Dharmveer Bharati Ka Jivan Parichay: आधुनिक हिंदी साहित्य के मौलिक रचनाकारों में ‘धर्मवीर भारती’ का नाम अग्रणी है। धर्मवीर भारती एक प्रतिष्ठित साहित्यकार होने के साथ ही स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार और अनुवादक भी थे। आधुनिक हिंदी साहित्य में उन्होंने अनेक विधाओं में साहित्य का सृजन किया है। वहीं ‘गुनाहों का देवता’ उपन्यास हिंदी साहित्य जगत में ‘मील का पत्थर’ माना जाता है। इसके साथ ही धर्मवीर भारती जी का नाम उन विरले रचनाकारों में शुमार है जिनकी हर एक कृति का कैनवास बहुत विराट है।
बता दें कि धर्मवीर भारती जी को हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 1972 में ‘पद्मश्री पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। वहीं भारती जी की विभिन्न रचनाएँ जिनमें ‘गुनाहों का देवता’ (उपन्यास), ‘सूरज का सातवां घोड़ा’ (उपन्यास) व ‘अँधा युग’ (नाटक) को विद्यालय व बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। इसके साथ ही हिंदी साहित्य के अनेकों विधार्थियों ने भारती जी के साहित्य पर पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की हैं।
बता दें कि UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए धर्मवीर भारती का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्यनन करना आवश्यक हो जाता है। इस वर्ष 25 दिसंबर 2024 को धर्मवीर भारती जी की 98वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। आइए अब धर्मवीर भारती का जीवन परिचय (Dharmveer Bharati Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मूल नाम | धर्मवीर वर्मा |
प्रसिद्धि | धर्मवीर भारती (Dharmveer Bharti) |
जन्म | 25 दिसंबर 1926 |
जन्म स्थान | इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश |
पिता का नाम | चिरंजीवलाल वर्मा |
माता का नाम | चंद्रादेवी |
शिक्षा | पीएचडी |
पेशा | लेखक, पत्रकार, अनुवाद |
भाषा | हिंदी, खड़ी बोली |
साहित्य काल | आधुनिक काल |
विधाएँ | उपन्यास, कहानी, कविता, एकांकी, यात्रा वृतांत, अनुवाद आदि। |
उपन्यास | गुनाहों का देवता, सूरज का सातवाँ घोड़ा, ग्यारह सपनों का देश |
कविता संग्रह | ठंडा लोहा, सात गीत वर्ष, कनुप्रिया, सपना अभी भी व कुछ लंबी कविताएँ आदि |
कहानी संग्रह | मुर्दों का गाँव, स्वर्ग और पृथ्वी, चाँद और टूटे हुए लोग व बंद गली का आख़िरी मकान आदि |
एकांकी संग्रह | नदी प्यासी थी |
पुरस्कार व सम्मान | ‘पद्मश्री’, ‘संगीत नाटक अकादमी’, ‘भारत-भारती पुरस्कार’ आदि। |
निधन | 4 सितंबर 1997 मुंबई, महाराष्ट्र |
This Blog Includes:
हिंदी के साहित्यिक केंद्र इलाहाबाद में हुआ था जन्म – Dharmveer Bharati Ka Jivan Parichay
धर्मवीर भारती का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहबाद (वर्तमान प्रयागराज) में 25 दिसंबर 1926 को ‘अतरसुइया’ मोहल्ले में हुआ था। क्या आप जानते हैं कि इलाहबाद एक समय में ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’, ‘महादेवी वर्मा’, ‘सुमित्रानंदन पंत’, ‘हरिवंशराय बच्चन’ व साठोत्तरी काल की वरिष्ठ लेखिका ‘नासिरा शर्मा’ का कर्मस्थल रहा हैं। यहीं से धर्मवीर भारती जी का भी प्रादुर्भाव हिंदी साहित्य जगत में हुआ है, जिन्होंने आधुनिक हिंदी साहित्य में बहुत सी अनुपम रचनाएँ की।
धर्मवीर भारती जी के पिता का नाम ‘श्री चिरंजीवलाल वर्मा’ व माता का नाम ‘श्रीमती चंद्रादेवी’ था। बता दें कि धर्मवीर भारती का मूल नाम धर्मवीर वर्मा था लेकिन स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने अपने नाम के साथ ‘भारतीय’ लगाना शुरू कर दिया था, जो धीरे-धीरे ‘भारती’ नाम में परिवर्तित हो गया।
