AISHE की रिपोर्ट बताती है कि BEd दाखिले INR 8.11 लाख (2016-17) से बढ़कर INR 14.03 लाख (2020-2021) हो गए
अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) 2020-2021 के अनुसार, बैचलर इन एजुकेशन (BEd) में छात्रों के नामांकन में 73% की वृद्धि पाई गई है। BEd नामांकन के लिए वर्ष 2016-17 में 8.11 लाख से बढ़कर 2020-2021 में 14.03 लाख हो गया। यह शिक्षण पेशे के प्रति बढ़ी हुई रुचि की पुष्टि करता है। जिसके परिणामस्वरूप शिक्षकों को दिए जाने वाले वेतन में वृद्धि हुई है।
शिक्षकों के बेहतर भविष्य की नीव रखते हुए, दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय (DTU) के कुलपति, धनंजय जोशी ने कहा कि विश्वविद्यालय, IIT, IIM और NLU की तर्ज पर स्थापित किया गया है, जो प्रतिभा और उनके द्वारा उत्पादित संसाधनों के लिए विश्व स्तर पर पहचाने जाते हैं। DTU के कुलपति के अनुसार, “DTU, यह एक स्पेशल यूनिवर्सिटी की तरह है जो टीचर्स के लिए ट्रेनिंग देने का और दुनिया को बेहतर शिक्षक देने के उद्देश्य से कार्यरत है।”
जोशी के अनुसार “सातवें वेतन आयोग की शुरुआत के बाद, शिक्षकों के वेतन में काफी वृद्धि हुई है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को अब 50-60 हजार रुपये से शुरू होने वाले काफी प्रभावशाली वेतन का भुगतान किया जाता है। आर्थिक समृद्धि के कारण BEd पाठ्यक्रम में नामांकन की संख्या में वृद्धि हुई है।
कुलपति के अनुसार “अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य यूरोपीय देशों में भारतीय शिक्षकों की मांग बहुत अधिक है। मेरे पिछले विश्वविद्यालय के लगभग 10% स्नातक हर साल विदेशी स्कूलों में जाते हैं। विदेशों में शिक्षकों की मांग पाठ्यक्रम में उच्च नामांकन का एक और कारण है।”
चार साल का इंटीग्रेटेड कोर्स हो या भविष्य के लिए शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के लिए बढ़ते अवसर, हर प्रकार से युवाओं को शिक्षक बनने के लिए प्रेरित और मार्गदर्शित कर रहे हैं। इसी कारण से BEd में एनरोलमेंट करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि पायी गई है।
NEP 2020 में प्रस्तावित एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (आईटीईपी) की शुरूआत ने भी नामांकन में वृद्धि पाई गई थी। इसके अलावा पाठ्यक्रम छात्रों को दोहरी डिग्री की आवश्यकता के बिना चार साल के एकीकृत कार्यक्रम में BEd करने की भी अनुमति देगा।
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