बाड़मेर जिला भारत के राजस्थान राज्य का एक जिला है। जिले के मुख्य आकर्षण राजपुरोहित समाज की समाधि और खेतेश्वर ब्रह्मधाम का तीर्थ है। बाड़मेर जिले के कपड़े पूरे विश्व में प्रसिद्द हैं। बाड़मेर जिले में एक अत्याधुनिक ऑयल रिफाइनरी भी निर्माणाधीन है। यहाँ बाड़मेर जिले में कितनी तहसील हैं? इस बारे में बताया जा रहा है।
बाड़मेर जिले की तहसीलें
वर्ष 2021 तक बाड़मेर जिले में कुल 16 तहसीलें थीं। वर्ष 2021 में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाड़मेर जिले में 2 तहसीलें और बना दीं। इस तरह से अब बाड़मेर जिले में कुल 18 तहसीलें हैं।
बाड़मेर जिले की 18 तहसीलों के नाम
बाड़मेर जिले की तहसीलों के नाम
बाड़मेर जिले की तहसीलों के नाम निम्नलिखित हैं :
- बाड़मेर
- बायतू
- चोहटन
- धनाऊ
- धोरीमन्ना
- गडरारोड
- गीदा
- गुधा मलानी
- पचपदरा
- रामसर
- सामदारी
- सेड़वा
- शेव
- सिणधरी
- कल्याणपुर
- पाटोदी
- बाड़मेर देहात
- नाखेड़ा
बाड़मेर जिले का इतिहास
बाडमेर की स्थापना 13वी शदी मे राव बाहड राव परमार ने की ओर उन्ही का नाम पर बाड़मेर नाम पड़ा, बाहड राव परमार जूना बाडमेर के शासक थे तथा जूना बाडमेर की पहाडी पर ही बाहड राव परमार ने एक छोटे से किले का निर्माण भी कराया जो जो जूना बाडमेर गढ नाम (13वी सदी) से जाना जाता था।
जूना बाडमेर वर्तमान बाडमेर शहर से 25 km दूर स्थित है। परमारो के बाद जूना बाहडमेर पर चौहानो का अधिपत्य हुआ। उसके बाद रावत लूंका (रावल जगमाल के पुत्र व रावल मल्लीनाथ के पौत्र) ने अपने भाई रावल मंडलीक की सहायता से चौहान शासक (राव मुंधा जी) से बाडमेर जीता व जूना बाडमेर में अपना राज्य स्थापित कर जूना को अपनी राजधानी बनाया।