Essay On Hindi Language : स्टूडेंट्स ऐसे लिखें ‘हिंदी भाषा’ पर निबंध

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Essay On Hindi Language in Hindi (1)

हिंदी एक इंडो-आर्यन भाषा है। यह हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार की एक प्रमुख शाखा है। हिंदी भाषा की उत्पत्ति संस्कृत भाषा में पाई जाती हैं। हिंदी की विकास यात्रा संस्कृत से प्राकृत और फिर अपभ्रंश भाषाओं के माध्यम से हुई, जिसके बाद आधुनिक हिंदी का निर्माण हुआ। हिंदी भाषा का प्रयोग व्यापक रूप से किया जाता है। भारत में 22 आधिकारिक भाषाएं हैं लेकिन इनमें से सबसे उपयोग की जाने वाली भाषा हिंदी है। भारत के लिए हिंदी महत्वपूर्ण भाषा है। कई बार छात्रों को Essay On Hindi Language in Hindi लिखने के लिए दिया जाता है, इसलिए हिंदी भाषा पर निबंध लिखने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

हिंदी भाषा पर 100 शब्दों में निबंध

100 शब्दों में Essay On Hindi Language in Hindi इस प्रकार है:

हिंदी भाषा भारत की राष्ट्रीय भाषा है। यह हमारे देश की विविधता का भी प्रतीक है। हिंदी भाषा भारत की सांस्कृतिक धरोहर भी है। हिंदी दिवस का महत्व भारत में भाषा, साहित्य, और संस्कृति के प्रति गहरी भावना और समर्पण का प्रतीक है। हिंदी भाषा भारत की विविधता को एक साथ लाने में मदद करती है और भारतीय संगठन को एक बनाने का काम करती है। हिंदी भाषा भारतीय समाज में एकता और देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों को एक साथ लाती है। हिंदी हमारे संविधान का अधिकार है और यह हमें अपने राष्ट्रीय एकता की ओर बढ़ाता है। हिंदी को सीखना और उसे सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि हमारे समृद्ध भाषा धरोहर को बचाया और बढ़ावा दिया जा सके।

हिंदी भाषा पर 200 शब्दों में निबंध

200 शब्दों में Essay On Hindi Language in Hindi इस प्रकार हैः

हिंदी भाषा एक इंडो-आर्यन भाषा है। समय के साथ भारतीय आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल में हिंदी भाषा और इसके साहित्य का विकास हुआ है। कई कवियों और साहित्यकारों ने इस भाषा को अपने ज्ञान और वैराग्य समृद्ध किया है। अपने समृद्ध इतिहास के साथ हिंदी भाषा ने कई आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

हिंदी भाषा को भारत की एकता और विविधता का प्रतीक भी माना जाता है। भारतीय इतिहास में हिंदी भाषा देशभक्ति, संस्कृति, और समृद्धि के प्रतीक के रूप में उभरी है। हिंदी भाषा को हमारे संविधान में राष्ट्रीय भाषा के रूप में दर्जा दिया गया है। हम सभी हिंदी भाषी भारतीयों को अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए। हमें हिंदी भाषा का उपयोग करके उसे बढ़ावा देना चाहिए। हमें हिंदी भाषा को सीखकर, उसका सदुपयोग करना और उसका संरक्षण करना चाहिए। 

हिंदी भाषा भारत के साथ साथ दुनिया के अन्य कई देशों के उपयोग की जाती है। हमें इस भाषा की उपयोगिता को समझना चाहिए। हम सभी को मिलकर देश की एकता को और मजबूत बनाने के लिए हिंदी के महत्व को प्रमोट करना चाहिए। हमें हिंदी भाषा के इस महत्व को समझकर इसे संरक्षित रखना चाहिए और बढ़ावा देना चाहिए। हमें यह याद दिलाता है कि हमारी मातृभाषा हमारी गर्व और पहचान का प्रतीक है।

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हिंदी भाषा पर 500 शब्दों में निबंध

500 शब्दों में Essay On Hindi Language in Hindi इस प्रकार है:

प्रस्तावना

हिंदी भाषा भारतीयों के लिए महत्त्वपूर्ण है। हिंदी भाषा को समझने के लिए हमें इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की ओर देखना चाहिए। हिंदी का उद्भव संस्कृत से हुआ है और यह एक इंदो-आर्य भाषा है। हिंदी का महत्व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय भी बढ़ा। गांधीजी और अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने हिंदी का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया और इसका समर्थन किया। 

