मुहावरे ऐसे स्थायी शब्द-समूह होते हैं जिनका अर्थ उनके शाब्दिक अर्थ से अलग होता है और जो भाषा को प्रभावशाली, संक्षिप्त व रोचक बनाते हैं। ये आम बोलचाल में गहराई और व्यंग्य जोड़ते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे SSC, UPSC, PCS, बैंक और रेलवे आदि में हिंदी खंड में मुहावरों से जुड़े प्रश्न नियमित रूप से पूछे जाते हैं।
इसके अलावा मुहावरे स्कूली पाठ्यक्रम और हिंदी व्याकरण की परीक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए स्कूली छात्रों के लिए भी इनका अभ्यास बेहद जरूरी है। क्योंकि ये न केवल भाषा की समझ को मजबूत करते हैं, बल्कि अच्छे अंक प्राप्त करने में भी मदद करते हैं। इस लेख में सभी महत्वपूर्ण मुहावरे और उनके अर्थ के बारे में बताया गया है।
This Blog Includes:
- मुहावरे क्या हैं?
- मुहावरों का महत्व क्या है?
- प्रचलित मुहावरे और उनका अर्थ
- मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर क्या है?
- आम से जुड़े मुहावरे
- बिल्ली पर मुहावरे
- भैंस पर मुहावरे
- शरीर के अंगों पर मुहावरे
- आँखों पर मुहावरे
- अंगूठे पर मुहावरे
- आँसू पर मुहावरे
- ओठ पर मुहावरे
- ऊंगली पर मुहावरे
- कान पर मुहावरे
- कलेजे पर मुहावरे
- नाक पर मुहावरे
- मुँह पर मुहावरे
- दाँत पर मुहावरे
- सिर पर मुहावरे
- बंदर पर मुहावरा
- चाँद पर मुहावरे
- धूल पर मुहावरे
- घर पर मुहावरे
- घोड़े पर मुहावरे
- खिचड़ी पर मुहावरे
- मेहनत पर मुहावरे
- पानी पर मुहावरे
- भोजन से जुड़े मुहावरे
- वर्णमाला के अनुसार मुहावरों की सूची
- अ से मुहावरे
- आ से मुहावरे
- इ से मुहावरे
- ई से मुहावरे
- उ से मुहावरे
- ऊ से मुहावरे
- ऋ से मुहावरे
- ए से मुहावरे
- ऐ से मुहावरे
- ओ से मुहावरे
- औ से मुहावरे
- अं से मुहावरे
- क से मुहावरे
- ग से मुहावरे
- घ से मुहावरे
- च से मुहावरे
- छ से मुहावरे
- ज से मुहावरे
- झ से मुहावरे
- ट से मुहावरे
- ठ से मुहावरे
- ड से मुहावरे
- ढ से मुहावरे
- त से मुहावरे
- थ से मुहावरे
- द से मुहावरे
- ध से मुहावरे
- न से मुहावरे
- प से मुहावरे
- फ से मुहावरे
- ब से मुहावरे
- भ से मुहावरे
- म से मुहावरे
- य से मुहावरे
- र से मुहावरे
- ल से मुहावरे
- व से मुहावरे
- श से मुहावरे
- ष से मुहावरे
- स से मुहावरे
- ह से मुहावरे
- त्र से मुहावरा
- ज्ञ से मुहावरा
- श्र से मुहावरा
- मुहावरे पर आधारित बहुविकल्पी अभ्यास प्रश्न और उत्तर
मुहावरे क्या हैं?
मुहावरे ऐसे वाक्यांश होते हैं जिनका शाब्दिक अर्थ कुछ और होता है, लेकिन उनका प्रचलित अर्थ कुछ और होता है। ये वाक्यांश भाषा को आकर्षक और जीवंत बनाते हैं और अक्सर किसी खास स्थिति या भावना को प्रकट करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, ‘आंख का तारा होना’ का शाब्दिक अर्थ किसी के नेत्र का तारा होना नहीं है, बल्कि इसका अर्थ है ‘किसी का बहुत प्रिय होना’।
मुहावरों का सही प्रयोग भाषा को प्रभावशाली बनाता है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि हम मुहावरों का उपयोग सही संदर्भ और परिस्थिति में करें। गलत संदर्भ में प्रयोग किए गए मुहावरे का अर्थ गलत हो सकता है और यह संवाद को हास्यास्पद बना सकता है।
मुहावरों का महत्व क्या है?
मुहावरे कई तरह से महत्वपूर्ण होते हैं, जैसे:-
- भाषा को सजीव बनाना: मुहावरे हमारे संवाद को अधिक प्रभावशाली और जीवंत बनाते हैं।
- संक्षिप्तता: मुहावरे लंबे वाक्यों की जगह लेकर संक्षिप्तता प्रदान करते हैं। एक मुहावरे के माध्यम से हम बहुत कुछ कह सकते हैं।
- संवेदनाओं का प्रकटीकरण: मुहावरे हमारी भावनाओं और संवेदनाओं को प्रकट करने का सटीक माध्यम होते हैं।
- सांस्कृतिक धरोहर: मुहावरे हमारे सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा होते हैं और पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होते रहते हैं।
प्रचलित मुहावरे और उनका अर्थ
आइए, कुछ प्रचलित मुहावरों और उनके अर्थों पर नजर डालें:-
- आंख का तारा होना – बहुत प्रिय होना।
- आँखें बिछाना – बेसब्री से इंतजार करना।
- पानी-पानी होना – शर्मिंदा होना।
- नौ दो ग्यारह होना – भाग जाना।
- नाक में दम करना – बहुत परेशान करना।
- दाल में काला होना – कोई गड़बड़ होना।
- दांतों तले ऊंगली दबाना – बहुत हैरान हो जाना।
मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर क्या है?
इस तालिका के माध्यम से आप मुहावरे और लोकोक्ति के बीच के प्रमुख अंतर को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। दोनों ही हमारी भाषा और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन इनके उपयोग और अर्थ में स्पष्ट भिन्नताएं हैं:-
विशेषता | मुहावरे | लोकोक्ति |
परिभाषा | ऐसा वाक्यांश मुहावरा कहलाता है जिसका शाब्दिक अर्थ कुछ और, लेकिन प्रयोग का अर्थ कुछ और होता है। | ऐसा वाक्य या कहावत जिसमें किसी अनुभव, घटना या सत्य को संक्षेप में प्रस्तुत किया जाता है। |
अर्थ | संदर्भ के बिना समझना कठिन होता है। | आसानी से समझा जा सकता है और संदर्भ स्पष्ट होता है। |
उदाहरण | आँख का तारा होना – बहुत प्रिय होना | समय बड़ा बलवान – समय सबसे शक्तिशाली होता है। |
प्रयोग | मुहावरों का प्रयोग अलंकारिक और भावनात्मक भाषा में होता है। | जीवन के अनुभवों और नैतिक शिक्षा को बताने के लिए प्रयोग होता है। |
उत्पत्ति | भाषा में प्रचलित और अक्सर साहित्यिक रचनाओं में मिलता है। | लोकजीवन के अनुभवों और ज्ञान पर आधारित होता है। |
आम से जुड़े मुहावरे
- आम के आम गुठलियों के दाम – दोहरा लाभ प्राप्त होना।
बिल्ली पर मुहावरे
- भीगी बिल्ली होना – बहुत शरीफ बन जाना।
- सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली – बहुत पाप करने के बाद अचानक भलाई की बातें करने लगना।
- खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे – किसी बात पर लज्जित होकर क्रोध करना।
- बिल्ली के गले में घंटी बांधना – कोई खतरनाक या जोखिम भरा काम करना।
- बिल्ली को थैले से बाहर निकाल देना – लापरवाही से या गलती से कोई रहस्य बताना।
भैंस पर मुहावरे
- अकल बड़ी या भैंस – शारीरिक शक्ति से बुद्धि श्रेष्ठ है।
- भैंस के आगे बीन बजाना – मूर्ख को शिक्षा देना।
- जिसकी लाठी उसकी भैंस – बलवान की ही जीत होती है।
- गई भैंस पानी में – मेहनत के बाद भी परिणाम प्राप्त न होना।
शरीर के अंगों पर मुहावरे
हिंदी में कई ऐसे मुहावरे हैं जो शरीर के अंगों पर आधारित होते हैं, जैसे:-
आँखों पर मुहावरे
- आँखें खुलना – होश आना, सावधान होना।
- आँखें चार होना – आमने-सामने होना।
- आँखें मूँदना – मर जाना।
- आँखें चुराना – नज़र बचाना, अपने को छिपाना।
- आँखों में खून उतरना – अधिक क्रोध करना।
- आँखों में गड़ना – किसी वस्तु को पाने की उत्कट लालसा।
- आँखें फेर लेना – उदासीन हो जाना।
- आँख मारना – इशारा करना।
- आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना।
- आँखें बिछाना – प्रेम से स्वागत करना।
- आँखों का काँटा होना – शत्रु होना।
- आँख उठाना – हानि पहुँचाने की दृष्टि से देखना।
- आँखें ठंडी होना – इच्छा पूरी होना।
- आँख दिखाना – क्रोध प्रकट करना।
- आँखों पर बिठाना – आदर करना।
- आँख भर आना – आँसू आना।
- आँखों में धूल डालना – धोखा देना।
- आँखें लड़ना – प्रेम होना।
- आँखें लाल करना – क्रोध की नजर से देखना।
- आँखें थकना – प्रतीक्षा में निराश होना।
- आँखों में चर्बी छाना – घमंडी होना।
- आँखों में खटकना – बुरा लगना।
- आँखें नीली-पीली करना – नाराज होना।
- आँख का अंधा होना – मूर्ख धनवान होना।
- आँखों की किरकिरी होना – शत्रु होना।
- आँखों का प्यारा या पुतली होना – बहुत प्यारा होना।
- आँखों का पानी ढल जाना – लज्जारहित हो जाना।
- आँखें सेंकना – किसी की सुंदरता देख आँखें जुड़ाना।
- आँखें आना – आँख में एक प्रकार की बीमारी होना।
- आँखें गड़ाना – दिल लगाना, इच्छा करना।
- आँखें लगना – प्रेम करना, जरा-सी नींद आना।
- आँख रखना – ध्यान रखना।
- आँख में पानी रखना – शर्म-लिहाज होना।
- आंख दिखाना – डराना या गुस्सा प्रकट करना।
- आंख का तारा – बहुत प्यारा या प्रिय होना।
- आंखों पर बिठाना – आदर करना।
- आंखें फेरना – नज़र बदलना।
- आंखें बिछाना – बेसब्री से प्रतीक्षा करना या प्रेम से स्वागत करना।
- आंख भर आना – आंसू आना।
- आंखों में धूल डालना – धोखा देना।
- आंखें लड़ना – प्रेम होना।
- आंखें लाल करना – क्रोध की नज़र से देखना।
- आंखें थकना – प्रतीक्षा में निराश होना।
- आंख आना – आंख में लाली और सूजन होना।
- आंख मारना – एक आंख की पलक झपकाकर इशारा करना।
- आंखमिचौनी करना – एक-दूसरे को झांसा देना या हेराफेरी करना।
- आंखें बंद होना – मृत्यु होना।
- आंखें चुराना – सामने न आना।
- आंखों पर परदा पड़ना – सच्चाई को न देख पाना या अज्ञान व अंधकार छाना।
अंगूठे पर मुहावरे
- अंगूठा दिखाना – साफ मना कर देना।
- अंगूठा चूमना – खुशामद करना।
- अंगूठा नचाना – किसी का अनादर करना, तिरस्कार करना या चिढ़ाना।
आँसू पर मुहावरे
- आँसू पोंछना – धीरज बँधाना।
- आँसू बहाना – खूब रोना।
- आँसू पी जाना – दुःख को छिपा लेना।
ओठ पर मुहावरे
- ओठ चाटना – स्वाद की इच्छा रखना।
- ओठ मलना – दंड देना।
- ओठ चबाना – क्रोध करना।
- ओठ सूखना – प्यास लगना।
ऊंगली पर मुहावरे
- ऊंगली उठना – निंदा होना।
- ऊंगली पकड़ते पहुँचा पकड़ना – थोड़ा-सा सहारा पाकर अधिक के लिए उत्साहित होना।
- कानों में उंगली देना – किसी बात को सुनने की चेष्टा न करना।
- ‘पाँचों उँगलियाँ घी में होना’ – सब प्रकार से लाभ ही लाभ होना।
- सीधी उँगली से घी न निकलना – भलमनसाहत से काम न होना।
कान पर मुहावरे
- कान खोलना – सावधान करना।
- कान खड़े होना – होशियार होना।
- कान फूंकना – दीक्षा देना, बहकाना।
- कान लगाना – ध्यान देना।
- कान भरना – पीठ-पीछे शिकायत करना।
- कान में तेल डालना – कुछ न सुनना।
- कान पर जूँ न रेंगना – ध्यान न देना, अनसुनी करना।
- कान देना – ध्यान देना।
- कान उमेठना – शपथ लेना।
- कान पकड़ना – प्रतिज्ञा करना।
- कानों कान खबर होना – किसी को भी बात की भनक न लगना।
- कान काटना – चालाकी में आगे होना।
कलेजे पर मुहावरे
- कलेजे से लगाना – प्यार करना, छाती से चिपका लेना।
- कलेजा काँपना – डर जाना।
- कलेजा थामकर रह जाना – अफसोस कर रह जाना।
- कलेजा निकाल कर रख देना – अतिप्रिय वस्तु अर्पित कर देना।
- कलेजा ठंढा होना – संतोष होना।
नाक पर मुहावरे
- नाक कट जाना – प्रतिष्ठा नष्ट होना।
- नाक काटना – बदनाम करना।
- नाक-भौं चढ़ाना – क्रोध अथवा घृणा करना।
- नाक में दम करना – परेशान करना।
- नाक का बाल होना – अधिक प्यारा होना।
- नाक रगड़ना – दीनतापूर्वक प्रार्थना करना।
- नाकों चने चबवाना – तंग करना व बहुत परेशान करना।
- नाक पर मक्खी न बैठने देना – निर्दोष बचे रहना।
- नाक पर गुस्सा – अचानक से क्रोधित हो जाना।
- नाक रखना – प्रतिष्ठा रखना।
मुँह पर मुहावरे
- मुँह छिपाना – लज्जित होना।
- मुँह पकड़ना – बोलने से रोकना।
- मुँह की खाना – बुरी तरह हारना।
- मुँह दिखाना – प्रत्यक्ष होना।
- मुँह उतरना – उदास होना।
- मुँह खुलना – उदण्डतापूर्वक बातें करना।
- मुँह देना – किसी खाद्य पदार्थ में मुँह लगाकर खाना या पीना।
- मुँह बंद होना – चुप हो जाना।
- मुँह में पानी भर आना – ललचा जाना।
- मुँह से लार टपकना – बहुत लालची होना।
- मुँह काला होना – कलंक या दोष लगना।
- मुँह धो रखना – आशा न रखना।
- मुँह पर हवाई उड़ना – घबरा जाना।
- मुँहफट हो जाना – निर्लज्ज होना।
- मुँह फुलाना – रूठ जाना।
दाँत पर मुहावरे
- दाँत दिखाना – खीस काढ़ना।
- दाँतों तले उँगली दबाना – आश्चर्य होना या चकित होना।
- दाँत गिनना – उम्र पता लगाना।
- दाँत खट्टे करना – पस्त करना।
- तालू में दाँत जमना – बुरे दिन आना।
- दाँत जमाना – अधिकार पाने के लिए दृढ़ता दिखाना।
- दाँत गड़ाना – कोई चीज़ पाने के लिए उस पर ललचाई दृष्टि लगाए रहना।
- दाँत गिनना – उम्र बताना।
- दाँत फाड़ना – बहुत हंसना।
- दाँत पीसना – क्रोधित होना या गुस्सा करना।
- दाँत खट्टे करना – बुरी तरह हरा देना या परास्त करना।
- दाँतों तले उँगली दबाना – आश्चर्य या दंग रह जाना।
- दाँत काटी रोटी होना – गहरी दोस्ती या पक्की मित्रता होना।
- दाँत तोड़ना – किसी काम को न छोड़ना।
- दूध के दाँत न टूटना – अनुभवहीन होना।
- दाँतों से हाथ काटना – पश्चाताप करना।
- दाँत दिखाना – बेशर्मी दिखाना या बेशर्मी से हंसना।
सिर पर मुहावरे
- सिर उठाना – विरोध में खड़ा होना।
- सिर भारी होना – सिर में दर्द होना, शामत सवार होना।
- सिर पर सवार होना – पीछे पड़ना।
- सिर पीटना – शोक करना।
- सिर पर भूत सवार होना – एक ही रट लगाना, एक ही धुन सवार होना।
- सिर फिर जाना – पागल हो जाना या बुद्धि भ्र्ष्ट हो जाना।
- सिर चढ़ाना – अधिक महत्त्व देना।
- सिर आँखों पर होना – सहर्ष स्वीकार होना।
- सिर ऊँचा करना – आदर का पात्र होना।
- सिर खाना – व्यर्थ बातें या बकवास करना।
- सिर झुकाना – आत्मसमर्पण करना।
बंदर पर मुहावरा
- बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद – किसी मूर्ख को गुण की परख न होना या अज्ञानी को किसी के महत्व का पता न होना।
चाँद पर मुहावरे
- चांद निकलना – बहुत दिनों बाद दिखाई देना।
- चांद पर थूकना – किसी की निंदा करना या लांछन लगाना जिसका विपरीत प्रभाव स्वयं निंदक पर पड़े।
- चार चांद लगना – प्रतिष्ठा बढ़ जाना।
- ईद का चांद होना – बहुत दिनों बाद दिखाई देना।
- चांद का टुकड़ा होना – अत्यंत सुंदर होना।
धूल पर मुहावरे
- धूल चटाना – बुरी तरह हराना।
- आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना।
- धूल फाँकना – दर-दर की ठोकरें खाना।
- धूल उड़ाना – उपहास करना या निंदा करना।
- धूल में मिलना – नष्ट करना।
- पैरों की धूल होना – किसी की तुलना में बहुत तुच्छ होना।
- सिर पर धूल डालना – पछताना।
