वाक्यों का ऐसा हिस्सा जिसका अपना खुद का अर्थ हो, जिसमें उद्देश्य और विधेय हों, वे उपवाक्य कहलाते हैं। Clauses in Hindi में सभी उपवाक्य प्रधान उपवाक्य से हिंदी के योजक (connector) शब्दों से जुड़े रहते हैं। Clauses in Hindi के इस ब्लॉग में आप उपवाक्यों से जुड़ी हर जानकारी के बारे में जानेंगे।
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उपवाक्य क्या है?
उपवाक्य वाक्य का अंश होता है जिसमें उद्देश्य और विधेय होते हैं। अतः पदों का ऐसा समूह जिसका अपना अर्थ हो, जो सामान्यतः एक वाक्य का भाग हो तथा जिसमें उद्देश्य एवं विधेय सम्मिलित हो, उपवाक्य कहलाता है। सरल शब्दों में जिन क्रियायुक्त पदों से आंशिक भाव व्यक्त होता है, उन्हें उपवाक्य कहते है। उपवाक्य में कर्त्ता और क्रिया का होना आवश्यक है।
मंजू स्कूल नहीं गयी; क्योंकि पानी बरस रहा था।
मैं नहीं जानता कि वह कहाँ रहता है।
यह वही घड़ी है जिसे मैंने कलकत्ते में खरीदी थी।
ऊपर के वाक्यों में ‘क्योंकि पानी बरस रहा था’, ‘कि वह कहाँ रहता है’ और ‘जिसे मैंने कलकत्ते में खरीदी थी’ – उपवाक्य हैं।
उद्देश्य और विधेय
Clauses in Hindi में वाक्य के दो अंग होते हैं- कर्ता और क्रिया। पक्ष के अनुसार वाक्य के दो पक्ष हो जाते हैं- उद्देश्य और विधेय।
1.उद्देश्य- वाक्य में जिस व्यक्ति या वस्तु के सम्बन्ध में कुछ कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं। जैसे- छात्रों को अनुशासन प्रिय होना चाहिए। इस वाक्य में छात्रों को कहा गया है कि उन्हें अनुशासन प्रिय होना चाहिए। अत: ‘छात्रों को’ उद्देश्य है। इसके अंतर्गत कर्ता तथा कर्ता-विस्तार (विशेषण सम्बन्धबोधक, भावबोधक आदि) आ जाते हैं। सामान्यत: उद्देश्य कोई संज्ञा या संज्ञा की तरह प्रयुक्त शब्द होता है। अर्थात् वाक्य का कर्ता ही वाक्य का उद्देश्य होता है। जैसे-
- तेंदुलकर ने एक ओवर में पाँच छक्के लगाए। इस वाक्य में ‘तेंदुलकर’ उद्देश्य है।
- ‘मोहन बाजार जा रहा है।’ इस वाक्य में ‘मोहन’ उद्देश्य है।
- ‘मेरा बड़ा भाई निशांत जासूसी पुस्तकें अधिक पढ़ता है।’ इस वाक्य में मेरा बड़ा भाई उद्देश्य है।
2. विधेय- उद्देश्य (कर्ता) के सम्बन्ध में जो कहा जाता है उसे विधेय कहते हैं। इसके अन्तर्गत क्रिया, क्रिया विस्तार, कर्म-विस्तार आदि आ जाते हैं। जैसे-
- इस कक्षा का सर्वश्रेष्ठ धावक राम प्रतियोगिता में भाग लेगा। इस वाक्य में उद्देश्य है ‘इस कक्षा का सर्वश्रेष्ठ धावक राम’; विधेय है- ‘प्रतियोगिता में भाग लेगा।’
- मेरा छोटा भाई प्रशांत धार्मिक पुस्तकें अधिक पढ़ता है।’ इस वाक्य में ‘धार्मिक पुस्तकें अधिक’ विधेय है।
- ‘मेरा मित्र राकेश बहुत अच्छा चित्रकार है।’ इस वाक्य में बहुत अच्छा चित्रकार है’ विधेय है।