हिंदी भाषा की उत्पत्ति

हिंदी भाषा की उत्पत्ति का इतिहास भारत के सांस्कृतिक और भाषाई विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हिंदी भाषा भारतीय आर्य भाषाओं के अंतर्गत आती है और इसका विकास कई चरणों में हुआ है। हिंदी भाषा की जड़ें संस्कृत में मिलती हैं, जो भारत की सबसे प्राचीन और पवित्र भाषा मानी जाती है। संस्कृत, विशेष रूप से वैदिक संस्कृत, वैदिक काल (1500 ई.पू. – 500 ई.पू.) से साहित्यिक और धार्मिक ग्रंथों की भाषा रही है। 

भारतीय भाषाओं के विकास का आधार संस्कृत भाषा ही है और हिंदी भी इससे प्रभावित रही है। संस्कृत से कई प्राचीन भारतीय भाषाएं विकसित हुईं, जिन्हें प्राकृत कहते हैं। प्राकृत से अपभ्रंश भाषाओं का विकास हुआ, जो प्राचीन और मध्यकालीन भारतीय भाषाओं के बीच की कड़ी मानी जाती हैं। 7वीं से 10वीं शताब्दी के बीच अपभ्रंश का प्रचलन था। अपभ्रंश भाषाएँ वे रूप थीं, जो धीरे-धीरे स्थानीय बोलियों में बदल गईं और आधुनिक भारतीय भाषाओं का आधार बनीं। खड़ी बोली, ब्रजभाषा और अवधी जैसी हिंदी की कई बोलियाँ अपभ्रंश से निकलीं।

हिंदी भाषा के विकास के मुख्य चरण, आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल

1000 ई. से 1500 ई. तक के समय को आदिकाल कहा जाता है। उस समय साहित्य भी विकसित नहीं हुआ था। अपने विकास की शुरुआत में 1000 से 1100 ई तक हिंदी अपने अपभ्रंश के निकट ही थी। समय के साथ परिवर्तन हुआ और 1500 ई. आते-आते हिंदी भाषा अपने स्वतंत्र रूप में खड़ी हो चुकी थी। 1500 ई. के समय दोहा, चौपाई, छप्पय, दोहा, गाथा आदि छंदों की रचनाएं होना शुरू हो गई थी। मध्यकाल की अवधि 1500 से 1800 ई. तक थी। इस समय हिंदी भाषा में बहुत परिवर्तन अधिक परिवर्तन हुए थे।

फारसी के लगभग 3500 शब्द, अरबी के लगभग 2500 शब्द, पश्तों भाषा के लगभग, 50 शब्द और तुर्की भाषा के 125 शब्द हिंदी की शब्दावली में जुड़ गए थे। उसे समय यूरोप के देशों के साथ व्यापार संपर्क भी बढ़ रहा था। इस वजह से पुर्तगाली, स्पेनी, फ्रांसीसी और अंग्रेजी शब्दों के कई शब्द हिंदी भाषा में शामिल हुए। 1800 ई से लेकर वर्तमान तक का समय आधुनिक काल के रूप में जाना जाता है। हिंदी भाषा के आधुनिक काल में देश में अधिक परिवर्तन हुए हैं। उसे समय अंग्रेजी भाषा का प्रभाव देश की भाषा और संस्कृति पर पढ़ने लगा था। अंग्रेजी शब्दों को हिंदी भाषा के शब्दों के साथ प्रयोग किया जाने लगा था। आधुनिक काल के चार प्रमुख उपकाल हैं तथा इन उपकालों में कई कवियों और साहित्यकारों ने हिंदी भाषा को समृद्ध किया। 

हिंदी भाषा के साहित्य का विकास, आदिकाल, भक्तिकाल, रितिकल और आधुनिक काल

हिंदी भाषा का साहित्य चार प्रमुख कालों में बंटा हुआ है। ये काल क्रमश: आदिकाल, भक्तिकाल, रितिकल और आधुनिक काल हैं। आदिकाल को वीरगाथा काल भी कहा जाता है। आदिकाल समय का साहित्य वीरता और शौर्य की कहानियों पर आधारित था। भक्ति काल को हिंदी साहित्य का स्वर्णिम युग कहा जाता है। भक्ति काल में भक्ति आंदोलन को शुरू किया गया था और धार्मिक साहित्यों की रचना इस काल में की गई थी। इस काल के प्रमुख कवि कबीर दास और गुरु नानक जी माने जाते हैं। रीतिकाल के समय में श्रृंगार रस और नायिका भेद को अत्यधिक प्रधानता थी। रीतिकाल के कवियों ने नायिका भेद प्रेम सौंदर्य जैसे विषयों पर अपनी रचनाएं की थी। 