- धूल में सोना उगाना – असंभव कार्य करना।
- धूल छानना – व्यर्थ घूमना फिरना।
- धूल समझना – अत्यंत तुच्छ समझना।
घर पर मुहावरे
- घर आबाद होना – घर बसना।
- घर उजड़ना – परिवार की दशा बिगड़ना, कूल की समृद्धि नष्ट होना।
- घर का शेर – केवल घर पर बल दिखाना।
- घर करना – किसी की बात या संगीत को मन में घर कर लेना।
- घर की मुर्गी दाल बराबर – आसानी से प्राप्त वस्तु का मूल्य ना होना।
- घर पर फूस नहीं, नाम धनपत – नाम के अनुरूप गुण न होना।
- अंधेरे घर का उजाला होना – इकलौती संतान होना।
- अंधे की लकड़ी होना – एकमात्र सहारा होना।
- घर का भेदी लंका ढाए – आपसी फूट से हानि होना।
घोड़े पर मुहावरे
- घोड़े बेंचकर सोना – गहरी नींद सोना।
- घोड़े पर चढ़ना – अहंकार और आत्म-धार्मिकता का रवैया रखना।
- अक्ल के घोड़े दौड़ाना – तरह-तरह के विचार करना।
खिचड़ी पर मुहावरे
- खिचड़ी खाते आस्तीन उतारना – बहुत नाज़ुक होना या बहुत कोमल होना।
- खिचड़ी पकाना – गुप्त विचार विमर्श या छिपकर काम करना।
- डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना – बहुमत से अलग रहना।
- अपनी खिचड़ी अलग पकाना – अपेक्षित आपसी सहमति और सहयोग का अभाव होना।
मेहनत पर मुहावरे
- कमर तोड़ मेहनत करना – मन लगाकर मेहनत करना।
- खून पसीना एक करना – जान लगाकर मेहनत करना।
- दौड़-धुप करना – कठोर श्रम करना।
- रात-दिन एक करना – कठोर मेहनत करना।
- मेहनत ठिकाने लगना – श्रम का सफल होना।
- अंधा पीसे, कुत्ता खाए – मेहनत कोई करे, लाभ कोई और उठाए।
पानी पर मुहावरे
- पानी-पानी होना – लज्जित होना या शर्मिदा होना।
- पानी सिर के ऊपर जाना – सहनशीलता खत्म होना।
- पानी पर फिरना – बिना किसी निश्चित लक्ष्य के इधर-उधर घूमना।
- पानी में फिसलना – किसी समस्या या परेशानी में पड़ना।
- पानी मांगना – हार मानना।
- पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं करना – परिस्थिति का ध्यान रखते हुए काम करना।
- पानी की तरह पैसा बहाना – बेवजह बहुत ज़्यादा खर्च करना।
भोजन से जुड़े मुहावरे
- आटे दाल का भाव मालूम होना – मुसीबत के समय होने वाली दिक्कत या कष्ट।
- आम के आम गुठलियों के दाम – दोहरा लाभ प्राप्त होना।
- आसमान से गिरे खजूर पर अटके – एक समस्या से निकलकर दूसरी समस्या में फसना।
- दूध का दूध पानी का पानी – उचित निर्णय करना।
- एक अनार सौ बीमार – किसी एक व्यक्ति या वस्तु के अनेक चाहने वाले।
- घर की मुर्गी दाल बराबर – आसानी से प्राप्त वस्तु का मूल्य ना होना।
वर्णमाला के अनुसार मुहावरों की सूची
हिंदी वर्णमाला के अनुसार मुहावरों की सूची नीचे दी गई है:-
अ से मुहावरे
- अपनी खिचड़ी अलग पकाना – सबसे पृथक् काम करना।
- अंगारे बरसना – अत्यधिक गर्मी पड़ना।
- अंगारों पर पैर रखना – कठिन कार्य करना।
- अंगारे सिर पर धरना – विपत्ति मोल लेना।
- अँगूठा चूसना – बड़े होकर भी बच्चों की तरह नासमझी की बात करना।
- अंगूठी का नगीना होना – अत्यधिक सम्मानित व्यक्ति अथवा वस्तु।
- अंग-अंग फूले न समाना – अत्यधिक प्रसन्न होना।
- अंगद का पैर होना – किसी कार्य को असंभव या अत्यधिक कठिन बना देना।
- अंधी सरकार – विवेकहीन शासन।
- अंधे के आगे रोना – निष्ठुर के आगे अपना दुःखड़ा रोना।।
- अम्बर के तारे गिनना – नींद न आना।
- अक्ल का अंधा – मूर्ख होना।
- अक्ल चरने जाना – मतिभ्रम होना, बुद्धि भ्रष्ट हो जाना।
- अक्ल के घोड़े दौड़ाना – हवाई कल्पनाएँ करना।
- अक्ल पर पत्थर पड़ना – बुद्धि नष्ट होना।
- अगर मगर करना – बचने का बहाना ढूँढना।
- अंत न पाना – रहस्य न जान पाना।
- अन्न-जल उठना – किसी कारणवश एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाना।
- अंत बिगाड़ना – परिणाम खराब करना।
- अपना राग अलापना – दूसरों की अनसुनी करके अपने ही स्वार्थ की बात कहना।
- अपना-सा मुँह लेकर रह जाना – लज्जित होना।
- अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना – अपनी प्रशंसा स्वयं करना।
- अपने पैरों पर खड़ा होना – स्वालंबी होना।
- अपने पाँव में कुल्हाड़ी मारना – अपने अहित का काम स्वयं करना।
- अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना -हर काम बुद्धि के विरुद्ध करना, हर समय वेबकूफी का काम करना, हर काम में मूर्खों की तरह व्यवहार करना।
- अक्ल चरने जाना – बुद्धि व समझदारी की कमी होना।
- अक्ल ठिकाने लगाना – क्षति, हानि, अपमान आदि होने पर अपनी ग़लती समझ में आना या ग़लत काम करने वाले को दंड देना।
- अपना उल्लू सीधा करना – अपना काम बनाना।
- अपना घर दूर से सूझना – अपने मतलब की बात को तुरन्त समझ लेना।
- अपना-सा मुँह लेकर रह जाना – किसी कार्य में असफल होने पर अपमानित या लज्जित होना।
- अपना रास्ता नापना – किसी स्थान से चले जाना या वहां से हट जाना।
- अपना सिक्का जमाना – अपने को श्रेष्ठ सिद्ध करना, अपना प्रभुत्व स्थापित करना।
- अपना ही राग अलापना – अपनी-अपनी कहना, अपनी ही बात करना और किसी दूसरे की बात न सुनना।
- अपनी खिचड़ी अलग पकाना – सबसे अलग रहना।
- अपनी गली में कुत्ता शेर – अपने घर में शक्तिशाली होना।
- अपनी माँ का दूध पिए होना – शक्तिशाली होना या साहसी होना।
- अपने पैरों पर में कुल्हाड़ी मारना – अपनी हानि स्वयं करना।
- अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना – स्वयं अपनी बड़ाई करना।
- अरमान निकालना – इच्छा पूरी करना।
- अरमान रहना – इच्छा का पूरा न होना।
- अलख जगाना – पुकारकर परमात्मा का स्मरण करना या कराना।
- अकबक करना – प्रलाप करना।
- अक्ल का कसूर – अक्ल की कमी या समझ का दोष होना।
- अक्ल चकराना – कुछ समझ में न आना।
- अक्ल का पुतला – बहुत बुद्धिमान।
- अक्ल का मारा – बहुत ही मूर्ख होना।
- अक्ल के घोड़े दौड़ाना – तरह-तरह की कल्पना करना।
- अक्ल के तोते उड़ जाना – होश ठिकाने न रह जाना।
- अक्ल के बखिया उधेड़ना – बुद्धि नष्ट कर देना।
- अक्ल खर्च करना – समझ को काम में लाना, सोचना-समझना।
- अक्ल दौड़ाना – सोचना या गौर करना।
- अक्ल पर पत्थर पड़ना – बुद्धि भ्रष्ट होना या बुद्धि नष्ट होना।
- अक्ल सठियाना – बुद्धि भ्रष्ट होना।
- अक्ल से दूर होना – समझ में न आना।
- अजीज़ जानना – सम्मान की दृष्टि से देखना, मोहब्बत करना या प्यारा समझना।
- अटकन-वटकन खेलना – व्यर्थ कार्यों में लगना या निरर्थक काम करना।
- अधर में झूलना – दुविधा में पड़ा रहना।
- अधौड़ी अस्तर तानना – छक कर खाना।
- अमल पानी करना – भांग या अफ़ीम आदि को पानी में घोलकर पीना या नशे की चीज़ें समय पर पीना।
- अमान माँगना – किसी से सुरक्षा, पनाह या आश्वासन प्राप्त करना।
- अर्सा तंग होना – बुरी तरह परेशान होना या मुसीबत में फंसना
आ से मुहावरे
- आँखें सेंकना – दर्शन का सुख उठाना।
- आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना।
- आकाश-पाताल एक करना – अत्यधिक प्रयत्न अथवा परिश्रम करना।
- आँख चुराना – बचना या छिप जाना।
- आड़े समय पर काम आना – मुसीबत में सहायक होना।
- आँखें फेरना – उपेक्षा करना, कृपा दृष्टि न रखना।
- आँखें बिछाना – आदरपूर्वक किसी का स्वागत करना।
- आँखें खुल जाना – वास्तविकता का ज्ञान होना, सीख मिलना।
- आँखों में सरसों का फूलना – विवेक न होना।
- आँख का तारा होना – बहुत प्यारा होना।
- आधा तीतर आधा बटेर – अधूरा ज्ञान होना।
- आपे से बाहर होना – सामर्थ्य से अधिक क्रोध प्रकट करना।
- आँखें नीची होना – लज्जा से गड़ जाना, लज्जा का अनुभव करना।
- आँखें चार होना- आमने सामने देखना या किसी से आमना सामना होना।
- आँखों पर परदा पड़ना – विपत्ति की ओर ध्यान न जाना।
- आंखों का पानी ढलना – निर्लज्ज हो जाना।
- आँख दिखाना – क्रोधित होना।
- आग-बबूला होना – अत्यधिक क्रोध करना।
- आठ-आठ आँसू बहाना – बहुत अधिक रोना।
- आसमान पर दिमाग चढ़ना – अत्यधिक घमंड होना।
- आसमान पर थूकना – सच्चरित्र व्यक्ति पर कलंक लगाने का प्रयास करना।
- आँख आना – आँखों में लालिमा आकर उनमें पीड़ा और सूजन होना।
- आँख उठाकर न देखना – ध्यान न देना, उपेक्षा करना, लज्जा आदि के कारण सामने न देखना।
- आँख उठाना – निगाह सामने करके देखना, बुरी निगाह या शत्रु-भाव से देखना।
- आँख उलट जाना – मरने के समय आँखों का पथरा जाना, घमंड होना।
- आँख ऊँची न होना – लज्जा के कारण सामने न देखना, नज़र बराबर न करना।
- आँख का काँटा – किसी व्यक्ति या वस्तु का बहुत खटकना या अप्रिय लगना।
- आँख का काजल चुराना – सामने या पास की वस्तु चुरा लेना, सफाई से हाथ मारना।
- आँख का तेल निकालना – आँखों पर जोर पड़ने वाला काम करना।
- आँख-कान खुले रखना – सावधान रहना।
- आँख का परदा उठना – भ्रम दूर होना
- आँख का पानी ढल जाना – निर्लज्ज हो जाना।
- आँख की किरकिरी – आँख का काँटा।
- आँख की ठंडक – प्रिय व्यक्ति या वस्तु होना।
- आँख खुलना – जागना, भ्रम दूर होना।
- आँख खोलना – सावधान करना।
- आँख गड़ाना – टकटकी लगाकर देखना।
- आँख चमकाना – आँखों से संकेत करना।
- आँख चुराकर कुछ करना – छिपकर कुछ करना।
- आँखों के आगे नाँचना – स्मृति में सदैव बना रहना या विस्मृत न होना।
- आँखें चार होना – आँखें मिलना, प्रेम होना।
- आँख चुराना – सामने न होना।
- आँखें तरेरना – आँखें टेढ़ी करके क्रोध प्रकट करना।
- आँख निकालना – क्रोधपूर्वक देखना।
- आँखों पर बिठाना – बहुत आदर-सत्कार करना, आराम से रखना।
- आँखें फाड़-फाड़कर देखना – विस्मयपूर्वक देखना।
- आँखें फेरना – पूर्ववत् स्नेह और कृपा न करना।
- आँख बंद करना – मर जाना।
- आँख भर देखना – खूब अच्छी तरह देखना, मन भर देखना।
- आँख मारना – इशारा करना।
- आँख में गड़ना – दुःखदायी होना।
- आँख में चर्बी छाना – घमंड में चूर होना।
- आँखों में धूल झोंकना – सरासर धोखा देना।
- आँखों में रात काटना – कष्ट या चिंता के कारण रात भर जागते रहना।
- आँख लगाना – दृष्टि जमाकर देखना।
- आँख से अंगारे बरसना – अत्यन्त क्रुद्ध या क्रोध के कारण आँखें लाल होना।
- आँखों से आग बरसना – अत्यधिक क्रोध आना।
- आँगन में कौवा बोलना – किसी प्रिय व्यक्ति के आगमन की पूर्व सूचना (लोक विश्वास के अनुसार)
- आँचल में गाँठ बाँधना – किसी बात को अच्छी तरह याद रखना।
- आँतें कुलकुलाना/कुलबुलाना – बहुत ज़ोर से भूख लगना।
- आँतें गले में आना – बहुत परेशान करना।
- आवे का आवा बिगड़ना – पुरे परिवार या समूह आदि का किसी बुराई में समान रूप से लिप्त होना।
- आँख चुराना – लज्जा के कारण सामने न आना।
- आँख झपकाना – आँख से इशारा करना।
- आँख झेंपना – लज्जित होना।
- आँख टंगना – टकटकी बँधना।
- आँख टेढ़ी करना – बे-मुरौवती दिखाना, मन हटा लेना।
- आँख नीली-पीली करना – गुस्सा दिखाना, धमकाना।
- आँख पड़ना – पाने की इच्छा होना।
- आँख मूँद कर काम करना – बिना सोचे-समझे कोई काम करना या किसी बात की परवा न कर अपना काम करना।
- आँसू पीकर रह जाना – भीतर ही भीतर (मन में) रोना, दुःख प्रकट न होने देना।
- आकाश का फूल – अप्राप्य वस्तु होना।
- आकाश के तारे गिनना – जागते हुए रात व्यतीत करना।
- आकाश के तारे तोड़ना – असंभव कार्य करने का दम भरना।
- आकाश-पाताल एक करना – अत्यधिक प्रयास करना।
- आकाश आसमान से बातें करना – बहुत ऊँचा होना।
- आँख बिछाना – आदरपूर्वक स्वागत करना।
- आँख में खटकना – बुरा मालूम होना।
- आँख में गड़ना – मन लुभा लेना या खटकना।
- आँख लड़ाना – प्यार से देखना।
- आँख सेंकना – हसीनों को देखना, सौंदर्य-दर्शन का सुख लेना।
- आँख होना – परख होना, ज्ञान होना।
- आँख से भी न देखना – तुच्छ समझना।
- आँखों के आगे अंधेरा आना – कुछ देख न सकना, मूर्च्छित होना।
- आँख के आगे चिनगारी छूटना – चोट आदि के कारण चकाचौंध होना, अत्यधिक क्रोध की अवस्था।
- आँख को रो बैठना – आँख खो देना।
- आकाश-पाताल का अंतर – बहुत अधिक अंतर होना।
- आकाश खुलना – आसमान साफ़ होना, बादल हट जाना।
- आग उगलना – कड़वी बातें कहना।
- आग की तरह फैल जाना – बहुत तेज़ी से फैलना या प्रभावित होना।
- आग पर तेल छिड़कना – किसी के क्रोध को और बढ़ा देना।
- आग में कूदना – खतरे का काम करना।
- आग पर पानी डालना – विवाद शांत कराना या किसी के बढ़ते हुए क्रोध को कम करना।
- आँख पर पलकों का बोझ न होना – अपने लोगों का भार न मालूम होना।
- आँख में खून उतरना – क्रोध से आँखों का लाल होना।
- आँख में चढ़ना – पसंद आना।
- आँख में फिरना – ध्यान बना रहना।
- आँख में समाना – स्मरण बना रहना।
- आँख सुख कलेजे ठंडक – पूर्ण प्रसन्नता।
- आँख से उतरना – नजर से उतर जाना, महत्व न रहना।
- आँख से लगाकर रखना – प्यार के साथ रखना।
- आँच आना – हानि होना, आघात पहुँचना।
- आँच खाना – ताव आना।
- आग लगाना – किसी वस्तु को जलाना या दो पक्षों में बड़ा झगड़ा आरंभ करा देना।
- आग उठाना – झगड़ा खड़ा करना।
- आग का पुतला – बहुत क्रोधी होना।
- आग के मोल होना – बहुत महँगा होना।
- आग का झाड़ना – चकमक से आग पैदा करना।
- आग दिखाना – नष्ट करना।
- आग फूँस का बैर होना – जन्मजात बैर होना।
- आग फाँकना – डींग मारना।
- आग बुझा लेना – कसर निकालना, मन की कामना पूरी करना।
- आग बोना – उत्पात खड़ा करना, झगड़ा लगाना, चुगली करना।
- आँतें सूखना – बहुत भूख लगना।
- आँतें समेटना – भूख सहना।
- आँधी उठना – हलचल मचना।
- आँसू पोंछना – ढाढ़स बंधाना।
- आग भड़काना – हलचल मचाना, लड़ाई बढ़ाना।
- आग भूनना – किसी काम को सीमा से अधिक करना।
- आग में झोंकना – किसी को खतरे में डालना या कठिन परिस्थिति में डालना।
- आग लगना – क्रोध भड़कना, नष्ट होना, किसी वस्तु का बहुत महँगा हो जाना।
- आग लगाकर तमाशा देखना – झगड़ा खड़ा करके उसमें आनंद लेना।
- आग लगाकर पानी को दौड़ना – पहले झगड़ा लगाना और फिर उसको शांत करने का प्रयत्न करना।
- आग लगे पर कुआ खोदना – किसी काम को पहले से न करके ऐन वक्त पर करने का प्रयत्न करना।
- आग लेने आना – उलटे पाँव लौट जाना।
- आग से पानी होना – क्रोध करने के बाद शांत होना।
- आँधी के आम – बिना परिश्रम किए अथवा सस्ते दाम में मिली वस्तु।
- आजकल लगना – मौत करीब होना।
