भारत ने यूके में किया नए वीज़ा प्रोसेस का इंट्रोडक्शन, ग्रुप में ट्रैवल करने वालो के लिए बड़ी खबर

1 minute read
122 views
भारत ने यूके में किया नए वीज़ा प्रोसेस का इंट्रोडक्शन

यूके में इंडियन हाई कमीशन ने एक नए वीज़ा प्रोसेसिंग फैसिलिटी को इंट्रोड्यूस किया है। मुख्य रूप से यह फैसिलिटी सेंट्रल लंदन में इंट्रोड्यूस की जा रही है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य ग्रुप टुअर्स को समर्थन देने का है। यह मेज़र्स नवंबर एक से इनिशिएट किए गए।

हाई कमिश्नर विक्रम दुरईस्वामी ने फ्राइडे को अपने एक वीडियो मैसेज में बताया कि VFS में हमारे पार्टनर्स की बदौलत हम जितने भी अपॉइंटमेंट कर पाए हैं, वह प्रति माह लगभग 40,000 तक बढ़ गया है जोकि बेहतरीन ग्रोथ की श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया कि एक्सेस बढ़ाने के मकसद से हमने वीज़ा प्रोसेसिंग फैसिलिटी को सेंट्रल लंदन में सेट अप कर दिया है।

इसके साथ-साथ ग्रुप में ट्रैवेल करने वाले टूरिस्ट जो सेम डेस्टिनेशन ने लिए सेम फ्लाइट का इस्तमाल कर रहे हैं उनके लिए एक नए प्रोसेस को इंट्रोड्यूज किया जा रहा है। वीज़ा से जुड़े फायदों में इस बार टूरिस्ट्स को उनके डोरस्टेप पर वीज़ा पहुंचाने का ऑप्शन भी प्रदान किया जाएगा जिसमें किसी तरह की फीस शामिल नहीं की जाएगी। 

ये कदम वीजा में देरी की शिकायतों के बाद लिए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप यात्रा रद्द हो गई है। लोकल मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ सेंटर्स में नवंबर मिड 2022 तक बुक्ड स्लॉट्स होने के कारण ब्रिटिश सिटिज़न्स को वीज़ा अपॉइंटमेंट्स सिक्योर करने में मुश्किल देखने को मिल रही है। हालांकि वीज़ा ऍप्लिकैंट्स के वीज़ा एप्लीकेशन सेंटर पर मौजूदगी के रूल में बदलाव और अन्य एजेंट की सर्विसेज को लेकर भी कंप्लेंट्स देखने को मिली है। जिसमें हायर कमीशन ने किसी भी रूल में बदलाव की बात को नकारा है। 

यूके इंडियन टूरिज्म की मार्किट का एक अहम सोर्स है लेकिन वहां के सिटिज़न्स ई-वीज़ा के लिए योग्य नहीं हैं। 2021 में लगभग 160,000 ब्रिटिश सिटिज़न्स भारत गए जोकि ओवरआल टूरिस्ट अराइवल्स का 10.75 % है। अमेरिका और बांग्लादेश के बाद ब्रिटेन भारत का तीसरा सबसे बड़ा सोर्स मार्किट था।

अक्टूबर 2022 में, टूर ऑपरेटर्स के इंडियन असोसिएट ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रिटिश और कनाडा के सिटीजन्स के ई वीज़ा फैसिलिटी में सुधार के लिए लिखा। IATO ने कहा कि यूके, कनाडा और बाकी सोर्स मार्किट के ई टूरिस्ट वीज़ा की ग़ैरमौजूदगी से दोनों ही पार्टी को बिज़नेस में काफी नुक्सान देखने को मिल रहा है। इस परेशानी के चलते टूरिस्ट दूसरी कंट्रीज़ को चुन रहे हैं जिसका असर बिज़नेस पर देखने को मिल रहा है। 

वीज़ा को लेकर इस समस्या के चलते देशों के बीच भविष्य में काफी डिफरेंसेस देखने को मिल सकते हैं जिसका निवारण सिर्फ जल्द निर्णय लेने से होना मुमकिन होगा। वहीं ग्रुप टूर्स को प्रोत्साहन देने की ये रणनीति काफी फायदे मंद साबित होती नज़र आ रही है। अब देखना यह है कि आंकड़ों में सुधार और नए प्रोसेस इंट्रोडक्शन का असर दिखने में कितने समय की अवधि शामिल होगी।

इस तरह के और अपडेट के लिए, Leverage Edu News को फॉलो करें!

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*

20,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today.
Talk to an expert