Apvah Drone Kise Kehte Hain: अपवाह द्रोणी किसे कहते हैं?

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अपवाह द्रोणी किसे कहते हैं

Apvah Drone Kise Kehte Hain in Hindi: क्या आपने कभी सोचा है कि नदियों में पानी कहाँ से आता है? दरअसल, एक मुख्य नदी और उसकी सभी छोटी सहायक नदियाँ मिलकर एक खास भौगोलिक क्षेत्र से पानी इकट्ठा करती हैं। इस पूरे क्षेत्र को ही अपवाह द्रोणी कहते हैं। यह एक तरह से नदी का ‘परिवार’ होता है, जिसमें सभी सहायक नदियाँ मिलकर मुख्य नदी को पानी देती हैं। 

बताना चाहेंगे स्कूली परीक्षाओं के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भूगोल विषय से संबधित प्रश्न अकसर पूछे जाते हैं। इसलिए इस लेख में भूगोल के एक महत्वपूर्ण विषय अपवाह द्रोणी किसे कहते हैं? (Apvah Drone Kise Kehte Hain) के बारे में बताया गया है।

अपवाह द्रोणी किसे कहते है? 

अपवाह द्रोणी, जब छोटी बड़ी नदियाँ, धाराएं, झरने इत्यादि जब एक मुख्य सागर, महासागर, और बड़े जलाशय में आकर मिल जाएं उसे अपवाह द्रोणी कहते हैं। अपवाह द्रोणी, अर्थात जल निकासी बेसिन जिसे नदी बेसिन या जलग्रहण क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है। जल विभाजक आमतौर पर उच्च भूमि जैसे पहाड़ या पठार पर होते हैं। एक जल निकासी बेसिन के भीतर, वर्षा का पानी और पिघली हुई बर्फ छोटी-छोटी धाराओं का निर्माण करती हैं, जो मिलकर बड़ी नदियाँ बनाती हैं और पूरे क्षेत्र से पानी को एक ही निकास केंद्र तक ले जाती हैं।

दुनिया का सबसे बड़ा जल निकासी अमेज़न बेसिन (Amazon Basin) को माना जाता है। भारत में गंगा बेसिन सबसे बड़ी बेसिन है, जो एक बड़े क्षेत्र को कवर करती है और कई राज्यों से होकर बहती है। जल निकासी बेसिन न केवल जल विज्ञान (Hydrology) के साथ-साथ पढ़ाई के लिए जरुरी हैं, बल्कि यह क्षेत्र के इकोसिस्टम, कृषि और मानव बस्तियों को भी महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं।

भारत में अपवाह द्रोणी के कितने भाग हैं?

भारत में अपवाह द्रोणी के मुख्य पांच भाग हैं:-

अपवाह द्रोणी विषय 
गंगा अपवाह द्रोणी भारत की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण द्रोणी गंगा है और इसकी सहायक नदियाँ हैं:यमुनागंडककोसीयह उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों को कवर करती है।
ब्रह्मपुत्र अपवाह द्रोणी उत्तर भारत के पूर्व में स्थित। यह द्रोणी असम, अरुणाचल प्रदेश और बांग्लादेश तक फैली है।
सिंधु अपवाह द्रोणी सिंधु नदी पाकिस्तान में समाप्त होती है लेकिन इसका प्रारंभिक हिस्सा भारत में है और इसकी सहायक नदियां हैं:झेलमचिनाबसतलुज 
महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी अपवाह द्रोणी ये सभी द्रोणियां दक्षिण भारत में स्थित हैं, जो पूर्वी तट की ओर बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।
नर्मदा और ताप्ती अपवाह द्रोणी ये पश्चिमी घाट की नदियाँ हैं जो पश्चिम की ओर अरब सागर में गिरती हैं।

अपवाह द्रोणी के मुख्य घटक (Main Components of a Drainage Basin)

अपवाह द्रोणी के मुख्य घटक इस प्रकार हैं:-

  • मुख्य नदी (main river): द्रोणी का केंद्र बिंदु, जहाँ सारा पानी इस केंद्र में जमा होता है।
  • उपनदियाँ (Tributaries): छोटी-छोटी नदियाँ जो मुख्य नदी में मिलती हैं।
  • अपवाह विभाजक (Drainage Divide): वह ऊँचाई या पर्वतीय क्षेत्र जो एक द्रोणी को दूसरी द्रोणी से अलग करता है।
  • स्रोत (Source): नदी का वह प्रारंभिक बिंदु जहाँ से वह बहना शुरू करती है, जैसे पहाड़, झील या हिमनद।
  • मुहाना (Mouth): वह स्थान जहाँ नदी समंदर, झील या किसी अन्य नदी में मिलती है।

अपवाह द्रोणी के प्रकार (Types of Drainage basin)