- आटा गीला होना – कठिनाई में और मुश्किल पैदा होना।
- आटा माटी होना – नष्ट भ्रष्ट होना।
- आटे के साथ घुन पीसना – दोषी के साथ निर्दोष को भी हानि होना।
- आटा-दाल का भाव मालूम होना – यथार्थ जीवन का ज्ञान होना।
- आठ-अठारह होना – तितर-बितर होना, हैरान होना।
- आठ-आठ आँसू रोना – बहुत विलाप करना।
- आठों गाँठ कुम्मैत – पूरा धूर्त या चालाक होना।
- आड़े देना – बीच में आना, रुकावट डालना या विघ्न डालना।
- आड़े हाथों लेना – खरी खोटी सुनाना।
- आड़ा तिरछा रहना- ग़ुस्से से बिगड़ना, क्रोधित होना या नाराज़ होना।
- आत्मा ठंडी होना – संतोष होना।
- आत्मा मसोसना – भूख सहना या भूख दबाना।
- आदाब बजा लाना – विनयपूर्वक अभिवादन करना।
- आधा तीतर आधा बटेर – अनमेल चीजों का सयोंग होना।
- आधा होना – दुबला होना।
- आधी बात न पूछना – कदर न करना।
- आन तोड़ना – प्रतिज्ञा भंग करना, हठ छोड़ना।
- आन रखना – अपनी बात रखना।
- आ धमकना – अचानक आ जाना।
- आ निकलना – अचानक आ जाना।
- आप-आप करना – खुशामद करना।
- आप आपकी पड़ना – अपने-अपने काम में व्यस्त रहना या किसी और की परवाह न करना।
- आपा खोना – बौखला उठना, गुस्से पर नियंत्रण खोना या बहुत गुस्सा होना।
- आपे से बाहर होना – सुध-बुध खो देना।
- आपे में आना – होश-हवास सँभालना।
- आफत का मारा – दुखों तथा कष्टों से विकल और संत्रस्त।
- आमद होना – किसी के आसन्न आगमन की चर्चा या धूम होना।
- आरती उतारना – अभिनंदन करना।
- आल्हा गाना – आप बीती सुनाना।
- आवाज उठाना – किसी बात के पक्ष या विपक्ष में बोलना।
- आवाज़ पर कान रखना – आवाज़ सुनने की प्रतीक्षा में रहना या आवाज़ सुनने की ओर ध्यान केंद्रित होना।
- आवारागर्दी करना – बेकार घूमना या भटकना।
- आस टूटना – निराश होना।
- आसन उखड़ना – अपनी जगह से हिल जाना।
- आसन जमाना – स्थिर भाव से बैठना।
- आसन जमना – एक ही स्थान पर स्थिर होकर बैठना।
- आसन डिगना – बैठने में स्थिर भाव न रहना, चित्त चलायमान होना या मन डोलना।
- आसमान के तारे तोड़ना – कोई असंभव या विकट काम करना या करके दिखाना।
- आसमान छूना – बहुत ऊँचा होना।
- जमीन आसमान के कुलावे मिलाना- बहुत डींग हाँकना या बहुत शेखी मारना ।
- आसमान टूटना – अचानक भारी विपत्ति आ पड़ना।
- आसमान दिखाना – चित्त या परास्त करना।
- आसमान पर उड़ना – अवास्तविक लोक में विचरण करना।
- आसमान पर चढ़ाना – किसी व्यक्ति की बहुत अधिक प्रशंसा करना या उसे अत्यधिक महत्व देना।
- आसमान पर थूकना – किसी बड़े आदमी को निंदित करने के प्रयत्न में स्वयं निंदित होना।
- आसमान में छेद होना – लगातार अतिवृष्टि होना।
- आसमान में थिगली लगाना – बहुत चालाक या चतुर होना तथा सबसे कठिन कार्य पूरा करना।
- आसमान सिर पर उठा लेना – बहुत शोर, ऊधम कोलाहल मचाना।
- आसमान सिर पर टूट पड़ना – अचानक बहुत बड़ी विपत्ति आना या संकट आना।
- आसमान से गिरना- किसी वस्तु का अपने आप उपस्थित हो जाना।
- आसमान से बातें करना – बहुत ऊँचा होना या अपनी शेखी बघारना।
- आस्तीन का साँप – कपटी मित्र होना।
- आस्तीन चढ़ाना – लड़ने को तैयार होना, किसी काम के लिए तैयार होना।
- आह पड़ना – किसी को सताने का फल मिलना।
- आह लेना – किसी को सताकर उसकी बददुआ लेना।
- आह भरना – व्याकुलता में जोर की श्वास लेना।
इ से मुहावरे
- इज्जत मिट्टी में मिलाना – मान-मर्यादा नष्ट होना।
- इधर की उधर लगाना – चुगली करना।
- इंद्र की परी – अति सुंदरी नारी।
- इज्जत उतारना – अपमानित करना।
- इज्जत धूल में मिलाना – प्रतिष्ठा नष्ट हो जाना।
- इज्जत लूटना – सतीत्व नष्ट करना।
- इतना बड़ा मुँह हो जाना – बहुत लज्जित होना।
- इधर-उधर करना – अस्त-व्यस्त, उलट-पुलट या तितर-बितर करना।
- इधर की दुनिया उधर हो जाना – अनहोनी बात का होना।
- इल्लत पालना – बुरी आदत डाल लेना।
- इस कान सुनना, उस कान उड़ा देना – किसी व्यक्ति की बात पर ध्यान न देना।
- इस हाथ देना, उस हाथ लेना – तत्काल फल प्राप्त होना।
ई से मुहावरे
- ईद का चाँद होना – बहुत कम दिखाई देना।
- ईंट का छल्ला देना – किसी दुष्ट व्यक्ति से दुष्टता का व्यवहार करना।
- ईंट से ईंट बजाना – विध्वंस करना या सब कुछ नष्ट कर देना।
- डेढ़ ईंट की मस्जिद अलग बनाना – सबसे अलग राय स्थापित करना या काम करना।
- गुड़ दिखाकर ईंट मारना – भलाई की आशा बँधाकर बुराई करना।
- ईंट से ईंट बजाना – हिंसा का करारा जवाब देना, खुलकर लड़ाई करना।
- ईमान बेचना – विश्वास समाप्त करना।
उ से मुहावरे
- उड़ती चिड़िया पहचानना – दूर से भाँप लेना।
- ऊंची दुकान फीके पकवान – दिखावा ज़्यादा होना लेकिन वास्तव में गुण कम होना।
- उल्टी गंगा बहाना – परंपरा के विपरीत काम करना।
- उँगली उठना – बदनामी होना, उपहास का पात्र होना।
- उँगली उठाना – बदनाम करना, दोष लांछन, बुरी निगाह से देखना, हानि पहुँचाने की दृष्टि से देखना।
- उँगली करना – परेशान करना या सताना।
- उँगली रखना – किसी की कृति में दोष दिखाना।
- उँगली लगाना – किसी काम में नाममात्र को सहायता या सहारा देना।
- उँगलियों पर नचाना – इच्छानुसार काम कराना, इशारों पर नचाना।
- उखड़ी-उखड़ी बातें करना – सौजन्य या सौहार्द छोड़कर उदासीन या खिन्न भाव से बातें करना।
- उजला मुँह करना – गौरव बढ़ाना, कलंक मिटाना।
- उठ खड़ा होना – चलने को तैयार होना, बीमारी से मुक्ति पाना।
- उठ जाना – मर जाना, चल बसना।
- उठल्लू का चूल्हा होना – व्यर्थ में इधर-उधर घूमते रहना या एक स्थान पर टिककर न रहना।
- उड़ चलना – कुमार्ग पर जाना, इतराना।
- उधार खाना – कर्ज पर गुजर करना।
- उधार खाए बैठना – किसी काम या बात के लिए ताक लगाए रहना।
- उन्नीस-बीस का अंतर होना – बहुत थोड़ा फर्क होना या नगण्य अंतर होना।
- उन्नीस-बीस होना – कुछ घट-बढ़ कर होना, बहुत थोड़ा अंतर होना।
- उन्नीस होना – मात्रा में कुछ कम होना।
- उपज की लेना – गवैए का नई तान लगाना।
- उलटी गंगा बहना – रीति-विरुद्ध बात या
- काम करना।
- उलटी पट्टी पढ़ाना – किसी को गलत या अनुचित बात कहकर बहकाना।
- उलटी माला फेरना – किसी का बुरा सोचना या किसी का अहित करना।
- उलटी साँस चलना – मरणासन्न होना।
- उलटी सीधी सुनाना – खरी-खोटी सुनाना, या फटकारना।
- उल्टी हवा बहना – नियम या अपेक्षित स्थिति के विपरीत काम करना।
- उलटे काँटे तौलना – कम तौलना।
- उलटे छुरे से मुँडना – बेवकूफ बनाकर पैसा ऐंठना।
- उलटे पाँव लौटना – तुरंत लौटना।
- उलटे मुँह गिरना – दूसरे की हानि करने के प्रयत्न में अपनी हानि कर लेना।
- उल्लू बनाना – बेवकूफ बनाकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर लेना।
- उल्लू बोलना – किसी जगह पर एकांत होना या किसी जगह का उजड़ जाना
ऊ से मुहावरे
- ऊँचा-सुनना – केवल ज़ोर से कही हुई बात को सुनना।
- ऊँचे-नीचे पैर पड़ना – कुमार्ग पर चलना।
- ऊँट के ऊँट रहना – मूर्ख ही बना रहना, कुछ न सीखना।
- ऊँट के मुँह में जीरा – अधिक आवश्यकता वाले व्यक्ति को थोड़ी चीज़ देना।
- ऊँट के गले में बिल्ली बाँधना – असंगत या बेमेल काम करना।
ऋ से मुहावरे
- ऋण उतारना – कर्ज अदा करना।
- ऋण चढ़ना – कर्ज़ होना।
- ऋण पटाना – धीरे-धीरे कर्ज अदा करना।
- ऋण मढ़ना – देनदार बनाना।
ए से मुहावरे
- एक आँख से देखना – सबके साथ समानता का व्यवहार करना या पक्षपात रहित होना।
- एक और एक ग्यारह होना – एकता में शक्ति होना।
- एक अनार सौ बीमार – चीज़ थोड़ी और चाहने वाले बहुत होना।
- एक आँख न भाना – बिल्कुल न सुहाना।
- एक आँख से सबको देखना – सबको समान समझना, सबसे समान व्यवहार करना।
- एक-एक के दस-दस करना – खूब नफा कमाना।
- एक की चार लगाना – बढ़ा-चढ़ा कर कहना, शिकायत करना या अपनी ओर से बातें जोड़-मिलाकर कहना।
- एक थाली के चट्टे-बट्टे – एक ही स्वभाव के लोग या समान गुट के व्यक्ति।
- एक पंथ दो काज – एक काम करते हुए दूसरा हो जाना।
- एक पाँव रिकाय में होना – यात्रा के लिए हर समय तैयार रहना।
- एक पाँव से खड़ा रहना – तावेदारी बजाना, आज्ञापालन में तत्पर रहना।
- एक लाठी से सबको हाँकना – भले-बुरे का विचार किए बिना सबके साथ एकसा बर्ताव करना।
- एक आँख न भाना – बिल्कुल नापसंद होना या ज़रा भी अच्छा न लगना।
- एक न सुनना – कुछ भी ध्यान न देना।
- एक म्यान में दो तलवार – जहाँ एक स्थान के लिए दो व्यक्ति समान अधिकार रखते हों।
- एक ओर कुआँ दूसरी ओर खाई – सब तरफ मुसीबत होना।
- एक ही नौका में सवार होना – समान परिस्थिति में होना।
- एड़ी-चोटी का जोर लगाना – कठिन परिश्रम करना या बहुत कोशिश करना।
- एड़ी-चोटी का पसीना एक करना – कठिन परिश्रम करना।
- एड़ियाँ रगड़ना – बहुत दौड़-धूप करना।
ऐ से मुहावरे
- ऐसी-तैसी करना – अपमानित करना या काम खराब करना।
ओ से मुहावरे
- ओखली में सिर देना – जानबूझकर अपने को मुसीबत में डालना या जोखिम मोल लेना।
- ओंठ उखाड़ना – परती खेत को पहले पहली बार जोतना।
- ओठ चवाना – क्रोध प्रकट करना।
- ओंठ चाटना – स्वाद की लालसा रह जाना या खा चुकने पर स्वाद के लालच से ओंठ पर जीभ फेरना।
- ओंठ चूसना – अधर का चुंबन करना।
- ओंठ पपड़ाना – ओंठों के चमड़े का सूख जाना।
- ओंठ फड़कना – क्रोध के कारण ओंठों का काँपना।
- ओंठ मलना – खराब बात कहने वालों को दंड देना।
- ओंठ हिलाना – मुँह से शब्द निकालना।
- ओंठों में कहना – बहुत धीमी आवाज़ में बोलना।
- ओखली में सिर देना – जोखिम मोल लेना।
- ओढ़ना उतारना – अपमानित करना।
औ से मुहावरे
- औंधी खोपड़ी – बुद्धिहीनता या मूर्खता।
- औने के पौने करना – किसी वस्तु को उसके उचित मूल्य से बहुत कम दाम में बेच देना।
- औंधा गिरना – धोखा खाना।
- औकात बसर करना – जीवन-निर्वाह करना, गुजर-बसर करना
अं से मुहावरे
- अंक भरना – आलिंगन करना या गले लगाना।
- अंग न समाना – अत्यन्त प्रसन्न होना या फूला न समाना।
- अंगुली उठाना – चरित्र पर संदेह करना।
- अंग करना – स्वीकार करना।
- अंग छूना – कसम खाना।
- अँगड़ाई तोड़ना – कुछ काम न करना।
- अंगारे उगलना – जली-कटी सुनाना।
- अंगारे फाँकना- असह्य फल देने वाला काम करना।
- अँगारे बरसना – सख्त गर्मी पड़ना या दैव-कोप होना।
- अंगारों पर पैर रखना – जानबूझकर अपने को खतरे में डालना या इतराना।
- अंगारों पर लोटना – क्रोध या ईर्ष्या से जलना।
- अंगुश्त करना – बदनाम करना।
- अँगूठा चूसना – खुशामद करना।
- अँगूठा दिखाना – किसी कार्य या अनुरोध को करने से साफ मना करना।
- अंजर-पंजर ढीले हो जाना – सब अंगों का शिथिल हो जाना।
- अंटी करना – माल उड़ा लेना।
- अंटी पर चढ़ना – धोखा खा जाना।
- अंटी मारना – दूसरे की चीज़ धीरे से उड़ा लेना या कम तौलना।
- अंत लेना – भेद लेना।
- अंधे की लाठी होना – एकमात्र सहारा होना।
- अंधा बनना – बेवकूफ बनना, धोखा खाना, जानबूझकर उपेक्षा करना।
- अंधेरे घर का उजाला – एकलौता बेटा, अति सुन्दर।
- अंधेर खाता – अव्यवस्था,घपला या गड़बड़ी होना।
- अंधेर नगरी – वह स्थान जहाँ कोई नियम व्यवस्था न हो।
- अंधेरी डालना – किसी व्यक्ति की आँखें बंद करके उसकी गत बनाना।
- अंगूर खट्टे होना – कोई वस्तु न मिलने पर उसका दोष निकालना।
- आँचल पसारना – विनती करना, दीनता दिखा कर कुछ माँगना।
- अंधे के हाथ बटेर लगना – बिना मेहनत के किसी अयोग्य व्यक्ति को सफलता मिलना।
- अंधेर मचाना – अत्याचार करना, जुल्म ढाना या मनमानी करना।
क से मुहावरे
- कच्चा चिट्ठा खोलना – गुप्त भेद खोलना।
- कमर टूटना – हिम्मत पस्त होना।
- कड़वा घूंट पीना – चुपचाप अपमान सहना
- कलम तोड़ना – अत्यन्त अनूठा, मार्मिक या हृदयस्पर्शी वर्णन करना।
- कलेजा धक-धक करना – भयभीत होना।
- कलेजा निकालकर रख देना – सर्वस्व दे देना।
- कसाई के खूंटे से बाँधना – निर्दयी व्यक्ति को सौंपना।
- काँटों पर लोटना – ईर्ष्या से जलना, बेचैन होना।
- कागज काला करना – व्यर्थ ही कुछ लिखना।
- कागजी घोड़े दौड़ाना – कोरी कागजी कार्यवाही करना, केवल लिखा-पढ़ी करना।
- कान काटना – मात देना, चालाकी में आगे होना।
- कान खाना – निरंतर बातें करके परेशान करना।
- कान पर जूं न रेंगना – बार-बार कहने पर भी प्रभाव न पड़ना।
- काया पलट देना – बहुत बड़ा परिवर्तन आना।
- कुएं में भाँग पड़ना – किसी कार्य मे असफलता हाथ लगना।
- कुत्ते की मौत मरना – बुरी तरह मरना।
- कोल्हू का बैल होना – अत्यंत परिश्रमी करने वाला।
- कच्ची गोलियां खेलना – अनुभव की कमी होना
- कंचन बरसना – अधिक धन की प्राप्ति होना।
- कंठ करना – ज़बानी याद करना, कंठाग्र करना।
- कंट खुलना – आवाज़ निकलना।
- कंठ बैठना – गला बैठना, बेसुरा होना।
- कंठी छूना – कंठी की शपथ खाना।
- कंठी तोड़ना – वैष्णवत्व का त्याग, मांस-मछली खाना शुरू कर देना।
- कंठी बाँधना – वैष्णव सम्प्रदाय की दीक्षा लेना या सदाचार अपनाना।
- कंधा देना – अरथी को सहारा देना।
- कंधी डाल देना – हिम्मत हार जाना, किसी जिम्मेदारी उठाने से भागना।
- कंधा लगना – जुए की रगड़ से कंधे में घाव होना।
- कंधे से कंधा छिलना – भारी भीड़ होना या इंतिहाई हुजूम होना।
- कंपा लगाना – पक्षियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाना।
- ककड़ी के चोर को कटारी से मारना – थोड़े अपराध के लिए भारी सज़ा देना।
- कचूमर निकलना – बहुत पीटना।
- कच्चा खा जाना – मार ड़ालना या कठोर दंड देना।
- कच्चा करना – शर्मिंदा करना या लज्जित करना।
- कच्ची गोली खेलना – अनाड़ी होना /
- कच्चे घड़े में पानी भरना – कठिन काम करना।
- कट मरना – लड़ मरना।
- कटे पर नमक छिड़कना – दुःखिया को और दुःख देना।
- कड़वा घूँट पीना – अति कष्टकर बातों को सह लेना।
- कड़ी उठाना – कठोरता सहन करना या मुसीबत झेलना।
- कड़ी सुनाना – खोटी-खरी सुनाना।
- कटकर रह जाना – अत्यन्त लज्जित होना।
- कटपुतली की तरह नचाना – अपनी इच्छानुसार किसी से काम कराना।
- कदम पर कदम रखना – अनुसरण या अनुकरण करना।
- कदम मारना – दौड़ धूप करना।
- कफन को कौड़ी न रखना – बेफ़िक्रा होना या फ़ुज़ूलख़र्च होना।
- कफन को कौड़ी न होना – अत्यन्त दरिद्र होना।
- कफ़न फाड़ कर बोलना – अचानक ज़ोर से बोल उठना।
