उपसर्ग हिन्दी व्याकरण का वह अभिन्न अंग है, जिसकी सहायता से आप हिन्दी भाषा को गहराई से जान सकते हैं। “अन उपसर्ग से दो शब्द बनाइए” की इस पोस्ट के माध्यम से आप पर उपसर्ग के बारे में संक्षिप्त में जानकारी प्राप्त कर पाएंगे, इसके माध्यम से आपके ज्ञान में विस्तार हो सकता है। जिसके लिए आपको इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
उपसर्ग किसे कहते है?
शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहा जाता है। आसान भाषा में समझा जाए तो यह कुछ इस प्रकार होगा कि वह अव्यय जो शब्द के पहले लगकर उसका अर्थ बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं। या इसको इस प्रकार भी समझा सकता है, उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के साथ जुड़कर नया शब्द बनाना।
अन उपसर्ग से दो शब्द बनाइए
अन उपसर्ग से बने शब्दों में आप उपसर्ग और मूल शब्दों के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर पाएंगे, पर उपसर्ग से दो शब्द शब्द निम्नलिखित हैं-
- अन + मोल = अनमोल (इसमें ‘अन’ एक उपसर्ग है और ‘मोल’ एक मूल शब्द है।)
- अन + पढ़ = अनपढ़ (इसमें ‘अन’ एक उपसर्ग है और ‘पढ़’ एक मूल शब्द है।)
अन उपसर्ग से बनने वाले शब्द
अन उपसर्ग से बनने वाले शब्द निम्नवत हैं:
- अनमोल
- अनपढ़
- अनबन
- अनकहा
- अनजान
- अनदेखा
- अनसुना
- अनर्थ
- अनहोनी
- अनचाहा
- अनावश्यक
- अनुपयोगी
- अनुपयुक्त
- अनागत
- अनगढ़ा
- अनावरण
- अनासक्त
- अनाधिकार
- अनगिनत
- अनागत
- अनादि
- अनावश्यक इत्यादि।
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FAQs
किसी भी उपसर्ग के बाद प्रयोग होने वाले शब्द जिनका उपसर्ग से पहले भी कोई अर्थ होता है, या जिनके साथ उपसर्ग लगने पर उनका अर्थ बदल जाता है, वह शब्द ही उपसर्ग में मूल शब्द कहलाते हैं।
अनगढ़ा शब्द में ‘अन’ उपसर्ग प्रयुक्त हुआ है।
अनहोनी शब्द में ‘अन’ उपसर्ग है।
आशा है कि ‘अन उपसर्ग से दो शब्द बनाइए’ की यह पोस्ट आपके ज्ञान का विस्तार करेगी और आपको यह पोस्ट पसंद भी आई होगी। ऐसे ही अन्य उपसर्ग के बारे में पढ़ने के Leverage Edu के साथ बने रहिए।