कम्युनिकेशन स्किल्स क्या हैं?

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Communication Skills in Hindi

आज के दौर में कम्युनिकेशन स्किल बहुत ज़रूरी हुनर है। अगर आपके पास यह नहीं है तो आप पीछे रह जाएंगे। अगर आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी है तो आप अपनी बातों से किसी को भी प्रभावित कर सकते हैं। आप चाहे जॉब करें या अपना खुद का व्यापार, हर जगह आपको कम्युनिकेशन स्किल की आवश्यकता पड़ती ही है। आज इस ब्लॉग में हम Communication Skill in Hindi के बारे में विस्तार से जानेंगे।

कम्युनिकेशन स्किल्स क्या होती हैं?

कम्युनिकेशन (Communication Skill in Hindi) को हिंदी में संचार या सम्प्रेक्षण (ऑब्जरवेशन) कहते हैं। इसका उद्भव लैटिन भाषा में “Communis” शब्द से हुआ है। कम्युनिकेशन का अर्थ होता है सूचना का आदान-प्रदान। कम्युनिकेशन थोड़ी कठिन प्रक्रिया है। कम्युनिकेशन स्किल्स इंसान के व्यक्तित्व का अभिग अंग है, कम्युनिकेशन का मतलब है आप अपनी बात को लोगों के सामने कितने प्रभावी रूप से सामने रखते हैं। किसी व्यक्ति से आपके बात करने के तरीके को कम्युनिकेशन स्किल्स कहते हैं। आप किसी भी क्षेत्र में क्यों नहीं हो अगर आपका बात करने का तरीका सही है तो आप सफल हो जाएंगे।

संचार कौशल के प्रकार 

संचार कौशल के प्रकार नीचे दिए गए हैं-

  1. मौखिक संचार (verbal communication skills)
  2. लिखित संचार (written communication skills)
  3. अमौखिक संचार (non-verbal communication skills)
  1. मौखिक संचार- ऐसी संचार प्रणाली है जिसमे हम एक या एक से अधिक लोगो से  बात करके सन्देश का सम्प्रेक्षण करते है।  इसका उपयोग समूह में , टेलीफोन  के माध्यम से करते है। इसमें आप अपने शब्दो से किसी व्यक्ति की मना सकते है।  इसका हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है इस लिए आपकी  मौखिक संचार सही होना चाहिए।
  2. लिखित संचार- लिखित संचार का मतलब अपनी बात को लिखित रूप से समझाना आपके लिखने की कला व्यक्तित्व को प्रभावित कर सकती है।यह विज्ञापन सामग्री, प्रिंट मीडिया अन्य संस्थाओं से संचार के लिए जरूरी है।
  3. अमौखिक संचार- इसमें आप अपनी बॉडी लैंगवेज के द्वारा किसी से बातचीत कर रहे हैं। उसे अपनी बॉडी लैंग्वेज से अपनी बात को मनवाना नॉन वर्बल कम्युनिकेशन स्किल्स कहते हैं।  बॉडी लैंग्वेज से कहीं लोग आपके पर्सनैलिटी का अंदाजा लगा सकते हैं।

कम्युनिकेशन स्किल्स के साधन

Communication Skill in Hindi में कम्युनिकेशन स्किल्स के साधन नीचे दिए गए हैं-

  1. इंटरापर्सनल कम्युनिकेशन: इसमें व्यक्ति खुद से बातचीत करता है। अपने मन में विचार करता है।
    जैसे : सोचना, किसी चीज़ का अंदाज़ा लगाना आदि। इसके तीन चरण हैं।
    • सेल्फ कांसेप्ट: सेल्फ कांसेप्ट जिसे हम आत्म जागरूकता यानि सेल्फ अवारनेस इसमें ये पता चलेगा की एक व्यक्ति खुद को दूसरे के सामने किस तरह से दिखाता हैं ।
    • धारणा: धारणा यानी परसेप्शन जिसमें धारणा बनाकर आप बाहरी दुनिया के बारे में विचार बनाते है । ये सेल्फ कांसेप्ट से जुड़ा है जो अपने अन्दर और भरी दुनिया में सामंजस्यपूर्ण बनाते हैं ।
    • उम्मीद: उम्मीद जो भविष्य में जीवन में होने वाले चीजों के बारे में हैं।
  2. इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन: इसमें इसमें दो लोग आपस में बात करते हैं, जिसमे एक चैनल शब्द , विचारों या संदेशो के रूप में बात करते हैं ।
  3. ग्रुप कम्युनिकेशन: इसमें कम्युनिकेशन एक समूह यानी ग्रुप के बीच होता है। हर व्यक्ति किसी न किसी ग्रुप का हिस्सा होता ही है जब किसी ग्रुप में एक विशेष टॉपिक पर चर्चा होती हैं तो वो ग्रुप कम्युनिकेशन कहलाता है। 
  4. मास कम्युनिकेशन: ये कम्युनिकेशन का बड़ा रूप होता हैं जिसमें हम लोगों तक किसी मीडियम के द्वारा सूचना पहुंचाते है जैसे : टेलीविज़न , रेडियो, सोशल मीडिया आदि। 