- कफन सिर से बाँधना – बलिदान के लिए तैयार होना।
- कब्र में पाँव पटकना – मौत के निकट होना।
- कमर कसना – किसी काम के लिए तैयार होना।
- कमर खोलना – दम लेना, आराम करना, विचार त्याग देना।
- कमर कसना – सफर के लिए तैयार होना।
- कमर बैठ जाना – कमर टूटना।
- कमान हाथ में होना – सैनिकों का प्रभारी होना या सेना की कमान सँभालना।
- करम फूटना – भाग्य फूटना, अभागा होना।
- करवट न लेना – ख़बर ना लेना।
- कलई खुलना – वास्तविकता प्रकट हो जाना।
- कलई खोलना – वास्तविकता प्रकट कर देना, भंडाफोड़ कर देना।
- कलम घिसना – बराबर लिखने का काम करना।
- कलमा पढ़ना – मुसलमान होना।
- कलेजा उछलना – हर्ष, उद्वेग आशंका आदि से दिल का धड़कना।
- कलेजा कबाब होना – दिल में जलन होना।
- कलेजा खाना – बहुत तंग करना।
- कलेजा खिलाना – बहुत ज़्यादा ख़ातिर मुदारात करना या बहुत ज़्यादा अज़ीज़ रखना।
- कलेजा खुरचना – हृदय को अत्यंत व्यथित करना।
- कलेजा छलनी होना – बहुत दुखी होना।
- कलेजा जलना – अत्यंत दुःख पहुँचाना।
- कलेजा थामकर बैठ जाना – शोक के वेग को दबाकर रह जाना।
- कलेजा थामना – दुःख सहने के लिये जी कड़ा करना।
- कलेजा धक से हो जाना – एकाएक डर जाना, दहशत में आ जाना।
- कलेजा पक जाना – किसी कष्ट से ऊब जाना।
- कलेजा पकड़ लेना – कष्ट सहने के लिए जी को कड़ा करना।
- कलेजा बल्लियों उछलना – दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कना।
- कलेजा मुँह को आना – बहुत अधिक घबरा जाना।
- कलेजे पर छुरी चलना – हृदय पर गहरा आघात होना।
- कलेजे पर साँप लोटना – दूसरे की तरक्की देखकर जलना।
- कलेजे पर हाथ रखना – किसी के ग़म को अपना गम समझना।
- कलेजे में आग लगना – रंज होना या तकलीफ़ होना।
- कलेजे में तीर लगना – बहुत कष्टदायक होना या दिल पर चोट लगना।
- कलेजे में पैठना – भेद लेने अथवा मतलब की बात निकालने के लिए हेल-मेल बढ़ाना।
- कलेजा पसीजना – मन में दया आना।
- कसर निकालना – बदला लेना।
- कहकहे लगाना – जोर से हँसना, अट्टहास करना।
- कल्ले तले दबा लेना – अपनी आवाज़ के आगे दूसरे की न सुनना।
- काँटा निकलना – बाधा दूर होना।
- काँटा होना – सूखकर बहुत दुबला होना।
- राह में काँटे बिछाना – राह में बाधाएं खड़ी करना।
- काँटों पर लोटना – दुःख से तड़पना।
- काँटों से घसीटना – असहनीय पीड़ा देना।
- काँधी देना – नुक़्सान पहुंचाने की कोशिश करना
- कागज़ की नाव – अस्थायी या क्षणभंगुर वस्तु।
- कागजी घोड़े दौड़ाना – व्यर्थ की लिखा पढ़ी करना या कोरी कागजी कार्यवाही करना।
- काटने दौड़ना – बहुत क्रोध के साथ बोलना।
- काठ का उल्लू – मूर्खता या अज्ञानता।
- काठ मारना – स्तब्ध या हतबुद्धि हो जाना।
- काठ में पाँव देना – आने जाने से रोकना।
- काठ होना – अत्यधिक भयभीत अथवा आश्चर्यचकित होना।
- कान उड़ना – बहुत शोरगुल या लम्बी बकवास से कष्ट पाना।
- कान कतरना – बहुत चालाक होना।
- कान का कच्चा होना – किसी की बात पर बिना सोचे समझे विश्वास कर लेना।
- कान खड़े करना – चौकन्ना रहना या सावधान रहना।
- कान खड़े होना – होशियार होना।
- कान खाना – बहुत अधिक और लगातार बातें करके परेशान करना।
- कान खुलना – सजग होना।
- कान देना – सुनना, ध्यान देना।
- कान धरना – ध्यान से सुनना।
- कान दिया न जाना – शोर के कारण सुन न सकना।
- कान न हिलाना – चूँ न करना, विरोध या आपत्ति प्रकट न करना।
- कान पड़ी आवाज सुनाई न देना – शोरगुल के कारण कुछ भी सुनाई न देना।
- कान पर जूँ न रेंगना – तनिक भी परवाह न होना, बिल्कुल ध्यान न देना।
- कान पर हाथ धरना – अनभिज्ञता प्रकट करना, अनजान बनना।
- कान बजना – कान में साँय-साँय की आवाज होना।
- कान भर जाना – सुनते-सुनते डूब जाना।
- कान भरना – किसी के विषय में किसी की धारणा बिगाड़ देना।
- कान में कौड़ी डालना – किसी को गुलाम बनाना।
- कान में तेल डालना – बहरा बन जाना।
- कान का परदा फटना – बहुत शोरगुल से तंग आ जाना।
- कान खोलकर सुनना – ध्यानपूर्वक सुनना, सावधान होकर सुनना।
- कानी कौड़ी न होना – अकिंचन होना, पास में कुछ न होना।
- कानून बघारना – कानून की बातें करना।
- कानों पर हाथ धरना – पूर्ण इनकार करना।
- कानों में उँगली डालना – किसी बात को न सुनने का प्रयास करना।
- काफिया तंग करना – बहुत हैरान करना।
- काफूर हो जाना – गायब हो जाना, लुप्त हो जाना।
- काम निकलना – प्रयोजन सिद्ध होना।
- काम से काम रखना – केवल काम की बात करना।
- काला अक्षर भैंस बराबर होना – निरक्षर होना, एकदम अपढ होना।
- काला तिल चबाना – किसी के अधीन होना या पराधीन होना।
- किला फतेह करना – किसी कठिन कार्य में सफलता प्राप्त करना।
- काले पानी भेजना – देश निकाला देना।
- किताबी कीड़ा – अधिकांश समय पढ़ते रहना।
- किनारा करना – अलग हो जाना।
- किनारे लगना – काम पूरा करना, काम पूरा होना।
- किनारे लगाना – काम पूरा करना।
- किल्ली घुमाना – कोई तरकीब लगाना।
- काँधे पर रख कर बंदूक़ चलाना – दूसरे की मदद से कोई काम करना।
- किस्मत चमकना – भाग्य खुलना।
- किस्मत पलटना – दुःख से सुख के अथवा सुख से दुःख के दिन आना।
- किस्सा तह करना – बात ख़त्म करना या झगड़ा ख़त्म करना।
- कुंडी खटखटाना – सहायतार्थ किसी के द्वार पर जाना।
- कुंद छुरी से हलाल करना – दर्दनाक मौत देना या बहुत पीड़ा देकर किसी को मारना।
- कुआँ झाँकना – खोज या तलाश में होना।
- कुएँ में बाँस डालना – गहरी खोज-बीन करना।
- कुएँ का मेंढक (कूप मंडूक) – बहुत अल्पज्ञ अथवा बहुत कम अनुभव वाला व्यक्ति होना, बहुत ही सीमित क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति।
- कुएँ में भाँग पड़ना – सबकी पूरे समुदाय की बुद्धि खराब हो जाना, पूरी मण्डली का उन्मत्त होना।
- कुछ का कुछ हो जाना – एकदम बदल जाना।
- कुत्ता काटना – पागल होना, बेवकूफ होना, कुछ लेना न देना, कुछ प्रयोजन न रखना।
- कुत्ते की नींद सोना – ऐसी नींद सोना जो जरा-सा आहट होते ही खुल जाना, चौकन्ना रहते हुए सोना।
- कुत्ते की मौत करना – बहुत दुर्दशा के साथ मारना।
- कुबेर का धन – रूपए का खजाना, बेहिसाब दौलत।
- कुर्सी देना – आदर-सम्मान करना।
- कुल का दीपक बुझना – वंश का अंत हो जाना।
- कुल्हिया में गुड़ फोड़ना – गुप्त रीति से कोई काम करना।
- कुआँ खोदना – रोजी के लिए मेहनत करना या किसी की हानि करने का प्रयत्न करना।
- कुएँ की मिट्टी कुएँ में लगना – जहाँ की कमाई वहीं खर्च हो जाना।
- कुआँ पर से प्यासा आना – कार्य सिद्धि की जगह से निराश लौटना।
- कुएँ में गिरना – अपने आप अपनी हानि करना, जानबूझकर विपद में फँसना।
- कुचलना/कुचल देना – बलहीन कर देना।
- कुट्टी करना – मित्रता भंग करना, चारा काटना,
- कुडुक बोलना – बेकार जाना।
- कुत्ते के पाँव जाना – बहुत तेज़ दौड़ते हुए जाना।
- कुदरत का खेल – भगवान की लीला।
- कुप्पा लुढ़कना – किसी बड़े आदमी का मरना।
- कुप्पे सा मुँह करना – मुँह फुलाना।
- कुप्पा होना – सूजना, रूठ जाना।
- कलमा टूटना – हठ छूटना, दुराग्रही व्यक्ति द्वारा किसी बात को मान लेना।
- कुरान का जामा पहनना – धर्मनिष्ठ बनना।
- कूच का डंका/नक्कारा बजाना – फौज का रवाना होना/प्रस्थान करना।
- कूच बोलना – रवानगी का हुक्म देना।
- कूट-कूट कर भरा होना – किसी गुण या अवगुण की अधिकता होना।
- केंचुल बदलना – रूप बदलना, व्यवहार बदलना।
- के-के करना – पिल्ले की तरह चीखना
- कोख खुलना – बच्चा पैदा होना, बंध्यापन दूर होना।
- कोठी चलना – लेन-देन का व्यवहार करना।
- कोठी गलाना – कुएं या पुल के खम्भे में गोले ऊपर की जोड़ाई को नीचे धँसाना।
- कोढ़ में खाज – संकट पर संकट, दुःख पर दुःख।
- कोना झाँकना – लज्जा या भय से जी चुराना।
- कोल्हू का बैल – बहुत अधिक परिश्रम करने वाला व्यक्ति।
- कोसों दूर रहना – बिल्कुल अलग रहना।
- कौड़ी काम का न होना – एकदम बेकार होना।
- कौड़ी के तीन (या तीन-तीन) होना – बहुत सस्ता होना।
- कौड़ी के मोल/कौड़ियों में – बहुत सस्ता।
- कौड़ी को न पूछना, कौड़ी को न लेना – मुफ्त में भी न लेना।
- कोदों दलना – अधिक भ्रम वाला निकृष्ट काम करना।
- कोयले की दलाली में हाथ काला होना – बुरे काम से बदनामी ही हाथ लगती है।
- कोयलों पर मुहर – छोटे खर्चों में, अधिक किफायतशाही।
- कोल्हू काटकर मुँगरी बनाना – छोटे काम के लिए बड़ी हानि करना।
- कौड़ी-कौड़ी दाँतों से पकड़ना – बहुत कंजूसी करना।
- कौड़ी जलना – भूख या क्रोध आदि से शरीर में ताप होना।
ख से मुहावरे
- खून का प्यासा – जानी दुश्मन होना
- खून ठण्डा होना – उत्साह से रहित होना या भयभीत होना
- खोज खबर लेना – समाचार मिलना
- खून के आँसू रुलाना – बहुत सताना या परेशान करना
- खरी-खोटी सुनाना – बुरा-भला कहना
- खून खौलना – जोश में आना
- खिल्ली उड़ाना – हँसी उड़ाना
- खटाई में डालना – काम को लटकाये रखना, काम को टाल देना, कुछ निर्णय न करना।
- खटाई में पड़ना – किसी काम का टल जाना, स्थगित हो जाना।
- खट्टा खाना – नीचा देखना, विफल होना, दिल फिर जाना।
- खट्टा होना – अप्रसन्न होना।
- खड़ा होना – तैयार होना, सहायक होना, चुनाव में उम्मीदवार होना।
- खड़ी पछाड़ें खाना – खड़े हो-होकर गिर पड़ना।
- खड़ी सवारी आना – तुरन्त लौट जाने को तैयार होना।
- खबर उड़ाना – अफवाह फैलाना।
- खबर लेना – फिक्र करना, हाल पूछना, सहायता करना।
- खरा परखना – भले-बुरे की पहचान करना।
- खराद पर चढ़ाना – सुधारना, दुरुस्त करना।
- खरी खरी खोटी-सुनाना – साफ दो टूक बात कहना, अप्रिय सत्य कहना, भला-बुरा कहना।
- खलियान करना – काटी हुई फसल का ढेर लगाना।
- खाड़ा बजना – तलवार चलना, युद्ध होना।
- खाक उड़ना – बर्बाद होना, उजाड़ होना, नाश होना, बदनामी/बेइज़्ज़ती होना।
- खाक उड़ाना/खाक छानना – भटकते फिरना।
- खाक करना – तबाह/बरबाद कर देना।
- खाक़ का पैबंद होना – दफन होना, मरना।
- खाक छानना – मारा-मारा फिरना, किसी चीज़ की तलाश में बहुत हैरान होना।
- खाक डालना – पर्दा डालना, भूल जाना।
- खाक बरसना – उजाड़ लगना, धूल उड़ना।
- खाक में मिलना – नष्ट होना, बरबाद होना।
- खाल सियाह करना/कर देना – जलाकर राख कर देना, नष्ट कर देना।
- खाका उड़ाना – उपहास करना, बदनाम करना।
- खा जाना (कच्चा खा जाना) – मार डालना।
- खाट पकड़ना – किसी का इतना बीमार पड़ना कि वह अच्छा हो ही नहीं।
- खाट लगना – रोग के कारण उठने-बैठने में अशक्त हो जाना, बहुत दुर्बल हो जाना।
- खाट से उतारा जाना – मरणासन्न होना।
- खाट खड़ी करना – सर्वथा असहाय बना देना, बोरिया बिस्तर बाँध देना।
- खाते में पड़ना – किसी के हिसाब में लिखा जाना।
- खातिर में न लाना – परवाह न करना, तुच्छ समझना।
- खातिर शिकनी – असंतुष्ट/अप्रसन्न होना।
- खार खाना – द्वेष करना, डाह करना।
- खार निकालना – बदला लेना।
- खिचड़ी पकना – गुप्त मन्त्रणा होना/साजिश होना।
- खिचड़ी पकाना – गुप्त मंत्रणा करना।
- खीस काढ़ना – दोष पकड़े जाने पर निर्लज्जतापूर्वक हंसना।
- खुली मुट्ठी होना – दान देने, खर्च करने में उदार होना।
- खूँटा गाड़ना – अड्डा बना लेना, जम जाना।
- खूँटे के बल कूदना – इतराना, दूसरे के बल-बूते पर कूदना।
- खूँट में बाँधना – अच्छी तरह याद रखना।
- खूँटा गाड़ना – सीमा निर्धारित करना, जमकर रहना।
- खून आँखों में उतरना – अति क्रुद्ध होना, क्रोध के कारण आँखें लाल हो जाना।
- खून का जोश – कुल-वंश के नाते उत्पन्न स्नेह।
- खून के आँसू रोना – बहुत शोक करना, अतिशय व्यथित होना।
- खून का घूँट पीना – भारी गुस्से को पी लेना, सह लेना।
- खून खौलना – अति क्रुद्ध होना।
- खून की नदी बहाना – बहुत से लोगों की हत्या करना।
- खून-खच्चर होना – लड़ाई-झगड़ा या मारपीट होना।
- खून गर्दन पर होना – किसी के कत्ल का जिम्मेदार होना।
- खून पीना – बहुत सताना।
- खून बहाना – कत्ल करना।
- खून चूसना – शोषण करना, धन का अपहरण करना।
- खून ठण्डा/सर्द होना – बहुत भयभीत होना।
- खून सिर पर चढ़कर बोलना – हत्या का पाप छिपा नहीं रहता।
- खून सिर पर चढ़ना – किसी की हत्या के लिए आमादा हो जाना।
- खून सफ़ेद होना – आत्मीयता की भावना न रहना, निठुर हो जाना।
- खेत आना – युद्ध में मारा जाना, वीरगति प्राप्त करना।
- खेत छोड़ना – रणभूमि छोड़कर भागना।
- खेत काटना – खड़ी फसल की चोरी करना।
- खेत रखना – शत्रु को जीता न जाने देना।
- खेल करना – किसी काम को तुच्छ समझ कर हँसी में उड़ाना।
- खेल खेलना – चाल चलना।
- खेल समझना – किसी काम को बहुत आसान समझना।
- खेल बिगड़ना – काम बिगड़ना, काम चौपट होना।
- खिला-खिला कर मारना – सांसत से मारना, सता-सता कर प्राण लेना।
- खोज खबर लेना – कुशल ज्ञात करना, पता लेना।
- खोज मिटाना – नामोनिशान मिटा देना।
- खोपड़ी खुजलाना – पिटने को जी चाहना।
- खोपड़ी पर लादना – जबरदस्ती किसी के जिम्मे करना
- ख्याली पुलाव पकाना – असम्भव बातें सोचना, अव्यावहारिक योजनाएँ बनाना।
- खोटा खाना – बेईमानी की कमाई खाना।
ग से मुहावरे
- गढ़ फतह करना – कठिन काम करना।
- गुलछरें उड़ाना – मौज उड़ाना।
- गधे को बाप बनाना – काम निकालने के लिए मूर्ख की खुशामद करना।
- गाजर मूली समझना – तुच्छ समझना।
- गर्दन पर छुरी चलाना – नुकसान पहुचाना।
- गड़े मुर्दे उखाड़ना – दबी हुई बात फिर से उभारना।
- गुल खिलना – नयी बात का भेद खुलना, विचित्र बातें होना।
- गिरगिट की तरह रंग बदलना – बातें बदलना।
- गाल बजाना – डींग हाँकना।
- गिन-गिनकर पैर रखना – सुस्त चलना, हद से ज्यादा सावधानी बरतना।
- गुस्सा पीना – क्रोध दबाना।
- गूलर का फूल होना – लापता होना।
- गुदड़ी का लाल – गरीब के घर में गुणवान का उत्पत्र होना।
- गाँठ में बाँधना – खूब याद रखना।
- गुड़ गोबर करना – बना बनाया काम बिगाड़ना।
- गुरू घंटाल – दुष्टों का नेता या सरदार।
- गंगा नहाना – अपना कर्तव्य पूरा करके निश्चिन्त होना।
- गच्चा खाना – धोखा खाना।
- गजब ढाना – कमाल करना।
- गज भर की छाती होना – अत्यधिक साहसी होना।
- गधा बनाना – मूर्ख बनाना।
- गर्दन ऐंठी रहना – घमंड या अकड़ में रहना।
