16 फ़रवरी को आदि महोत्सव-2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार उन लोगों से संपर्क करने का प्रयास कर रही है, जिनसे लंबे समय से संपर्क नहीं हो पा रहा है। न्यू एजुकेशन पाॅलिसी से आदिवासी स्टूडेंट्स अपनी मातृभाषा में पढ़ सकेंगे।
आदिवासी बच्चों की शिक्षा सरकार की प्राथमिकता में है। 2014 की तुलना में इस बार के आदिवासी कल्याण के लिए बजट आवंटन में 5 गुना वृद्धि की गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आदिवासी बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा, सिलेबस में साइंस शामिल करना और उनकी संस्कृति और कौशल को बढ़ावा देना भी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारे आदिवासी बच्चों और युवाओं ने अपनी मातृभाषा में सीखकर प्रगति की है। युवा अब इंटरनेट के माध्यम से मेनस्ट्रीम से जुड़ गए हैं। पीएम ने न्यू एजुकेशन पाॅलिसी (एनईपी) में उठाए गए कदमों को गिनाते हुए कहा कि देश के किसी भी कोने में रहने वाले आदिवासी बच्चों की शिक्षा और भविष्य मेरी प्राथमिकता है।
अब न्यू एजुकेशन पाॅलिसी ने मातृभाषा में पढ़ाई का विकल्प खोल दिया गया है। अब आदिवासी बच्चे और युवा अपनी लैंग्वेज में पढ़ सकेंगे और आगे बढ़ सकेंगे। प्रधानमंत्री ने सरकार के उन प्रयासों पर जोर दिया, जो वह जनजातीय युवाओं (Tribal Youth) को ध्यान में रखकर जनजातीय कलाओं (Tribal Arts) और कौशल विकास (Skill Development) को प्रोत्साहित कर रही है।
‘बजट में आदिवासी स्टूडेंट्स के लिए दोगुनी होगी स्काॅलरशिप’
प्रधानमंत्री ने साल 2014 से 22 तक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की संख्या 80 से बढ़कर 500 करना बड़ी उपलब्धि बताई। 400 से अधिक एकलव्य स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है। एक लाख से अधिक स्टूडेंट्स इनमें पढ़ाई करने लगे हैं। इस साल के बजट में आदिवासी छात्रों (ट्राईबल स्टूडेंट्स) के लिए स्काॅलरशिप दोगुनी कर दी गई है।
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