संचार के साधनों में अंतर  

कंपोनेंट्स  इंटरापर्सनल कम्युनिकेशन इंटरपर्सनल कम्युनिकेशनग्रुप कम्युनिकेशन
प्रकार खुद से बात करना (आत्मचिंतन)दोनों तरफ से कम्युनिकेशन करना समूह से बात करना 
संचार का माध्यम सोचना , किसी चीज़ का अंदाज़ा लगाना  चित्र , बातचीत , सुनना ,लिखकर समूह में संचार करना 
उदहारण खुद से बात करना , शर्मीला व्यक्ति का किसी इवेंट के दौरान मुस्कुराना फेस टू फेस , डिजिटल चर्चा, पर्सनल लेटर सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, डिजिटल मीडिया, भाषण

कम्युनिकेशन के अंग 

Communication Skill in Hindi में संचार कौशल में अंग कितने होते हैं, यह नीचे दिए गए हैं-

  1. प्रेषक (sender): वह व्यक्ति है जो अपने विचारों को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचते है, उस प्रेषक कहते हैं।
  2. सन्देश (message): यह  संचार का मुख्य विषय होता है, जिसमें कोई भी सूचना लिखित,  मौखिक या अलिखित किसी भी माध्यम से सम्प्रेषित की जा सकती है।
  3. एन्कोडिंग (encoding): सूचना भेजने वाला व्यक्ति अपने विचारों को अपनी भाषा में या विभिन्न चिन्हों की एक श्रृंखला के रूप में व्यवस्थित करता है और फिर  इस सूचना को आगे भेजता है।
  4. संचार माध्यम (communication channel): सन्देश भेजने के लिए एक ऐसे  माध्यम की जरूरत पड़ती है, जिसके द्वारा वह अपने सन्देश को आगे भेज सके संचार माध्यम औपचारिक अथवा अनौपचारिक किसी भी प्रकार का हो सकता है । व्यक्तिगत, पारिवारिक तथा सामाजिक स्तर पर अनौपचारिक माध्यम का प्रयोग किया जाता है जबकि स्कूल किसी संगठन में सन्देश भेजने के लिये  औपचारिक माध्यम  का प्रयोग किया जाता है। 
  5. डिकोडिंग (decoding): सन्देश प्राप्त होने के बाद प्राप्तकर्ता सन्देश को समझता है। यदि सन्देश किसी कूट भाषा या सांकेतिक भाषा में लिखा है, तो वह इस संदेश को समझने के लिए अपने शब्दों में उसे डिकोड करता है, जिससे उसे सन्देश समझने में सहायता मिलती है।
  6.  प्राप्तकर्ता (receiver): वह व्यक्ति जो संदेश प्राप्त करता है वो प्राप्तकर्ता कहलाता है।

कम्युनिकेशन स्किल्स को बेहतर कैसे करें?

Communication Skill in Hindi में कम्युनिकेशन स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए नीचे दिए गए पॉइंट्स को का पालन करें, तभी आप अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स सुधार सकते हैं-

