फ्रांस के कंट्री मिनिस्टर फॉर डिजिटल ट्रांज़िशन एंड टेलिकम्युनिकेशन, जीन नोएल बेर्रोट ने IIT दिल्ली में की गई उनकी विज़िट के दौरान यह घोषणा की कि 2025 तक फ्रांस 5 लाख इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग प्रोवाइड करने का यानी ट्रेन करने का उद्देश्य बना रहा है। 18 नवंबर 2022 को आई इस रिपोर्ट में बेर्रोट द्वारा की गई विज़िट में कही गई अन्य बातें भी शामिल थी। मुख्य रूप से यह विज़िट इंडो-फ्रांस कोलैबोरेशन को एक्स्प्लोर करने के मकसद से की गई थी।
बेर्रोट ने कहा कि फ्रांस दुनिया भर के प्रतिभाशाली वैज्ञानिक और इनोवेटिव माइंड्स के लिए उच्च शिक्षा और रिसर्च की अपनी प्रणाली खोलता है ताकि 2025 तक हम 5,00,000 अंतरराष्ट्रीय छात्रों की होस्टिंग और ट्रेनिंग के उद्देश्य तक पहुंच सकें।
बेर्रोट ने अपनी कही गई बातों में यह भी जोड़ा कि इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या फ्रांस में 4,00,000 पहले से ही हैं और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के दृष्टिकोण के अनुसार, तब भारतीय छात्रों की संख्या 20,000 होगी। IIT दिल्ली स्वास्थ्य पर होने वाले एक नए फ्रेंको-इंडियन कैंपस के हमारे प्रोजेक्ट में शामिल है, जो अगले साल से ऑपरेशन में लाई जाएगी।
विज़िट के दौरान, इंस्टिट्यूट के स्टूडेंट्स और फेकल्टी ने अपने रिसर्च प्रोजेक्ट्स को शोकेस किया जिनमें Autonomous Last Mile Vehicle (ALIVE), Autonomous Precision Landing of Drone, Real-world AI for Healthcare, E-Sahayatri – Your travel buddy, Smart and sustainable mobility, Vision for Wildlife, Facial Image Retrieval using Similarity-Driven Feedback, Federated Automated Deep Learning (FedAuto MoDEL) आदि.जैसे काफी एक्साइटिंग प्रोजेक्ट्स भी शामिल थे।
बेर्रोट ने अपनी स्पीच में यह भी कहा कि फ्रांस आने वाले दिनों में काफी इंटरनेशनल कोलैबोरेशंस को एहमियत देने वाला है जिसमें इंडिया एक बड़ा रोल प्ले करता है। वास्तव में, हमारे दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक आदान-प्रदान कई सदियों पहले शुरू हुआ था, और आदान-प्रदान के इतिहास में, साइंस एंड टेक्नोलॉजी फ्रांस और भारत के बीच सबसे दृढ़ और स्थायी बंधनों में से एक बन गया है। फ्रांस द्वारा बनाया गया यह उद्देश्य भारतीय स्टूडेंट्स और बाकी सभी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए एक अच्छी खबर है, जिससे उन्हें फ्रांस की यूनिवर्सिटी में मिलने वाले एडमिशंस की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।