अपवाह द्रोणी के प्रकार इस प्रकार हैं:-

  • स्थायी अपवाह द्रोणी (Local Drainage Basin) 

छोटे भू-भाग को कवर करती है, जैसे किसी गाँव या शहर की नालियों की द्रोणी।

  • क्षेत्रीय अपवाह द्रोणी (Regional Drainage Basin):  

बड़े क्षेत्र को कवर करती है जैसे गंगा-ब्रह्मपुत्र द्रोणी।

  • अंतरराष्ट्रीय अपवाह द्रोणी (International Drainage Basin):  

ऐसी द्रोणी जो एक से अधिक देशों में फैली होती है, जैसे ब्रह्मपुत्र नदी की द्रोणी जो भारत, चीन और बांग्लादेश में फैली है।

अपवाह द्रोणी का महत्व (Importance of Drainage Basin)

अपवाह द्रोणी के महत्व इस प्रकार हैं:-

  • जल प्रबंधक:  अपवाह द्रोणी का अध्ययन जल संचयन, जल निकासी और सिंचाई योजनाओं के निर्माण में मदद करता है।
  • कृषि: यह तय करता है कि किन क्षेत्रों में सिंचाई संभव है और कहाँ सूखा पड़ सकता है।
  • बाढ़ रोधक:  बाढ़ की संभावनाओं को जानने और रोकने के लिए अपवाह द्रोणियों का अध्ययन जरूरी है।
  • वनस्पति और जैव विविधिता: द्रोणियाँ नदियों के किनारे विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे और जीवों को आश्रय देती हैं।
  • नदी तंत्रों का विकास: अपवाह द्रोणियाँ नदियों और उनकी सहायक नदियों के फैलाव को दर्शाती हैं, जिससे नदी तंत्र का नक्शा तैयार किया जाता है।

अपवाह द्रोणी और जल विभाजक में अंतर (Difference Between Drainage Basin and Watershed)

अपवाह द्रोणी और जल विभाजक में अंतर कुछ इस प्रकार है:-

अपवाह द्रोणी (Drainage Basin)जलविभाजक (Watershed)
अपवाह द्रोणी छोटे क्षेत्र को कवर करती है। अपवाह द्रोणी की तुलना में क्षेत्र छोटा होता है। 
कई उपनदियाँ और मुख्य नदियाँ शामिल होती हैं। केवल स्थानीय जल निकासी को दिखाता है। 
वृस्तृत जल प्रवाह तंत्र होता है सीमित और स्थानीय जल प्रवाह होता है। 

अपवाह द्रोणी से जुड़े तीन रोचक तथ्य (Facts)

अपवाह द्रोणी से जुड़े तीन रोचक तथ्य इस प्रकार हैं:-

  • पृथ्वी में सबसे बड़ी अपवाह द्रोणी अमेज़न नदी की है जो साउथ अमेरिका में स्थित है। 
  • गंगा द्रोणी में भारत की कुल जनसँख्या का लगभग 43% भाग निवास करता है।
  • अपवाह द्रोणी के आकार और ढलान से बाढ़ आने की संभावना तय होती है।

FAQs 

विश्व का सबसे बड़ा नदी तंत्र कौन सा है?

विश्व का सबसे बड़ा नदी तंत्र अमेज़न नदी तंत्र है। 

अपवाह द्रोणी का मतलब क्या होता है?

एक नदी एवं उसकी सहायक नदियों द्वारा प्रवाहित क्षेत्र को अपवाह द्रोणी कहते हैं। 

अपवाह द्रोणी किसे कहते हैं?  

अपवाह द्रोणी वह क्षेत्र होता है जहाँ की वर्षा या पिघला हुआ पानी एक ही नदी में एकत्र होकर बहता है।

भारत की सबसे बड़ी अपवाह द्रोणी कौन सी है?  

गंगा अपवाह द्रोणी भारत की सबसे बड़ी द्रोणी है।

जलविभाजक और अपवाह द्रोणी में क्या अंतर है?  

जलविभाजक ऊँचाई वाला क्षेत्र होता है जो दो द्रोणियों को अलग करता है, जबकि अपवाह द्रोणी पानी के बहाव का क्षेत्र होता है।

अपवाह द्रोणी का अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?  

यह जल प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण, और कृषि योजनाओं में उपयोगी होता है।

क्या एक राज्य में एक से अधिक अपवाह द्रोणियाँ हो सकती हैं?  

हाँ, एक राज्य में कई द्रोणियाँ हो सकती हैं, जैसे मध्य प्रदेश में नर्मदा, ताप्ती और गंगा द्रोणियाँ मिलती हैं।

आशा है कि आपको इस लेख में अपवाह द्रोणी किसे कहते हैं (Apvah Drone Kise Kehte Hain in Hindi) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही सामान्य ज्ञान और ट्रेंडिंग इवेंट्स से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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