इंडियन स्पेश रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विकसित करना और विभिन्न राष्ट्रीय आवश्यकताओं के लिए इसका अनुप्रयोग करना है। चंद्रयान-3 की लाॅन्चिंग के बाद इसरो गगनयान और सूर्य मिशन पर काम कर रहा है, लेकिन ये मिशन क्यों लाॅन्च किए जा रहे हैं, इनकी लागत और उद्देश्य क्या है आदि के बारे में हमें जानकारी होना आवश्यक है, इसलिए इस ब्लाॅग में आप इसरो मिशन के बारे में विस्तृत जानेंगे।
आगामी मिशन के नाम | सूर्य मिशन, गगनयान मिशन |
बाॅडी | ISRO |
चंद्रयान-3 मिशन लाॅन्चिंग डेट | 14 जुलाई |
सूर्य मिशन लाॅन्चिग डेट | अभी तय नहीं |
गगनयान लाॅन्चिंग डेट | अभी तय नहीं |
शुक्रयान लाॅन्चिग डेट | अभी तय नहीं |
निसार मिशन लाॅन्चिग डेट | जनवरी 2024 (संभावित) |
एक्सपोसैट मिशन लाॅन्चिग डेट | अभी तय नहीं |
ऑफिशियल वेबसाइट | isro.gov.in |
This Blog Includes:
इसरो मिशन क्या है?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भारत की अंतरिक्ष एजेंसी है। पहले इसरो को भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इन्कोस्पार) के नाम से जाना जाता था, जिसे डॉ. विक्रम ए. साराभाई की दूरदर्शिता पर 1962 में भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया था। अपनी तकनीकी प्रगति के साथ, इसरो देश में विज्ञान और विज्ञान संबंधी शिक्षा में योगदान देता है। चंद्रयान-3 की लाॅन्चिग के बाद सूर्य मिशन और गगनयान मिशन पर इसरो के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- Artemis Program : NASA का आर्टेमिस प्रोग्राम क्या है?
इसरो मिशन लिस्ट
इसरो 2023-2024 में कई स्पेश मिशन पर काम कर रहा है और इसमें से कुछ संयुक्त मिशन हैं, यहां इसरो मिशन की लिस्ट दी गई हैः
- इसरो मिशन- चंद्रयान-3
- इसरो मिशन- गगनयान
- इसरो मिशन- सूर्य मिशन
- इसरो मिशन- शुक्रयान
- इसरो-नासा मिशन- निसार मिशन
- इसरो मिशन- एक्सपोसैट मिशन।
इसरो मिशन- चंद्रयान-3
ISRO ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 लॉन्च किया है। चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही अगला चरण है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। लॉन्चिंग के बाद Chandrayaan-3 ने 4 चरण सफलता पूर्वक पूरे कर लिए हैं। चंद्रयान-3 को LVM3-M4 रॉकेट से लॉन्च किया गया और इसे पहले GSLV MK-III के नाम से जाना जाता था।
इसरो मिशन- गगनयान
इसरो का गगनयान मिशन पर काफी समय से काम चल रहा है। गगनयान का लक्ष्य पृथ्वी से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में पहुंचना है। यह भारतीय अंतरिक्ष संगठन (ISRO) द्वारा 2024 तक 5 से लेकर 7 दिनों के लिए तीन सदस्यीय दल को अंतरिक्ष में भेजने का एक मिशन है।
सफल टेस्टिंग और अनक्रूड मिशन के रिजल्ट के आधार पर 2024 के अंत तक गगनयान मिशन की लाॅन्चिंग की योजना है। गगनयान मिशन के लिए भारतीय वायुसेना को अंतरिक्ष यात्री चुनने का काम दिया गया गया था।
इसरो मिशन- सूर्य मिशन
भारत की स्पेश ऑर्गनाईजेशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आदित्य L1 मिशन लाॅन्च करेगा। यह सूर्य की स्टडी करने वाला इंडिया का पहला साइंस मिशन है। इसके अलावा सौर पवन की उत्पत्ति की स्टडी और अंतरिक्ष मौसम पर प्रभाव की स्टडी भी करेगा।
ISRO पेलोड समेत सभी उपकरण कंप्लीट कर चुका है और भी कई तरह के टेस्ट कंप्लीट हो चुके हैं। 2008 में इसरो ने इसे आदित्य-1 नाम से घोषित किया था। जर्मनी, अमेरिका और यूरोपीय स्पेश एजेंसी के बाद भारत सूर्य के पास अंतरिक्ष यान भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
यह भी पढ़ें- Aditya-L1 Mission : आदित्य L1 मिशन क्या है और यह कब लाॅन्च होगा?
