Chandrayaan 3 का नाम क्या है?

1 minute read
Chandrayaan 3 Name

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 चंद्रमा मिशन लॉन्च किया है। चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही अगला चरण है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। चंद्रयान-3 को LVM3-M4 रॉकेट से लॉन्च किया गया और इसे पहले GSLV MK-III के नाम से जाना जाता था। 

चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम के 23 अगस्त की शाम करीब 5.47 बजे चांद पर लैंड करने की उम्मीद है, हालांकि इसमें बदलाव हो सकता है।

चंद्रयान-3 एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैस है। इसकी शुरुआती रफ्तार 1,627 किमी प्रति घंटा होगी और लॉन्चिंग के 108 सेकंड बाद 45 किलोमीटर की ऊंचाई पर इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट होगा।

इस बार चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की जिम्मेदारी एक महिला साइंटिस्ट के हाथों में है। ISRO साइंटिस्ट ऋतु करिधाल चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर हैं। 

रॉकेट की रफ्तार 6,437 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी। आसमान में 62 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने पर दोनों बूस्टर रॉकेट से अलग हो जाएंगे और रॉकेट की रफ्तार 7 हजार किमी प्रति घंटा पहुंच जाएगी।

ISRO चीफ ने बताया कि चंद्रयान-3 लैंडर की लैंडिंग वेलोसिटी को 2 मीटर/सेकंड से बढ़ाकर 3 मीटर/सेकंड कर दिया गया है। यह एडजस्टमेंट सुनिश्चित करता है कि 3 मीटर/सेकंड की वेलोसिटी पर भी लैंडर दुर्घटनाग्रस्त नहीं होगा।

इसका वजन करीब 3,900 किलोग्राम है। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा गया है। 4 साल में दूसरी बार भारत अपना मिशन मून लॉन्च कर रहा है, जिसमें कई जरूरी बदलाव किए गए हैं।

यह भी पढ़ें- Aditya-L1 Mission : आदित्य L1 मिशन क्या है और यह कब लाॅन्च होगा?

क्यों खास है चंद्रयान-3 मिशन?

चंद्रयान-3 मिशन अलग और खास माना जा रहा है क्योंकि अब तक जितने भी देशों ने अपने यान चंद्रमा पर भेजे हैं उनकी लैंडिग उत्तरी ध्रुव पर हुई है,जबकि चंद्रयान थ्री चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला यान होगा। इसके अलावा चंद्रयान 3 इसरो ही नहीं बल्कि पीएम मोदी का भी ड्रीम प्रोजेक्ट है।
इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*