- गर्दन फँसना – झंझट या परेशानी में फँसना।
- गरम होना – क्रोधित होना।
- गला काटना – किसी को ठगना।
- गला पकड़ना – किसी को जिम्मेदार ठहराना।
- गला फँसाना – मुसीबत में फँसाना।
- गला फाड़ना – जोर से चिल्लाना।
- गले पड़ना – पीछे पड़ना।
- गले पर छुरी चलाना – अत्यधिक हानि पहुँचाना।
- गले न उतरना – पसन्द नहीं आना।
- गाँठ का पूरा – धनी, किन्तु मूर्ख व्यक्ति।
- गाजर-मूली समझना – तुच्छ समझना।
- गाढ़ी कमाई – मेहनत की कमाई।
- गाढ़े दिन – संकट का समय।
- गाल फुलाना – रूठना।
- गुजर जाना – मर जाना।
- गुलछर्रे उड़ाना – मौजमस्ती करना।
- गोद सूनी होना – संतानहीन होना।
- गोबर गणेश – मूर्ख होना।
- गोलमाल करना – काम बिगाड़ना/गड़बड़ करना।
- गंगा की गैल में मदार के गीत गाना – बेमेल/असंगत काम करना।
- गंगा नहाना – किसी कठिन कार्य को पूरा कर लेना।
- जे गंगा पार करना – देश से सीमा से निकालना।
- गंगा लाभ करना – मृत्यु को प्राप्त होना।
- गज़ब टूटना – भारी विपत्ति पड़ना, कोई झमेला खड़ा होना।
- गजब ढाना – जुल्म करना, भारी अनर्थ करना, कमाल करना।
- गठरी कटना – भारी रकम हाथ से निकल जाना, खर्च हो जाना।
- गठरी बाँधना – सफर की तैयारी करना।
- गड़ जाना – बहुत लज्जित होना।
- गड्ढा या गड़हा खोदना – बहुत हानि पहुँचाने का प्रयत्न करना।
- गड़प होना – डूब जाना, धँस जाना, खा जाना।
- गढ़ा भरना – घाटा पूरा होना, पेट भरना।
- गढ़ा/गढ़े में पड़ना – विपद् में फँसना, पतन होना।
- गढ़ जीतना या तोड़ना – बहुत कठिन काम करना।
- गढ़े में धकेलना – अहित करना, बुरे रास्ते पर ले जाना, मुसीबत में डाल देना।
- गत बनाना – दुर्दशा करना, मरम्मत करना, कठोर दंड देना।
- गति देना – मोक्ष देना।
- गति पाना – मोक्ष पाना।
- गत बजाना – सितार आदि पर राग का सरगम बजाना।
- गद्दी चलना – वंश परंपरा या शिल्प परंपरा का जारी रहना।
- गद्दी पर बैठना – राजसिंहासन पर बैठना।
- गधे पर चढ़ाना – जलील/बेइज्ज़त करना।
- गधे के सवार को हाथी पर चढ़ाना – अत्यन्त दरिद्र को धनवान बनाना, तुच्छ व्यक्ति को उच्च पद देना।
- गम खाना – सह लेना, क्षमा करना।
- गम गलत करना – दुःख देने वाली बात को भूलना, जी बहलाना।
- गया करना – गया में जाकर पिण्ड-दान आदि करना, पितृऋण से मुक्त होना।
- गरज का आशना – मतलब का दोस्त।
- गरज का बावला – अपनी गरज निकालने के लिए सब कुछ करने को तैयार।
- गर्दन उठाना – विरोध करना।
- गर्दन उड़ाना – सिर काट देना, कत्ल कर देना, करना करना।
- गर्दन ऐंठी रहना – घमंड में चूर रहना।
- गर्दन काटना – सिर काटना, गला काटना।
- गर्दन झुकाना – पराजय स्वीकार होना, अधीनता स्वीकार करना, लज्जित होना।
- गर्दन दबना – गर्दन न उठना, बहुत आभारी होना।
- गर्दन न उठाना – लज्जित होना।
- गर्दन नापना – बेइज्जती करना, कठोर दंड देना।
- गर्दन पर छुरी फेरना/चलाना – हलाल करना, वध करना, भारी हानि करना।
- गर्दन पर जुआ रखना – सिर पर जिम्मेदारी रखना, भारी काम सुपुर्द करना।
- गर्दन पर सवार होना – हावी होना, डपटना।
- गर्दन फँसना – कठिनाई/झंझट/विपत्ति में पड़ना।
- गर्दन में हाथ देना – खतरा उठाना।
- गर्दन रेतना – धोखा देकर रुपया लेना, ठगना।
- गर्दन मारना – सिर काटना, वध करना।
- गरमी निकालना – घमंड चूर/दूर कर देना।
- गले का हार – इतना प्यारा कि उसको जुदा न किया जा सके, अत्यन्त प्यारा।
- गले के नीचे उतरना – निगल जाना, समझ में आना।
- गला पड़कर देना – जबरदस्ती देना।
- गला पड़ना – अनचाही, अरुचिकर वस्तु का प्राप्त होना, आवाज़ भारी हो जाना।
- गला फाड़ना – चीखकर बोलना।
- गला रेतना – हलाल करना।
- गला बाँधना – इच्छा के विरुद्ध काम करना।
- गहरा हाथ मारना – भारी रकम, भारी मूल्य की चीज़ हथियाना/उड़ाना, ऐसा बार करना कि गहरी चोट बैठे।
- गाँठ जोड़ना – गठवन्धन करना, विवाह आदि के समय स्त्री-पुरुष के पल्लों को एक में बाँधना।
- गाँठ पड़ना – आपस में मनमुटाव होना, आपस के सम्बन्ध में भेद पड़ना।
- गाँठ पर गाँठ पड़ना – उलझन बढ़ती जाना, मन मुटाव बढ़ता जाना।
- गाँठ बाँधना – किसी बात को अच्छी तरह याद रखना।
- गाँठ खुलना – उलझन दूर होना, दिल की सफाई होना, मन की बात खोलकर कह देना। जाना।
- गाढ़े का साथी – विपतकाल में साथ देने वाला।
- गाढ़े पसीने की कमाई – कड़ी मेहनत से कमाया हुआ धन।
- गाय होना – बहुत सीधा/सरल होना।
- गाड़ी रुकना/अटकना – काम बन्द होना।
- गाल फुलाना – रूठकर बोलना।
- गाल बजाना – डींग मारना, बढ़-बढ़ कर बातें करना।
- गाली गाना – विवाह आदि के शुभ अवसर पर व्यंग्य के गीत गाना, अपशब्द कहना।
- गिनी रोटियाँ नया शोरबा – मात्र बँधा-बँधाया वेतन ऊपरी आमदनी न होना।
- गीत गाना – प्रशंसा करना।
- गारद में करना/स्रखना – पहरे में रखना, हवालात में बंद कर देना।
- गिटपिट करना – टूटी-फूटी अंग्रेजी बोलना।
- गिन-गिनकर कदम रखना – बहुत धीरे-धीरे सँभल-सँभल कर चलना।
- गुड़हर का फूल – झगड़े का कारण।
- गुड़ियों का खेल – बहुत आसान काम।
- गुल खिलाना – कोई अचम्भे की (प्रायः अनुपयुक्त) बात करना।
- गुस्सा पी जाना – गुस्सा दबा लेना देना।
- गुस्सा थूक देना – गुस्से को पी जाना, क्षमा कर देना।
- गू का कीड़ा – बहुत मैला, घिनोना रहने वाला आदमी।
- गू का टोकरा – बदनामी का बोझ, भारी कलंक या बदनामी उठाना।
- गूलर का फूल – अलभ्य वस्तु या व्यक्ति।
- गोटी जमाना, बैठाना – युक्ति लगाना, जुगाड़ करना।
- गैल जाना – किसी का अनुसरण करना।
- गैल बताना – दगाबाजी करना, रास्ता बताना।
- गोटी लाल करना – प्रयोजन सिद्ध होना, स्वार्थ सिद्ध होना।
- गोता खाना – डूबना, नुकसान उठाना।
- गोद करना – संतान होना, संतान होने का आशीर्वाद देना।
- गोद में बैठकर दाढ़ी नोंचना – कृतघ्नता का व्यवहार करना।
- गोली मारना – उपेक्षा करना।
- गोली लगना – ठगा जाना, वंचित होना
- गोड़ी जमना/लगना – प्रयत्न का सफल होना।
- गोता देना – धोखा देना।
- गोल बाँधना – भीड़ लगाना।
घ से मुहावरे
- घोड़े बेचकर सोना – बेफिक्र होना
- घाट-घाट का पानी पीना – हर प्रकार का अनुभव होना
- घर का न घाट का – कहीं का नहीं
- घाव पर नमक छिड़कना – दुःख में दुःख देना
- घड़ा पानी पड़ जाना – बहुत शर्मिंदा होना
- घी के दिए जलाना – खुशियाँ मनाना
- घर घाट एक करना – कठिन परिश्रम करना
- घड़ी गिनना – बड़ी उत्कंठा के साथ प्रतीक्षा करना, आसन्न मरण होना।
- घड़ी टलना – समय टलना, मुहूर्त बीतना।
- घर आबाद होना – घर बसना, विवाह होना।
- घर उजड़ना – बर्बाद होना।
- घर उठना – घर पर तबाही आना, घर खाली करके अन्यत्र चला जाना।
- घर का न घाट का – जो कहीं का न हो।
- घर का बोझ उठाना/सँभालना – परिवार का खर्च चलाना।
- घर का भेदी – घर का भेद बताने वाला।
- घर के घर रहना – किसी सौदे या रोजगार में न हानि होना, न लाभ होना।
- घर के जाले बुहारना – घर-घर फिरना, भटकना। घर घाम में छवाना-कष्ट में डालना, सजा देना।
- घर घालना – घर बिगाड़ना, घर की मर्यादा/प्रतिष्ठा नष्ट करना।
- घर का आँगन हो जाना – खंडहर हो जाना।
- घर का उजाला – घर भर का प्यारा, समृद्धि का कारण (बेटा)।
- घर का काट खाना (घर काटता हुआ प्रतीत हो) – घर में तनिक भी जी न लगना, घर का भयंकर लगना।
- घर का चिराग – घर का उजाला, वंश परम्परा जीवित रखने का हेतु।
- घर का मर्द/शेर – जो घर में ही बहादुरी दिखा सके।
- घर का रास्ता लेना – चल देना, घर को वापस जाना।
- घर की खेती – अपना माल।
- घर की बात – स्वजनों से सम्बन्ध रखने वाली बात।
- घर जमना – गृहस्थी ठीक होना।
- घर डूबना – घर तवाह होना।
- घर देख लेना – बार-बार कुछ माँगने आ जाना।
- (किसी के) घर पड़ना – ब्याह जाना, पत्नी, बहू होकर आना।
- घर पर गंगा आना – बिना मेहनत के काम पूरा हो जाना।
- घर फूँक तमाशा देखना – घर का बरबाद कर/घर की दौलत लुटाकर/घर बेचकर धूमधाम करना।
- घर फोड़ना – घर में फूट डालना।।
- घर बैठी रोटी – घर बैठे मिलने वाली रोटी, पेंशन, बिना काम किए काम चलना।
- घर भरना – घर में धनधान्य एकत्र हो जाना।
- घर साँय-साँय करना – सूनेपन के कारण घर का भयंकर लगना।
- घर में डाल लेना – रखैल बना लेना।
- घर से पाँव निकालना – कुल मर्यादा का अतिक्रमण करना, स्वच्छन्दाचारी हो जाना (विशेषकर नारी)।
- घर का होना – गृहस्थी चलना, निर्वाह होना।
- घाट-घाट का पानी पीना – देश-देशांतर में घूम कर दुनिया के अनुभव प्राप्त करना, भाँति- भाँति के कुकर्म करना।
- घात पर चढ़ाना – वश में आना, दाव पर चढ़ना।
- घात में फिरना – हानि पहुँचाने के लिए अनुकूल अवसर ढूँढ़ते रहना।
- घात में बैठना – हमला करने के लिए छिप कर बैठना।
- घात लगना – अच्छा मौका मिलना (हानि पहुँचाने का)
- घात लगाना – सुयोग ढूँढ़ना, युक्ति भिड़ाना।
- घाव पर नमक छिड़कना – दुःख की हालत में कष्ट देना।
- घाव खाना – आहत होना।
- घाव देना – दुःख देना।
- घाव पूरना/भरना /पूजना – घाव का भर कर सूख जाना।
- घास खाना – घोर मूर्खता का परिचय देना, पशु तुल्य होना।
- घास काटना – तुच्छ या व्यर्थ काम करना।
- घिग्घी वैधना – बोला न जाना।
- घी का घड़ा लुढ़कना – बहुत बड़ी हानि होना।
- घी का चिराग जलाना – कामना पूरी होने पर खुशी मनाना।
- घी खिचड़ी होना – प्रगाढ़ प्रेम होना, गहरी दोस्ती।
- घुटकी लगना – प्राण का कंठगत होना।
- घुट-घुट करके जान देना या मरना – असह्य कष्ट सहते हुए मर जाना।
- घुटनों में सिर देना – चिंतित/उदास/लज्जित होना।
- घुटनों से लगकर बैठना – हरदम पास रहना, सटे रहना।
- घुट्टी में पड़ना – स्वभाव रूप हो जाना, जन्म से प्राप्त होना।
- घुन झड़ना – घुन लगी लकड़ी का चूर्ण होकर झड़ना।
- घुलकर काँटा होना – रांग/चिन्ता के कारण बहुत दुबला हो जाना।
- घुल हुआ – बूढ़ा, खूब पका हुआ।
- घूँघट उठाना/पलटना – मुँह देखने के लिए घूँघट को ऊपर उठाना।
- घूंघट का पट खोलना – अज्ञान का परदा दूर करना।
- घूम पड़ना – सहसा क्रुद्ध हो जाना।
- घोंघा बसंत – महामूर्ख।
- घोड़ा बेचकर सोना – वेफिक्र होकर सोना।
च से मुहावरे
- चहल-पहल होना – रौनक होना।
- चोटी और एड़ी का पसीना एक करना – खूब परिश्रम करना।
- चाँद पर थूकना – निर्दोष पर दोष लगाना।
- चादर से बाहर पैर पसारना – आमदनी से अधिक खर्च करना।
- चिराग तले अंधेरा – महत्त्वपूर्ण स्थान के समीप अपराध या दोष होना।
- चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना – घबरा जाना।
- चमड़ी जाए दमड़ी न जाए – बहुत कंजूस होना
- चंग उमहना/चढ़ना – जोर होना, फंदे / कब्जे में होना।
- चंग पर चढ़ना – मिजाज बढ़ा देना, अपने अनुकूल बनाना।
- चंगुल में फँसना – पकड़ में आना, झंझट/कठिनाई/विपत्ति में फँसना।
- चैंदिया खुजाना – मार खाने का काम करना।
- चैंदिया पर बाल न छोड़ना – सब कुछ ले लेना।
- चक जमना – रंग जमना।
- चक्कर मारना – भटकना।
- चक्कर में आना – हैरान होना, भौंचक होना।
- चक्की पीसना – कड़ी मेहनत करना।
- चटखारा भरना – स्वाद लेकर खाना।
- चट्टे-बट्टे लड़ाना – इधर की उधर लगाकर झगड़ा कराना।
- चढ़ बैठना – दाब, हावी हो जाना।
- चतुर तौलना – चालाकी करना।
- चमक चाँदनी – बहुत बनाव-श्रृंगार करके रहने वाली स्त्री।
- चरण पड़ना – आगमन, प्रवेश होना।
- चरब करना – चिकनाना, घी-तेल में तलना।
- चरवी चढ़ना – मोटा होना।
- चलता बनना – चले जाना, खिसक जाना।
- चल निकलना – किसी काम में उन्नति करना/किसी काम को सीख जाना।
छ से मुहावरे
- छोटा मुँह बड़ी बात – हैसियत से अधिक बात करना।
- छलनी कर डालना – शोक-विह्वल कर देना।
- छक्के छुड़ाना – हरा देना।
- छींका टूटना – अनायास लाभ होना।
- छुट्टी पाना – झंझट या अपने कर्तव्य से मुक्ति पाना।
- छू हो जाना या छूमंतर हो जाना – चले जाना या गायब हो जाना।
- छाप पड़ना – प्रभाव पड़ना।
- छी छी करना – घृणा प्रकट करना।
- छेड़छाड़ करना – तंग करना।
- छाती पर साँप लोटना – ईर्ष्या करना।
- छाती पर मूंग दलना – कष्ट पहुँचाना, सम्मुख अनुचित कार्य करना।
ज से मुहावरे
- जूते पड़ना – बहुत निंदा होना।
- जख्म पर नमक छिड़कना – किसी दुखी व्यक्ति को और दुखी करना।
- जी खट्टा होना – मन में वैराग पैदा होना।
- जली-कटी सुनाना – बुरा-भला कहना।
- जान पर खेलना – जोखिम उठाना।
- जलती आग में घी डालना – क्रोध बढ़ाना।
- जमीन आसमान एक करना – बहुत प्रयास करना।
- जूती चाटना – खुशामद करना, चापलूसी करना।
- जड़ उखाड़ना – पूर्ण नाश करना।
- जहर उगलना – कड़वी बातें कहना या भला-बुरा कहना।
- जान खाना – तंग करना।
- जख्म हरा हो जाना – पुराने दुःख या कष्ट भरे दिन याद आना।
- जबान चलाना – अनुचित शब्द कहना।
- जबान देना – वादा करना।
- जबान बन्द करना – तर्क-वितर्क में पराजित करना।
- जबान में ताला लगाना – चुप रहने पर विवश करना।
- जमाना देखना – बहुत अनुभव होना।
- जमीन पर पाँव न पड़ना – अत्यधिक खुश होना।
- जमीन में समा जाना – बहुत लज्जित होना।
- जल-भुन कर राख होना – बहुत क्रोधित होना।
- जल में रहकर मगर से बैर करना – अपने आश्रयदाता से शत्रुता करना।
- जले पर नमक छिड़कना – दुःखी व्यक्ति को और दुःखी करना।
- जहर का घूँट पीना – कड़वी बात सुनकर चुप रह जाना।
- जहर की गाँठ – बुरा या दुष्ट व्यक्ति।
- जादू चढ़ना – प्रभाव पड़ना।
- जादू डालना – प्रभाव जमाना।
- जान न्योछावर करना – बलिदान करना।
- जान हथेली पर लेना – जान की परवाह न करना।
- जान हलकान करना – अत्यधिक परेशान करना।
- जाल फेंकना – किसी को फँसाना।
- जाल में फँसना – षड्यंत्र या चंगुल में फँसना।
- जी छोटा करना – हृदय का उत्साह कम होना।
- जी हल्का होना – चिन्ता कम होना
- जी हाँ, जी हाँ करना – खुशामद करना
- जी उकताना – मन न लगना
- जी उड़ना – आशंका/भय से व्यग्र रहना
- जी खोलकर – पूरे मन से
- जी जलना – संताप का अनुभव करना
- जी में आना – इच्छा होना
- जीते जी मर जाना – जीवन काल में मृत्यु से बढ़कर कष्ट भोगना
- जी चुराना – काम में मन न लगाना
- जीती मक्खी निगलना – जान-बूझकर गलत काम करना
- जूतियाँ चटकाना – बेकार में, बेरोजगार घूमना
- जेब गर्म करना – रिश्वत देना
- जेब भरना – रिश्वत लेना
