क्या आपके संस्कृत के अध्यापक ने कभी आपको Ganga Shabd Roop लिखने या कक्षा में सुनाने के लिए कहा है? या आपने उन्हें ये कहते सुना है कि गङ्गा/गंगा शब्द रूप बहुत महत्वपूर्ण है। Ganga Shabd Roop छोटी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक पूछा जाता है क्योंकि यह संस्कृत की नींव है। आपको बता दें कि इससे जुड़े हुए प्रश्न कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। Shabd Roop के जरिए हम किसी भी शब्द का प्रयोग सही ढंग से कर सकते हैं और उसका अर्थ भी सही से समझ सकते हैं। इस ब्लॉग में Ganga Shabd Roop Sanskrit mein, आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द किसे कहते हैं?, शब्द रूप किसे कहते हैं? के बारे में जानेंगे।
आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द किसे कहते हैं?
गङ्गा/गंगा शब्द आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा का रूप है। जो शब्द आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा के होते हैं उनके शब्द रूप एक प्रकार से ही बनते हैं।
- आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द : आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द वे शब्द होते हैं जो स्त्रीलिंग होते हैं और जिनके अंत में “आ” ध्वनि होती है।
- आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा के उदाहरण : अवस्था, निशा, जरा, कला, धरा, राधा, गीता, लता, माला, बाला, भिक्षा, अध्यापिका, क्रीडा, दुर्गा, कविता, क्षमा, नौका, कोयल, कृपा, गायिका, कोकिला, गोपिका, चटका, चिड़िया, छाया, नासिका, छाता, जनता, तारा, दया, महिला, रमा, दशा, नर्मदा, नायिका, माया, अजा, पत्रिका, पुस्तिका, बालिका, भाषा, छात्रा, सीता, यात्रा, यमुना आदि सभी शब्द आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा हैं।
शब्द रूप किसे कहते हैं?
जैसा कि हम उच्चारण से समझ सकते हैं शब्द रूप अर्थात एक शब्द के विभिन्न रूप होते हैं। शब्द रूप की परिभाषा यह है कि शब्द के विभिन्न विभक्तियों में होने वाले परिवर्तन को शब्द रूप कहते हैं। शब्द रूप व्याकरण का एक महत्वपूर्ण विषय है, इसे याद करने से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि किसी शब्द का प्रयोग विभक्ति और वचन के अनुसार किस प्रकार किया जाता है।
गङ्गा/गंगा शब्द रूप संस्कृत में (Ganga Shabd Roop Sanskrit Mein)
गङ्गा/गंगा शब्द रूप (Ganga Shabd Roop) समझ लेने से संस्कृत में वचन के अनुसार वाक्यों में इसका प्रयोग करना आसान हो जाता है, जो इस प्रकार हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | गङ्गा | गङ्गे | गङ्गाः |
द्वितीया | गङ्गाम् | गङ्गे | गङ्गाः |
तृतीया | गङ्गया | गङ्गाभ्याम् | गङ्गाभिः |
चतुर्थी | गङ्गायै | गङ्गाभ्याम् | गङ्गाभ्यः |
पंचमी | गङ्गायाः | गङ्गाभ्याम् | गङ्गाभ्यः |
षष्ठी | गङ्गायाः | गङ्गयोः | गङ्गानाम् |
सप्तमी | गङ्गायाम् | गङ्गयोः | गङ्गासु |
सम्बोधन | हे गङ्गे ! | हे गङ्गे ! | हे गङ्गाः ! |
अकारान्त पुल्लिंग के शब्द रूप से संबंधित
- बालक शब्द रूप
- राम शब्द रूप
- ब्राह्मण शब्द रूप
- वृक्ष शब्द रूप
- गज शब्द रूप
- सूर्य शब्द रूप
- देव शब्द रूप
- मानव शब्द रूप
- सुर शब्द रूप
- मयूर शब्द रूप
- कुक्कुर शब्द रूप
- खग शब्द रूप
- नृप शब्द रूप
- वानर शब्द रूप
- तड़ाग शब्द रूप
- गणेश शब्द रूप
- विद्यालय शब्द रूप
- पाद शब्द रूप
आकारांत स्त्रीलिंग के शब्द रूप से संबंधित
- लता शब्द रूप
- माता शब्द रूप
- बालिका शब्द रूप
- कविता शब्द रूप
- विद्या शब्द रूप
- रमा शब्द रूप
- माला शब्द रूप
- निशा शब्द रूप
- राधा शब्द रूप
- यमुना शब्द रूप
- अजा शब्द रूप
- पत्रिका शब्द रूप
- नौका शब्द रूप
- कोकिला शब्द रूप
- गीता शब्द रूप
- सीता शब्द रूप
- महिला शब्द रूप
- दुर्गा शब्द रूप
- कला शब्द रूप
- बाला शब्द रूप
- माया शब्द रूप
- भिक्षा शब्द रूप
उम्मीद है आप सभी को Ganga Shabd Roop Sanskrit mein समझ आए होंगे। संस्कृत व्याकरण के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।