1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक, भारत सरकार द्वारा दृष्टिहीनता निवारण सप्ताह (Prevention of Blindness Week in Hindi) का आयोजन किया जाता है। सप्ताह भर चलने वाले इस अभियान के माध्यम से अंधेपन और दृष्टिहीनता के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है। इसका उद्देश्य है देश भर में तरह- तरह के कार्यक्रम और गतिविधियों के माध्यम से दृष्टिहीन लोगों के जीवन और अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना और अंधेपन को रोकने के बारे में जानकारी देना। इस सप्ताह भारत सरकार अंधे लोगों के रोज़गार के अवसरों में सुधार, उनकी देखभाल के लिए बेहतर स्वास्थ्य संस्थानों का निर्माण और विभिन्न स्वास्थ्य सम्बन्धी विषयों को कवर करती है।
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दृष्टिहीनता निवारण सप्ताह का इतिहास
1960 में जवाहरलाल नेहरू और राजकुमारी अमृत कौर द्वारा नेशनल सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस की नींव और स्थापना की गई। इसे पहली बार 1860 के सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत शुरू किया गया था। तब से, संगठन ने रोटरी इंटरनेशनल और साईट सेवर्स के साथ सक्रीय रूप से अंधेपन के बारे में जागरूकता फ़ैलाने और डिसेबिलिटी पर काम किया है। हाल ही में 2020 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का “दृष्टि का अधिकार” अभियान शुरू किया गया था, जिसमें भारत सरकार शामिल हुई और अंधेपन की रोकथाम पर जागरूकता फैलाने में भाग लिया।
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दृष्टिहीनता निवारण सप्ताह का महत्व
Prevention of Blindness Week in Hindi के माध्यम से हम जानेंगे कि दृष्टिहीनता निवारण सप्ताह का महत्व क्या है। तो आईये जानते हैं यह सप्ताह अंधेपन के बारे में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और
- यह दिन अंधे लोगों को बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए एक रिमाइंडर की तरह काम करता है।
- सप्ताह भर आम लोगों को आंखों की देखभाल संबंधी शिक्षा प्रदान की जाती है।
- अभियान को सफल बनाने के लिए गैर सरकारी संगठनों, विभिन्न विभागों और प्रकाशन गृहों को एक साथ काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
- अंधेपन के बारे में बेहतर जागरूकता से बेहतर रोकथाम के उपाय किए जा सकते हैं।
- इस अवसर पर आंखों की दुर्बलता के लिए जोखिम कारकों के बारे में जागरूकता पैदा की जाती है।
- भारत का नेत्रहीन लोगों की सबसे बड़ी संख्या वाला देश होने के कारण, आम जनता को ट्रेकोमा, विटामिन ए की कमी, मोतियाबिंद और कुपोषण जैसे प्रमुख कारणों के बारे में जागरूकता प्रदान की जाती है।
Prevention of Blindness Week के दौरान क्या कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं?
Prevention of Blindness Week के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें शामिल है :
- आंखों की जांच शिविर
- आंखों की देखभाल पर सेमिनार और वर्कशॉप
- जागरूकता अभियान
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अंधेपन से बचाव के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
अंधेपन से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं :
- धूम्रपान को ना कहें : उम्र से संबंधित आंखों की समस्याएं धूम्रपान और ‘तंबाकू’ का सेवन करने का एक बढ़ा जोखिम है। इसकी रोकथाम से अंधेपन की रोकथाम हो सकती है।
- विटामिन का सेवन : अपनी आँखों की देखभाल करने का मतलब नियमित रूप से ऐसा भोजन करना है जो विटामिन सी, विटामिन ई, ल्यूटिन, ओमेगा -3 फैटी एसिड और ज़िंक से भरपूर हो। कुछ उदाहरण नट और खट्टे फल जैसे संतरे हैं।
- यूवी रेडिएशन से बचने के उपाय : अत्यधिक गर्मी में धूप का चश्मा या टोपी पहनें और अपनी आँखों को हानिकारक सूर्य यूवी विकिरणों के संपर्क में आने से बचाएं।
- नियमित आंखों की जांच : अपनी आंखों के स्वास्थ्य के साथ अपडेट होने के लिए नियमित रूप से आंखों की जांच कराना सुनिश्चित करें, यदि आवश्यक हो तो आवश्यक निवारक उपाय करें।
दृष्टिहीनता निवारण सप्ताह के बारे में कुछ तथ्य
Prevention of Blindness Week in Hindi के माध्यम से आप दृष्टिहीनता निवारण सप्ताह के बारे में कुछ रोचक तथ्य जान पाएंगे :
- पहली बार दृष्टिहीनता निवारण सप्ताह (Prevention of Blindness Week in HIndi) 1961 में मनाया गया था।
- भारत में अंधेपन के मुख्य कारण मोतियाबिंद, अपवर्तक त्रुटि (refractive error) और ग्लूकोमा (glaucoma) हैं।
- दृष्टिहीनता निवारण सप्ताह एक महत्वपूर्ण अवसर है जिसमें हम सभी मिलकर अंधेपन को कम करने के लिए काम कर सकते हैं।
आशा है कि Prevention of Blindness Week in Hindi का यह ब्लॉग आपको समझ में आगया होगा। इसी तरह के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए Leverage Edu के साथ।