Chintan ka Sandhi Viched | जानिए चिंतन का संधि विच्छेद क्या होगा

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Chintan ka Sandhi Viched

छोटी कक्षा से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं में संधि से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे ही संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि चिंतन शब्द का संधि विच्छेद क्या होगा।

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Chintan ka Sandhi Viched क्या है?

चिंतन का संधि विच्छेद होगा “चिम् + तन”। चिंतन शब्द का अर्थ है ध्यान या स्मरण। इस शब्द में व्यंजन संधि लागू होती है। तो आईये जानते है विस्तार से व्यंजन संधि के बारे में।

व्यंजन संधि क्या है?

व्यंजन वर्ण के साथ स्वर वर्ण या व्यंजन वर्ण अथवा स्वर वर्ण के साथ व्यंजन वर्ण के मेल से जो विकार उत्पन हो, उसे ‘व्यंजन संधि’ कहते हैं।

उदाहरण

शब्दसंधि विच्छेद
दिगंबरदिक + अंबर
वागीशवाक+ ईश
जगदंबाजगत+ अंबा
उन्नतिउत् + नति
जगन्नाथ जगत् + नाथ

चिंतन से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग

चिंतन से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है:

  • मेरे दादाजी का अधिकतर समय चिंतन में बीतता है।
  • सुबह सुबह ईश्वर का चिंतन करना अच्छी आदतों में से एक है।
  • काफी चिंतन के बाद उन्होंने सही निर्णय लिया।
  • जया आज सुबह से चिंतन में खोयी हुई है।
  • राम प्रतिदिन सुबह एक घंटा चिंतन में बिताता है।

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