- जोड़-तोड़ करना – उपाय करना
- जौहर दिखाना – वीरता दिखाना।
- ज्वाला फूँकना – क्रोध दिलाना
- जान का प्यासा होना – जान का दुश्मन होना।
- जान के लाले पड़ना – प्राण बचाना कठिन लगना
- जान में जान आना – घबराहट दूर होना।
- जिंदगी के दिन पूरे करना – अवांछित जीवन गुज़ारना या बिना रूचि के दिन गुज़ारना।
- जिक्र छेड़ना – चर्चा करना।
- जिरह करना – बहस करना।
- जुट जाना – किसी काम में तन्मयता से लगना
- जुल्म ढाना – अत्याचार करना
- जूते के बराबर न समझना – बहुत तुच्छ समझना
- जैसे-तैसे करके – बड़ी कठिनाई से
- जोर चलना – वश चलना
- जोश ठंडा पड़ना – उत्साह कम होना
झ से मुहावरे
- झाँसे में आना – धोखे में आना।
- झक मारना – विवश होना।
- झेंप जाना – शर्माना, लज्जित होना।
- झण्डा गाड़ना/झण्डा फहराना – अपना आधिपत्य स्थापित करना।
- झण्डी दिखाना – स्वीकृति देना।
- झख मारना – बेकार का काम करना।
- झाँसा देना – धोखा देना।
- झाड़ू फेरना – बर्बाद करना।
- झाड़ू मारना – निरादर करना।
- झूठ का पुतला – बहुत झूठा व्यक्ति।
- झूठ के पुल बाँधना – झूठ पर झूठ बोलना।
- झटक लेना – चालाकी से ले लेना।
- झटका लगना – आघात लगना।
- झपट्टा मारना – झपटकर छीन लेना।
- झाड़ू फिरना – सब बर्बाद हो जाना।
- झापड़ रसीद करना – थप्पड़ मारना।
- झाँसे में आना – धोखे में आना।
ट से मुहावरे
- टाँग अड़ाना – अड़चन डालना।
- टक्कर खाना – बराबरी करना।
- टका सा जवाब देना – साफ इनकार करना।
- टुकुर-टुकुर देखना – टकटकी लगाकर देखना।
- टस से मस न होना – विचलित न होना, कुछ असर न पड़ना।
- टका सा जबाब देना – साफ़ इनकार करना।
- टोपी उछालना – निरादर करना।
- टंटा खड़ा करना – झगड़ा करना।
- टके को भी न पूछना – कोई महत्व न देना।
- टके सेर मिलना – बहुत सस्ता मिलना।
- टर-टर करना – बकवास करना या व्यर्थ में बोलते रहना।
- टाँग खींचना – मज़ाक़ उड़ाना या ज़लील करना।
- टुकड़ों पर पलना – दूसरे की कमाई पर गुजारा करना।
- टें बोलना – मर जाना।
- टेढ़ी खीर – अत्यन्त कठिन कार्य होना।
- टक्कर खाना – बराबरी करना।
- टपक पड़ना – सहसा आ जाना।
- टालमटोल करना – बहाना बनाना।
- टूट पड़ना – आक्रमण करना।
- टोह लेना – पता लगाना।
- टका-सा मुँह लेकर रह जाना – लज्जित हो जाना।
- टट्टी की आड़ में शिकार खेलना – छिपकर बुरा काम करना या कोई चाल चलना।
- टाट उलटना – व्यापारी का अपने को दिवालिया घोषित कर देना।
- टाँग पसारकर सोना – निश्चिंत होकर सोना।
ठ से मुहावरे
- ठीकरा फोड़ना – दोष लगाना
- ठन-ठन गोपाल – खाली जेब / अत्यन्त गरीब
- ठंडा पड़ना – मर जाना
- ठकुरसोहाती/ठकुरसुहाती करना – चापलूसी या खुशामद करना
- ठिकाने लगाना – मार डालना
- ठेंगा दिखाना – इनकार करना
- ठेंगे पर मारना – परवाह न करना
- ठोकरें खाना – कष्ट या दुःख सहना
- ठोड़ी पकड़ना – खुशामद करना
- ठंडी आहें भरना – दुखभरी साँस लेना
- ठट्टा मारना – हँसी-मजाक करना
- ठन जाना – लड़ाई झगड़ा हो जाना / परस्पर विरोध होना
- ठाट-बाट से रहना – शानौशौकत से रहना
- ठिकाने की बात कहना – समझदारी की बात कहना
- ठेस पहुँचना/लगना – चोट पहुँचना
- ठोंक बजाकर देखना – अच्छी तरह से जाँच-परख करना
- ठगा-सा – भौंचक्का-सा
ड से मुहावरे
- डंका बजाना – प्रभाव जमाना।
- डकार जाना – हड़प जाना।
- डींग मारना या हाँकना – शेखी मारना।
- डेढ़/ढाई चावल की खिचड़ी पकाना – सबसे अलग काम करना।
- डोरी ढीली करना – नियंत्रण कम करना।
- डंका पीटना – प्रचार करना।
- डंके की चोट पर – खुल्लमखुल्ला करना।
- डोंड़ी पीटना – मुनादी या ऐलान करना।
- डंडी मारना – कम तोलना।
- डुबकी मारना – गायब हो जाना।
- डूब मरना – बहुत लज्जित होना।
- डूबती नैया को पार लगाना – संकट से पीछा छुड़ाना।
- डेरा डालना – निवास करना।
- डेरा उठाना – चल देना।
ढ से मुहावरे
- ढिंढोरा पीटना – घोषणा करना
- ढील देना – छूट देना
- ढेर हो जाना – गिरकर मर जाना
- ढोल पीटना – सबको बताना
- ढपोरशंख होना – केवल बड़ी-बड़ी बातें करना, काम न करना
- ढाई ईट की मस्जिद – सबसे अलग कार्य करना
- ढाई दिन की बादशाहत होना या मिलना – थोड़े दिनों की शान-शौकत या हुकूमत होना
- ढेर करना – मार गिराना
- ढोल की पोल – खोखलापन / बाहर से देखने में अच्छा, किन्तु अन्दर से खराब होना
- ढल जाना – कमजोर हो जाना / वृद्धावस्था की ओर जाना
- ढोंग रचना – पाखंड करना
त से मुहावरे
- तिनके का सहारा – थोड़ी-सी मदद।
- तशरीफ लाना – किसी व्यक्ति का आना।
- तौल-तौल कर मुँह से शब्द निकालना – बहुत सोच-विचार कर बोलना।
- तौबा करना – भविष्य में किसी काम को न करने की प्रतिज्ञा करना।
- तीर नहीं तो तुका सही – पूरा नहीं तो जो कुछ मिल जाए उसी में संतोष करना।
- तिलांजलि देना – त्याग देना।
- तूती बोलना – बोलबाला होना।
- तारे गिनना – नींद न आना।
- तिल का ताड़ बनाना – छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना।
- तीन तेरह करना – नष्ट करना या तितर बितर करना।
- तकदीर खुलना या चमकना – भाग्य अनुकूल होना।
- तख्ता पलटना – एक शासक द्वारा दूसरे शासक को हटाकर उसके सिंहासन पर खुद बैठना।
- तलवार की धार पर चलना – बहुत कठिन कार्य करना।
- तलवार सिर पर लटकना – खतरा होना।
- तवे-सा मुँह – बहुत काला चेहरा।
- तांत-सा होना – दुबला-पतला होना।
- ताक पर धरना – व्यर्थ समझकर दूर हटाना।
- ताक में बैठना – मौके की तलाश में रहना।
- तारीफ के पुल बाँधना – अधिक प्रशंसा या तारीफ करना।
- तारे तोड़ लाना – कठिन या असंभव कार्य करना।
- तीन-पाँच करना – हर बात में आपत्ति करना।
- तीर मार लेना – कोई बड़ा काम कर लेना।
- तीस मारखाँ बनना – अपने को बहुत शूरवीर समझना।
- तेल निकालना – खूब कस कर काम लेना।
- तेली का बैल – हर समय काम में लगा रहने वाला व्यक्ति।
- तोता पालना – किसी बुरी आदत को न छोड़ना।
- तकदीर फूटना – भाग्य खराब होना।
- तबीयत आना – किसी पर आसक्ति होना।
- तरस खाना – दया करना।
- तह तक पहुँचना – गुप्त रहस्य को मालूम कर लेना।
- तहलका मचना – खलबली मचना।
- ताँता बंधना – एक के बाद दूसरे का आते रहना।
- ताक-झाँक करना – इधर-उधर देखना।
- तानकर सोना – निश्चित होकर सोना।
- ताल ठोंकना – लड़ने के लिए ललकारना।
- ताव आना – क्रोध आना।
- तिल-तिल करके मरना – धीरे-धीरे मृत्यु के मुख में जाना।
- तिल रखने की जगह न होना – स्थान का ठसाठस भरा होना।
- तिलमिला उठना – बहुत बुरा मानना।
- तुक न होना – कोई औचित्य न होना।
- तुल जाना – किसी काम को करने के लिए उतारू होना।
- तू-तू मैं-मैं होना – आपस में कहा-सुनी होना।
- तूल पकड़ना – उग्र रूप धारण करना।
- तेवर चढ़ाना – क्रोध के कारण भौहों को तानना।
- तोबा करना – भविष्य में किसी काम को न करने की प्रतिज्ञा करना।
- त्यौरी/त्यौरियाँ चढ़ना – क्रोध के कारण माथे पर बल पड़ना।
- तह देना – दवा देना।
- तंग करना – हैरान करना।
- तिनके को पहाड़ करना – छोटी बात को बड़ी बनाना।
- ताड़ जाना – समझ जाना।
- तुक में तुक मिलाना – खुशामद करना।
- तेवर बदलना – काम निकल जाने पर बदल जाना।
- ताना मारना – व्यंग्य वचन बोलना।
- ताक में रहना – मौका देखते रहना।
- तोते की तरह आँखें फेरना – पुराने सम्बन्धों को एकदम भुला देना।
थ से मुहावरे
- थूक कर चाटना – कह कर मुकर जाना।
- थाली का बैंगन होना – ऐसा आदमी जिसका कोई सिद्धान्त न हो।
- थाह मिलना या लगना – भेद खुलना।
- थुड़ी-थुड़ी होना – बदनामी होना।
- थक कर चूर होना – बहुत थक जाना।
- थर्रा उठना – अत्यंत भयभीत होना।
- थाह लेना – मन का भव जानना।
- थैली का मुँह खोलना – खूब धन व्यय करना।
- थू-थू करना – घृणा प्रकट करना।
द से मुहावरे
- दिन गँवाना – समय नष्ट करना।
- दीवारों के कान होना – किसी गोपनीय बात के प्रकट हो जाने का खतरा होना।
- दिल बाग-बाग होना – अत्यधिक हर्ष होना।
- दाल में काला होना – संदेह होना।
- दिन में तारे दिखाई देना – अधिक दुःख के कारण होश ठिकाने न रहना।
- दम टूटना – मर जाना।
- दिन दूना रात चौगुना – तेजी से तरक्की करना।
- दाल में काला होना – संदेह होना।
- दौड़-धूप करना – बड़ी कोशिश करना।
- दो कौड़ी का आदमी – तुच्छ या अविश्वसनीय व्यक्ति।
- दो टूक बात कहना – थोड़े शब्दों में स्पष्ट बात कहना।
- दो दिन का मेहमान – जल्दी मरने वाला।
- दूध के दाँत न टूटना – ज्ञानहीन या अनुभवहीन होना।
- दूध का दूध और पानी का पानी कर देना – पूरा-पूरा इंसाफ करना।
- दो नावों पर पैर रखना/दो नावों पर सवार होना – दो काम एक साथ करना।
- दम खींचना या साधना – चुप रह जाना।
- दरवाजे की मिट्टी खोद डालना – बार-बार तकाजा करना।
- दरार पड़ना – मतभेद पैदा होना।
- दसों उंगलियाँ घी में होना – खूब लाभ होना।
- दाँत पीसना – बहुत क्रोधित होना।
- दाँत काटी रोटी होना – अत्यंत घनिष्ठता होना या मित्रता होना।
- दाँत खट्टे करना – परास्त करना या हराना।
- दाँतों तले उँगली दबाना – दंग रह जाना।
- दाई से पेट छिपाना – जानने वाले से भेद छिपाना।
- दाद देना – प्रशंसा करना।
- दाना-पानी उठना – आजीविका का साधन खत्म होना या बेरोजगार होना।
- दाल-भात में मूसलचन्द – दो व्यक्तियों की बातों में तीसरे व्यक्ति का हस्तक्षेप करना।
- दिन गँवाना – समय नष्ट करना।
- दिन पूरे होना – अंतिम समय आना।
- दिन पलटना – अच्छे दिन आना।
- दिन-रात एक करना – कठिन श्रम करना।
- दिन लद जाना – समय व्यतीत हो जाना।
- दिमाग दौड़ाना – विचार करना या अत्यधिक सोचना।
- दिमाग सातवें आसमान पर होना – बहुत अधिक घमंड होना।
- दिमाग खाना/खाली करना – मगजपची या बकवास करना।
- दिल पसीजना – किसी पर दया आना।
- दिल हिलना – अत्यधिक भयभीत होना।
- दिल बाग-बाग होना – अत्यधिक हर्ष होना।
- दिल कड़ा करना – हिम्मत करना।
- दिल का गुबार निकालना – मन का मलाल दूर करना।
- दिल की दिल में रह जाना – मनोकामना पूरी न होना।
- दिल के अरमान निकलना – इच्छा पूरी होना।
- दिल्ली दूर होना – लक्ष्य दूर होना।
- दुनिया से उठ जाना – मर जाना।
- दूध का धुला – निष्पाप या निर्दोष होना।
- दूध का-सा उबाल आना – एकदम से क्रोध आना।
- दूध की नदियाँ बहना – धन-दौलत से पूर्ण होना।
- दूध में से मक्खी की तरह निकालकर फेंकना – अनावश्यक समझकर अलग कर देना।
- दो-दो हाथ होना – लड़ाई होना।
- दोनों हाथों में लड्डू होना – हर प्रकार से लाभ होना।
- दोनों हाथों से लुटाना – खूब खर्च करना।
- दूर के ढोल सुहावने होना या लगना – दूर की वस्तु या व्यक्ति अच्छा लगना।
- देवलोक सिधारना – मर जाना।
- दफा होना – चले जाना।
- दाने-दाने को तरसना – भूखों मरना।
- दाम खड़ा करना – उचित कीमत प्राप्त करना।
- दामन छुड़ाना – पीछा छुड़ाना।
- दामन पकड़ना – किसी की शरण में जाना।
- दाल गलना – युक्ति सफल होना।
- दाल न गलना – सफल न होना।
- दाल रोटी चलना – जीवन निर्वाह होना।
- दिल बल्लियों उछलना – बहुत खुश होना।
- दिल्लगी करना – मजाक करना।
- दुकान बढ़ाना – दुकान बंद करना।
- दुखती रग को छूना – मर्म पर आघात करना।
- दुम दबाकर भागना – डटकर भागना या चले जाना।
- दुश्मनी मोल लेना – व्यर्थ की दुश्मनी करना।
- दूध की लाज रखना – वीरोचित कार्य करना।
- दूध पीता बच्चा – अबोध एवं निरपराध व्यक्ति।
- दृष्टि फिरना – पहले जैसा प्रेम या स्नेह न रहना।
- देखते रह जाना – दंग रह जाना।
- देखते ही बनना – वर्णन न कर पाना।
- देह टूटना – दर्द होना।
- देह भरना – मोटा हो जाना।
- द्वार-द्वार फिरना – घर-घर भीख माँगना।
- द्वार लगाना – दरवाजा बंद करना।
- दरदर भटकना – मारे-मारे फिरना।
- दाल-भात का कौर समझना – आसान समझना।
- दाहिना हाथ होना – सहायक होना।
- दीन-दुनिया की खबर न होना – संसार का कुछ भी पता न होना।
- दीन दुनिया भूल जाना – सुध-बुध भूल बैठना।
- दम मारना – विश्राम करना।
- दम में दम आना – राहत होना।
- दाँव खेलना – धोखा देना।
- दिनों का फेर होना – बुरे दिन आना।
- दायें-बायें देखना – सावधान होना।
- दिल दरिया होना – उदार होना।
- दाँत दिखाना – खीस काढना।
- दाँत गड़ाना – कुछ हड़पने के लिए दृढ़ होना।
- दाँत से दाँत बजना – बहुत जाड़ा पड़ना।
- दाँतों में जीभ-सा रहना – शत्रुओं से घिरा रहना।
ध से मुहावरे
- धरना देना – अड़कर बैठना।
- धब्बा लगना – कलंकित करना।
- धोबी का कुत्ता घर का न घाट का – जिसका कहीं ठिकाना न हो, निरर्थक व्यक्ति।
- धज्जियाँ उड़ाना – किसी के दोषों को चुन-चुनकर गिनाना।
- धूप में बाल सफेद नहीं करना – अनुभव होना/सांसारिक अनुभव होना।
- धतूरा खाए फिरना – उन्मत्त होना।
- धमाचौकड़ी मचाना – उपद्रव करना।
- धुर्रे उड़ाना – बहुत अधिक मारना।
- धूल फाँकना – मारा-मारा फिरना।
- धाक जमाना – दबदबा जमाना।
- धीरज बँधाना – सांत्वना देना।
- धुन का पक्का – लगन से काम करने वाला
- धुन सवार होना – लगन लगना
- धूनी रमाना – साधु या विरक्त हो जाना या कहीं पर जाकर निवास करना।
- धोखा देना – ठगना।
- धुँआ-सा मुँह होना – लज्जित होना।
- ध्यान में न लाना – विचार न करना या परवाह न करना।
- ध्यान से उतरना – भूलना।
- धरना देना – अड़कर बैठना।
- धूल छानना – मारे-मारे फिरना।
- धोती ढीली होना – डर जाना।
- धक्का देना – अपमान करना।
- ध्यान बँटना – एकाग्रचित्त न होना।
- धरती पर पाँव न रखना – घमंडी होना।
न से मुहावरे
- नजरबंद करना – कैद में रखना।
- नाम डुबोना – प्रतिष्ठा, मर्यादा आदि खोना।
- नौ-दो ग्यारह होना – भाग जाना।
- नाक में दम करना – परेशान करना।
- निन्यानबे के फेर में पड़ना – अत्यधिक धन कमाने में व्यस्त होना।
- न घर का रहना न घाट का – दोनों तरफ से उपेक्षित होना।
- नमक हलाल करना – उपकार का बदला उतारना।
- नमक का हक अदा करना – ऋण चुकाना।
- नमक-मिर्च लगाना – बढ़ा-चढ़ाकर कहना।
- नयनों का तारा – अत्यन्त प्रिय व्यक्ति या वस्तु होना।
- नस-नस ढीली होना – बहुत थक जाना।
- नस-नस पहचानना – भलीभाँति अच्छी तरह जानना।
- नाक में नकेल डालना – नियंत्रण में करना।
- नाक ऊँची रखना – सम्मान या प्रतिष्ठा रखना।
- नाक रगड़ना – बहुत अनुनय-विनय करना।
- नाकों चने चबाना – बहुत परेशान होना।
