भाग दौड़ के इस रोज मर्रा ज़िन्दगी में हमे घर,गाडी एवं कई ज़रूरतमंद चीजों के लिए लोन की आवश्यकता पड़ सकती है। अपनी इन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए हमे लोन की आवश्यकता पड़ती है जो किसी भी बैंक से प्राप्त कर सकते है। जब भी आप किसी बैंक से लोन की पुष्टि करते हो तो इस बात का ध्यान ज़रूर रखेँ कि आपको EMI क्या है इसकी पूर्ण जानकारी ज्ञात है। कोई भी बैंक अपने लोन प्रक्रिया को नियमित रूप से व्यवस्थित रखती है।
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EMI क्या है
EMI का अर्थ है समान मासिक किश्त | जब भी हम किसी बैंक या कंपनी से बड़े राशि का लोन लेते है तो उसके साथ मूल राशि व ब्याज भी जुड़ जाता है। इस बढ़ती राशि को हम मासिक रूप से किश्त भर कर समाप्त कर सकते हैं। इस मासिक भुगतान को ही EMI कहते हैं। EMI की फुल फॉर्म होती है – Equity Monthly Installment जिसका मतलब है समान मासिक किश्त. EMI दो प्रकार के होते हैं –
- मूलधन पुनर्भुगतान
- ब्याज़
हर बैंक के लोन का ब्याज़ अलग होता है और जो बैंक अधिक मात्रा में लोन माफ़ करे वह बेहतर होता है।
EMI के तरीके
जब कभी भी आप लोन लेते हैं तो आपको एक नियमित राशि मिलती है। इस मूल राशि में समय के हिसाब से ब्याज जुड़ते रहते हैं। इसी मूलराशि की भरपाई को ही EMI कहते हैं। इस लोन राशि में ब्याज सहित आपके मासिक किश्त में जुड़ती रहती है।
जब कभी हम किसी लोन का भुगतान EMI के माध्यम से करते हैं तो इसके दो तरीकें होते हैं।
- ऑफलाइन – जिस भी बैंक संस्थान से आपने लोन लिया हो, उसके नजदीकी ब्रांच में भुगतान कर सकते हैं।
- ऑनलाइन – ऑनलाइन माध्यम का इस्तेमाल करके हम क्रेडिट या डेबिट कार्ड से भुगतान कर सकते हैं।
LOAN की Duration
कोई भी बैंक या संस्थान जब हमे एक बड़ी राशि देती है तो साथ ही साथ एक नियमित समय भी देती है जिसके अंदर कुछ ब्याज़ भी जुड़े रहते हैं। अगर हम इस नियमित समय में भुगतान नहीं कर पाते हैं तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है। लोन कई प्रकार के होते हैं जैसे कार लोन,होम लोन,बाइक लोन,बिज़नेस लोन,आदि। अपनी जरूरतों के अंतर्गत ही हम सही लोन का चयन करते हैं।
हम इस लोन की राशि को एक बार में भी चुका सकते हैं किन्तु मूलराशि बड़ी होने के कारण ये संभव नहीं होता है और इसी कारण मासिक किश्त भरना बेहतर विकल्प होता है। हमारी अवधि हमारे लोन के amount पर निर्भर करती है। जितनी बड़ी लोन राशि होती है उतनी ही कम EMI होती है।
No Cost EMI क्या है
जैसा कि हमे नाम से मालूम पड़ गया कि वो हर प्रकार कि EMI जिसमे सिर्फ प्रोडक्ट कि कीमत का भुगतान करना पड़ता है उसे No Cost EMI कहते हैं। दूसरे शब्दों में नो कॉस्ट EMI वह तरीका है जिसमे हमे ब्याज नहीं देना पड़ता है।
जैसे कि एक उदाहरण ले सकते हैं – मैंने एक प्रोडक्ट 10,000 रुपयों में किश्त पर ख़रीदा तो दो महीने की इसकी No Cost EMI 5000-5000 रूपये होगी।
EMI कैसे निकालें
हमारे EMI की गणना मासिक आधार पर की जाती है। इसका हिसाब हम किसी बैंक या संस्थान से लिए हुए मूलराशि से कर सकते हैं। हम अपने EMI लिए मूलराशि का गणित ब्याज़ दर एवं समय कार्यकाल से करेंगे जो हमारी देय अमाउंट यानी EMI होती है।
EMI की गणना निम्नलिखित गणितीय सूत्र के आधार पर की जाती है: EMI = P × R × (1 + R) ^ n / ((1 + R) ^ n -1) जहां, P = ऋण(Principal) राशि, R = ब्याज दर, जिसकी गणना मासिक आधार पर की जाती है।
FAQ
EMI का पूरा नाम है Equated Monthly Installment जिसका अर्थ है समान मासिक किश्त।
Home Loan वह मासिक भुगतान है जो हम Home Loan के लिए चुकाते हैं।
वह EMI जिसमे न ब्याज़ लगता है और न ही कोई processing मनी, इस प्रकार की EMI को No Cost EMI कहते हैं।
जी नहीं,पर्सनल लोन पर किसी भी प्रकार का कोई नहीं TAX लागू नहीं है।
आशा करते हैं कि आपको EMI क्या है का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। हमारे Leverage Edu में आपको ऐसे कई प्रकार के ब्लॉग मिलेंगे जहां आप अलग-अलग विषय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
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Nice Post Thanks For Sahring
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आपका धन्यवाद, ऐसे ही हमारी https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।
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2 comments
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