महाराष्ट्र के हायर एंड टेक्नोलॉजिकल एजुकेशन मिनिस्टर चंद्रकांत पाटिल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया में सुधार का सुझाव दिया है। ऐसा करने के पीछे उनका तर्क इसे और अधिक सुविधाजनक बनाया जा सके ताकि अधिक कॉलेज NAAC से मान्यता प्राप्त हो सकें।
फीस कम करने से लेकर प्रक्रिया के लिए ओवरॉल एक्सपेंस की सीमा तय करने से लेकर उच्च शिक्षा संस्थानों को फाइनेंशियल या फीस रेम्बेरस्मेंट प्रदान करने तक, सुझावों में कॉलेज के प्रकार के आधार पर कुछ मापदंडों को ऑप्शनल बनाना भी शामिल है।
AISHE रिपोर्ट 2021 का किया जिक्र
पाटिल ने ऑल इंडिया हायर एजुकेशनल सर्वे (AISHE) रिपोर्ट 2021 का जिक्र किया। जिसमें कहा गया है कि कुल 61.4 प्रतिशत कॉलेज देश के ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं। ग्रामीण या दुर्गम क्षेत्रों के कॉलेजों में जहां 500 से अधिक छात्र नहीं हैं या जो केवल एक ही कोर्सेज या स्ट्रीम ऑफर करते हैं। उनमें सभी के लिए समान मानदंड के बजाय ऐसे पैरामीटर होने चाहिए जो उस कॉलेज की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। लगभग 30 प्रतिशत मेट्रिक्स ऑप्शनल हो सकते हैं और उनके वेटेज को तदनुसार फिर से आवंटित किया जा सकता है।
पाटिल ने पिछले महीने भी NAAC के लिए दिया था सुझाव
राज्य सरकार द्वारा NAAC मान्यता जनादेश के अनुपालन में देरी के कारण को समझने के लिए सभी स्टेट यूनिवर्सिटीज के चांसलर्स के साथ एक बैठक के बाद, पाटिल ने पिछले महीने घोषणा की थी कि राज्य केंद्र सरकार को NAAC प्रक्रिया में सुधार का सुझाव देगा।
इस बैठक में चांसलर्स द्वारा कई मुद्दे बताए जाने के बाद, राज्य में कॉलेजों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों के सामने आने वाले मुद्दों का अध्ययन करने के लिए कवयित्री बहिनाबाई चौधरी उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, जलगांव के वीसी प्रोफेसर वीएल माहेश्वरी के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया था।
वर्तमान में महाराष्ट्र में, 28 सरकारी कॉलेजों में से 24 के पास NAAC मान्यता है और कुल 1,177 सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में से 1,133 ने इसे प्राप्त किया है। लेकिन पूरे महाराष्ट्र में 2,141 गैर-सहायता प्राप्त कॉलेजों में से केवल 257 के पास NAAC मान्यता है। जबकि राज्य द्वारा कॉलेजों के लिए प्रवेश जारी रखना अनिवार्य बनाए जाने के बाद 373 और ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
क्या होगा NAAC द्वारा प्रक्रिया में सुधार करने से?
NAAC द्वारा प्रक्रिया में सुधार यदि हो जाता है तो यही छात्रों के हित में ही कार्य होगा। ऐसा होने से NAAC से कई अन्य संस्थान जुड़ जाएंगे जो काफी समय से NAAC से एफिलिएशन की प्रतीक्षा में थे। NAAC से एफिलिएशन मिलने के बाद इन संस्थानों की शिक्षा गुणवत्ता भी में इजाफा होगा।
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