मेडिकल साइंस की फील्ड में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस), बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) सर्वाधिक प्रसिद्ध कोर्स हैं। यह कोर्स भारत के साथ-साथ दुनियाभर में भी स्टूडेंट्स के बीच चर्चित है। इन दोनों कोर्स में से किसी भी कोर्स को करने के लिए स्टूडेंट्स को नेशनल एंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट-नीट में बैठना जरूरी है। दोनों कोर्स को यूजी (अंडर ग्रैजुएट) स्तर पर कराया जाता है, लेकिन दोनों कोर्स के बीच कई विशेषताएं है। पाठ्यक्रम के दोनों कोर्स को पूरा होने में लगने वाला समय भी अलग है। जहां एमबीबीएस कोर्स को पूरा होने में 5.5 साल लगते हैं, वहीं बीडीएस प्रोग्राम पूरा करने में एक अभ्यर्थी को 4.5 साल का समय लगता है। इसके बावजूद भी भारत में विशेष कर देश के ग्रामीण हिस्सों में चिकित्सा विशेषज्ञों की भारी कमी है। इस कमी को पूरा करने के लिए नीति आयोग ने बीडीएस को एमबीबीएस कोर्स से जोड़ने वाले कोर्स (ब्रिज कोर्स) के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। लेकिन बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स में क्या होगा? क्या है? इस लेख में दोनों प्रोग्राम को जोड़ने वाले मुख्य आधारों के बारे में जानकारी साझा की गई है।
This Blog Includes:
- बीडीएस क्या है
- क्या होता है एक ब्रिज कोर्स?
- बीडीएस टू एमबीबीएस
- बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के लिए जरूरी योग्यता
- बीडीएस पूरा करने के बाद ब्रिज कोर्स कैसे करें?
- बीडीएस करने के बाद क्या करे
- बीडीएस कोर्स करने वाले टॉप यूनिवर्सिटीज
- बीडीएस के बाद एमबीबीएस
- भारत में अन्य ब्रिज कोर्स
- बीडीएस के बाद एमबीबीएस के टॉप देश
- विदेश में एमबीबीएस करने की फीस
- सैलरी
- MBBS करने के बाद USA में सैलरी
- अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
बीडीएस क्या है
बीडीएस यानी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (Bachelor of Dental Surgery) एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है जिसे डेंटिस्ट्री के क्षेत्र में पढ़ाने या फिर काम करने के लिए सम्मानित किया जाता है। बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स करने के लिए 4 – 5 साल लगते हैं इसी के अदंर इंटर्नशिप प्रोग्राम भी होता है।
इंटर्नशिप के बिना, मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज कोर्स प्रदान करता है। यह कोर्स 2007 से पहले इंटर्नशिप के साथ मौजूद था। हालांकि, 2007 में, (Dental Counciling of India) ने इस कोर्स को फिर से बनाया और इसे इंटर्नशिप के बिना 5 साल का कोर्स बना दिया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि DCI के अनुसार, छात्रों या कॉलेजों ने इंटर्नशिप को गंभीरता से नहीं लिया और शिक्षाविदों को भी लगा कि इंटर्नशिप अपने उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर रही है।
बी.डी.एस. कोर्स को 2 या अधिक सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। M.B.B.S. के बाद, बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी चिकित्सा (Doctor) विज्ञान के क्षेत्र में सबसे अधिक मांगी जाने वाली डिग्री है B.D.S. एक डेंटिस्ट बनने के लिए सक्षम बनाता है। डेंटल कोर्स में आपको 1 साल ट्रेनिंग दी जाती है।
क्या होता है एक ब्रिज कोर्स?