- नाक का बाल होना – बहुत प्यारा होना।
- नाक रखना – इज्जत रखना।
- नाक काटना – बदनाम करना।
- नाक कटना – प्रतिष्ठा या मर्यादा नष्ट होना।
- नाम उछालना- बदनामी करना।
- नाम डुबोना – प्रतिष्ठा, मर्यादा आदि खोना।
- नाव या नैया पार लगाना – सफलता या सिद्धि प्रदान करना।
- नीला-पीला होना – बहुत क्रोध करना।
- नंगा कर देना – असलियत प्रकट कर देना।
- नंगा नाच करना – खुलेआम नीच काम करना।
- नंबर दो का पैसा – अवैध धन।
- नशा उतरना – घमण्ड दूर होना।
- नकेल हाथ में होना – सब प्रकार से अधिकार में होना।
- न लेना न देना – कोई संबंध न रखना।
- नखरे उठाना – खुशामद करना।
- नजर अंदाज करना – उपेक्षा करना।
- नजर उतारना – बुरी दृष्टि के प्रभाव को मंत्र आदि युक्ति से दूर करना।
- नजरबंद करना – जेल में रखना।
- नजर से गिरना – प्रतिष्ठा कम करना।
- नसीब फूटना – भाग्य का प्रतिकूल होना।
- नाम कमाना – ख्याति प्राप्त करना।
- नाक भौं चढ़ाना – घृणा प्रदर्शित करना।
- नाक पर मक्खी न बैठने देना – अपने ऊपर किसी भी प्रकार का आक्षेप न लगने देना।
- निछावर करना – बलिदान करना।
- नींद हराम करना – परेशान करना।
- नींद हराम होना – परेशान होना।
- नींव डालना – शुभ कार्य आरंभ करना।
- नीचा दिखाना – अपमानित करना।
- नोंक-झोंक होना – कहा-सुनी होना।
- नौकरी बजाना – कर्तव्यों का पालन करना।
- नौबत आना – संयोग उपस्थित होना या किसी चीज का समय आ जाना।
- नज़र पर चढ़ना – पसंद आ जाना।
- नाच नचाना – तंग करना।
- नजर चुराना – आँख चुराना।
- नदी-नाव संयोग – ऐसी मुलाकात जो कभी इत्तिफाक से हो जाए।
- नसीब चमकना – भाग्य चमकना।
- नाक-कान काटना – बहुत अधिक अपमानित करना।
- नाक ऊँची होना – प्रतिष्ठा बढ़ना।
- नाक रहना – इज्जत बचना।
- नौ-दौ ग्यारह होना – भाग जाना।
प से मुहावरे
- पासा पलटना – स्थिति उलट जाना।
- पीछा छुड़ाना – जान छुड़ाना।
- पाँव उखाड़ना – हार कर भाग जाना।
- प्राणों की बाजी लगाना – जान की परवाह न करना।
- पके घड़े पर मिट्टी न चढ़ना – अति कंजूस होना।
- पासा पलटना – स्थिति पलट जाना।
- पेट काटना – आवश्यक खर्चे में कटौती करना।
- पेट में चूहे कूदना – जोर की भूख लगना।
- पहाड़ टूट पड़ना – भारी विपत्ति आना।
- पट्टी पढ़ाना – बुरी राय देना।
- पौ बारह होना – खूब लाभ होना।
- पाँचों उँगलियाँ घी में होना – सब प्रकार से लाभ होना।
- पगड़ी रखना – इज्जत बचाना।
- पगड़ी उतारना – अपमानित करना।
- पानी-पानी होना – अधिक लज्जित होना।
- पत्ता कटना – नौकरी छूटना।
- परछाई से भी डरना – बहुत डरना।
- पर्दाफाश करना – भेद खोलना।
- पर्दाफाश होना – भेद खुलना।
- पल्ला झाड़ना – पीछा छुड़ाना।
- पाँव तले से धरती खिसकना – अत्यधिक घबरा जाना।
- पानी फेरना – समाप्त या नष्ट कर देना।
- पारा उतरना – क्रोध शांत होना।
- पारा चढ़ना – क्रोधित होना।
- पर्दा उठना – भेद प्रकट होना।
- पलकों पर बिठाना – बहुत अधिक आदर-स्वागत करना।
- पलकें बिछाना – बहुत श्रद्धापूर्वक आदर-सत्कार करना।
- पाँव धोकर पीना – अत्यंत सेवा-शुश्रुषा और सत्कार करना।
- पॉकेट गरम करना – घूस देना।
- पीठ की खाल उधेड़ना – कड़ी सजा देना।
- पीठ ठोंकना – शाबाशी देना।
- प्राण हथेली पर लेना – जान खतरे में डालना।
- प्राणों पर खेलना – जान जोखिम में डालना।
- पंख लगना – विशेष चतुराई के लक्षण प्रकट करना।
- पंथ निहारना/देखना – प्रतीक्षा करना।
- पत्ता खड़कना – आशंका होना।
- पलक-पाँवड़े बिछाना – बहुत श्रद्धापूर्वक स्वागत करना।
- पलकों में रात बीतना – रातभर नींद न आना।
- पल्ला छुड़ाना – छुटकारा पाना।
- पापड़ बेलना – कष्टमय जीवन बिताना या बहुत परिश्रम करना।
- पाप का घड़ा भरना – पाप का पराकाष्ठा पर पहुँचना।
- पार लगाना – उद्धार करना।
- पाला पड़ना – वास्ता पड़ना।
- पिंड छुड़ाना – पीछा छुड़ाना।
- पीछा छुड़ाना – जान छुड़ाना।
- पीठ दिखाना – हारकर भागना या पीछे हटना।
- पीस डालना – नष्ट कर देना।
- पुरा न पड़ना – कमी पड़ना।
- पेट पर लात मारना – रोजी रोटी छीनना।
- पेट पीठ एक होना – बहुत दुर्बल होना।
- पेट में दाढ़ी होना – बहुत चालाक होना।
- पेट में बात न पचना – कोई बात छिपा न सकना।
- पेट में बल पड़ना – इतना हँसना कि पेट दुखने लगे।
- पैंतरे बदलना – नई चाल चलना।
- पैर उखड़ना – भाग जाना।
- पोल खुलना – भांडा फूटना या रहस्य प्रकट होना।
- पोल खोलना – रहस्य प्रकट करना।
- पैसा खींचना – ठग कर किसी से धन लेना।
- पैसा डूबना – हानि होना।
- प्रशंसा के पुल बाँधना – बहुत तारीफ करना।
- प्राणों की बाजी लगाना – जान की परवाह न करना।
- प्राण सूखना – बहुत घबरा जाना।
- प्राण हरना – मार डालना।
- पते की बात कहना – काम की बात कहना।
- पानी न माँगना – तत्काल मर जाना।
- पानी पर नींव डालना – अस्थिर वस्तु का आधार होना।
- पानी रखना – मर्यादा की रक्षा करना।
- पानी में आग लगाना – असंभव कार्य करना।
- पानी फिर जाना – बर्बाद होना।
- पैर पकड़ना – क्षमा चाहना।
- पलक लगना – आँखें बंद होना या सो जाना।
- पसीने की जगह खून बहाना – काम के बदले अधिक कुर्बानी देना।
- पाँव भारी होना – गर्भवती होना।
- पाँव फिसलना – गलती होना।
- पाँवों में पर लगना – बहुत तेज चलना।
- प्राण-पखेरू का उड़ना – मृत्यु हो जाना।
- प्राण सूख जाना – भयभीत हो जाना।
- प्राण कंठगत होना – मृत्यु निकट होना।
फ से मुहावरे
- फूलकर कुप्पा हो जाना – बहुत खुश होना।
- फूंक-फूंक कर पैर रखना – सोच-समझकर काम करना।
- फलना-फूलना – तरक्की करना।
- फटे में पाँव देना – दूसरे की विपत्ति अपने ऊपर लेना।
- फल चखना – कुपरिणाम भुगतना।
- फुलझड़ी छोड़ना – कटाक्ष करना।
- फूट डालना – मतभेद पैदा करना।
- फूला न समाना – अत्यन्त आनंदित होना।
- फूंककर पहाड़ उड़ाना – असंभव कार्य करना।
- फूटी आँखों न सुहाना – तनिक भी अच्छा न लगना।
- फटे हाल होना – बहुत गरीब होना।
- फूँक निकल जाना – भयभीत होना।
- फूटी कौड़ी भी न होना – बहुत गरीब होना।
- फंदे में फँसना – जाल में फँसना।
- फंदे में पड़ना – धोखे में पड़ना।
- फब्तियाँ कसना – व्यंग्य करना।
- फाख्ता उड़ाना – मौज-मस्ती करना।
- फूल सूंघकर रहना – बहुत थोड़ा खाना।
- फूलों से तौला जाना – अत्यंत कोमल होना।
- फूल झड़ना – मधुर बोलना।
ब से मुहावरे
- बीड़ा उठाना – दायित्व लेना।
- बेसिर-पैर की बात करना – व्यर्थ की बात करना।
- बगलें झाँकना – उत्तर न दे सकना।
- बगुला भगत – ढोंगी व्यक्ति।
- बाग-बाग होना – बहुत खुश होना।
- बोलबाला होना – ख्याति होना।
- बखिया उधेड़ना – भेद खोलना या पोल खोलना।
- बात को गाँठ में बाँधना – स्मरण रखना या याद रखना।
- बात खुलना – रहस्य खुलना।
- बात बनाना – झूठ बोलना।
- बुद्धि पर पत्थर पड़ना – अक्क काम न करना।
- बेपेंदी का लौटा – किसी की तरफ न टिकने वाला।
- बछिया का ताऊ – मूर्ख व्यक्ति।
- बधिया बैठना – बहुत घाटा होना।
- बहत्तर घाट का पानी पीना – अनेक प्रकार के अनुभव प्राप्त करना।
- बाएं हाथ का खेल – बहुत सुगम कार्य होना।
- बारह बाट करना – तितर-बितर करना।
- बाल की खाल निकालना – छोटी से छोटी बातों पर तर्क करना।
- बाल बाँका न होना – जरा भी हानि न होना।
- बुढ़ापे की लाठी – बुढ़ापे का सहारा होना।
- बहती गंगा में हाथ धोना – समय का लाभ उठाना।
- बट्टा लगाना – कलंक लगाना।
- बदन में आग लग जाना – बहुत क्रोध आना।
- बना बनाया खेल बिगड़ जाना – सिद्ध हुआ काम खराब हो जाना।
- बलि जाना – न्योछावर होना।
- बरस पड़ना – क्रोधित होना।
- बाँछें खिल जाना – बहुत प्रसन्न होना।
- बाँह चढ़ाना – लड़ने को तैयार होना।
- बाँह पकड़ना – शरण में लेना।
- बाज न आना – बुरी आदत न छोड़ना।
- बात का बतंगड़ बनाना – छोटी-सी बात को बहुत बढ़ा देना।
- बात न पूछना – परवाह न करना।
- बात बढ़ना – झगड़ा होना।
- बाल-बाल बचना – मुश्किल से बचना।
- बात का धनी होना – वायदे का पक्का होना।
- बेड़ा गर्क करना – नष्ट करना।
- बे पर की उड़ाना – निराधार बातें करना।
- बुरा फँसना – झंझट में पड़ना।
- बुरा मानना – नाराज होना।
- बेवक्त की शहनाई बजाना – अवसर के प्रतिकूल कार्य करना।
- बोलती बंद करना – भय से आवाज न निकलना।
- बाजार गर्म होना – सरगर्मी होना या तेजी होना।
- बात चलाना – चर्चा करना।
- बात रखना – अपनी बात पर अडिग रहना।
- बातों में उड़ाना – हँसी-मजाक में उड़ा देना।
- बाँह देना – सहारा देना।
- बाँह टूटना – आश्रयहीन होना।
भ से मुहावरे
- भीगी बिल्ली होना – डर से दबना।
- भंडा फूटना – पोल खुलना।
- भंडा फोड़ना – पोल खोलना।
- भगवान को प्यारे हो जाना – मर जाना।
- भरी थाली में लात मारना – लगी लगाई नौकरी छोड़ना।
- भांजी मारना – किसी के बनते काम को बिगाड़ना।
- भैंस के आगे बीन बजाना – मूर्ख को समझाने का प्रयत्न करना या निरर्थक प्रयत्न करना।
- भौंहे टेढ़ी करना – क्रोध आना।
- भनक पड़ना – सुनाई पड़ना।
- भाड़ झोंकना – व्यर्थ समय नष्ट करना।
- भूत चढ़ना या सवार होना – किसी काम में पूरी तरह लग जाना।
- भूत उतरना – क्रोध शांत होना।
- भोग लगाना – देवता या ईश्वर को नैवेद्य चढ़ाना।
- भाग्य खुलना – भाग्य चमकना।
- भाग्य फूटना – किस्मत बिगड़ना।
- पूँजी भाँग न होना – अत्यंत दरिद्र होना।
- भेड़िया धसान होना – देखा-देखी करना।
- भगीरथ प्रयत्न – बहुत बड़ा प्रयत्न।
- भीष्म प्रतिज्ञा – कठोर प्रतिज्ञा।
म से मुहावरे
- मिट्टी के मोल बिकना – बहुत सस्ता बिकना।
- मखमली जूते मारना – मीठी-मीठी बातों से लज्जित करना।
- मुंह में ठेंपी देना – कुछ न बोलने देना।
- मुँह धो रखना – किसी काम की आशा ना रखना।
- मुँह में पानी आना – लालच आ जाना।
- मैदान मारना – विजय प्राप्त करना।
- मैदान साफ होना – मार्ग में कोई बाधा आदि न होना।
- मुट्ठी गरम करना – रिश्वत देना या घूस देना।
- मीठी छुरी चलाना – विश्वासघात या कपट करना।
- मुँह काला होना – कलंक लगना।
- मुँह की खाना – बुरी तरह हार जाना या परास्त होना।
- मक्खन लगाना – चापलूसी करना।
- मक्खी मारना – कोई काम न करना या निकम्मा रहना।
- माथापच्ची करना – किसी समस्या का हल ढूंढने की कोशिश करना।
- मगरमच्छ के आँसू – किसी बात पर दुखी होने का दिखावा करना।
- मरने को भी छुट्टी न होना – अत्यधिक व्यस्त रहना।
- मरम्मत करना – किसी चीज़ को ठीक करना या मारना-पीटना।
- मस्तक ऊँचा करना – मान या प्रतिष्ठा बढ़ाना।
- महाभारत मचाना – युद्ध करना।
- मांग उजड़ना – विधवा होना।
- मिजाज आसमान पर होना – बहुत घमंडी होना या बहुत बुरा स्वभाव होना।
- मुँह पर कालिख लगना – बदनामी और कलंक के कारण मुंह दिखलाने लायक न रहना।
- मुँह पर ताला लगना – कुछ कह न पाना।
- मुँह फुलाना – रूठकर बैठ जाना या अप्रसन्नता होना।
- मुँह सिलना – ख़ामोश हो जाना या बिलकुल बात ना करना।
- मुँह काला करना – कलंक लगना या बदनामी होना।
- मुँह चुराना – किसी के सामने जाने से बचना।
- मुँह जूठा करना – नाम मात्र के लिए कुछ खाना।
- मुँहतोड़ जबाब देना – किसी अन्याय, जुर्म, या गलत काम करने वाले को उसकी ही भाषा में करारा जवाब देना।
- मुँह निकल आना – कमज़ोर हो जाना।
- मुँह की बात छीन लेना – किसी के दिल की बात उससे पहले कह देना।
- मुँह में खून लगना – किसी बुरी या अनुचित आदत की लत लगना।
- मुँह मोड़ना – तिरस्कार करना।
- मुँह लगाना – बहुत अधिक बोलचाल रखना।
- मूँछ उखाड़ना – कठिन दंड देना।
- मूँछ नीची होना – मूँछ नीची होना।
- मूँछों पर ताव देना – सफलता आदि के अभिमान में मूछें ऐंठना।
- मैदान छोड़ना – लड़ाई या मुक़ाबले से अलग होना या भाग जाना।
- मियान से बाहर होना – आपे में ना रहना या ग़ुस्से से बदहवास होना।
- मन उड़ा-उड़ा सा रहना – मन स्थिर न रहना।
- मन डोलना – मन का विचलित होना।
- मजा किरकिरा होना – आनंद में विघ्न पड़ना।
- मजा चखाना – गलती की सजा देना।
- मन की मन में रह जाना – इच्छा पूरी न होना।
- मन मसोस कर रह जाना- मन के भावों को मन में ही दबा देना।
- मन में बसना – प्रिय लगना।
- मन में चोर होना – मन में किसी प्रकार का खटका या संदेह होना।
- मन रखना – प्रसन्न रखने के लिए उसकी इच्छा के अनुसार काम करना।
- मस्ती मारना – ख़ूब मज़े करना।
- मिट्टी का माधो – बहुत ही मुर्ख होना।
- मिट्टी में मिल जाना – बर्बाद हो जाना।
- मिट्टी पलीद करना – दुर्दशा करना।
- माथा ठनकना – संशय होना।
- मार-मार कर चमड़ी उधेड़ देना – बहुत अधिक मारना।
- मारा-मारा फिरना – दर दर भटकना।
- माला फेरना – परमेश्वर का पाठ करना।
- मिट्टी खराब करना – पूरी दुर्दशा करना।
- मिलीभगत होना – गठजोड़ या साज़िश होना।
- मुट्ठी में होना – क़ाबू में होना।
- मुराद पूरी होना – अभिलाषा पूरी होना।
- मेल खाना – संगति के अनुकूल होना।
- मोर्चा लेना – मोर्चा विजय कर लेना।
- मोल-भाव करना – किसी वस्तु का दाम ठहराना।
- मौका हाथ आना -परिस्थिति अनुकूल होना।
- मौत के मुँह में जाना – जान जोखिम में डालना या स्वयं को खतरे में डालना।
- मौत बुलाना – जानबूझकर खतरनाक कार्य करना।
- मुफ़्त की रोटियाँ तोड़ना – बिना मेहनत और कठिनाई के खाना।
- मन में आशा जगाना – आशाओं से भर देना।
- मन के लड्डू खाना – बेकार की आशा रखकर प्रसन्न होना।
- मीन-मेख करना – छिद्रान्वेषण करना।
- मोटा आसामी – मालदार आदमी या धनवान व्यक्ति होना।
- मुँह पर कालिख लगना – कलंकित होना।
- मुँह छिपाना – लज्जित होना।
- मुँह पकड़ना – बोलने से रोकना।
- मुँह उतरना – उदास होना।
- मुँह में लगाम न होना – बिना सोचे-समझे बोलना।
- मुँह मीठा करना – शगुन सूचक मिठाई खिलाना।
- मुँहफट हो जाना – बदज़बान होना।
- मुँहदेखी करना – आश्चर्य में मुँह ताकना और हस्तक्षेप न करना।
- मुँह भरना – रिश्वत या नज़राना मिलना।
- मुँह लटकाना – निराश होना।
- मुँह ताकना – दूसरों पर निर्भर रहना।
- मुँह से फूल झड़ना – मुँह से बहुत ही सुंदर और प्रिय बातें निकलना।
- मन हरा होना – मन का प्रसन्न तथा प्रफुल्लित हो जाना।
- मन टटोलना – किसी के भावों, विचारों आदि से परिचित होने का प्रयत्न करना।
- मन चलना – किसी चीज़ की तरफ़ रग़बत होना।
