Bhiksha Shabd Roop Sanskrit Mein : आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा भिक्षा के शब्द रूप संस्कृत में और याद करने के लिए ट्रिक

1 minute read
Bhiksha Shabd Roop

क्या आपके संस्कृत के अध्यापक ने कभी आपको Bhiksha Shabd Roop लिखने या कक्षा में सुनाने के लिए कहा है? या आपने उन्हें ये कहते सुना है कि भिक्षा शब्द रूप बहुत महत्वपूर्ण है। Bhiksha Shabd Roop छोटी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक पूछा जाता है क्योंकि यह संस्कृत की नींव है। आपको बता दें कि इससे जुड़े हुए प्रश्न कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। Shabd Roop के जरिए हम किसी भी शब्द का प्रयोग सही ढंग से कर सकते हैं और उसका अर्थ भी सही से समझ सकते हैं। इस ब्लॉग में Bhiksha Shabd Roop Sanskrit mein, शब्द रूप किसे कहते हैं?, शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?, भिक्षा शब्द रूप कैसे याद करें? के बारे में जानेंगे।

आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द किसे कहते हैं?

भिक्षा शब्द आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा का रूप है। जो शब्द आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा के होते हैं उनके शब्द रूप एक प्रकार से ही बनते हैं।

  • आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द : आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द वे शब्द होते हैं जो स्त्रीलिंग होते हैं और जिनके अंत में “आ” ध्वनि होती है।
  • आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा के उदाहरण : भिक्षा, निशा, जरा, कला, धरा, राधा, गीता, लता, माला, बाला, अवस्था, अध्यापिका, क्रीडा, दुर्गा, कविता, क्षमा, नौका, कोयल, कृपा, गायिका, कोकिला, गोपिका, चटका, चिड़िया, छाया, नासिका, छाता, जनता, तारा, दया, महिला, रमा, दशा, नर्मदा, नायिका, माया, अजा, पत्रिका, पुस्तिका, बालिका, भाषा, छात्रा, सीता, यात्रा, यमुना आदि सभी शब्द आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा हैं।

शब्द रूप किसे कहते हैं?

जैसा कि हम उच्चारण से समझ सकते हैं शब्द रूप अर्थात एक शब्द के विभिन्न रूप होते हैं। शब्द रूप की परिभाषा यह है कि शब्द के विभिन्न विभक्तियों में होने वाले परिवर्तन को शब्द रूप कहते हैं। शब्द रूप व्याकरण का एक महत्वपूर्ण विषय है, इसे याद करने से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि किसी शब्द का प्रयोग विभक्ति और वचन के अनुसार किस प्रकार किया जाता है।

शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?

शब्द रूपों को मुख्यता दो भागों में बांटा जाता है-

  • विकारी शब्द रूप: विकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप बदबलिके हैं।
  • अविकारी शब्द रूप: अविकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप नहीं बदबलिके हैं।

भिक्षा शब्द रूप संस्कृत में (Bhiksha Shabd Roop Sanskrit Mein)

भिक्षा शब्द रूप (Bhiksha Shabd Roop) समझ लेने से संस्कृत में वचन के अनुसार वाक्यों में इसका प्रयोग करना आसान हो जाता है, जो इस प्रकार हैं: 

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमाभिक्षाभिक्षेभिक्षाः
द्वितीयाभिक्षाम्भिक्षेभिक्षाः
तृतीयाभिक्षयाभिक्षाभ्याम्भिक्षाभिः
चतुर्थीभिक्षायैभिक्षाभ्याम्भिक्षाभ्यः
पंचमीभिक्षायाःभिक्षाभ्याम्भिक्षाभ्यः
षष्ठीभिक्षायाःभिक्षयोःभिक्षाणाम्
सप्तमीभिक्षायाम्भिक्षयोःभिक्षासु
सम्बोधनहे माये!हे माये!हे भिक्षाः!
Bhiksha Shabd Roop

भिक्षा शब्द के रूप कैसे याद करें?

भिक्षा शब्द रूप को नीचे दी गई टेबल में दिए सुबन्त के प्रत्यय लगाकर या किसी भी आकारांत स्त्रीलिंग शब्द रूप को आसानी से लिखा जा सकता है –

विभक्ति  एकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमा  आः
द्वितीया  आम्आः
तृतीया  अयाआभ्याम्आभि:
चतुर्थी  आयैआभ्याम्आभ्य:
पंचमी  आयाःआभ्याम्आभ्य:
षष्ठी  आयाःअयो:आनाम्/आणाम्
सप्तमी  आयाम्अयो:आसु

आप ऊपर दी गई टेबल के माध्यम से शब्द के अंत में उपरोक्त प्रत्यय लगाकर शब्द रूप लिख सकते हैं। कुछ इस प्रकार से इसका योग होगा –

विभक्ति  एकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमा  भिक्षा + = भिक्षाभिक्षा + = भिक्षेभिक्षा + आः = भिक्षाः
द्वितीया  भिक्षा + आम् = भिक्षाम्भिक्षा + =  भिक्षेभिक्षा + आ: = भिक्षाः
तृतीया  भिक्षा + अया = भिक्षयाभिक्षा + आभ्याम् = भिक्षाभ्याम्भिक्षा + आभि: = भिक्षाभि:
चतुर्थी  भिक्षा + आयै = भिक्षायैभिक्षा + आभ्याम् = भिक्षाभ्याम्भिक्षा + आभ्य: = भिक्षाभ्य:  
पंचमी  भिक्षा + आयाः = भिक्षायाःभिक्षा + आभ्याम् = भिक्षाभ्याम्भिक्षा + आभ्य: = भिक्षाभ्य:  
षष्ठी  भिक्षा + आयाः = भिक्षायाःभिक्षा + अयो: =    भिक्षयोःभिक्षा + आनाम्/आणाम् = भिक्षाणाम्
सप्तमी  भिक्षा + आयाम् = भिक्षायाम्भिक्षा + अयो: = भिक्षयोःभिक्षा + आसु = भिक्षासु

अकारान्त पुल्लिंग के शब्द रूप से संबंधित

आकारांत स्त्रीलिंग के शब्द रूप से संबंधित

उम्मीद है आप सभी को Bhiksha Shabd Roop Sanskrit mein समझ आए होंगे। संस्कृत व्याकरण के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*