ब्रिज कोर्स एक यूनिवर्सिटी प्रिपरेशन कोर्स है, जिसमें विद्यार्थियों को उनके द्वारा चुने गए डिग्री प्रोग्राम के लिए तैयार किया जाता है। ब्रिज कोर्स को मुख्य रूप से मेन प्रोग्राम का आधार माना जाता है। अपने शिक्षा संयंत्र को विश्व के शीर्ष शिक्षा संयंत्रों में शामिल करने के लिए दुनियाभर के देशों ने अपने शैक्षिक स्तर और कोर्स में काफी बदलाव किए हैं। कई विश्वविद्यालय अपने द्वारा पारंपरिक रूप से दिए जाने शॉर्ट टर्म (कम समय के कोर्स), डिग्री व सर्टिफिकेट प्रोग्राम के हटकर विद्यार्थियों को ब्रिज कोर्स का भी विकल्प दे रहे हैं। इस प्रकार के कोर्स के मुख्य लाभों के बारे में नीचे दिया गया है।
- इस तरह के कोर्स कम समय में बेहतर ज्ञान प्रदान करते हैं, जिससे विद्यार्थियों के कौशल में विकास होता है और विद्यार्थियों का प्रदर्शन बेहतर होता है।
- इस कोर्स से जुड़ने वाले विद्यार्थियों के पास करियर में विभिन्नता लाने के या विभिन्न करियर चुनने के अवसर बढ़ जाते हैं।
- बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के जैसे कोर्स कम समय में बेहतर ज्ञान प्रदान करते हैं, जिससे विद्यार्थी कम समय में जरूरी ज्ञान के साथ बेहतर कौशल सीख सकते हैं।
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बीडीएस टू एमबीबीएस
‘बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स’ एक डेंटल साइंस ग्रेजुएट को भारत में किसी भी क्लीनिक, हॉस्पिटल व संस्थान में एक जनरल फिजिशियन के रूप में कार्य करने देने की अनुमति प्रदान करता है। इस कोर्स को करने के बाद विद्यार्थी का ग्रामीण क्षेत्र में कम से कम 3 वर्षों तक सेवा देना अनिवार्य है। भारतीय दंत परिषद के प्रस्ताव के अनुसार इस 3 वर्षीय प्रोग्राम के दो भाग हैं:
- पहली यह कि ब्रिज कोर्स ऐसे बीडीएस ग्रेजुएट को फायदा पहुंचाएंगा, जो एक फुल टाइम नौकरी का अवसर तलाश रहे हैं।
- दूसरा यह कि यह कोर्स डेंटल कोर्स के विद्यार्थियों को अपना करियर बदलने का अवसर प्रदान करेगा।
बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स कौशल पूर्ण चिकित्सा कर्मियों की कमी को घटाने की क्षमता रखता है। यह कोर्स डेंटल साइंस के विद्यार्थियों को मेडिकल व सर्जरी के बड़े क्षेत्र में अपने लिए अवसर बनाने का मौका देता है।
बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के लिए जरूरी योग्यता
इस कोर्स में एडमिशन लेने की प्रक्रिया पर अंतिम निर्णय लिया जाना अभी बाकी है, लेकिन उन विद्यार्थियों के लिए बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं, उनके लिए भारतीय दंत परिषद ने निम्न प्रक्रिया का प्रस्ताव रखा है:
- अभ्यर्थी को या तो एंट्रेंस एग्जाम देना होगा या
- बीडीएस कोर्स में अभ्यर्थी द्वारा प्राप्त किए गए अंक इतने अच्छे हो कि उनको आधार बनाया जा सके या
- ऊपर दी गई दोनों प्रक्रियाओं को मिलाकर दाखिला दिया जाए
हालांकि, अभी इस कोर्स के पाठ्यक्रम को लेकर ढाँचा नहीं तैयार किया गया है, लेकिन एक संभावना यह कि ब्रिज कोर्स को एमबीबीएस प्रोग्राम के पाठ्यक्रम व परीक्षा स्वरूप की तरह ही रखा जाए।
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बीडीएस पूरा करने के बाद ब्रिज कोर्स कैसे करें?
- बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स में दाखिला प्राप्त करने के लिए एक अभ्यर्थी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह अपने डिग्री प्रोग्राम में बेहद ही अच्छे अंक प्राप्त करे, क्योंकि दाखिले के वक्त संचयी अंको को वरीयता दी जाए।
- अभ्यर्थी को मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट की तैयारी करनी होगी, जिसमें बीडीएस व एमबीबीएस कोर्स दोनों का पाठ्यक्रम शामिल हो सकता है।
- कुछ संभावित विषय जो पाठ्यक्रम का हिस्सा हो सकते हैं – ओरल मेडिसिन, पैथोलॉजी, जनरल सर्जरी, फॉरेंसिक डेंटिस्ट्री, बायोकेमिस्ट्री, एनेस्थेसियोलॉजी आदि
बीडीएस करने के बाद क्या करे
डेंटिस्ट डॉक्टर, सरकारी और प्राइवेट सेक्टर दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलते हैं। अधिकांश डेंटिस्ट डॉक्टर एक प्रोफेशन के रूप में जॉब करना पसंद करते हैं। लेकिन वैसे तो बहुत कुछ चीजों में आप जॉब कर सकते हो बस आपके पास ज्ञान होना चाहिए तो वैसे बीडीएस करने के बाद आपके पास बहुत सारा ऑप्शन होता है कुछ भी करने के लिए लेकिन कुछ हम आपको कुछ ऐसी जॉब्स के बारे में बताने वाले है जिनको सबसे ज्यादा लोग करना पसंद करते है।
