आईएएस पद के लिए हर साल यूपीएससी परीक्षा के द्वारा 180 कैंडीडेट्स का चयन किया जाता है। बसवान समिति के अनुसार एक वर्ष में UPSC के द्वारा चुने गए कैंडीडेट्स में से आईएएस अधिकारियों की संख्या 180 से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे अधिक आईएएस अधिकारी यदि प्रतिवर्ष बनाए जाएंगे तो इससे LBSNAA की क्वालिटी पर असर पड़ेगा और आईएएस अधिकारियों का करियर पिरामिड भी प्रभावित होगा। आईएएस अधिकारियों की संख्या सीमित होने पर सभी राज्यों के कैडर में संतुलन बना रहेगा।
आईएएस अधिकारी के लिए सलेक्शन प्रोसेस
- आईएएस अधिकारी बनने के बाद सबसे पहले आईएएस अधिकारियों को LBSNAA ट्रेनिंग सेंटर भेजा जाता है।
- यहाँ उन्हें 2 साल तक ट्रेनिंग दी जाती है।
- इसके बाद उनकी नियुक्ति उनके कैडर के हिसाब से कर दी जाती है।
कैडर के अनुसार वर्तमान आईएएस अधिकारियों की संख्या
कैडर | कुल आईएएस अधिकारियों की संख्या |
एजीएमयूटी | 279 |
आंध्र प्रदेश | 170 |
असम और मेघालय | 221 |
बिहार | 243 |
छत्तीसगढ़ | 154 |
गुजरात | 241 |
हरियाणा | 205 |
हिमाचल प्रदेश | 115 |
जम्मू कश्मीर | 91 |
झारखण्ड | 144 |
कर्णाटक | 215 |
केरल | 150 |
मध्य प्रदेश | 341 |
महाराष्ट्र | 313 |
मणिपुर | 91 |
नागालैंड | 67 |
ओडिशा | 178 |
पंजाब | 182 |
राजस्थान | 243 |
सिक्किम | 37 |
तमिलनाडु | 289 |
तेलंगाना | 130 |
उत्तर प्रदेश | 515 |
उत्तराखंड | 87 |
त्रिपुरा | 76 |
पश्चिम बंगाल | 277 |
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