अदम गोंडवी को आधुनिक हिंदी के महत्वपूर्ण ग़ज़लकारों में गिना जाता है। उन्होंने हिंदी ग़ज़ल की दुनिया में अपना विशिष्ट स्थान बनाने के साथ ही आधुनिक हिंदी साहित्य को अपनी अनुपम रचनाओं से समृद्ध किया है। ‘धरती की सतह पर’, ‘समय से मुठभेड़’ और ‘गर्म रोटी की महक’ उनके तीन कविता-ग़ज़ल-संग्रह हैं। साहित्य क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 1998 में ‘दुष्यंत कुमार पुरस्कार’ तथा वर्ष 2001 में शहीद शोभा संस्थान द्वारा ‘माटीरतन सम्मान’ से सम्मानित किया गया था। आइए अब हिंदी के प्रसिद्ध गजलकार अदम गोंडवी का जीवन परिचय और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में जानते हैं।
| मूल नाम | रामनाथ सिंह |
| उपनाम | अदम गोंडवी |
| जन्म | 22 अक्टूबर, 1947 |
| जन्म स्थान | आटा ग्राम, परसपुर, गोंडा जिला, उत्तर प्रदेश |
| पेशा | कवि एवं गजलकार |
| भाषा | हिंदी, अवधी |
| विधाएँ | कविता, गजल |
| पुरस्कार एवं सम्मान | ‘दुष्यंत कुमार पुरस्कार’ (1998), ‘माटीरतन सम्मान’ |
| निधन | 18 दिसंबर, 2011 |
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में हुआ था जन्म
प्रसिद्ध कवि अदम गोंडवी का जन्म भारतीय स्वतंत्रता के कुछ माह बाद, 22 अक्टूबर 1947 को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के परसपुर क्षेत्र के आटा ग्राम में हुआ था। उनका मूल नाम ‘रामनाथ सिंह’ था, लेकिन साहित्य की दुनिया में वे ‘अदम गोंडवी’ के नाम से विख्यात हुए। उनके पिता का नाम ‘देवी कलि सिंह’ था, जबकि माता का नाम ‘मांडवी सिंह’ था।
कवि एवं गजलकार के रूप में मिली ख्याति
अदम गोंडवी ‘कबीर’ की परंपरा के कवि माने जाते थे। उन्होंने अपनी रचनाओं में निर्धनों, वंचितों, दलितों, श्रमिकों और पीड़ित महिलाओं के दर्द का सजीव चित्रण किया है। वे ऐसे रचनाकार थे जिनकी रचनाओं में व्यवस्था के प्रति आक्रोश और अथाह पीड़ा थी। वे हमेशा अपनी कविताओं तथा ग़ज़लों में जीवन के कड़वे सच को बड़ी बेबाकी से प्रस्तुत करते थे। इसलिए जब भी वे मुशायरों और काव्य मंचों पर अपनी रचनाएँ पढ़ते थे, तो उनमें व्यवस्था के प्रति तीक्ष्ण व्यंग्य और कटाक्ष होता था, जो आम जनों के दिलों में बस जाता था। यही कारण था कि वे जनकवि बन गए थे।
अदम गोंडवी की रचनाएँ
“तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आँकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है” पंक्तियों के रचयिता अदम गोंडवी ने मुख्यतः पद्य विधा में अनुपम कृतियों का सृजन किया है। नीचे उनकी प्रमुख साहित्यिक कृतियों की सूची दी गई हैः-
कविता-गजल-संग्रह
- धरती की सतह पर
- समय से मुठभेड़
- गर्म रोटी की महक
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पुरस्कार एवं सम्मान
अदम गोंडवी को साहित्य सेवा के लिए वर्ष 1998 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ‘दुष्यंत कुमार पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। हिंदी के साथ ही अवधी भाषा में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2001 में शहीद शोभा संस्थान द्वारा ‘माटी रतन सम्मान’ से नवाज़ा गया था।
लखनऊ में हुआ निधन
अदम गोंडवी का लंबी शारीरिक बीमारी के कारण लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGIMS) में 18 दिसंबर 2011 को 64 वर्ष की आयु में निधन हुआ था। किंतु आज भी वे अपनी रचनाओं के लिए साहित्य जगत में विख्यात हैं।
FAQs
22 अक्टूबर 1947 को उनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के परसपुर स्थित आटा गांव में हुआ था।
उनका मूल नाम ‘रामनाथ सिंह’ था।
धरती की सतह पर, समय से मुठभेड़ और गर्म रोटी की महक उनकी प्रमुख काव्य-गजल रचनाएं है।
वे हिंदी और अवधी भाषा के कवि थे।
लंबी शारीरिक बीमारी के कारण उनका 18 दिसंबर 2011 को 64 वर्ष की आयु में निधन हुआ था।
आशा है कि आपको हिंदी गजल के अमर कवि अदम गोंडवी का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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