फोरेंसिक
ओरल पैथोलोजिस्ट
कंसलटेंट
डेंटल असिस्टेंट
डेंटल हीगेनिस्ट
मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव / सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव
प्राइवेट प्रैक्टिशनर्स
पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट्स
प्रोफेस्सोर्स
डेंटल सर्जन
बीडीएस कोर्स करने वाले टॉप यूनिवर्सिटीज
बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स जैसे कोर्स में दाखिला लेने के लिए आपके पास कम से कम बीडीएस की डिग्री होना आवश्यक है। नीचे कुछ ऐसे प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मेडिकल विश्वविद्यालयों का जिक्र है, जो बैचलर ऑफ डेंटल साइंस कोर्स के लिए जाने जाते हैं:
- The University of Manchester
- St. Clair College Windsor Campus
- McGill University
- AIMST University
बीडीएस के बाद एमबीबीएस
क्या आप बीडीएस के बाद एमबीबीएस करने पर विचार कर रहे हैं? आप या तो बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स कर सकते हैं या अपनी बीडीएस की डिग्री पूर्ण करने के बाद विदेश से एमबीबीएस कर सकते हैं। इससे आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर की डिग्री हासिल होगी और आप एक बेहतर डॉक्टर बन सकेंगे। नीचे भारत के शीर्ष कॉलेज का जिक्र है, जो एमबीबीएस कोर्स ऑफर करते हैं-
- All Indian Institute of Medical Sciences (AIIMS), New Delhi
- Jawaharlal Nehru Institute of Postgraduate Medical Education and Research, Puducherry
- Christian Medical College, Vellore
- King George’s Medical University, Lucknow
- Armed Forces Medical College, Pune
- Kasturba Medical College, Manipal
- Madras Medical College, Chennai
भारत में अन्य ब्रिज कोर्स
प्रस्तावित बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स के अलावा कई अन्य प्रचलित ब्रिज कोर्स हैं, जिन्हें भारत में विद्यार्थी कर सकते हैं। कम्यूनिटी हेल्थ एंड नर्सिंग प्रोग्राम भी एक ऐसा ही कोर्स है। इस कोर्स की अवधि 6 माह की है और यह इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से विद्यार्थियों को पेश किया जाता है। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य पंजीकृत नर्सों व पंजीकृत दाइयों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र-पीएचसी) को मजबूत करना है। इसी प्रकार आयुर्वेद, होम्योपैथी समेत मेडिकल साइंस के कई अन्य भागों में विभिन्न प्रकार के ब्रिज कोर्स उपलब्ध हैं, जिनमें से आप कोई भी चुन सकते हैं।
बीडीएस के बाद एमबीबीएस के टॉप देश
- एमबीबीएस इन कनाडा
- एमबीबीएस इन यूके
- एमबीबीएस इन ऑस्ट्रेलिया
- एमबीबीएस इन न्यूजीलैंड
- एमबीबीएस इन यूक्रेन
- एमबीबीएस इन जापान
विदेश में एमबीबीएस करने की फीस
हर अलग देश में MBBS की फीस अलग होती है। ऐसे में हम नीचे दी गई टेबल में आपको USA के कॉलेजों की लिस्ट दे रहे हैं। जिसको देखकर आप एक आईडिया लगा सकते हैं।
University/Med-College | Total Fees in USD (estimated average) | Total Fees in INR (estimated average) |
University of California, San Diego | 165,500 | 1.23 crore |
University of Pennsylvania | 240,000 | 1.79 crore |
Duke University | 248,000 | 1.84 crore |
Columbia University | 73,800 | 55.04 lakhs |
University of California, San Francisco | 187,100 | 1.39 crore |
Yale University | 252,000 | 1.87 crore |
University of California, Los Angeles | 105,300 | 78.54 lakhs |
Johns Hopkins University | 214,000 | 1.59 crore |
Harvard University | 325,000 | 2.42 crores |
Stanford University | 482,000 | 3.59 crores |
सैलरी