उपवाक्य के प्रकार
उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं-
(1) संज्ञा उपवाक्य
(2) विशेषण उपवाक्य
(3) क्रिया-विशेषण उपवाक्य
1) संज्ञा उपवाक्य
वह उपवाक्य जो प्रधान या मुख्य उपवाक्य की संज्ञा या कारक के रूप में सहायता करे, उसे संज्ञा उपवाक्य कहते हैं। उदाहरण –
(क) ‘राम ने कहा कि मैं पढूँगा’
यहाँ ‘मैं पढूँगा’ संज्ञा-उपवाक्य है।
(ख) ‘मैं नहीं जानता कि वह कहाँ है-
इस वाक्य में ‘वह कहाँ है’ संज्ञा-उपवाक्य है।
(2) विशेषण उपवाक्य
जो उपवाक्य किसी दूसरे उपवाक्य में आये संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करता है, उसे विशेषण उपवाक्य कहते हैं। जैसे- ‘वह विद्यार्थी जो कल अनुपस्थित था, बीमार है।’
(1) वह विद्यार्थी बीमार है- प्रधान उपवाक्य
(2) जो कल अनुपस्थित था – विशेषण उपवाक्य ; ‘विद्यार्थी की विशेषता बतलाता है।
यह जरूरी नहीं कि विशेषण उपवाक्य प्रधान उपवाक्य में आये हुए ही किसी शब्द की विशेषता प्रकट करे। यह अन्य उपवाक्य में आये हुए शब्दों की भी विशेषता प्रकट करता है। जैसे- मैंने कहा कि तुमने यह कलम खरीदी है जो बाजार में सबसे सस्ती है।
(1) मैंने कहा – प्रधान उपवाक्य।
(2) कि तुमने यह कलम खरीदी है- संज्ञा उपवाक्य, ‘कहा’ क्रिया का कर्म।
(3) जो बाजार में सस्ती है- विशेषण उपवाक्य संज्ञा उपवाक्य में आये।
(3) क्रिया-विशेषण उपवाक्य
जो उपवाक्य किसी क्रिया की विशेषता बताते हैं, उन्हें क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहते हैं। जैसे- जब पानी बरसता है, तब मेंढक बोलते हैं। यहाँ ‘जब पानी बरसता है‘ क्रियाविशेषण-उपवाक्य हैं।
ये उपवाक्य क्रिया का समय, स्थान, कारक, प्रयोजन परिमाण आदि बताते हैं। इनकी शुरुआत जब, जहाँ, क्योंकि जिससे, अतः, अगर, यद्यपि, चाहे, जो, त्यों, ज्यों, मानों इत्यादि से होती है। जैसे –
- ‘जब पानी बरसे खेत जोत डालना।’ – समय
- ‘जहाँ सज्जनों का मान होता है वहाँ लक्ष्मी निवास करती है।’ – स्थान
- ‘मैं रोटी नहीं खाऊँगा, क्योंकि पेट में अधिक दर्द है। – कारण
- मुझे पुस्तक दे दो, जिससे मैं पाठ याद कर लूँ। – प्रयोजन
- राम ने कठिन परिश्रम किया, अतः परीक्षा में उत्तीर्ण हो गया – परिणाम
- यदि मोहन यहाँ आएगा, तो मैं अवश्य जाऊंगा। – शर्त्त
- राम वैसा ही चतुर है, जैसे- कि तुम हो। – तुलना
- जैसे-जैसे- मैं बोलूँ वैसे-वैसे तुम लिखो। – प्रकार
उपवाक्य के भेद
Clauses in Hindi में उपवाक्य के भेद जानना जरूरी है तो आइए देखते हैं उपवाक्य के कितने भेद होते हैं? उपवाक्य के निम्नलिखित दो भेद होते हैं :
1.प्रधान उपवाक्य (मुख्य उपवाक्य)- प्रधान उपवाक्य वह होता है जिसकी क्रिया मुख्य होती है।
