अव्यय हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हिंदी व्याकरण को सही ढंग से समझने के लिए अव्यय को समझना भी आवश्यक होता है। स्कूली परीक्षाओं में अव्यय से महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जाते हैं। ये प्रश्न छोटे से लेकर बड़े अंकों में पूछे जाते हैं। हिंदी व्याकरण में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण इन सबके रूप बदलते रहते हैं, लेकिन किसी भी वाक्य में avyay हर स्थिति में अपने मूलरूप में ही बने रहते है, इसमें परिवर्तन नहीं होता है। इस ब्लॉग में अव्यय (avyay in Hindi) को विस्तार से समझाया गया है।
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अव्यय किसे कहते हैं?
ऐसे शब्द जिसमें लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता वह शब्द अव्यय (avyay in Hindi) कहलाते हैं। अव्यय सदैव अपरिवर्तित, अविकारी रहते हैं।
जैसे- जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य इत्यादि।
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अव्यय के उदाहरण
अव्यय (Avyay in Hindi) के उदाहरण निम्नलिखित हैं-
- वे यहाँ से चले गये।
- घोडा तेज दौड़ता है।
- अब खाना बंद करो।
- बच्चे धीरे-धीरे चल रहे थे।
- रोहन प्रतिदिन खेलने जाता है।
- वह यहाँ रखा है।
- रमेश प्रतिदिन पढ़ता है।
- राधा सुंदर दिखती है।
- मैं बहुत थक गया हूँ।
- वह अपना काम कर रहा है l
- वह नित्य नहाता है।
- वे कब गए।
- मीना कल जाएगी।
- वह प्रतिदिन पढ़ता है l
- मैं कहाँ जाऊं ?
- राधा कहाँ गई ?
- राहुल नीचे बैठा है।
- इधर -उधर मत जाओ।
- वह आगे चला गया।
- उधर मत जाओ।
- वहां शाम के बाद मत जाना।
- मुझे काफी काम है।
- अंकिता के पास घड़ी है।
- मुकुल कल दफ्तर गया था।
- परसो अजित मिशिगन जाएगा।
अव्यय के भेद
अव्यय शब्दों के पांच भेद होते हैं:
- क्रिया विशेषण अव्यय
- संबंधबोधक अव्यय
- समुच्चयबोधक अव्यय
- विस्मयादिबोधक अव्यय
- निपातअव्यय
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क्रियाविशेषण अव्यय किसे कहते हैं?
जो अव्यय शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, उन्हें क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं। जैसे- जल्दी, अचानक, कल आदि। जैसे-
- अचानक आ गया।
- परसों घर जाओगे।
- शीघ्र जाओ।
इन वाक्यों में अचानक, परसों व शीघ्र क्रिया विशेषण अव्यय हैं।
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क्रिया विशेषण अव्यय के भेद
क्रिया विशेषण अव्यय के भेद निम्नलिखित हैं-
- कालवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
- स्थानवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
- परिमाणवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
- रीतिवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
कालवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
जिन शब्दों से क्रिया होने के समय का पता चलता है उन्हें कालवाचक क्रिया विशेषण अव्यय कहते हैं।
जैसे- शाम, सुबह, दोपहर आदि।
- रमेश परसों चला जायेगा।
- अजय कल जयपुर जायेगा।
स्थानवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
जिन अव्यय शब्दों से क्रिया के होने के स्थान का पता चलता है उन्हें स्थानवाचक क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं।
जैसे- यहां, वहां,जहां,तहां, कहां आदि।
- तुम्हारा घर कहाँ है।
- तुम छुट्टी में घूमने कहाँ जाओगे।
परिमाणवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
जिन शब्दों से क्रिया के नापतोल माप अथवा परिमाण का पता चलता है उन्हें परिमाणवाचक क्रिया विशेषण अव्यय कहते हैं। जैसे- बहुत, थोड़ा, जरा सा, कम आदि।
- तुम थोड़ा काम बोला करो।
- मुझे कम टॉफी मिली है।
रीतिवाचक क्रिया विशेषण अव्यय
जिन शब्दों से क्रिया के होने की रीति या विधि का पता चलता हो, उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण अव्यय कहते हैं।
- कर तेज चलती है।
- तुम तेज दौड़ती हो।
- साइकिल धीरे-धीरे चलती है।
संबंधबोधक अव्यय (Avyay) किसे कहते हैं?
जो शब्द वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के बाद आकर उसका सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्द से दिखाये उसे संबंधबोधक अव्यय कहते हैं। यदि वाक्य में संज्ञा न हो तो वही अव्यय क्रियाविशलेषण कहलायेगा। जैसे- के साथ, पास, आगे, समान, सामने,बाहर, कारण,तुल्य,सदृश आदि।
समुच्चयबोधक अव्यय किसे कहते हैं?