  • सरल भाषा- प्रेषक द्वारा सन्देश में सरल भाषा का उपयोग करें और तकनीकी और कठिन भाषा के प्रयोग से बचना चाहिए। अपनी बात को सही से पैश करने के लिए सही शब्दो का चयन करना बहुत जरूरी है, सन्देश में ऐसी भाषा प्रयोग होना चाहिए जो सन्देश प्राप्तकर्ता को आसानी से समझ आए। 
  • व्यवस्थित सन्देश – सन्देश का समय, विषय, स्थान उद्देश्य, सन्देश प्राप्तकर्ता सभी पहले से व्यवस्थित होने चाहिए।
  • पक्षपात से बचें- संदेश प्राप्त करने एवं भेजने वाले दोनों को पूर्वाग्रह से बचना चाहिए। उन्हें संदेश पर खुले और स्पष्ट तरीके से विचार करना चाहिए ।उन्हें खुद के ही विचार को सही नहीं समझना चाहिए।
  • बॉडी लैंग्वेज – कम्युनिकेशन स्किल्स  में बॉडी लैंग्वेज का बहुत महत्व होता है, बातचीत करते समय अपने बॉडी लैंग्वेज को सही रखना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को कन्विंस में बॉडी लैंग्वेज का बड़ा रोल है। अपनी बॉडी लैंग्वेज को सुधर करने के लिए रोज़ अभ्यास करे ,अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स के लिए। 
  • अच्छा श्रोता- आपको अच्छा वक्ता होने के साथ-साथ एकअच्छा श्रोता भी होना चाहिए अगर अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को अच्छा बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको लोगों की बात को ध्यान से सुनना पड़ेगा।
  • आई कोन्टक्ट- अपने वार्तालाप को बेहतर बनाने के लिए ऑय कोन्टक्ट होना चाहिए , जिससे सामने वाला व्यक्ति आपकी बातों पर विश्वास कर सकें। अगर आप बात करते समय अपनी नज़रों को चुराते हैं तो कोई भी व्यक्ति आपकी बातों पर विश्वास नहीं करेगा।  
  • कॉंफिडेंट और सकारात्मक रहें- जब आप किसी के सामने अपनी बात रखते है तो उसे प्रेजेंट करने में विश्वास बनाकर रखे और अपनी बात कहे। इसके लिए पहले थोड़ा सोचे उसके बाद ही अपनी बात कहे। अगर आप कॉंफिडेंट दिखते है तो आप अपनी बात को सही साबित कर सकते हैं।
  • पॉइंट टू पॉइंट बात करें- हम अपनी बातों को तभी समझा पाते है जब हम पॉइंट टू पॉइंट बात करते हैं। बहुत से लोग ऐसा करते है कि किसी बात को एक ही बार में एक साथ बोल देते है जिससे सामने वाले व्यक्ति को कुछ भी समझ में नहीं आता है। इसके लिए अपनी बातों को पॉइंट टू पॉइंट रखे जिससे सुनने वाले को आपकी सभी बाते अच्छे से समझ में आए।
  • सही शब्दों का प्रयोग करें- जब आप किसी से बात करते है तो गलत शब्दों का प्रयोग न करें। सही शब्दों का चयन करे, कभी भी काम चलाऊ जैसे शब्दों का प्रयोग न करें। जब आप अच्छे और आकर्षित शब्दों का प्रयोग करते है तो लोग आपसे आकर्षित होते है। और आपकी बात ध्यान से सुनते है तथा आपको एक अच्छा व्यक्ति समझते हैं।
  • बात पूरी करें- कभी भी अपनी बातों को अधूरा ना छोड़े बात को पूरा करे और सामने वाले की बात को भी पूरा होने दे। उनकी बातों को भी ना काटें, नहीं तो सामने वाले व्यक्ति को लगेगा की आपको उनकी बातों में रूचि नहीं है। एक टीम या समूह में, दूसरों को बिना किसी रुकावट के बोलने की अनुमति देना एक आवश्यक संचार कौशल के रूप में देखा जाता है।

कम्युनिकेशन स्किल्स का महत्व 

Communication Skill in Hindi में कम्युनिकेशन स्किल्स का हमारी लाइफ में बहुत बड़ा योगदान है, इसका महत्व हर छेत्र में अलग अलग हो सकता है तो आइए देखते हैं-

प्रोफेशनल लाइफ में

प्रोफेशनल लाइफ में कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी (best communication skills in hindi) होना बहुत ज़रूरी है, यह हमारी मदद करती है। ऑफिस में खुद को लीडर की तरह पेश करना, अपनी बात दूसरों के आगे अचे तरीके से रखना जिससे प्रदर्शन में और सुधार आता है। अपने सहयोगियों के साथ अच्छे सबंध और उनका भरोसा जीतने में मदद करता है।   

स्टूडेंट लाइफ में

खराब कम्यूनिकेशन स्किल के कारण कई छात्र खुद से परेशान हैं और ठीक से लोगों से बात नहीं कर पाते। खराब कम्युनिकेशन स्किल्स की वजह से कही न कही एक होनहार छात्र पीछे रह जाता है, यह आपको उन चीज़ों पर शिक्षकों के साथ बात करने में मदद करेगा जो आपके लिए कठिन हैं, आपके साथी छात्रों के साथ संबंध सुधरने में आपकी मदद करेगा। अन्य छात्रों की तुलना में बहुत कम मानसिक तनाव होगा क्योंकि आप एक बेहतर संप्रेषक हैं। 