यह भी पढ़ें – उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का संपूर्ण जीवन परिचय
संघर्षमय बीता बचपन
धर्मवीर भारती की आरंभिक शिक्षा इलाहाबाद के ‘डी.ए.वी हाई स्कूल’ से प्रारंभ हुई। वह एक मेघावी छात्र थे लेकिन स्कूली शिक्षा के दौरान ही उनके पिता का आकस्मिक निधन हो गया। जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई और उनके परिवार को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। किंतु इस कठिन परिस्थिति में धर्मवीर भारती जी के मामा ने परिवार को संभाला और उनकी शिक्षा में सहयोग दिया।
वह अपनी माध्यमिक शिक्षा में हमेशा ही प्रथम श्रेणी से पास होते थे। इसके बाद भारती जी ने वर्ष 1945 में ‘इलाहबाद विश्वविद्यालय’ से बी.ए की परीक्षा पास की। अपनी एम.ए की पढ़ाई के दौरान ही भारती जी ने ‘अभ्युदय’ नामक दैनिक पत्र में कार्य लिया और साहित्यिक रचनाएँ लिखना शुरू कर दिया था। इसी समय उनका पहला कहानी संग्रह ‘मुर्दों का गाँव’ प्रकाशित हुआ। भारती जी ने ‘डॉ.धीरेंद्र वर्मा’ जी के निर्देशन में ‘सिद्ध साहित्य’ पर शोध कार्य प्रारंभ किया और वर्ष 1950 में इसे पूरा करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
यह भी पढ़ें – आधुनिक हिंदी साहित्य में प्रसिद्ध साहित्यकार ‘निर्मल वर्मा’ का संपूर्ण जीवन परिचय
प्राध्यापक के रूप में की करियर की शुरुआत
धर्मवीर भारती जी ने अपनी बी.ए की पढ़ाई के दौरान ही लेखन कार्य और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया था। वहीं अपनी पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्हें ‘इलाहाबाद विश्वविद्यालय’ में प्राध्यापक की नौकरी मिल गई। यहाँ उन्होंने लगभग 10 वर्षों तक अध्यापन कार्य किया जिसके बाद उन्होंने हिंदी साप्ताहिक धर्मयुग का संपादन कार्य किया। यहाँ भारती जी ने तकरीबन दो दशक यानी वर्ष 1980 तक कार्य किया।
वैवाहिक जीवन
धर्मवीर भारती जी का प्रथम विवाह ‘कांता कोहली’ से हुआ था जो कि एक प्रेम विवाह था। लेकिन कुछ ही समय बाद दोनों के बीच संबंध विच्छेद होने के कारण वह एक दूसरे से अलग हो गए। इसके बाद भारती जी ने दूसरा विवाह ‘पुष्पा शर्मा’ जी से कर लिया। इस विवाह से उनकी तीन संतान हुई जिनके नाम पारमिता, किशंकू और प्रज्ञा है। बता दें कि पुष्पा शर्मा जी भी एक लेखिका है।
यह भी पढ़ें –हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार ‘उपेन्द्रनाथ अश्क’ का संपूर्ण जीवन परिचय
देश-विदेश की यात्राएँ
बता दें कि धर्मवीर भारती को घूमने फिरने का बहुत शौक था। उन्होंने देश विदेश की कई यात्राएं भी की जिसका वर्णन उनकी साहित्यिक रचनाओं में भी देखने को मिलता है। वहीं ‘ठेले पर हिमालय’ उनका बहुत चर्चित निबंध संग्रह है जिसमें भारती जी ने प्रकृति का सुंदर चित्रण किया है। बता दें कि भारती जी ने पहली विदेश यात्रा ‘कॉमनवेल्थ रिलेशन्स कमेटी’ के निमंत्रण पर इग्लैंड और यूरोप के देशों की थी। इसके बाद उन्होंने जर्मनी, इंडोनेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, मॉरिशस, चीन और सिंगापुर देश की अविस्मरणीय यात्राएं की।
यह भी पढ़ें – ‘राष्ट्रकवि’ रामधारी सिंह दिनकर का संपूर्ण जीवन परिचय
धर्मवीर भारती की साहित्यिक रचनाएँ – Dharmveer Bharati Ki Rachnaye
धर्मवीर भारती जी ने आधुनिक हिंदी साहित्य में कई विधाओं में साहित्य का सृजन किया है, जिनमें कहानी, उपन्यास, निबंध, कविता, लेख, नाटक, एकांकी और रिपोर्ताज शामिल है। यहाँ उनकी सभी अनुपम रचनाओं के बारे में बताया जा रहा है, जो कि इस प्रकार हैं:-
उपन्यास
- ग़ुनाहों का देवता – 1949
- सूरज का सातवां घोड़ा – 1952
