क्या आप जानते हैं कि महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर को “भारत का प्रवेश द्वार” (Gateway Of India) कहा जाता है। ये मुंबई का ही उपनाम है। मुंबई को भारत का प्रवेश द्वार कहे जाने का मुख्य कारण यह है कि ब्रिटिश शासन के दौरान मुंबई (तब बॉम्बे) भारत का एक प्रमुख बंदरगाह था और व्यापार तथा यात्रा के लिए यह पश्चिमी देशों से आने वालों के लिए मुख्य प्रवेश बिंदु था। यहीं पर प्रसिद्ध “गेटवे ऑफ इंडिया” स्मारक भी स्थित है, जिसे 20वीं सदी में बनाया गया था और यह शहर का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बन गया। इस स्मारक को मुंबई का ताजमहल भी कहा जाता है और यह शहर का शीर्ष पर्यटक आकर्षण है।
गेटवे ऑफ इंडिया के बारे में
गेटवे ऑफ़ इंडिया (Gateway Of India) भारत के मुंबई शहर के दक्षिण में समुद्र तट पर स्थित एक स्मारक है। इस स्मारक को दिसंबर 1911 में ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम और महारानी मैरी के प्रथम आगमन की याद में बनाया गया था। हालांकि शाही यात्रा के समय, प्रवेशद्वार का निर्माण नहीं हुआ था, और सम्राट को एक कार्डबोर्ड संरचना के द्वारा बधाई दी गयी थी।
इंडो-सरसेनिक शैली में निर्मित गेटवे ऑफ इंडिया की आधारशिला 31 मार्च, 1911 को रखी गई थी। यह संरचना बेसाल्ट से बनी एक मेहराब है, जो 26 मीटर (85 फीट) ऊंची है। इसके निर्माण से पहले सन 1914 में वास्तुकार जॉर्ज विटेट द्वारा डिजाइन को अंतिम रूप दिया गया था। वहीं स्मारक का निर्माण 1924 में पूरा हुआ। गेटवे का इस्तेमाल बाद में वायसराय और बॉम्बे के नए गवर्नर के लिए भारत में एक प्रतीकात्मक औपचारिक प्रवेश द्वार के रूप में किया गया।
बताना चाहेंगे मुंबई भारत का सबसे बड़ा और व्यस्ततम शहर है, जो कि देश की आर्थिक राजधानी के रूप में जाना जाता है। यह शहर अपनी विविधता, संस्कृति और आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है।
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