भारत में दो तरह के सरकारी डॉक्टर होते हैं। एक केंद्र सरकार के अधीन होते हैं और एक राज्य सरकार के अधीन होते हैं। लेकिन दोनों की सैलरी में ज्यादा फर्क नहीं होता हैं। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के डॉक्टरों का ग्रेड पे लगभग एक जैसा ही होता हैं। सरकारी MBBS डॉक्टर को 60 हजार रुपये प्रतिमाह, विशेषज्ञ डॉक्टर को एक लाख और विशेषज्ञ (डिग्री) वाले सरकारी डॉक्टर को एक लाख 25 हजार दिए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में MBBS/MD डॉक्टरों का सैलरी 15600-39100 जबकि ग्रेड पे 5400 है। वहीं प्रमोशन होने के बाद सैलरी 15600-39100 और ग्रेड वेतन 6600 हैं।
यदि आप सोच रहे हैं, कि MBBS के बाद MBA की क्या तनख्वाह होती है, तो यहां हमने कुछ विशेष कोर्स और उनके वेतन व स्कोप की जानकारी दी है:
कोर्स | करियर स्कोप | वेतन |
MBBS के बाद MBA | हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर, हॉस्पिटल मैनेजर, हेल्थ इंफॉर्मेशन मैनेजर, फार्मास्युटिकल प्रोजेक्ट मैनेजर, हेल्थकेयर सलाहकार |
₹60,000 से ₹2.5 लाख रुपये प्रति माह |
MBBS के बाद MD या एमएस | मेडिकल स्पेशलिस्ट, स्पेशलिस्ट डॉक्टर, सर्जन, रिसर्च फेलो |
₹25,000 रुपये से 3 लाख रुपये प्रति माह |
हैल्थ एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स (MHA) | कैट एडमिनिस्ट्रेटर, मेडिकल मैनेजर, फार्मास्युटिकल रिप्रेजेंटेटिव, आदि |
2 से 3 लाख रुपये प्रति माह |
मेडिकल और क्लीनिक रिसर्च | रिसर्च एसोसिएट | शुरुआती वेतन के रूप में ₹20,000 से ₹25,000 प्रति माह |
MBBS करने के बाद USA में सैलरी
विदेश में MBBS करने के बाद सैलरी में हम आपको USA में कोर्स करने के बाद वहाँ के डॉक्टर एक साल के भीतर कितने पैसे कमाते हैं। इसके बारे में नीचे एक लिस्ट में जानकारी दी गई है।
Job prospects/ specializations | Average annual salary in USD (estimated) | Average annual salary in INR (estimated) |
Surgeons | 255,500 | 1.90 crore |
Psychiatrists | 220,500 | 1.64 crore |
General Pediatricians | 183,500 | 1.36 crore |
General Internists | 196,500 | 1.46 crore |
Obstetricians and Gynaecologists | 238,500 | 1.77 crore |
Family and General Physician | 212,000 | 1.58 crore |
Anesthesiologists | 267,000 | 1.99 crore |
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अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स का प्रस्ताव भारतीय दंत परिषद द्वारा दिया गया है। इस कोर्स को बीडीएस कोर्स के छात्रों को रोज़गार के बेहतर अवसर प्रदान करने लिए लाया जा रहा है। भारतीय विश्वविद्यालयों में जल्द ही यह कोर्स उपलब्ध होगा।
जी हां, आप बिल्कुल बीडीएस के बाद एमबीबीएस कर सकते हैं। कुछ विश्वविद्यालय ब्रिज कोर्स में दाखिला देने के लिए एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन कराते हैं, जबकि कई सिर्फ आपकी शैक्षिक योग्यता देखते हैं।
मेडिकल कोर्सेज को विश्व के सबसे कठिन कोर्स में गिना जाता है। बीडीएस भी एक मेडिकल कोर्स है, जिसका अर्थ यह है कि बीडीएस एक कठिन कोर्स है, जिसमें प्रैकिटल के साथ-साथ थ्योरिटिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है।
एमबीबीएस और बीडीएस ब्रिज कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थी जनरल प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। जनरल प्रैक्टिस शुरू करने के लिए ब्रिज कोर्स पूरा करना एक अहम हिस्सा है।
अधिकतर भारतीय चिकित्सा विश्वविद्यालयों ने ब्रिज कोर्स की अवधि 3 साल तय की है। यह निर्णय बीडीएस कोर्स पूरा करने के बाद एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर लिया गया है।
बीडीएस टू एमबीबीएस ब्रिज कोर्स डेंटल साइंस ग्रेजुएट को एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करने व एक मान्यता प्राप्त फिजिशियन बनने और मेडिकल क्षेत्र में बेहतर अवसर बनाने के उद्देश्य पर आधारित है। अगर आप कोई मेडिकल कोर्स करने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन आपको यह नहीं पता कि शुरुआत कहां से करनी है, तो आप Leverage Edu पर हमारे विशेषज्ञों से संपर्क कर सकते हैं। हमारे विशेषज्ञ आपको एक सही कोर्स व कॉलेज चुनने में पूरी मदद करेंगे।
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Is there any age criteria for going BDS to MBBS Bridge course.
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