- ग्यारह सपनों का देश (प्रारंभ व समापन) – 1960
कहानी संग्रह
- मुर्दों का गाँव – 1946
- स्वर्ग और पृथ्वी – 1949
- चाँद और टूटे हुए लोग – 1955
- बंद गली का आख़िरी मकान -1969
- साँस की कलम से – 2000
कविता संग्रह
- ठंडा लोहा – 1952
- सात गीत वर्ष – 1959
- कनुप्रिया – 1959
- सपना अभी भी – 1993
- कुछ लंबी कविताएँ – 1998
- आद्यंत – 1999
- मेरी वाणी गैरिक वासना – 1999
नाटक
- अँधा युग – 1954
निबंध संग्रह
- ठेले पर हिमालय – 1958
- पश्यंती – 1969
- कहनी अनकहनी – 1970
- कुछ चेहरे कुछ चिंतन – 1995
- शब्दिता – 1997
- रिपोर्टिंग युद्ध यात्रा – 1972
- मुक्त क्षेत्रे: युद्ध क्षेत्रे – 1973
- साहित्य विचार और स्मृति – 2003
एकांकी संग्रह
- नदी प्यासी थी – 1954 (इस एकांकी में पांच एकांकियों को संकलित किया गया है। )
पत्रिकारिता
- संगम
- निकष
- धर्मयुग
यात्रा-विवरण
- यात्रा चक्र – 1994
साक्षात्कार
- धर्मवीर से साक्षात्कार – 1999
आलोचना
- प्रगतिवाद- एक समीक्षा – 1949
- मानव मूल्य और साहित्य – 1960
अनुवाद
- ऑस्कर वाइल्ड की कहानियाँ – 1946
- देशांतर (इक्कीस देशों की आधुनिक कविताएँ) – 1960
पत्र संकलन
- अक्षर अक्षर यज्ञ – 1999
शोध प्रबंध
- सिद्ध साहित्य
यह भी पढ़ें – जानिए सहित्यकार अमरकांत का जीवन परिचय और उनकी साहित्यिक यात्रा
पुरस्कार और सम्मान
धर्मवीर भारती का आधुनिक हिंदी साहित्य में विशेष योगदान रहा है। उन्होंने अपनी अनुपम रचनाओं के माध्यम से हिंदी साहित्य को एक नई दिशा देने का कार्य किया है। वहीं, भारती जी को हिंदी साहित्य में अपनी अनुपम रचनाओं के लिए कई पुरस्कारों व सम्मान से नवाज़ा जा चुका हैं, जो कि इस प्रकार हैं:-
- पद्मश्री – (वर्ष 1972 में भारत सरकार द्वारा सम्मानित)
- संगीत नाटक अकादमी
- भारत-भारती पुरस्कार
- महाराष्ट्र गौरव – 1994
- व्यास सम्मान
- हल्दी घाटी श्रेष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार – 1984
- राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान – (वर्ष 1989 में बिहार सरकार द्वारा सम्मानित)
- भारत भारती सम्मान – (वर्ष 1990 में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थानद्वारा सम्मानित)
मुंबई में ली अंतिम साँस
धर्मवीर भारती जी ने जीवन की सभी अनुभूतियों का अपने साहित्य में सफल चित्रण किया था जिससे पाठक वर्ग बहुत जुड़ा हुआ महसूस करता हैं। वहीं उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन साहित्य की साधना में ही लगा दिया था। मुंबई में रहते हुए भी उन्हें इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में बिताएं दिन याद आते थे जिनकी स्मृतियाँ उनके दिल में बसी हुई थी। भारती जी जीवन की अपनी यात्रा में ह्रदय रोग से पीड़ित हो गए किंतु उपचार के बाद भी पूर्ण रूप से स्वस्थ न हो सके और 4 सितंबर 1997 को नींद में ही सदा के लिए अपनी आँखें मूंद ली। परंतु धर्मवीर भारती जी का अनुपम साहित्य आज भी उन्हें जीवंत रखता है और आगे भी रखेगा।
FAQs
धर्मवीर भारती का जन्म 25 दिसंबर 1926 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
बता दें कि धर्मवीर भारती आधुनिक काल के विख्यात लेखक माने जाते हैं।
यह धर्मवीर भारती जी का सर्वाधिक पढ़ा जाने वाला चर्चित निबध संग्रह है।
भारती जी की माता का नाम श्रीमती चंद्रादेवी और पिता का नाम श्री चिरंजीवलाल वर्मा है।
यह धर्मवीर भारती जी का लोकप्रिय उपन्यास है, जिसका प्रकाशन वर्ष 1949 में हुआ था।
आशा है कि आपको आधुनिक हिंदी साहित्य के विख्यात रचनाकार धर्मवीर भारती का जीवन परिचय (Dharmveer Bharati Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।