बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में भारत सरकार की इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस- BHU पहल के तहत राजा ज्वाला प्रसाद पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप शुरू की है। इसमें चयनित स्टूडेंट्स को INR 60,000 प्रतिमाह मिलेंगे। इसके अलावा कैंडिडेट्स को INR 10,000 प्रतिमाह HRA और INR 50,000 वार्षिक का काॅन्टेंसी ग्रांट भी ले पाएंगे।
इसके अलावा कैंडिडेट्स को यूनिवर्सिटी की अन्य सुविधाएं जैसे- स्वास्थ्य सेवा, पुस्तकालय और अन्य संसाधनों का लाभ भी मिल सकेगा। इस फेलोशिप का उद्देश्य यूनिवर्सिटी के उन सदस्यों को प्रोत्साहित व सशक्त करना है, जिन्होंने रिसर्च प्रोजेक्ट्स के लिए बाहरी एजेंसियों से ग्रांट हासिल की है।
यूनिवर्सिटी के मुताबिक, ऐसे सदस्य इस योजना के तहत युवा शोधकर्ताओं को बतौर पोस्ट-डॉक्टोरल स्टूडेंट अपने साथ जोड़ पाएंगे। यह फेलोशिप 1 वर्ष के लिए होगी, जिसे छात्र के प्रदर्शन और बजट की उपलब्धता के आधार पर 1 वर्ष के लिए और बढ़ाया जा सकता है।
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इसलिए शुरू की गई फेलोशिप
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की ओर बताया गया कि उनके भूतपूर्व प्रो. वाइस चांसलर राजा ज्वाला प्रसाद के नाम पर शुरू यह योजना यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए महामना द्वारा शुरू किए गए अभियान में उनके योगदान को श्रद्धांजलि है। उन्होंने BHU कैंपस की रूपरेखा तैयार की थी। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि यह फैलोशिप युवा रिसर्चर्स को यूनिवर्सिटी में रिसर्च एक्टीविटीज को गति देगी और उनके शैक्षणिक व शोध करियर बनाने में भी मदद करेगी।
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BHU के बारे में
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी शिक्षा का मंदिर है। इसकी स्थापना सन 1916 में महान राष्ट्रवादी नेता पंडित मदन मोहन मालवीय ने डॉ. एनी बेसेंट जैसी महान हस्तियों के सहयोग से की थी। BHU (BHU एक्ट, 1915) संसदीय कानून के तहत स्थापित किया गया था। इसने स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत में शिक्षा के सबसे बड़े केंद्र के रूप में विकसित हुआ।
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