ऑस्ट्रेलिया ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के काम करने के घंटे की समय सीमा पर लगी लिमिट को फिर से बहाल कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल स्किल्स की बढ़ती कमी को देखते हुए प्रतिबंधों को हटा दिया था।
हालांकि इंडस्ट्रीज़ और बिज़नेस के लिए यह एक स्वागत योग्य कदम है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपनी पढ़ाई के साथ-साथ काम करने में बैलेंस मिलेगा। पिछले साल के नीति परिवर्तन ने इंटरनेशनल एजुकेशन फ्रटर्निटी में कई लोगों को काफी चिंतित कर दिया था।
स्टेकहोल्डर्स को यह डर था कि यह लिमिट छात्रों की पढ़ाई को गंभीर रूप से समझौता कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप अकादमिक प्रदर्शन कम हो सकता है। ऐसा करने से ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों की शिक्षा क्वालिटी प्रभावित हो सकती है।
The Pie ने इस साल की शुरुआत में रिपोर्ट दी थी कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए काम के घंटों को फिर से लिमिटेड करने से ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए गंभीर लॉन्ग टर्म प्रभाव पड़ सकते हैं। कई स्टेकहोल्डर्स को अभी भी लगता है कि इससे छात्रों का ध्यान पढ़ाई से हट जाएगा।
इनमें से कुछ चिंताओं को दूर करने के लिए, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को काम करने की अनुमति दी है और अधिकतम घंटों के संबंध में सीमा को वापस रखने के अपने निर्णय की घोषणा की।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने एक बयान में कहा कि “जुलाई 2023 से, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए काम के घंटों की संख्या फिर से सीमित कर दी जाएगी। काम और अध्ययन के बीच सही संतुलन खोजने की दृष्टि से घंटों की संख्या को संशोधित किया जाएगा।
कुछ समय पहले तक ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय छात्र एक पखवाड़े (fortnight) में 40 घंटे से अधिक काम कर सकते थे।
ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर ने पिछले दिनों कहा था कि फिलहाल, केवल 16% अंतरराष्ट्रीय छात्र अपनी पढ़ाई समाप्त होने के बाद ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं।
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