संचार में आने वाली बाधाएं

 संचार प्रक्रिया में बाधा एक प्रकार का अवरोध है, जो संदेश के प्रभाव को कमजोर कर देता है। परिणामत: संदेश को ग्रहण करने व उसके अर्थ को समझने में परेशानी होती है। इसमें विकृत फीडबैक मिलता है। संचार प्रक्रिया में कोई न कोई बाधा अवश्य आती है। यह बाधा निम्नलिखित हो सकती है-               

  • शारीरिक बाधा 
  • भाषाई बाधा 
  • सांस्कृतिक बाधा 
  • भावनात्मक बाधा 
  • अवधारणात्मक बाधा 

शारीरिक बाधा : इसका तात्पर्य संचारक और रिसीवर में शारीरिक अक्षमता से है, जिसके कारण संदेश को सम्प्रेषित करने या ग्रहण करने या अर्थ को समझने में बाधा उत्पन्न होती है। (best communication skills in hindi) संचार प्रक्रिया में संदेश के प्रभाव को कमजोर करने वाली प्रमुख शारीरिक बाधाएं निम्नलिखित हैं-

  • उच्चारण क्षमता का कमजोर होना
  • श्रवण क्षमता का कमजोर होना
  • दृश्य क्षमता का कमजोर होना

भाषाई बाधा : इसका तात्पर्य उन अवरोधों से है, जिनका सम्बन्ध भाषा से होता है। मरफ और पैक के अनुसार- शब्दकोष में रन शब्द के 110 अर्थ है। इनमें 71 क्रिया, 35 संज्ञा तथा 4 विश्लेषण के रूप में हैं। ऐसी स्थिति में संचारक जिस अर्थ में रन शब्द का प्रयोग किया होता है, उस अर्थ को रिसीवर समझ लेता है तो संचार प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न नहीं होता है। इसके विपरीत, यदि गलत अर्थ समझता है तो भाषाई बाधा उत्पन्न होता है। भाषाई बाधा निम्नलिखित हैं :-

  • भाषा का अल्प ज्ञान होना
  • दोषपूर्ण अनुवाद होना
  • तकनीकी भाषा का ज्ञान न होना

विशेष सलाह

यहाँ Communication Skill in Hindi में कम्युनिकेशन स्किल्स में सुधार करने के लिए विशेष सलाह दी जा रही है :

  • धारा प्रवाह से बोलें।
  • यह सुनिश्चित करें कि लोग आपकी बात साफ़ साफ़ सुन पा रहे हैं।
  • अन्य लोगों की बात को न काटें। यह बुरा शिष्टाचार माना जाता है।
  • आत्मविश्वास के साथ बोलें। दूसरे लोगों की सोच की चिंता न करें।
  • बोलते समय व्याकरण का ध्यान रखें।
  • आईने के सामने बोलने की प्रैक्टिस करें। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

संचार कौशल के लिए सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें

Communication Skill in Hindi के अंतर्गत संचार कौशल के लिए बेस्ट किताबों की लिस्ट नीचे दी गई है-

किताब  लेखक यहाँ से खरीदें
बोलचाल की कौशल कला
रमेश सनवाल यहां से खरीदें
मोड्स ऑफ़ ट्रांसपोर्ट: ए बुक ऑफ़ ट्रांसपोर्टेशन
शशंक तिवारी यहां से खरीदें
व्यावसायिक संचार
डॉक्टर के .डी पाण्डेय यहां से खरीदें
संचार के मूल सिद्धांत
ओमप्रकाश सिंह यहां से खरीदें
संचार भाषा हिन्दीसूर्यप्रकाश दीक्षित यहां से खरीदें

FAQs

कम्युनिकेशन के 6 तरीके क्या हैं?

कम्युनिकेशन के 6 तरीके इस प्रकार हैं: बॉडी लैंग्वेज सही रखें, बातें ध्यान से सुनें, व्यक्ति को समझें, सही शब्दों का प्रयोग करें, रोज प्रैक्टिस करें, पॉइंट टू पॉइंट बात करें आदि।

कम्युनिकेशन स्किल्स क्या होती हैं?

कम्युनिकेशन को हिंदी में संचार या संप्रेषण कहते हैं। इसका उद्भव लैटिन भाषा में “Communis” शब्द से हुआ हैं। कम्युनिकेशन का अर्थ होता है सूचना का आदान-प्रदान करना।

संचार कौशल के प्रकार कितने हैं?

संचार कौशल के प्रकार ऐसे हैं: मौखिक संचार, लिखित संचार और अमौखिक संचार।

उम्मीद है, ये ब्लॉग आपकी Communication Skills in Hindi को सुधारने में आपकी मदद करेगा। ऐसे ही फैक्ट आधारित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।

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