जो अव्यय दो या दो से अधिक शब्दों वाक्यांशों अथवा वाक्यों को आपस में जोड़ते हैं या अलग करते हैं उन्हें समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं। जैसे-
- माता और पिता सो रहे हैं।
- आम या केला खाओ।
इन वाक्यों में ‘और’ व ‘या’ समुच्चयबोधक अव्यय हैं।
समुच्चयबोधक अव्यय के भेद
- संयोजक- और, तथा, एवं, जो, अथवा, या, यथा, पुनः, आदि संयोजक कहलाते हैं।
- विभाजक- किंतु, परंतु, लेकिन, बल्कि, ताकि, क्योंकि, वरना, आदि विभाजक कहलाते हैं।।
विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं?
जिन शब्दों से ‘हर्ष’,’शोक’, ‘घृणा’, ‘आश्चर्य’, ‘भय’ आदि का भाव प्रकट होता है उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं। जैसे-छि:! अरे ! वाह ! हाय ! अहा ! धिक् आदि।
विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद
विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद निम्नलिखित है :-
- हर्षबोधक
- शोकबोधक
- आश्चर्यबोधक
- तिरस्कारबोधक
- अनुमानोबोधक
- संबोधनबोधक
- स्वीकारबोधक
निपात अव्यय किसे कहते हैं?
जो अव्यय शब्द किसी शब्द के बाद लगकर उसके अर्थ या अभाव में विशेष बल देते हैं, उन्हें निपात अव्यय कहते हैं। शब्दों के बाद में पढ़ने से ही उन्हें निपात कहते हैं।
जैसे- ही,भी,तक।
निपात अव्यय के भेद
निपात अव्यय के 9 भेद निम्नलिखित हैं-
- सकारात्मक निपात
- नकारात्मक निपात
- निषेधात्मक निपात
- प्रश्नबोधक निपात
- विस्मयादिबोधक निपात
- बलदायक निपात
- तुलनात्मक निपात
- अवधारणबोधक निपात
- आदरबोधक निपात
संस्कृत के अव्यय
कुछ अव्यय संस्कृत में भी होते हैं जो इस प्रकार हैं:
संस्कृत के अव्यय | उनके अर्थ |
---|---|
अद्य | आज |
ह्यः | बीता हुआ कल |
स्वस्ति | कल्याण हो |
नमः | नमस्कार |
कुतः | कहाँ से |
सह | साथ |
विना | बिना |
धिक् | धिक्कार |
शनैः | धीरे |
शीघ्रम् | जल्दी |
अपि | भी |
अथवा | या |
वा | या |
न | नहीं |
च | और |
पुनः | फिर |
कदापि | कभी भी |
अधुना | अब |
तदा | तब |
यदा | जब |
कदा | कब |
सदा | हमेशा |
कथम् | कैसे |
तथा | तैसे |
यथा | जैसे |
सर्वत्र | सब जगह |
कुत्र | कहां |
तत्र | वहां |
अत्र | यहां |
श्वः | आने वाला कल |
परश्वः | परसों |
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Avyay PPT
FAQs
अव्यय शब्दों के पांच भेद होते हैं-
1. क्रिया विशेषण अव्यय
2. संबंधबोधक अव्यय
3. समुच्चयबोधक अव्यय
4. विस्मयादिबोधक अव्यय
5. निपात अव्यय
जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य, अर्थात इत्यादि।
ऐसे शब्द जिसमें लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता वह शब्द अव्यय कहलाते हैं। यह सदैव अपरिवर्तित, अविकारी एवं अव्यय रहते हैं।
1. कालवाचक क्रियाविशेषण avyay
2. स्थानवाचक क्रियाविशेषण avyay
3. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण avyay
4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण avyay
जिन अव्यय शब्दों के द्वारा वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का संबंध दूसरे शब्दों से प्रकट होता है, उन्हें सम्बन्धबोधक अव्यय कहते हैं। जैसे- के साथ, पास, आगे, समान, सामने,बाहर, कारण, तुल्य, सदृश आदि।
अद्य, ह्यः, स्वस्ति, नमः, कुतः, सह, विना, धिक्, शनैः, शीघ्रम्।
हमें उम्मीद है की आपको Avyay और इनके के भेद समझ में आए होंगे। यह ब्लॉग अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। ऐसे ही अन्य रोचक, ज्ञानवर्धक और आकर्षक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu Hindi Blogs के साथ बने रहें।
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अच्छा था और टॉपिक कहा मिलेंगे हिंदी के
पक्ष; शब्द शक्ति ; वर्ण आदि
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