- मन मारकर बैठ जाना – किसी को प्राप्त कर लेने की मन में तीव्र इच्छा होना।
- मन बहलाना – मनोरंजन करना।
- मन मैला करना – ईर्ष्या करना, दोषारोपण करना या घृणा करना।
य से मुहावरे
- युक्ति लड़ाना – उपाय करना।
- यश मानना – कृतज्ञ होना।
र से मुहावरे
- रंग जमना – अपना प्रभाव डालना।
- रंग बदलना – एक बात पर स्थिर न रहना।
- रंग में भंग पड़ना – उल्लास में विघ्न पड़ना।
- रंग उड़ना = किसी कारण चेहरा निस्तेज होना।
- रंग चढ़ना – प्रभावित होना।
- रंग जमाना – रौब जमाना।
- रंग में ढलना – किसी के प्रभाव में आना।
- रंग में भंग पड़ना – खुशी में बाधा पड़ना।
- रंगा सियार – धूर्त व्यक्ति।
- रफू चक्कर होना – डरकर भाग जाना या गायब होना।
- राई का पहाड़ बनाना – छोटी सी बात को बड़ा बनाना।
- राई-काई करना – तितर-बितर करना।
- रंगे हाथों पकड़ना – किसी व्यक्ति को कुछ गलत करते हुए पकड़ना।
- राह में रोड़ा पड़ना – काम में बाधा आना।
- रात-दिन एक करना – कड़ी मेहनत करना।
- राम नाम सत्त हो जाना – मर जाना।
- रामराम होना – भगवान का नाम लेकर अभिवादन करना।
- रास्ता देखना – किसी की प्रतीक्षा करना।
- रास्ते पर लाना – कठोर व्यवहार करके अथवा दंड देकर किसी को अनुकूल बनाना।
- रोशनी डालना – सपष्टीकरण देना।
- रट लगाना – लगातार एक ही बात करना या जिद करना।
- रहम खाना – दया करना।
- राग अलापना – एक ही बात को बार-बार कहना या अपनी ही बात कहते जाना।
- रास आना – हितकर या सुखदायी होना।
- रास्ता नापना – किसी स्थान से चले जाना या वहां से हट जाना।
- रुपया उड़ाना – फुज़ूलखर्ची करना।
- रुपया ऐंठना – धोका या धमकी देकर किसी से पैसा लेना।
- रुपया बरसना – खूब धन प्राप्त होना।
- रूह काँपना – बहुत ख़ौफ़ज़दा होना।
- रोंगटे खड़े होना – भय, शोक, हर्ष आदि के कारण रोमांचित होना।
- रोड़ा अटकाना – रुकावट डालना।
- रस्सी ढीली छोड़ना – ढील देना।
- रूई की तरह धुन डालना – खूब मारना।
- रेल-पेल होना – भीड़-भड़क्का होना।
- रसातल को पहुँचाना – मटियामेट कर देना।
ल से मुहावरे
- लोहे के चने चबाना – किसी काम को करने में बहुत कठोर परिश्रम करना।
- लकीर का फकीर होना – पुरानी प्रथा पर ही चलना।
- लोहा मानना – किसी के प्रभुत्व को स्वीकार करना।
- लेने के देने पड़ना – लाभ के बदले हानि होना।
- लँगोटी में फाग खेलना – दरिद्रता में आनंद मनाना।
- लल्लो-चप्पो करना – खुशामद करना या मनचाही मधुर बात करना।
- लाल-पीला होना – नाराज होना।
- लुटिया डूबना – काम चौपट हो जाना।
- लंबी-चौड़ी हाँकना – गप्प मारना।
- लगाम कड़ी करना – सख्ती से नियंत्रण करना।
- लगाम ढीली करना – सख्ती न करना या नियमों में नर्मी बरतना।
- लौ लगना – धुन होना।
- लंबे हाथ मारना – धोखाधड़ी से बड़ी राशि हाथ आना।
- लकड़ी होना – अत्यन्त दुर्बल होना।
- लोट-पोट कर देना – बहुत हँसाना।
- लोहा लेना – सामना करना।
- लंका ढहाना – तबाह करना।
- लहू का घूँट पीकर रह जाना – चाह के भी किसी को पलट के जवाब ना दे पाना।
- लगन लगना – दिल लगना या ध्यान लगना।
- लहू होना – खून से भर जाना।
- लोहा बजना – तलवारों से लड़ना।
- लेने के देने पड़ना – लाभ के स्थान पर हानि होना।
- लीप-पोतकर बराबर करना – किसी काम को बिगाड़ना।
व से मुहावरे
- विष घोलना – मुसीबत खड़ी करना।
- विष उगलना – अपमान जनक बातें कहना।
- वचन से फिरना – अपनी प्रतिज्ञा पूरी न करना।
- वाहवाही लूटना – प्रशंसा पाना।
- वीरगति को प्राप्त होना – मर जाना।
- वक़्त पर काम आना – विपत्ति में मदद करना।
- वार खाली जाना – हमला कारगर न होना तथा चाल नाकाम हो जाना।
श से मुहावरे
- शक्कर से मुँह भरना – खुशखबरी सुनाने वाले को मिठाई खिलाना।
- शह देना – उत्साह बढ़ाना।
- शेर होना – निर्भय और घृष्ट होना।
- शैतान का बच्चा – बहुत नीच और दुष्ट आदमी होना।
- शेखी बघारना या मारना – अपनी झूठी प्रशंसा करना।
- शकुन देखना या विचारना – शुभ-अशुभ का विचार करना।
- शरीर टूटना – शरीर में दर्द होना।
- शामत आना – बुरा समय आना।
- शिकस्त देना – पराजित करना।
- शिगूफा खिलाना या छोड़ना – कोई अनोखी बात करना।
- शीशे में अपना मुँह देखना – अपनी योग्यता पर विचार करना।
- शौक चर्राना – इच्छा का तीव्र होना।
- शिकार हाथ लगना – मोटा असामी मिलना।
- शहीद होना – कुर्बान होना।
- शोभा देना – उचित लगना।
- शर्म से पानी-पानी होना – बहुत लजाना।
- शान में बट्टा लगना – इज्जत में धब्बा लगना।
ष से मुहावरे
- षटराग अलापना – रोना-गाना या बखेड़ा शुरू करना।
- षोडश श्रृंगार करना – पूरी तरह सजना-धजना या सौलह शृंगार करना।
- षटकरम करना – बहुत झंझट या उपाय करना।
स से मुहावरे
- सर्द हो जाना – मर जाना या डर जाना।
- साँप-छछूंदर जैसी हालत – दुविधा में पड़ना।
- सिक्का जमना – प्रभाव स्थापित करना अथवा धाक जमाना।
- सिर धुनना – पछताना।
- सिर गंजा कर देना – खूब पीटना।
- सफेद झूठ बोलना – सरासर झूठ बोलना।
- संसार देखना – सांसारिक अनुभव प्राप्त करना।
- संसार बसाना – विवाह करके कौटुम्बिक जीवन व्यतीत करना।
- सराय का कुत्ता – स्वार्थी आदमी या जिसका कहीं ठिकाना न हो।
- साँप का बच्चा – दुष्ट व्यक्ति होना।
- साँप लोटना – ईर्ष्या आदि के कारण अत्यंत दुःखी होना।
- सागपात समझना – तुच्छ समझना।
- साया उठ जाना – संरक्षक का मर जाना।
- सिर आँखों पर बिठाना – बहुत आदर-सत्कार करना।
- सिर ऊँचा उठाना – इज्जत से खड़ा होना।
- सिर खाली करना – बहुत या बेकार की बातें करना।
- सिर पर कफ़न बाँधना – मरने के लिए तैयार रहना।
- सिर पर पाँव रख कर भागना – बहुत तेजी से भाग जाना।
- सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ना – कार्य के आरंभ में ही विघ्न पड़ना।
- सिर सफेद होना – बुढ़ापा होना।
- सिर खुजलाना – दुविधा में पड़ना या सोच में पड़ना।
- सींकिया पहलवान – दुबला-पतला व्यक्ति, जो स्वयं को बलवान समझता है।
- सूरज को दीपक दिखाना – जो स्वयं प्रसिद्ध या श्रेष्ठ हो उसके विषय में कुछ कहना।
- सूरज पर थूकना – नितान्त निर्दोष व्यक्ति पर लांछन लगाना।
- सेर को सवा सेर मिलना – किसी व्यक्ति को उससे भी बलवान या अच्छा व्यक्ति मिलना।
- स्वाहा होना – जल जाना या खत्म होना।
- सकते में आना – चकित रह जाना।
- सठिया जाना – बुद्धि नष्ट हो जाना।
- सनक सवार होना – किसी काम को करने की धुन लग जाना।
- सन्न रह जाना – कुछ करते न बनना।
- सन्नाटा छाना – सब लोगों का चुप हो जाना या खामोशी छा जाना।
- सबक मिलना – शिक्षा या दंड मिलना।
- सब्जबाग दिखाना – झूठी आशाएं दिलाना।
- समाँ बाँधना – रंग जमाना।
- सर्दी खाना – ठंड लग जाना।
- सरपट दौड़ाना – तेज दौड़ाना।
- साँप को दूध पिलाना – दुष्ट को प्रश्रय देना।
- साँप सूँघ जाना – एकदम चुप हो जाना या हक्का बक्का रह जाना।
- साँस लेने की फुर्सत न होना – बहुत व्यस्त होना।
- सात खून माफ करना – बहुत बड़े अपराध माफ करना।
- सात परदों में रखना – छिपाकर रखना।
- सातवें आसमान पर चढ़ना – घमंड होना।
- सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाना – बहुत डर जाना।
- सिर खाना – व्यर्थ की बातों से तंग करना।
- सिर ऊँचा करना – इज्जत बढ़ाना।
- सिर नीचा होना – बेइज्जात होना।
- सिर चढ़ना – अशिष्ट या उदंड होना।
- सिर पटकना – पछताना।
- सिर पर खड़ा रहना – बहुत निकट रहना।
- सिर पर तलवार लटकना – खतरा होना।
- सिर फिरना – पागल हो जाना।
- सीधे मुँह बात न करना – घमंड करना।
- सुनी अनसुनी करना – ध्यान न देना।
- सुनते-सुनते कान पक जाना – एक ही बात को सुनते-सुनते ऊब जाना।
- सुर्खाब के पर लगना – कोई विशेष गुण होना।
- सुई का भाला बनाना – छोटी-सी बात को बढ़ाना।
- सूख कर काँटा हो जाना – बहुत कमजोर हो जाना
- सेंध लगाना – चोरी करने के लिए दीवार में छेद करना।
- सोने पे सुहागा – बेहतर होना।
- सितारा चमकना – सौभाग्य के दिन आना।
- सुबह का चिराग होना – समाप्ति पर आना।
- सिंह का बच्चा होना – बड़ा बहादुर होना।
- सीधी अँगुली से घी न निकलना – सीधेपन से काम न होना।
- सिर उठाना – विरोध में खड़ा होना।
- सिर भारी होना – सिर में दर्द होना।
- सिर पर सवार होना – पीछे पड़ना।
- सिर पीटना – शोक करना।
- सिर फिर जाना – पागल हो जाना।
- सात घाटों का पानी पीना – अनुभवी होना।
- स्याह होना – उदास होना।
ह से मुहावरे
- हां में हां करना – जी हजूरी करना, चापलूसी करना।
- हवा निकालना – हालत पतली होना।
- हाथ में दही जमाना – बहुत उतावला होना।
- हाथ पैर मारना – बहुत प्रयास करना।
- हाथ मलना – पछताना।
- हथियार डाल देना – हार मान लेना।
- हड्डी-पसली एक करना – खूब मारना-पीटना।
- हाथों के तोते उड़ जाना – बहुत घबरा जाना, सहम जाना या अचरज में पड़ना।
- हँसी-खेल समझना – किसी काम को सरल समझना।
- हजम करना – हड़प लेना।
- हथेली पर सरसों जमाना – कोई कठिन काम तुरंत करना।
- हवा उड़ना – खबर या अफवाह फैलना।
- हवा के घोड़े पर सवार होना – बहुत जल्दी में होना।
- हवाई किले बनाना – काल्पनिक योजनाएं बनाना।
- हवा से बातें करना – हवा की तरह तेज दौड़ाना
- हाथ का खिलौना – किसी के आदेश के अनुसार काम करने वाला व्यक्ति।
- हाथ पर हाथ धरे बैठना – कुछ कामकाज न करना।
- हाथ भर का कलेजा होना – बहुत खुश होना।
- हाथों में चूड़ियाँ पहनना – कायरता का काम करना।
- हालत खस्ता होना – कष्टमय परिस्थिति होना।
- हिरण हो जाना – गायब हो जाना।
- हृदय उछलना – बहुत आनंदित होना।
- हृदय पत्थर हो जाना – निर्दय हो जाना।
- हक अदा करना – कर्तव्य पालन करना।
- हत्थे चढ़ना – वश में आना।
- हथेली पर जान लिए फिरना – मरने को तैयार रहना।
- हरी झंडी दिखाना – आगे बढ़ने का संकेत करना।
- हक्का-बक्का रह जाना – हैरान रह जाना।
- हवा बदलना – स्थिति बदलना।
- हवाइयाँ उड़ाना – घबरा जाना या परेशान हो जाना।
- हाथ को हाथ न सूझना – घना अंधकार होना।
- हाथोंहाथ बिक जाना – बहुत जल्दी बिक जाना।
- हाथ साफ करना – चोरी करना।
- होश उड़ जाना – घबरा जाना।
- हाथ पाँव फूलना – डर से घबरा जाना।
- हाथपाई होना – मारपीट होना।
- हुक्का पानी बंद करना – जाति से बाहर कर देना।
- हेकड़ी निकालना – अभिमान चूर करना।
- हौसला पस्त होना – हतोत्साहित होना।
- हजामत बनाना – ठगना।
- हवा में उड़ना – इतराना।
- हृदय पसीजना – दयार्द्र होना या द्रवित होना।
- हरिश्चन्द्र बनना – सत्यवादी बनना।
- हल्दी लगना – शादी होना।
- हरियाली सूझना – आनंद में मग्न रहना।
- हवा हो जाना – गायब हो जाना।
- हाथ चूमना – काम देखकर प्रसन्न होना।
- हाथ का मैल होना – अति तुच्छ होना।
- हाथ खींचना – पीछे हटना।
- हाथ जोड़ना – संबंध न रखना।
- हाथ डालना – हस्तक्षेप करना।
- हाथ बटाना – मदद करना।
- हाथ से निकल जाना – अधिकार से जाना।
- हाथापाई होना – मार-पीट होना।
- हाय-हाय करना – संतोष न होना।
- हिचकी बँधना – बहुत रोना।
- हुलिया बिगड़ जाना – चेहरा विकृत होना।
- होश की दवा करना – समझकर बात करना।
- होश ठिकाने आना – घमंड दूर होना।
- हौसला बुलंद होना – जोश भरा होना।
- हाय तोबा करना – बड़ा परेशान होना।
- हंसीं में बात उड़ाना – गंभीरता से न लेना।
- हँसते-हँसते पेट में बल पड़ना – बहुत हंसना।
- हाथ फैलाना – याचना करना या मांगना।
त्र से मुहावरा
- त्राहि-त्राहि करना – रक्षा या अभयदान के लिए गिड़गिड़ाना।
- त्रिशुंक होना – बीच में रहना।
ज्ञ से मुहावरा
- ज्ञान बघारना – शेखी दिखाना।
श्र से मुहावरा
- श्रीगणेश करना – शुभारंभ करना।
मुहावरे पर आधारित बहुविकल्पी अभ्यास प्रश्न और उत्तर
दिए गए मुहावरों की सहायता से वाक्य पूरे कीजिए:-
1. सोहन एक अच्छा व्यापारी है, वह ………..खूब जानता है।
(क) बाट जोहना
(ख) दो से चार बनाना
(ग) आँखों से बोलना
(घ) आड़े हाथों लेना
उत्तर: (ख) दो से चार बनाना
2. सुमित जनता था की वह यह काम नहीं कर सकता, जिसके लिए उसने वही कार्य दूसरे के …………..सही समझा।
(क) हाथों डालना
(ख) जबरदस्ती सौंपना
(ग) सिर लगाना
(घ) मत्थे मढ़ना
उत्तर: (घ) मत्थे मढंना
3. उस बेचारी का कोई नहीं, अब तो उसका पुत्र ही उसके लिए………….है।
(क) आँख का काँटा
(ख) आँख का तारा
(ग) अंधे की लाठी
(घ) अंधे की लकड़ी
उत्तर: (ग) अंधे की लाठी
4. प्राय: उधार लेने के बाद लोग…………. निकल जाते हैं।
(क) ढाढ़स बढ़ाकर
(ख) तू तू-मैं मैं करके
(ग) आँख दिखाकर
(घ) आंख बचाकर
उत्तर: (घ) आंख बचाकर
5. आतंकियों पर नरमी दिखाने के बजाय हमें उन्हें ………… चाहिए।
(क) टूट पड़ना
(ख) घाव पर नमक छिड़कना
(ग) आड़े हाथों लेना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ग) आड़े हाथों लेना
6. चोर ………… सब चुरा कर ले गए और घरवाले सोते ही रह गए।
(क) कानों में रस घोलकर
(ख) गले लगाकर
(ग) आँखों में तैर कर
(घ) दबे पांव आकर
उत्तर: (घ) दबे पांव आकर
7. सोहन बड़ी-बड़ी बातें करके मेरा……………चाहता है।
(क) छोटा मुँह बड़ी बात
(ख) चक्कर खा जाना
(ग) जी ललचाना
(घ) खून जलाना
उत्तर: (घ) खून जलाना
8. किसानों की मांगे पूरी नहीं हुई तो उन्होंने DM के आगे अपनी ………….सही समझा।।
(क) अलख जगाना
(ख) अपनी बात कहना
(ग) आवाज उठाना
(घ) मील का पत्थर सिद्ध होना
उत्तर: (ग) आवाज उठाना
9. UPSC और UPPSC एग्जाम को पास करके ऑफिसर बनना ऐसे है जैसे ………….।
(क)चाँदी के चने चबाना
(ख) लोहे के चने चबाना
(ग) दाँतों पसीना आना
(घ) आँखों में धूल झोंकना
उत्तर: (ख) लोहे के चने चबाना
10. एक बच्चा समान न मिलने पर जोर-जोर से रोने लगा, सभी को उसका ………….. दिख रहा था।
(क) हाथ साफ करना
(ख) बरस पड़ना
(ग) खूब उबलना
(घ) आग बबूला होना
उत्तर- (घ) आग बबूला होना
आशा है कि इस ब्लॉग में बताए गए मुहावरे और उनके अर्थ आपकी तैयारी को मजबूत बनाएंगे। ऐसे ही स्कूल एजुकेशन से संबंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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11 comments
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चेतांशु जी आपका आभार, ऐसे ही अपडेट्स के लिए हमारी वेबसाइट पर रहें।
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