इसरो मिशन- शुक्रयान
चंद्रयान की लाॅन्चि के बाद इसरो शुक्रयान पर भी तेजी से काम कर रहा है। इस मिशन को शुक्र ग्रह पर भेजा जाएगा। यह मिशन 2024 में लांच हो सकता है। यदि 2028 तक भारत इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लेता है तो वह शुक्र ग्रह पर जाने वाला पहला देश बनेगा।
इसरो-नासा मिशन- निसार मिशन
निसार मिशन को 2014 में पार्टनरशिप के तहत अमेरिका और भारत की स्पेश एजेंसियों की ओर से तैयार किया गया है। इस मिशन की जनवरी 2024 में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निकट-ध्रुवीय कक्षा में लॉन्चिग करने की योजना है। यह 6 से 12 दिनों में विश्व स्तर पर सतह की मिट्टी की नमी के मानचित्र देगा।
इसरो मिशन- एक्सपोसैट मिशन
भारत की स्पेश एजेंसी एक्सपोसैट मिशन जल्द ही लाॅन्च करेगा। एक्सपोसैट (एक्स-रे ध्रुवणमापी उपग्रह) चरम स्थितियों में उज्ज्वल खगोलीय एक्स-रे स्रोतों की का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला समर्पित ध्रुवणमापी मिशन है। प्राइमरी पैलोड पोलिक्स (एक्स-रे में ध्रुवणमापी उपकरण) खगोलीय मूल के 8-30 केवी फोटॉन के मध्यम एक्स-रे ऊर्जा रेंज में ध्रुवणमापी प्राचल (ध्रुवीकरण की डिग्री और कोण) को मापेगा। अंतरिक्ष यान पृथ्वी की निचली कक्षा में दो वैज्ञानिक पैलोड ले जाएगा।
इसरो का अध्यक्ष कौन है?
श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ एक भारतीय एयरोस्पेस इंजीनियर हैं, जो इस समय भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष हैं। सोमनाथ ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम के निदेशक और तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र, तिरुवनंतपुरम के निदेशक के रूप में कार्य किया है।
इसरो का इतिहास क्या है?
इसरो के मिशन के अलावा कई बार परीक्षाओं और इंटरव्यू में इसरो के बारे में पूछा जाता है, इसलिए इसरों का इतिहास इस प्रकार हैः
- डॉ. विक्रम साराभाई द्वारा 1969 में इसरो की स्थापना की गई। उन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक भी माना जाता है।
- डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर चन्द्रयान 2 के लैंडर को ‘विक्रम लैंडर’ कहा गया।
- आर्यभट्ट इसरो का पहला उपग्रह था, जिसे 19 अप्रैल 1975 को रूस की मदद से लॉन्च किया गया था।
- चंद्रयान 1 मिशन चंद्रमा के खनिज विज्ञान, भूविज्ञान के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए 2008 में भारत का पहला चंद्र मिशन लॉन्च किया गया था।
- MOM या मार्स ऑर्बिटर मिशन इसरो की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
- इसरो दुनिया भर की 6 अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक है जो अपनी धरती से उपग्रह बनाने और लॉन्च करने की क्षमता रखती है।
इसरो के प्रमुख केंद्र क्या हैं?
देश भर में इसरो 6 प्रमुख केंद्र और कई अन्य इकाइयां, एजेंसी, सुविधाएं और प्रयोगशालाएं हैं, जिनकी लिस्ट इस प्रकार दी गई हैः
- विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) तिरुवनंतपुरम।
- यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) बेंगलुरु।
- सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी-शार) श्रीहरिकोटा
- द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) तिरुवनंतपुरम, बेंगलुरु और महेंद्रगिरी में
- अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (सैक), अहमदाबाद।
- राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी), हैदराबाद।
इसरो का केंद्र कहां है?
इसरो का मुख्यालय बेंगलुरु में है। इसकी गतिविधियां कई केंद्रों और इकाइयों में की जा रही हैं। इसरो की गतिविधियों का मार्गदर्शन इसके अध्यक्ष द्वारा किया जाता है। इसरो का प्रमुख उद्देश्य स्पेश टेक्नोलाॅजी का डेवलपमेंट और नेशनल रिक्वायरमेंट में उनका उपयोग करना है।
FAQs
ISRO की फुल फाॅर्म Indian Space Research Organization है।
आदित्य L1 को लॉन्च करने की डेट की अभी तक ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं की गई है, इसे जुलाई में लाॅन्च किया जा सकता है।
आदित्य मिशन को लॉन्च करने की डेट की अभी तक ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं की गई है, इसे 2024 में लाॅन्च किया जा सकता है।
निसार मिशन नासा और इसरो का संयुक्त मिशन है, जिसे जल्द ही लाॅन्च किया जाएगा।
आर्टेमिस-I मिशन (Artemis Program) की नवंबर 2022 में लॉन्चिग की गई थी। NASA Moon Mission (आर्टेमिस-1) मानवरहित मिशन होगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 चंद्रमा मिशन लॉन्च किया है।
उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको Gaganyaan Mission in Hindi की पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।