2.आश्रित उपवाक्य- आश्रित उपवाक्य दूसरे उपवाक्य पर आश्रित होता है। आश्रित उपवाक्यों का आरम्भ प्राय: ‘कि ‘, ‘जो’, ‘जिसे’,’यदि’ ‘क्योंकि’, आदि से होता है। आश्रित उपवाक्य आरंभ, मध्य या अंत में भी आ सकते हैं।
उदाहरण- अभिमन्यु परिश्रम करता तो, अवश्य सफल होता’ इस वाक्य का सरल वाक्य इस प्रकार बनेगा- ‘अभिमन्यु परिश्रम करने पर अवश्य सफल होता। यहाँ ‘परिश्रम करता’ क्रिया रूपांतरित हो गई है। अत: यह आश्रित उपवाक्य है। दूसरी ओर ‘सफल होता‘ क्रिया ज्यों की त्यों विद्यमान रही। अत: यह प्रधान उपवाक्य है।
उपवाक्य के भेद के उदाहरण
Clauses in Hindi को समझने के लिए कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं:
1.गांधी जी ने कहा कि सदा सत्य बोलो। इस वाक्य में- गांधी जी ने कहा – प्रधान उपवाक्य, कि सदा सत्य बोलो – आश्रित उपवाक्य
2. यह वही व्यक्ति है जिसकी कल पिटाई की गई थी। इस वाक्य में- यह वही व्यक्ति है -प्रधान उपवाक्य, जिसकी कल पिटाई की गई थी -आश्रित उपवाक्य
3.रोशन जो मुरलीपुरा में रहता है, मेरा मित्र है। इस वाक्य में- रोशन जो मुरलीपुरा में रहता है – प्रधान उपवाक्य है।मेरा मित्र है – आश्रित उपवाक्य है।
4.गौरी अभिमन्यू की छोटी बहन है, जो मुंबई में पढ़ती है। इस वाक्य में- गौरी अभिमन्यू की छोटी बहन है – प्रधान उपवाक्य, जो मुंबई में पढ़ती है- आश्रित उपवाक्य है।
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विविध उदाहरण
- जिसकी लाठी उसकी भैंस।
- मैंने सुना है सुरैया ने निकाह कर लिया है।
- तुम जिसे चाहे, चुन लो।
- जो करेगा, सो भरेगा।
- वह कौन सा व्यक्ति है, जिसने महात्मा गांधी का नाम न सुना हो।
- यद्यपि वह गरीब है तथापि ईमानदार है।
- मैंने सुना है कि नीना पास हो गई है।
- चाहे रात बीत जाए, मुझे गृहकार्य पूरा करना है।
- मैं उस लड़की से मिला था, जिसकी किताब खो गई थी।
आश्रित उपवाक्य के भेद
मिश्र वाक्य में प्रयुक्त होने वाले गौण उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं
(क) संज्ञा उपवाक्य- जो उपवाक्य प्रधान वाक्य की किसी संज्ञा या संज्ञा-पदबंध के स्थान पर प्रयुक्त हुआ हो, उसे संज्ञा उपवाक्य कहते हैं, जैसे-अभिमन्यु ने कहा कि हम लड़ाई नहीं चाहते। यहाँ ‘हम लड़ाई नहीं चाहते’ यह संज्ञा उपवाक्य है जो अभिमन्यु ने कहा इस प्रधान उपवाक्य के कर्म के रूप में प्रयुक्त हुआ है। अत: यह संज्ञा उपवाक्य है ।
(ख) विशेषण उपवाक्य- जो आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है, उसे विशेषण उपवाक्य कहते हैं, जैसे- यह वही आदमी है, जिसने कल मुझे थप्पड़ मारा था । उपर्युक्त वाक्य में ‘जिसने कल थप्पड़ मारा था’ ऐसा आश्रित उपवाक्य हैं, जो क्रमशः ‘आदमी’ संज्ञा तथा ‘उसे’ सर्वनाम की विशेषता बताता है।
