भारत, दुनिया की प्राचीन सभ्यताओं में से एक है जहाँ ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक जगहें हैं जिनकी अद्भुत कहानियों और ऐतिहासिक महत्वों को जानकर आपको अचरज भी होगा और रोमांच का आभास भी। तो चलिए इस ऐतिहासिक सफर में हम भारत के उस शहर के बारे में जानते हैं जिसके हर कोने में एक अलग कहानी छिपी है। जिस ऐतिहासिक शहर की हम बात कर रहे हैं, वह है उत्तरप्रदेश के आगरा जिले में स्थित फतेहपुर सीकरी। इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको फतेहपुर सीकरी का इतिहास से लेकर रोचक तथ्यों तक की सम्पूर्ण जानकारी देंगे जिसके लिए आपको ये लेख अंत तक पढ़ना होगा।
फतेहपुर सीकरी के बारे में
फतेहपुर सीकरी एक ऐतिहासिक शहर है, जो उत्तरप्रदेश के आगरा जिले से लगभग 40 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में स्थित है। इस शहर को मुगल सम्राट अकबर द्वारा सन् 1571 में बसाया गया था, जिसके बाद बादशाह ने इसे अपनी राजधानी बनाई थी। इतिहासकारों के मुताबिक, 1571 से लेकर 1585 तक यह अकबर की राजधानी रही। यहाँ अकबर के द्वारा बनवाये गए कई किले, दरगाह और अन्य स्थल मौजूद है जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर दूर से आते हैं। फतेहपुर सीकारी की निर्मित सभी इमारतें मुख्य रूप से लाल पत्थर की बनी हुयी हैं, केवल कुछ अंशों में सफेद संगमरमर का प्रयोग किया गया है। यह नगर भारत में मुगल वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है जिसका अपना एक इतिहास है। आईये जानते हैं अब इस शहर का इतिहास क्या है।
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फतेहपुर सीकरी का संक्षिप्त इतिहास
ऐतिहासिक दृष्टि से फतेहपुर सीकरी का नाम अरबी मूल से है जिसका अर्थ है “जीत की नगरी”। ऐसे में इसे अकबर की नगरी या विजय नगरी के नाम से भी जाना जाता है। इसका इतिहास मुग़ल सम्राट अकबर की दूरदर्शिता की एक मनोरम कहानी है। जो पहले फतेहबाद हुआ करता था और 1572 में गुजरात विजय के बाद अकबर ने इसका नाम फतेहपुर सीकरी (विजय नगरी) रखा। इस शहर को सूफी संत सलीम चिश्ती के सम्मान में बनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि अकबर का लंबे समय तक कोई उत्तराधिकारी नहीं था। ऐसे में वह एक दिन एक प्रसिद्ध सूफी संत सलीम चिश्ती से मिलने सीकरी पहुंचे। सलीम ने भविष्यवाणी की कि अगले 2 वर्षों में अकबर पिता बनेंगे और यह कहते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया। जब सूफी संत की भविष्यवाणी के मुताबिक अकबर के बेटे जहांगीर का जन्म ठीक 2 वर्षों के भीतर सीकरी में हुआ तो उन्होंने फतेहपुर सीकरी स्मारक का निर्माण करवाया।
फतेहपुर सीकरी के अन्दर बनी मुख्य इमारतें
फतेहपुर सीकरी के अन्दर बनी मुख्य इमारतों की लिस्ट निम्नलिखित है-
- बुलंद दरवाजा: बुलंद दरवाज़ा, फतेहपुर सीकरी की सर्वोच्च इमारत है, जिसका निर्माण 1602 ई. में बादशाह अकबर ने गुजरात विजय के उपलक्ष में करवाया था। इस ईमारत की ऊंचाई भूमि से 280 फुट है।
- दीवान-ए-खास: दीवान-ए-खास एक वर्गाकार इमारत है। यहीं पर अकबर अपने नवरत्नों के साथ विचार-विमर्श करते थे।
- दीवान-ए-आम: यहाँ पर बैठकर ही सम्राट अकबर जनता की परेशानियां, शिकायतें और झगड़े सुन न्याय करते थे।
- ख्वाब महल: इस महल में उस दौरान नृत्य व संगीत की महफिलें लगती थीं। ऐसा कहा जाता है कि इसी मंच पर ‘तानसेन’ और ‘बैजू बावरा’ के बीच संगीत कार्यक्रम का मुकाबला हुआ करता था।
- पंचमहल: इस पांच मंजिला महल में कुल 176 खंभे हैं, जिनके सहारे यह इमारत खड़ी है। वहीं हर एक खंभे पर अलग-अलग कलाकृति देखने को मिलती है।
- हिरन मीनार इमारत: यहां पर हिरण के सींगों की तरह से दिखने वाले पत्थर देखने को मिलते हैं।
- शेख सलीम चिश्ती की दरगाह: इसका निर्माण 1581 में पूरा हुआ था। यहाँ देश-विदेश के श्रद्धालु आकर लाल धागा बांधकर मन्नत मांगते हैं।
- जोधाबाई का महल: यह महल में सम्राट अकबर की हिन्दू रानियों का निवास स्थान था।
फतेहपुर सीकरी – यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट
हमारे देश भारत में 33 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित विश्व धरोहर स्थल है। आपको बता दें कि UNESCO World Heritage Sites में सबसे पहले 1983 में अजंता की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं, ताजमहल और आगरा के किले को शामिल किया गया था। उसके बाद धीरे-धीरे कई स्थल जुड़ते चले गए। इसी तरह फतेहपुर सीकरी को भी यूनेस्को ने 1986 में फ़तेहपुर सीकरी को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। आपको बता दें कि यहाँ अकबर ने कई भवनों का निर्माण करवाया जिसमें प्रमुख हैं- दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, पंचमहल, जामी मस्जिद, बुलंद दरवाजा, शेख सलीम चिश्ती का मकबरा, जोधबाई महल, मरियम महल, नौ महल आदि।
FAQs
दुनिया का सबसे बड़ा दरवाजा बुलन्द दरवाज़ा है जो भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त में आगरा शहर से 43 किमी दूर फतेहपुर सीकरी नामक स्थान पर स्थित एक दर्शनीय स्मारक है। इसका निर्माण अकबर द्वारा 1571AD में करवाया गया था।
आपको बता दें कि बुलंद दरवाजा 53.63 मीटर ऊंचा और 35 मीटर चौड़ा है और इसमें 42 सीढ़ियां हैं।
आंख मिचौली, दीवान-ए-खास, बुलंद दरवाजा, पांच महल, ख्वाबगाह, जौधा बाई का महल,शेख सलीम चिश्ती के पुत्र की दरगाह, शाही मसजिद, अनूप तालाब फतेहपुर सीकरी के प्रमुख स्मारक हैं।
53.63 मीटर ऊंचा और 35 मीटर चौड़ा बुलन्द दरवाज़ा लाल बलुआ पत्थर से बना है जिसे सफेद संगमरमर से सजाया गया है।
फ़तेहपुर सीकरी, महान सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के सम्मान में मुगल सम्राट जलाल-उद-दीन मोहम्मद अकबर द्वारा बनाया गया था।
आशा है कि आपको फतेहपुर सीकरी का इतिहास के बारे में सभी आवश्यक जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही इतिहास से संबंधित अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।