क्या आपके संस्कृत के अध्यापक ने कभी आपको Geeta Shabd Roop लिखने या कक्षा में सुनाने के लिए कहा है? या आपने उन्हें ये कहते सुना है कि गीता शब्द रूप बहुत महत्वपूर्ण है। Geeta Shabd Roop छोटी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक पूछा जाता है क्योंकि यह संस्कृत की नींव है। आपको बता दें कि इससे जुड़े हुए प्रश्न कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। Shabd Roop के जरिए हम किसी भी शब्द का प्रयोग सही ढंग से कर सकते हैं और उसका अर्थ भी सही से समझ सकते हैं। इस ब्लॉग में Geeta Shabd Roop Sanskrit mein, शब्द रूप किसे कहते हैं?, शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?, गीता शब्द रूप कैसे याद करें? जानेंगे।
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आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द किसे कहते हैं?
गीता शब्द आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा का रूप है। जो शब्द आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा के होते हैं उनके शब्द रूप एक प्रकार से ही बनते हैं।
- आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द : आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द वे शब्द होते हैं जो स्त्रीलिंग होते हैं और जिनके अंत में “आ” ध्वनि होती है।
- आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा के उदाहरण : भिक्षा, निशा, जरा, बाला, धरा, राधा, सीता, लता, माला, नासिका, अवस्था, अध्यापिका, क्रीडा, कला, कविता, क्षमा, नौका, कोयल, कृपा, गायिका, कोकिला, गोपिका, चटका, चिड़िया, छाया, छात्रा, छाता, जनता, तारा, दया, दुर्गा, रमा, दशा, नर्मदा, नायिका, गीता, अजा, पत्रिका, पुस्तिका, बाला, बालिका, भाषा, माया, महिला, यात्रा, यमुना आदि सभी शब्द आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा हैं।
शब्द रूप किसे कहते हैं?
जैसा कि हम उच्चारण से समझ सकते हैं शब्द रूप अर्थात एक शब्द के विभिन्न रूप होते हैं। शब्द रूप की परिभाषा यह है कि शब्द के विभिन्न विभक्तियों में होने वाले परिवर्तन को शब्द रूप कहते हैं। शब्द रूप व्याकरण का एक महत्वपूर्ण विषय है, इसे याद करने से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि किसी शब्द का प्रयोग विभक्ति और वचन के अनुसार किस प्रकार किया जाता है।
शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?
शब्द रूपों को मुख्यता दो भागों में बांटा जाता है-
- विकारी शब्द रूप: विकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप बदबलिके हैं।
- अविकारी शब्द रूप: अविकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप नहीं बदबलिके हैं।
गीता शब्द रूप संस्कृत में (Geeta Shabd Roop Sanskrit Mein)
गीता शब्द रूप (Geeta Shabd Roop) समझ लेने से संस्कृत में वचन के अनुसार वाक्यों में इसका प्रयोग करना आसान हो जाता है, जो इस प्रकार हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | गीता | गीते | गीताः |
द्वितीया | गीताम् | गीते | गीताः |
तृतीया | गीतया | गीताभ्याम् | गीताभिः |
चतुर्थी | गीतायै | गीताभ्याम् | गीताभ्यः |
पंचमी | गीतायाः | गीताभ्याम् | गीताभ्यः |
षष्ठी | गीतायाः | गीतयोः | गीतानाम् |
सप्तमी | गीतायाम् | गीतयोः | गीतासु |
सम्बोधन | हे गीते! | हे गीते! | हे गीताः! |
गीता शब्द के रूप कैसे याद करें?
गीता शब्द रूप को नीचे दी गई टेबल में दिए सुबन्त के प्रत्यय लगाकर या किसी भी आकारांत स्त्रीलिंग शब्द रूप को आसानी से लिखा जा सकता है –
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | आ | इ | आः |
द्वितीया | आम् | इ | आः |
तृतीया | अया | आभ्याम् | आभि: |
चतुर्थी | आयै | आभ्याम् | आभ्य: |
पंचमी | आयाः | आभ्याम् | आभ्य: |
षष्ठी | आयाः | अयो: | आनाम्/आणाम् |
सप्तमी | आयाम् | अयो: | आसु |
आप ऊपर दी गई टेबल के माध्यम से शब्द के अंत में उपरोक्त प्रत्यय लगाकर शब्द रूप लिख सकते हैं। कुछ इस प्रकार से इसका योग होगा –
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | गीता + आ = गीता | गीता + इ = गीते | गीता + आः = गीताः |
द्वितीया | गीता + आम् = गीताम् | गीता + इ = गीते | गीता + आ: = गीताः |
तृतीया | गीता + अया = गीतया | गीता + आभ्याम् = गीताभ्याम् | गीता + आभि: = गीताभि: |
चतुर्थी | गीता + आयै = गीतायै | गीता + आभ्याम् = गीताभ्याम् | गीता + आभ्य: = गीताभ्य: |
पंचमी | गीता + आयाः = गीतायाः | गीता + आभ्याम् = गीताभ्याम् | गीता + आभ्य: = गीताभ्य: |
षष्ठी | गीता + आयाः = गीतायाः | गीता + अयो: = गीतयोः | गीता + आनाम्/आणाम् = गीतानाम् |
सप्तमी | गीता + आयाम् = गीतायाम् | गीता + अयो: = गीतयोः | गीता + आसु = गीतासु |
अकारान्त पुल्लिंग के शब्द रूप से संबंधित
- बालक शब्द रूप
- राम शब्द रूप
- ब्राह्मण शब्द रूप
- वृक्ष शब्द रूप
- गज शब्द रूप
- सूर्य शब्द रूप
- देव शब्द रूप
- मानव शब्द रूप
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- मयूर शब्द रूप
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- विद्यालय शब्द रूप
आकारांत स्त्रीलिंग के शब्द रूप से संबंधित
- लता शब्द रूप
- माता शब्द रूप
- बालिका शब्द रूप
- कविता शब्द रूप
- विद्या शब्द रूप
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- माला शब्द रूप
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- अजा शब्द रूप
- पत्रिका शब्द रूप
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उम्मीद है आप सभी को Geeta Shabd Roop Sanskrit mein समझ आए होंगे। संस्कृत व्याकरण के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।