अन्य उदाहरण-
‘यह वही लड़का है जिसने कल चोरी की थी।’ इस वाक्य में विशेषण उपवाक्य है।
‘जहाँ-जहाँ वह गया उसका बहुत सम्मान हुआ।’
विशेषण उपवाक्य का प्रारम्भ सर्वनाम ‘जो’ अथवा इसके किसी रूप (यथा- जिसने, जिसे, जहाँ जिससे, जिनके लिए आदि) से होता है।
(ग) क्रिया विशेषण उपवाक्य- जिस आश्रित उपवाक्य का प्रयोग क्रिया-विशेषण की भाँति किया जाता है। अर्थात् उपवाक्य प्रधान, उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बताता है उसे क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहते हैं। यदि बोलना नहीं आता, तो भी बोलने की कोशिश कीजिए। उपर्युक्त वाक्य में शब्द मुख्य उपवाक्य की क्रिया विशेषताएँ (समय और शर्त) बता रहे हैं, अत: यह क्रिया-विशेषण उपवाक्य हैं।
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इसके पाँच भेद होते हैं
(i) काल सूचक उपवाक्य – जब मैं घर पहुँचा, तब वह जा रही थी।
(ii) स्थानवाचक उपवाक्य- जिधर हम जा रहे हैं, उधर एक शेर है।
(iii) रीतिवाचक उपवाक्य- बच्चे वैसे ही करते हैं, जैसा वे बड़ों से सीखते हैं।
(iv) परिमाणवाचक उपवाक्य- जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, वैसे-वैसे पसीना आयेगा।
(v) परिणाम अथवा हेतु सूचक उपवाक्य- वह इसलिए आएगा ताकि आपसे शादी कर सके।
प्रधान उपवाक्य | आश्रित उपवाक्य | उपवाक्य का प्रकार |
सुशील ने कहा कि | मैं गाँव नहीं जाऊँगा | संज्ञा उपवाक्य |
वे सफल होते हैं | जो परिश्रम करते हैं। | विशेषण उपवाक्य |
श्याम को गाड़ी नहीं मिली | क्योंकि वह समय पर नहीं गया। | क्रिया विशेषण उपवाक्य |
प्रधान उपवाक्य कैसे पहचाने
Clauses in Hindi में प्रधान उपवाक्य के अधिकत्तर कि, जिससे, जिसे, जिसको, जिसमें, ताकि, जो, जितना, ज्यों-त्यों, चूंकि, क्योंकि, यदि, यद्यपि, जब, जहां, इत्यादि से शुरू होते हैं।
Worksheet
एक्सरसाइज
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार
उत्तर: (ग)
(क) पाँच
(ख) चार
(ग) तीन
(घ) दो
उत्तर: (क)
(क) संज्ञा उपवाक्य
(ख) विशेषण उपवाक्य
(ग) क्रिया-विशेषण उपवाक्य
(घ) विशेषण उपवाक्य
उत्तर: (ग)
(क) प्रधान उपवाक्य (मुख्य उपवाक्य)
(ख) आश्रित उपवाक्य
(ग) नइर्श्रीट उपवाक्य
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ग)
(क) यद्यपि वह गरीब है तथापि ईमानदार है।
(ख) वह विद्यार्थी जो कल अनुपस्थित था, बीमार है।
(ग) वह कौन सा व्यक्ति है जिसने महात्मा गांधी का नाम न सुना हो।
(घ) राम ने कहा कि मैं पढूँगा।
उत्तर: (घ)
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार
उत्तर: (ग)
(क) उपवाक्य
(ख) संज्ञा उपवाक्य
(ग) विशेषण उपवाक्य
(घ) क्रिया-विशेषण उपवाक्य
उत्तर: (क)
(क) एक
(ख) दो
