सही उत्तर: A) विदेशी आक्रमण और जलवायु परिवर्तन
सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के कोई दो कारण
सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के दो प्रमुख कारण थे, विदेशी आक्रमण, विशेषकर आर्यों का भारत में आना और जलवायु परिवर्तन, जिससे नदियाँ सूख गईं और कृषि प्रभावित हुई। माना जाता है कि इन दोनों प्रमुख कारणों से लोग नगरों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में बस गए और यह महान सभ्यता धीरे-धीरे समाप्त हो गई।
सिंधु घाटी सभ्यता लगभग 2500 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व तक फली-फूली थी। यह एक समृद्ध और उन्नत नगर सभ्यता थी। इसके पतन के पीछे कई कारण माने जाते हैं, जिनमें प्रमुख दो कारण विदेशी आक्रमण और जलवायु परिवर्तन हैं। ऐसा माना जाता है कि आर्यों के आक्रमण ने इस सभ्यता को कमजोर किया। आर्य संभवतः उत्तर-पश्चिम से भारत में आए थे और उन्होंने यहाँ की शांतिपूर्ण सभ्यता पर आक्रमण किया था। आक्रमण के कारण यहां की सामाजिक व्यवस्था टूट गई और नगर उजड़ने लगे।
दूसरा महत्वपूर्ण कारण जलवायु में परिवर्तन और नदियों के मार्ग में बदलाव था। विशेष रूप से घग्घर (जिसे सरस्वती से जोड़ा जाता है) के सूखने या दिशा बदलने से कृषि व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा था। लगातार सूखे और बाढ़ की घटनाओं ने लोगों का जीवन कठिन बना दिया था। इन पर्यावरणीय परिवर्तनों के कारण लोग धीरे-धीरे इन नगरों को छोड़कर अन्य सुरक्षित स्थानों पर बसने लगे थे और इस कारण सभ्यता का धीरे-धीरे पतन हो गया।
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