मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चन्द्रगुप्त भारतीय इतिहास के सबसे महान शासकों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने भारत वर्ष पर अनेक वर्षों तक शासन किया था। चन्द्रगुप्त ने सबसे पहले अखंड भारत का स्वप्न देखा था और वे इसे पूरा करने में सफल भी रहे थे। चन्द्रगुप्त मौर्य की तीन पत्नियां थीं। इनके नाम दुर्धरा, हेलेना और चंद्र नंदिनी हैं। दुर्धरा से चन्द्रगुप्त मौर्य को एक पुत्र प्राप्त हुआ जिसका नाम बिन्दुसार था। चन्द्रगुप्त मौर्य के दूसरे बेटे का नाम जस्टिन था जो कि हेलेना का पुत्र था। यहाँ मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त के पुत्रों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
चन्द्रगुप्त का ज्येष्ठ पुत्र : बिंदुसार
न्द्रगुप्त की मृत्यु के बाद उनका बड़ा पुत्र बिंदुसार सिंहासन पर बैठा। अपने पिता की तरह ही बिन्दुसार भी एक प्रतापी योद्धा और चतुर शासक ही था। चन्द्रगुप्त की तरह ही बिन्दुसार भी जिज्ञासु था और विद्वानों तथा दार्शनिकों का आदर करता था। ऐथेनियस के अनुसार बिन्दुसार ने एण्टियोकस (सीरिया का शासक) को एक यूनानी दार्शनिक भेजने के लिए लिखा था। दिव्यावदान की एक कथा के अनुसार आजीवक परिव्राजक बिन्दुसार की सभा को सुशोभित करते थे। कहा जाता है कि चाणक्य ने 16 राज्य के राजाओं और सामंतों का नाश किया और बिन्दुसार को पूर्वी समुद्र से पश्चिमी समुद्र पर्यन्त भू-भाग का अधीश बनाया। इतिहासकार मानते हैं कि बिन्दुसार ने भारत पर कुल 27 वर्षों तक शासन किया। बिन्दुसार की मृत्यु को लेकर विद्वानों में आपस में मतभेद है। परन्तु अधिकतर इतिहासकार इनकी मृत्यु की तारीख ईसा पूर्व 270 में हुई मानते हैं।
चन्द्रगुप्त का कनिष्ठ पुत्र : जस्टिन
जस्टिन चन्द्रगुप्त मौर्य का छोटा बेटा था। वह उसकी दूसरी पत्नी हेलेना का बेटा था। वह काफी सुन्दर और बलशाली युवक था। दुर्भाग्य से ऐतिहासिक दस्तावेज़ों में जस्टिन के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिलती है। इतिहास में अधिकतर वर्णन चन्द्रगुप्त एक बड़े बेटे बिंदुसार का ही किया गया है।
आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में चन्द्रगुप्त मौर्य के कितने पुत्र थे? के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।