(ग) तीन
(घ) चार
उत्तर: (ख)
(क) उपवाक्य
(ख) कर्ता
(ग) संज्ञा
(घ) उद्देश्य
उत्तर: (घ)
(क) मेरा छोटा भाई
(ख) धार्मिक पुस्तकें अधिक’
(ग) प्रशांत
(घ) अधिक पढ़ता है
उत्तर: (ख)
उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं–
(1) संज्ञा उपवाक्य
(2) विशेषण उपवाक्य
(3) क्रिया-विशेषण उपवाक्य
क्रिया विशेषण उपवाक्य
मिश्र वाक्य उसे कहते हैं, जिसमें एक सरल वाक्य के अतिरिक्त उसके अधीन कोई अन्य अंग वाक्य हो।
जैसे- वह कौन-सा भारतीय है जिसने महात्मा गाँधी का नाम न सुना हो।
जैसे-अभिमन्यु ने कहा कि हम लड़ाई नहीं चाहते। यहाँ ‘हम लड़ाई नहीं चाहते’ यह संज्ञा उपवाक्य है जो अभिमन्यु ने कहा इस प्रधान उपवाक्य के कर्म के रूप में प्रयुक्त हुआ है, यह संज्ञा उपवाक्य के उदाहरण है ।
जो उपवाक्य किसी दूसरे उपवाक्य में आए संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करता है, उसे विशेषण उपवाक्य कहते हैं।
जैसे- ‘वह विद्यार्थी जो कल अनुपस्थित था, बीमार है।’
(क) वह विद्यार्थी बीमार है- प्रधान उपवाक्य
(ख) जो कल अनुपस्थित था – विशेषण उपवाक्य ; ‘विद्यार्थी की विशेषता बतलाता है।
FAQs
प्रधान उपवाक्य (मुख्य उपवाक्य)- प्रधान उपवाक्य वह होता है जिसकी क्रिया मुख्य होती है।
वाक्य में जिस व्यक्ति या वस्तु के सम्बन्ध में कुछ कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं। जैसे- “छात्रों को अनुशासन प्रिय होना चाहिए।” उक्त वाक्य में छात्रों को कहा गया है कि उन्हें अनुशासन प्रिय होना चाहिए। अत: ‘छात्रों को’ उद्देश्य है।
उपवाक्य के निम्नलिखित दो भेद होते हैं :
1.प्रधान उपवाक्य (मुख्य उपवाक्य)
2.आश्रित उपवाक्य
(क) संज्ञा उपवाक्य
(ख) विशेषण उपवाक्य
(ग) क्रिया विशेषण उपवाक्य
जैसे- ‘राम ने कहा कि मैं पढूँगा’
यहाँ ‘मैं पढूँगा’ संज्ञा-उपवाक्य है।
‘मैं नहीं जानता कि वह कहाँ है-
इस वाक्य में ‘वह कहाँ है’ संज्ञा-उपवाक्य है।
उपवाक्य वाक्य का अंश होता है जिसमें उद्देश्य और विधेय होते हैं। अतः पदों का ऐसा समूह जिसका अपना अर्थ हो, जो सामान्यतः एक वाक्य का भाग हो तथा जिसमें उद्देश्य एवं विधेय सम्मिलित हो, उपवाक्य कहलाता है।
उपवाक्य के दो भेद होते हैं-
1.प्रधान उपवाक्य (मुख्य उपवाक्य)
2.आश्रित उपवाक्य
जो आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है, उसे विशेषण उपवाक्य कहते हैं, जैसे- यह वही आदमी है, जिसने कल मुझे थप्पड़ मारा था । उपर्युक्त वाक्य में ‘जिसने कल थप्पड़ मारा था’ ऐसा आश्रित उपवाक्य हैं, जो क्रमशः ‘आदमी’ संज्ञा तथा ‘उसे’ सर्वनाम की विशेषता बताता है।
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5 comments
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