हें दरबार में बुलवाने की प्रार्थना की ये फतेहपुर सीकरी मे मिलने गये और पहली भेंट में ही इनका बादशाह पर अच्छा प्रभाव पड़ा और इन्हें अकबर की सेवा का अवसर मिला। बाद में इनका भाई रूपसी भी मुगल सम्राट् की सेवा में उपस्थित हुआ। इन्होंने अपनी पुत्री भारमली/हरखाबाई का विवाह सम्राट् अकबर से कर दिया।
FAQs
राजनीतिक कारणों के चलते अकबर ने कई राजपूत राजकुमारियों से शादी की थी हालांकि उनमें से उनकी सबसे लोकप्रिय पत्नी जोधा बाई थी।
जहाँगीर अकबर और जोधाबाई का पुत्र था। जहाँगीर का वास्तविक नाम “नूर आई दीन मुहम्मद सलीम” था।
जहांगीर, अकबर के बाद मुगल साम्राज्य का सबसे महान बादशाह रहा है।
अकबर का पूरा नाम ‘अबुल-फतह जलाल उद-दिन मुहम्मद अकबर’ था।
आशा है कि आपको जोधा अकबर के बारे में जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही इतिहास से संबंधित अन्य ब्लॉग्स को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।