आधुनिक काल के चार प्रमुख उपकाल भारतेंदु युग, द्विवेदी युग, छायावाद और प्रगतिवाद है। भारतेंदु युग प्रमुख कवि और नाटककार भारतेंदु हरिश्चंद्र की वजह से जाना जाता है। भारतेंदु हरिश्चंद्र ने हिंदी में राष्ट्र प्रेम और समाज सुधार के विचारों को प्रस्तुत किया था इसी युग में हिंदी गद्य साहित्य का भी विकास हुआ था। द्विवेदी युग के प्रमुख लेखक महावीर प्रसाद द्विवेदी थे। महावीर प्रसाद द्विवेदी ने साहित्य में नैतिकता और सुधारवादी दृष्टिकोण के बारे में लिखा था। छायावाद युग में प्रकृति, प्रेम और रहस्यवाद अपने चरम पर था। छायावाद के प्रमुख कवियों की बात करें तो इनमें जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और महादेवी वर्मा को गिना जाता है। प्रगतिवाद का साहित्य समाजवादी विचारधारा से बहुत अधिक प्रभावित था। प्रतिवाद में मुख्य रूप से सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, नागार्जुन, मुक्तिबोध, और त्रिलोचन मशहूर हुए। 

उपसंहार

हम सभी को हिंदी भाषा के महत्व को समझने और समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हिंदी भारत के साथ दुनिया के अन्य कई देशों में भी बोली जाती है। हमें इसके साहित्य, संगीत, कला, और विभिन्न धार्मिक तथा सांस्कृतिक अधिकार को समझने और प्रसारित करने का प्रयास करना चाहिए। भारतीयों को हिंदी भाषा को प्रमोट करके हमारे देश की एकता को मजबूती देने का काम करना चाहिए, ताकि हम सभी भारतीय एक होकर आगे बढ़ सकें।

हिंदी भाषा पर 10 लाइन्स

हिंदी भाषा पर 10 लाइन्स इस प्रकार हैं:

  1. हिंदी भाषा भारत समेत नेपाल, मॉरिशस, त्रिनिदाद, फिजी, टोबैगो, गुयाना, सूरीनाम और सिंगापुर में भी बोली जाती है। 
  2. हिंदी भाषा ने स्वतंत्रता आंदोलन के महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 
  3. हिंदी भारत की राजभाषा है और वर्तमान में हिंदी भारत के उत्तरी, मध्य और पश्चिमी हिस्सों में व्यापक रूप से बोली जाती है।
  4. हिंदी साहित्य में प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जैसे महान साहित्यकारों ने समाज के विभिन्न पहलुओं को चित्रित किया है।
  5. भारतेन्दु हरिश्चंद्र को हिंदी भाषा का जनक कहा जाता है। वे हिंदी के महान लेखक थे और उन्होंने आधुनिक हिंदी गद्य लेखन की शुरुआत की। 
  6. वर्तमान में हिंदी भाषा विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है।
  7. 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में हिंदी को देवनागरी लिपि में औपचारिक रूप से स्थापित किया गया और यह उत्तरी भारत की प्रमुख भाषा बन गई।
  8. हिंदी भाषा की जड़ें संस्कृत में मिलती हैं, संस्कृत, विशेष रूप से वैदिक संस्कृत, वैदिक काल (1500 ई.पू. – 500 ई.पू.) से साहित्यिक और धार्मिक ग्रंथों की भाषा रही है।
  9. हिंदी भाषा का विकास आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल में हुआ है। 
  10. 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। यह निर्णय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत लिया गया था।

FAQs 

हिन्दी भाषा का महत्व क्या है?

हिंदी भाषा भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है। यह भाषा देशभक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक है। हिंदी हमारे संविधान की अधिकारिक भाषा है और हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में महत्वपूर्ण है। हिंदी दिवस के अवसर पर, हमें अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए।

हिन्दी भाषा की विशेषता क्या है?

हिंदी भाषा में जो लिखा जाता है वही (उसी रूप में) पढ़ा भी जाता है। इसमें गूँगे अक्षर (Silent letters) नहीं होते। अतः इसके लेखन और उच्चारण में स्पष्टता है। हिंदी भाषा की एक विशेषता यह भी है कि इसमें निर्जीव वस्तुओं (संज्ञाओं) के लिए भी लिंग का निर्धारण होता है।

हिंदी क्यों जरूरी है?

हिन्दी भाषा हर भारतीय के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक सेतु भी है। दुनिया भर के 170 से अधिक विश्वविद्यालयों में हिंदी एक भाषा के रूप में पढ़ाई जाती है। हिंदी भाषा भारत के बाहर 20 से अधिक देशों में बोली जाती है।

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