दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ (Daane Daane Ko Tarasna Muhavare Ka Arth) होता है, जब कोई व्यक्ति खाने को तरसता हो या भूखा होता है। तो उसके लिए हम दाने दाने को तरसना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप दाने दाने को तरसना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ क्या है?
दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ (Daane Daane Ko Tarasna Muhavare Ka Arth) होता है- कुछ भी खाने को नसीब न होना।
दाने दाने को तरसना पर व्याख्या
इस मुहावरे में “दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ” गांव में बाढ़ के आ जाने से गांव वाले दाने दाने को तरस गये।
दाने दाने को तरसना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
दाने दाने को तरसना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- जयकरन ने अगर समय पर पढ़ाई कर ली होती तो आज वो दाने दाने को न तरस रहा होता।
- राजू की जब से दुकान में चोरी हुई है, बेचारा दाने दाने को तरस रहा है।
- राज की सारी फसल जल गई अब वो दाने दाने को तरस रहा है।
- अगर रवि ने अपने पैसे को सही ढंग से खर्च करना नहीं सीखा तो कुछ ही समय में वो दाने दाने को तरसेगा।
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आशा है कि दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ (Daane Daane Ko Tarasna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।