उत्तर: (C) छोटे पत्थर जैसे ग्रह
क्षुद्रग्रह छोटे पत्थर जैसे ग्रह होते हैं जो सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। इन्हें ‘Asteroid’ भी कहा जाता है और ये मुख्य रूप से मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच स्थित ‘क्षुद्रग्रह घेरे’ (Asteroid Belt) में पाए जाते हैं।
विस्तार से:
क्षुद्रग्रह (Asteroids) छोटे पत्थर जैसे ग्रह होते हैं जो सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा में घूमते रहते हैं। इनका आकार ग्रहों से बहुत छोटा होता है, इसलिए इन्हें ‘क्षुद्रग्रह’ कहा जाता है। ‘क्षुद्र’ का अर्थ है ‘बहुत छोटा’, और ‘ग्रह’ का मतलब है ‘घूमने वाला पिंड’।
क्षुद्रग्रह की मुख्य विशेषताएँ:
- क्षुद्रग्रह घेरे: सबसे अधिक क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच स्थित क्षेत्र में मिलते हैं, जिसे “क्षुद्रग्रह घेरे” (Asteroid Belt) कहा जाता है। यह क्षेत्र सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रहों के बीच में स्थित है।
- आकार: कुछ क्षुद्रग्रह बहुत छोटे होते हैं, जैसे कुछ मीटर के होते हैं, जबकि कुछ कई किलोमीटर लंबे भी हो सकते हैं।
- गति: ये क्षुद्रग्रह सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षाओं में घूमते रहते हैं और कभी-कभी धरती के पास से भी गुजर सकते हैं, लेकिन सामान्यतः ये अपनी कक्षा में ही घूमते रहते हैं।
- आर्थिक महत्व: कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इन क्षुद्रग्रहों से कीमती धातुएं जैसे सोना, प्लेटिनम, और अन्य खनिज निकाले जा सकते हैं, जो भविष्य में काफी फायदेमंद हो सकते हैं।
विकल्पों का विश्लेषण:
(A) चंद्रमा के टुकड़े: यह गलत है, क्योंकि चंद्रमा के टुकड़े उल्काओं (Meteorites) के रूप में होते हैं, न कि क्षुद्रग्रह।
(B) बुध ग्रह: यह गलत है, बुध एक ग्रह है, जबकि क्षुद्रग्रह छोटे पिंड होते हैं।
(C) छोटे पत्थर जैसे ग्रह: सही उत्तर है, क्योंकि क्षुद्रग्रह छोटे पत्थर जैसे होते हैं जो सूर्य के चारों ओर घूमते हैं।
(D) उल्का: उल्का और क्षुद्रग्रह अलग-अलग होते हैं। उल्काएँ आमतौर पर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के दौरान जलती हैं, जबकि क्षुद्रग्रह किसी पिंड के रूप में होते हैं जो कक्षा में होते हैं।
इस प्रकार, सही उत्तर (C) छोटे पत्थर जैसे ग्रह है।
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